आज का पंचाग आपका राशि फल, विश्व की अमूल्य और अद्वितीय धरोहर है भगवद्गीता यही भारत का स्वर्णिम अतीत एवं उज्जवल भविष्य भी है

​ ​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝

                  *श्री हरिहरो* 

                *विजयतेतराम*

        *🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

        🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

 

*रविवार, ०४ दिसम्बर २०२२*

 

सूर्योदय: 🌄 ०६:५८

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२१

चन्द्रोदय: 🌝 २८:०७

चन्द्रास्त: 🌜१४:५०

अयन 🌖 दक्षिणायने 

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 हेमंत

शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)

मास 👉 मार्गशीर्ष

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 द्वादशी (२९:५७ से 

त्रयोदशी)

नक्षत्र👉अश्विनी (पूर्ण रात्रि)

योग 👉 वरीयान् (२७:४१ से 

परिघ)

प्रथम करण👉बव(१७:४२ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव 

(२९:५७ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 वृश्चिक

चंद्र 🌟 मेष

मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)

बुध🌟धनु(उदित,पूर्व,मार्गी)

गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)

शुक्र 🌟वृश्चिक(अस्त, पूर्व)

शनि🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:२८

अमृत काल 👉 २३:४५ से २५:२५

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन

विजय मुहूर्त 👉 १३:५० से १४:३१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१४ से १७:४१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:१६ से १८:३९

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४० से २४:३५

राहुकाल 👉 १५:५९ से १७:१६

राहुवास 👉 उत्तर

यमगण्ड 👉 १२:०७ से १३:२४

होमाहुति 👉 शनि

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पाताल (२९:५७ से पृथ्वी)

चन्द्र वास 👉 पूर्व

शिववास 👉 कैलाश पर (२९:५७ से नन्दी पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – उद्वेग २ – चर

३ – लाभ ४ – अमृत

५ – काल ६ – शुभ

७ – रोग ८ – उद्वेग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – शुभ २ – अमृत

३ – चर ४ – रोग

५ – काल ६ – लाभ

७ – उद्वेग ८ – शुभ

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पूर्व-उत्तर (पान का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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मोक्षदा एकादशी व्रत (वैष्णव-निम्बार्क), अखण्ड द्वादशी, विवाह मुहूर्त धनु-मकर ल. प्रातः ०७:५९ से ११:४७, मीन ल. दोपहर ०१:१७ से ०२:४४, गोधुलि ल. सायं ०५:१७ से ०६:१८, कन्या तुला ल. रात्रि ०१:०७ से प्रातः ०५:४१ तक, नीव खुदाई एवं गृह आरम्भ+गृहप्रवेश+ उद्योग मशीनरी आरम्भ+भूमि-भवन क्रय-विक्रय+व्यवसाय आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०८:२२ से दोप. १२:१७ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ३०:२१ तक जन्मे शिशुओ का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृश्चिक – २९:३८ से ०७:५७

धनु – ०७:५७ से १०:०१

मकर – १०:०१ से ११:४२

कुम्भ – ११:४२ से १३:०८

मीन – १३:०८ से १४:३१

मेष – १४:३१ से १६:०५

वृषभ – १६:०५ से १८:००

मिथुन – १८:०० से २०:१५

कर्क – २०:१५ से २२:३६

सिंह – २२:३६ से २४:५५

कन्या – २४:५५ से २७:१३

तुला – २७:१३ से २९:३४

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पञ्चक रहित मुहूर्त

रज पञ्चक – ०६:५७ से ०७:५७

शुभ मुहूर्त – ०७:५७ से १०:०१

चोर पञ्चक – १०:०१ से ११:४२

शुभ मुहूर्त – ११:४२ से १३:०८

रोग पञ्चक – १३:०८ से १४:३१

चोर पञ्चक – १४:३१ से १६:०५

शुभ मुहूर्त – १६:०५ से १८:००

रोग पञ्चक – १८:०० से २०:१५

शुभ मुहूर्त – २०:१५ से २२:३६

मृत्यु पञ्चक – २२:३६ से २४:५५

अग्नि पञ्चक – २४:५५ से २७:१३

शुभ मुहूर्त – २७:१३ से २९:३४

रज पञ्चक – २९:३४ से २९:५७

शुभ मुहूर्त – २९:५७ से ३०:५८

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन मानसिक चंचलता के कारण बनते कार्यो को दुविधा के कारण आप स्वयं बिगाड़ लेंगे। सरकारी कार्य आज सावधानी से करें अन्यथा लंबित रखें हानि निश्चित रहेगी। संबंधो के प्रति भी आज ईमानदार नही रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आपके गलत आचरण से कलुषित होगा। सामाजिक क्षेत्र पर लोग पीठ पीछे बुराई करेंगे। सेहत में मानसिक दबाव के चलते उतार चढ़ाव लगा रहेगा। घर के बुजुर्ग आपसे नाराज रहेंगे। धन लाभ अचानक होने से स्थिति संभाल नही सकेंगे रुपया आते ही हाथ से निकल भी जायेगा।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आपको आज के दिन प्रत्येक कार्यो में सावधान रहने की आवश्यकता है। धन के पीछे भागने की प्रवृति पर आज लगाम लगाकर रखे अन्यथा धन के साथ-साथ मान हानि भी होगी। दोपहर से पहले के भाग में पुराने कार्य पूर्ण होने से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। इसके बाद का समय प्रतिकूल बनता जाएगा। कार्य व्यवसाय में प्रतिस्पर्धी हर प्रकार से आपके कार्यो में व्यवधान डालने का प्रयास करेंगे। परिजनों से भी मामूली बात पर झगड़ा होगा। वाणी एवं व्यवहार से संयम बरतें।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन लाभ के अवसर आपकी तलाश में रहेंगे। दिन में जिस किसी के भी संपर्क में रहेंगे उससे कुछ ना कुछ लाभ अवश्य होगा। कार्य क्षेत्र पर भी एक से अधिक साधनो से आय होगी। व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़ी महिलाओ को पदोन्नति के साथ प्रोत्साहन के रूप में आर्थिक सहायता भी मिल सकती है। सामाजिक कार्यो में रुचि ना होने पर भी सम्मिलित होना पड़ेगा मान-सम्मान बढेगा। परिजनों का मार्गदर्शन आज प्रत्येक क्षेत्र पर काम आएगा। महिलाओं का सुख सहयोग मिलेगा। प्रेम प्रसंगों में निकटता रहेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा। प्रातः काल जल्दी कार्यो में जुटने का फल शीघ्र ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। अधिकांश कार्य थोड़े से परिश्रम से पूर्ण हो जाएंगे। अधिकारी वर्ग मुश्किल कार्यो में सहयोग करेंगे। आज आप जोड़ तोड़ वाली नीति अपना कर कठिन परिस्थितियों में भी अपना काम निकाल लेंगे। सरकारी कार्य मे भी सफलता की उम्मद जागेगी प्रयास करते रहे। दाम्पत्य जीवन मे छोटी-मोटी बातों को दिल पर ना लें स्थिति सामान्य ही रहेगी। मित्रो से कोई दुखद समाचार मिलेगा। 

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप सम्भल कर ही कार्य करेंगे फिर भी सफलता में संशय बना रहेगा। व्यवहारिकता की कमी के कारण जितना लाभ मिलना चाहिए उतना नही मिल सकेगा। घर अथवा बाहर बेवजह कलह के प्रसंग बनेगे। व्यापार व्यवसाय में सहकर्मियो की।मनमानी के कारण असुविधा एवं अव्यवस्था बनेंगी लेकिन फिर भी स्वयं के पराक्रम से खर्च लायक धनार्जन कर ही लेंगे। आस-पड़ोसी एवं भाई बंधुओ से बात का बतंगड़ ना बने इसके लिए मौन रखने की जरूरत है फिर भी महिलाये स्वभावानुसार बनती बात बिगाड़ लेंगी। विपरीत लिंग के प्रति कामासक्त रहेंगे।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आशाओं के विपरीत रहने वाला है। सोची हुई योजनाए आरम्भ में सफल होती नजर आएंगी परन्तु मध्यान तक इनसे निराशा ही मिलेगी। आज आप जिससे भी सहायता मांगेंगे वो भ्रम की स्थिति में रखेगा। आज आप आत्मनिर्भर होकर अपने कार्यो को करें। भागीदारों से धन को लेकर अनबन हो सकती है। मीठा व्यवहार रखने पर भी लोग आपको केवल कार्य निकालने के लिए इस्तेमाल करेंगे। कार्य क्षेत्र की भड़ास घर पर निकालने से घर का माहौल भी बेवजह खराब होगा। पुराने कार्यो को पूर्ण करने की चिंता रहेगी। प्रेम प्रसंगों से निराश होंगे।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन भी आशानुकूल रहेगा। सेहत उत्तम रहने से कार्यो को मन लगाकर करेंगे लेकिन किसी के हस्तक्षेप करने से मन विक्षिप्त हो सकता है। किसी के ऊपर ध्यान ना दें एकाग्र होकर अपने कार्य मे लगे रहे धन एवं सम्मान दोनों मिलने के योग है। लेकिन उधार के व्यवहार बढ़ने से असुविधा भी होगी। व्यावसाय में वृद्धि के लिए निवेश करना शुभ रहेगा। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। स्त्री से सुखदायक समाचार मिलेंगे।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन काफी उठा पटक वाला रहेगा। व्यावसायिक योजनाओं में अचानक बदलाव करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में कार्यो की गति धीमी रहेगी समय पर वादा पूरा ना करने से व्यावसायिक संबंध खराब हो सकते है। कार्यो के प्रति नीरसत अधिक रहेगी। किसी भी कार्य को लेकर ठोस निर्णय नही ले पाएंगे परन्तु जिस भी कार्य में निवेश करेंगे उसमे विलंभ से ही सही सफल अवश्य होंगे धन लाभ भी आवश्यकता अनुसार हों जायेगा लेकिन संध्या पश्चात धन संबंधित कोई भी कार्य-व्यवहार ना करें। परिजन आपके टालमटोल वाले व्यवहार से दुखी रहेंगे।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप बुद्धि विवेक से कार्य करेंगे परन्तु परिस्थिति हर तरह से कार्यो में बाधा डालेगी। कार्य व्यवसाय से मन ऊबने लगेगा धैर्य से कार्य करते रहें संध्या तक संतोषजक लाभ अवश्य मिलेगा पारिवारिक एवं सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारो की प्रशंसा होगी लेकिन केवल व्यवहार मात्र के लिए ही। आर्थिक विषयो को लेकर किसी से विवाद ना करें धन डूबने की आशंका है। गृहस्थ में प्रेम स्नेह तो मिलेगा परन्तु स्वार्थ सिद्धि की भावना भी अधिक रहेगी। महिलाये अधिक बोलने की समस्या से ग्रस्त रहेंगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन अनैतिक कार्यो से बच कर रहें मन भ्रमित रहने के कारण निषेधात्मक कार्यो में भटकेगा। लोग आपसे भावनात्मक संबंध बनाएंगे परन्तु आवश्यकता के समय कोई आगे नही आएगा। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मियो का रूखा व्यवहार रहने से स्वयं के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। लंबी यात्रा के प्रसंग बनेंगे संभव हो तो आज टालें। पेट अथवा स्वांस, छाती संबंधित व्याधि हो सकती है। अधिकांश समय मानसिक रूप से भी अशान्त रहेंगे। परिवार में अनावश्यक खर्च बढ़ेंगे किसी की गलती का विरोध करना भी बेवजह कलह का कारण बनेगा।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से उन्नति वाला रहेगा। धन संबंधित समस्याएं काफी हद तक सुलझने पर दिन भर प्रसन्नता रहेगी। कार्य व्यवसाय से प्रारंभिक परिश्रम के बाद दोपहर के समय से धन की आमद शुरू हो जाएगी जो संध्या तक रुक रुक कर चलती रहेगी। मितव्ययी रहने के कारण खर्च भी हिसाब से करेंगे धन कोष में वृद्धि होगी। महिलाये किसी मनोकामना पूर्ति से उत्साहित होंगी। आज महिला वर्ग से कोई भी काम निकालना आसान रहेगा मना नही कर सकेंगी। दाम्पत्य सुख में भी वृद्धि होगी। पर्यटन की योजना बनेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आप किसी भी कार्य को आगे जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाओं के मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰**स्वर्णिम अतीत (धर्म -संस्कृति)*

*विश्व की अमूल्य धरोहर है ‘गीता’*

*हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है।*

बताया जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण के मुख से गीता के उपदेश निकले थे। पूरे विश्व भर में मात्र श्रीमद भगवत गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष गीता जयंती महोत्सव (मोक्षदा एकादशी) 3 दिसंबर 2022 को शनिवार के दिन है।

*हिन्दू धर्म का पवित्र ग्रंथ भगवद्गीता भारत के महान महाकाव्य महाभारत का एक छोटा अंग है।*

महाभारत प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है जिसमें मानव जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों को बहुत ही विस्तार के साथ वर्णन किया गया है। 

*महाभारत लगभग 110000 श्लोकों के साथ विश्व के महाकाव्य ग्रंथों इलियड और ओडिसी संयुक्त से सात गुना और बाइबल से तीन गुना बड़ा है।* 

वास्तव में, यह कई गाथाओं का एक पूरा पुस्तकालय है। महाकाव्य की छठी पुस्तक में पांडवों और कौरवों के बीच महान लड़ाई से ठीक पहले की घटना भगवत गीता का कथानक है।  

*भगवद गीता हिंदू धर्म की सबसे लोकप्रिय पुस्तकों में से एक है, जो विश्व भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है।*

मूलतः संस्कृत भाषा में लिखी गई गीता में 700 श्लोक हैं। कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन के सारथी बने भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें मोह में फंसता देख उनके कर्म और कर्तव्य से अवगत कराया और जीवन की वास्तविकता से उनका सामना करवाया उन्होंने अर्जुन की सभी शंकाओं को दूर किया उनके बीच हुआ यह संवाद ही श्रीमद्भगवद्गीता है। जो आज भी लोगों को सही-गलत में फर्क समझने एवं जीवन को ठीक तरीके से जीने का तरीका सिखाती है। 

*पौराणिक मान्यताओं और विद्वानों की कालगणना के अनुसार भगवान कृष्ण ने गीता 5160 वर्ष पूर्व मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन अर्जुन को गीत का ज्ञान दिया था।*

दुनिया की महान विभूतियों द्वारा प्रायः गीता का उल्लेख किया जाता है। इन महान हस्तियों का मानना है कि गीता के माध्यम उन्हें अपने जीवन में मार्गदर्शन मिलता है। भगवद गीता ने अनगिनत लोगों को प्रेरणा दी है और उनके जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी प्रेरणा का परिणाम है कि भगवद गीता को 80 भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।

*सामान्यतया गीता को जीवन जीने मार्ग दिखाने की सीख देने वाले धार्मिक ग्रंथ के रूप में जाना जाता है। किन्तु वह अब केवल धार्मिक ग्रंथ के रूप में ही नहीं देखी जाती है, बल्कि वह कई मंचों पर दर्शनशास्त्र और उच्च प्रबंधन का हिस्सा बन गई है। भगवद गीता की लोकप्रियता का परिणाम है कि वह भारत की सीमाओं से परे अपनी लोकप्रियता के झंडे गाड़ चुकी है, वह विश्व के सभी प्रमुख देशों में लोकप्रिय है। भगवद गीता ने दुनिया के कई महान और प्रसिद्ध लोगों को न केवल प्रभावित किया है बल्कि उनके जीवन को भी पूरी तरह से बदल दिया।*

*अल्बर्ट आइंसटीन-* अल्बर्ट आइंसटीन जर्मनी में जन्मे भौतिक विज्ञानी थे, जिन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत प्रतिपादित किया। इसके साथ ही आम लोगों के बीच, उनके द्वारा दिया गया द्रव्य ऊर्जा संबंध का सिद्धांत लोकप्रिय है। इसी के अंतर्गत उन्होंने ऊर्जा= द्रव्यमानxप्रकाश का वेग2 का प्रसिद्ध सूत्र दिया। उन्हें भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य और फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव को प्रतिपादित करने के लिए 1921 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। जिसकी कारण भौतिक विज्ञान के क्वांटम का सिद्धांत को स्थापित करने में सहायता मिली।

*आइंसटीन भगवद गीता के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने कहा कि “ जब मैंने भगवद गीता को पढ़ा तो मुझे पता चला कि ईश्वर ने कैसे दुनिया को बनाया है और मुझे यह अनुभव हुआ कि प्रकृति ने हर वस्तु कितनी प्रचुरता में प्रदान की है।” हम इसकी कल्पना नहीं कर सकते कि भगवद गीता ने मुझे कठिन परिश्रम करने के लिए कितना प्रेरित किया है। मैं आप सब से कहना चाहता हूं कि गीता को जरूर पढ़े और आप खुद देखेंगे कि उसने आपके जीवन को कितना प्रभावित किया है।*

*हेनरी डेविड थोरो-* हेनरी डेविड थोरो अमेरिका के प्रसिद्ध प्रकृतिवादी, दार्शनिक, कवि थे। उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता अपनी किताब वाल्डेन के लिए मिली। इसके साथ ही वह अपने निबंध सविनय अवज्ञा के लिए भी जाने जाते हैं। जो कि एक ऐसे राज्य के विरुद्ध अवज्ञा की बात करता है, जो अपने नागरिकों के साथ अन्याय करता है। थोरो की किताबें, निबंध, कविताएं , 20 से ज्यादा वॉल्यूम में प्रकाशित की गई हैं।

*हेनरी भारतीय दर्शन और अध्यात्म से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध किताब “वाल्डेन” में भगवद गीता का कई बार उल्लेख किया है। वह किताब के पहले अध्याय में ही लिखते हैं “ पूरब के देशों के दर्शन की तुलना की जाय तो वह सबसे ज्यादा भगवत गीता से प्रभावित हैं।”*

*जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर-* अमेरिका के भौतिक वैज्ञानिक जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर को परमाणु बम का जनक कहा जाता है। वह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान में हिरोशिमा और नागासकी पर किए गए परमाणु हमले में शामिल थे। परमाणु हमले के बाद उन्होंने भगवद गीता का उल्लेख करते हुए कहा था कि उन्हें उस वक्त भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश याद आया। जब वह अर्जुन से कहते हैं कि तुम केवल अपना कर्त्तव्य निभाओ।

*“मैं अब मृत्यु हूं और दुनिया को खत्म करने वाला बन गया हूं” बाद में ओपेनहाइमर ने कहा कि भगवद गीता ने उनके जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव डाला है। उन्होंने परमाणु परीक्षण के विषय में बाद में गीता का उल्लेख करते हुए कहा “हम जानते है कि दुनिया पहले जैसी नहीं रहेगी, कुछ लोग खुश होंगे, कुछ रोएंगे, ज्यादातर लोग चुप रहेंगे। मुझे गीता की पंक्तियां याद आ रही है कि भगवान विष्णु राजकुमार को उसका कर्तव्य समझाते रहे हैं और वह उसे अपना बहुभुजी रूप दिखा रहे हैं।”*

ओपेनहाइमर ने परमाणु विस्फोट के प्रयोग का सफलता के बाद गीता के इस श्लोक का भी उल्लेख किया था-

*कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो*

*लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्त: ।*

*ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे*

*येऽवस्थिता: प्रत्यनीकेषु योधा:॥*

(श्री भगवान बोले- मैं लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ महाकाल हूँ। इस समय इन लोकों को नष्ट करने के लिए प्रवृत्त हुआ हूँ। इसलिए जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा लोग हैं, वे सब तेरे बिना भी नहीं रहेंगे अर्थात तेरे युद्ध न करने पर भी इन सबका नाश हो जाएगा।)

*थॉमस मर्टन-* *थॉमस मर्टन एक अमेरिकी भिझु, लेखक, कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और धर्माचार्य थे। 26 मई 1949 को वह पादरी बनाए गए और उनको नया नाम फादर लुईस दिया गया। उन्होंने 27 साल में करीब 50 किताबें लिखी। जो कि प्रमुख रूप में आध्यात्मिक, सामाजिक न्याय और शांतिवाद पर आधारित थी। उनका सबसे अच्छा काम उनकी आत्मकथा “द सेवन स्टोरी माउंटेन” को माना जाता है।*

मर्टन की विशेषज्ञता दूसरे धर्मों को समझने में काफी अच्छी रही है। उन्होंने पूरब के देशों के अध्यात्म की व्याख्या पश्चिम की दुनियां तक पहुंचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह लगातार एशिया के प्रमुख आध्यात्मिक गुरूओं और लेखकों से संवाद करते रहते थे। उन्होंने दलाई लामा, जापान के लेखक डी.टी.सुजुकी, थाइलैंड के बौद्ध भिक्षु बुद्धदशा, विएतनाम के भिक्षु थिक्ष नाथ हान आदि से संवाद किया।

*भगवद गीता के विषय में क्या लिखा: गीता का अर्थ होता है सखमय जीवन के वे अभूतपूर्व गीत जो स्वर्णिम भविष्य का मार्ग प्रशस्त करते हैं। 

*सुनीता विलियम्स-* सुनीता विलियम्स एक अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक और नौसेना अधिकारी थी। उनके पास किसी महिला द्वारा अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा वक्त तक चलने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 50 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष मे चलने का रिकॉर्ड बनाया था। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के 14 वें और 15 वें मिशन की सदस्य भी थी। इसके अलावा वह 2012 में मिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और मिशन 33 की कमांडर भी रह चुकी हैं।

*जब वह अंतरिक्ष मिशन के लिए जा रही थीं, तो उस वक्त अपने साथ भगवान गणेश की मूर्ति और भगवद गीता लेकर गईं थी। उस वक्त उनसे जब यह पूछा गया था कि वह अंतरिक्ष में क्यों गीता और भगवान गणेश की मूर्ति लेकर गई थीं ? उस वक्त उन्होंने जवाब दिया था-*

ये आध्यात्मिक चीजें हैं जो अपने आप को, जीवन को, आस-पास की दुनिया को प्रतिबिंबित करने और चीजों को दूसरे तरीके से देखने के लिए हैं। मुझे लगा कि ऐसे में समय में काफी उपयुक्त है।” उन्होंने इसके अलावा यह भी कहा कि गीता के जरिए उन चीजों को समझने में मदद मिली है कि जो वह कर रही है, उसे करने का कारण क्या है। साथ ही मुझे अपने जीवन का उद्देश्य समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा मुझे अपने आपको जमीन से जुड़े रहने का भी सबक मिला है।

*टी.एस.इलियट-* *अमेरिकी कवि पर भारतीय दर्शन का गहरा प्रभाव था। उन्होंने 1911-1914 की अवधि में हावर्ड में भारतीय दर्शन और संस्कृत का अध्ययन किया।*

उन्होंने अपनी कविता “द ड्राई साल्वेजेस” में भगवद गीता में कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद का उल्लेख किया है। जिसके जरिए उन्होंने भूत और भविष्य के बीच के संबंध को भी समझाया। यही नहीं इसके जरिए उन्होंने लोगों को यह राह दिखाई कि अपने व्यक्तिगत फायदे की जगह ईश्वर को पाने के पीछे भागो। उन्होंने इस संबंध में गीता के अहम पंक्तियों का भी उल्लेख किया—

*“आप इस भवसागर (दुनिया) में आए हैं और आपका शरीर उसके थपेड़ों को सहेगा, जो भी कुछ आपके जीवन में घटेगा वह निहित है। इसलिए कृष्ण युद्ध के मैदान में अर्जुन से कहते हैं कि युद्ध छोड़ कर जाओ नहीं बल्कि आगे बढ़ो।”*

*रूडोल्फ स्टेनर-* रूडोल्फ जोसेफ लॉरेंज स्टेनर ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध दार्शनिक, समाज सुधारक थे। स्टेनर को लोकप्रियता 19 वीं शताब्दी में अपने साहित्यिक आलोचनाओं और द फिलॉफिसी ऑफ फ्रीडम के जरिए मिली। बीसवीं शताब्दी में उन्होंने एक आध्यात्मिक आंदोलन एंथ्रोपोसोफी की शुरूआत की। उन्होंने गीता की व्याख्या करते हुए कहा “जीवन और सृजन को समझने का भगवद गीता पूरा ज्ञान देती है।

*इसे समझने के लिए मनुष्य को अपनी आत्मा को शुद्ध करना बेहद जरूरी है।” भगवान कृष्ण युद्ध के मैदान में दुविधा में फंसे कृष्ण को दुनिया के रहस्य को बताते हुए हुए योग का रास्ता समझाते हैं। स्टेनर कहते हैं कोई व्यक्ति कर्म, प्रशिक्षण और बुद्धि से कितनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है, उसका उदाहरण कृष्ण हैं।*

इसके अलावा वह अपने अध्ययन से यह भी बताते हैं कि कैसे कृष्ण द्वारा लोगों को बताया गया आध्यात्म और ईसा मसीह द्वारा लोगों को बाहरी जीवन में मानवता का रास्ता दिखाना एक-दूसरे के पूरक हैं।

*वारेन हेस्टिंग्स-* *ब्रिटिश शासन में भारत के बंगाल के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने गीता के अंग्रेजी अनुवाद में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने इसके लिए अंग्रेजी अनुवादक चार्ल्स विलिकिंस का भरपूर सहयोग किया। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने गीता के अंग्रेजी अनुवाद की प्रति ईस्ट इंडिया कंपनी के चेयरमैन को भेंट की थी। और उस वक्त उनसे कहा था कि भगवद गीता “महान मौलिकता का प्रदर्शन, मानव के उद्भव की पराकाष्ठा, तर्क और कल्पना का अप्रतिम रुप है, और मानव जाति के सभी ज्ञात धर्मों के बीच एकल अपवाद है।”*

*रॉल्फ वाल्डो इमरसन-* रॉल्फ अमेरिका के निबंधकार, प्रवक्ता, कवि और दार्शनिक थे, जिन्होंने ट्रांसेडेंटलिस्ट आंदोलन की 19 वी शताब्दी के मध्य में अगुवाई की थी। वह व्यक्तिवाद के अग्रणी दार्शनिकों में से एक थे। उनके दर्जनों निबंध और 1500 से ज्यादा व्याख्यान अमेरिका में प्रकाशित हुए।

*वह धीरे-धीरे अपने सहयोगियों की धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं से दूर होते गए और अपने अनुभवों के आधार पर ट्रांसेडेंटलिज्म का दर्शन शास्त्र “नेचर” को लोगों को सामने रखा। उसके बाद उन्होंने अपने कामों के ऊपर “द अमेरिकन स्कॉलर” नाम से भाषण भी दिया। जिसे बाद में वेडल होल्म्स सीनियर ने अमेरका की “स्वतंत्रता का बुद्धिजीवियों का घोषणा पत्र” कहा। इसी दौरान उनका फ्रांसीसी दार्शनिक विक्टर कजिन के जरिए भारतीय दर्शन से साक्षात्कार हुआ।*

उन्होंने गीता के बारे में लिखा “मैंने भगवद गीता के साथ बेहतरीन दिन बताया। जैसे लग रहा था कि कोई साम्राज्य हमसे बात कर रहा है, उसमें कुछ भी छोटा और अनुपयोगी नहीं है। सबको कुछ वृहद, निर्मल, टिकाऊ, पुराने दौर का ज्ञान और माहौल है, वह उन्हीं सवालों के जवाब देती हैं, जिनका आज हम अभ्यास करते हैं। ”

*फ्रेडरिक वॉन हमबोल्ट-* *फ्रेडरिक वॉन जर्मनी के दार्शनिक, भाषाविद, नौकरशाह और हमबोल्ट विश्वविद्यालय के संस्थापक थे। उन्होंने प्रमुख रुप से उदारवाद को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पहले से मौजूद पारंपरिक प्रथाओं की जगह व्यक्ति की संभावनाओं को तरजीह दी। इस वजह से वह युवाओं में भी खासा लोकप्रिय थे। उन्होंने भगवद गीता के बारे में कहा कि “वह दुनिया में साहित्य के क्षेत्र में शायद सबसे बेहतरीन काम है।”*

उन्होंने 1821 में संस्कृत भाषा सीखी और सेलेगल संस्करण की गीता को भी पढ़ा।  

गीता ने हमबोल्ट के जीवन पर खासा प्रभाव डाला। उन्होंने उसके बारे में कहा कि महाभारत के अंदर यह सबसे खूबसूरत अध्याय है। जो शायद किसी भी भाषा में मौजूद सत्य के करीब सबसे बेहतरीन दर्शन है।

*गीता को पढ़ने के बाद उन्होंने अपने दोस्त और राजनीतिज्ञ फ्रेडरिक वॉन गेंट्ज को पत्र लिखते हुए कहा है “मैंने इस पुस्तक को पहली बार उस वक्त पढ़ा था जब में अपने देश में था, उस समय मुझे ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का अनुभव हुआ और मैंने उसे मुझे जन्म देने और इस जगत में काम करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद कहा”*

इसके बाद बर्लिन अकादमी ऑफ साइंस में 30 जून 1825 को भाषण देते हुए कहा कि उन्हें भगवद गीता, अपने पूर्वजों का आध्यात्मिक ज्ञान लगती है। मुझे इसकी निर्मलता और सरलता सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। कृष्ण ने अपने सिद्धांत को जिस विशिष्ट रूप में प्रस्तुत किया है, उसमें मैं अध्यात्म की जटिलता नहीं देखता हूं। इसलिए यह पुस्तक लोगों को सोचने के लिए विवश करती है।

*एलडस हक्सले-* *एलडस हक्सले अंग्रेजी के लेखक और दार्शनिक थे। उन्होंने लगभग 50 पुस्तकें लिखी। वह एक शांतिवादी विचारक थे। उन्होंने दार्शनिक आध्यात्मवाद पर विशेष रूप से बल दिया और उस पर काम किया। उनका प्रमुख काम पश्चिम और पूरब के आध्यात्म का अध्ययन कर उनमें मौजूद समानताओं की व्याख्या करना था। उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास “ब्रेव न्यू वर्ल्ड” था। इसके अलावा उन्होंने एक प्रसिद्ध उपन्यास “आईलैंड” भी लिखा। जिसमें उनके आदर्श और निरंकुश राज्य की परिकल्पना का दर्शन सामने आता है।*

भगवद गीता के विषय में उन्होंने लिखा है कि “यह मानव के आध्यात्मिक विकास का सबसे व्यवस्थित कथन है” उनका गीता के बारे में यह भी कहना है “गीता, दर्शन के सबसे स्पष्ट और व्यापक व्याख्याओं में से एक है इसलिए इसका महत्व केवल भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए है।”

*ह्यूग जैकमैन-* *हॉलीवुड सुपर स्टार ह्यूग जैकमैन हिंदू धर्म से काफी प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कई साक्षात्कार में कहा है कि उन्हें भारत का आध्यात्म आकर्षित करता है।*

*वह उपनिषद, भगवद गीता को पढ़ते हैं। एक बार उन्होंने कहा कि जिन धार्मिक ग्रंथों के उपदेशों का हम पालन करते हैं वह पूरब और पश्चिम का मिश्रण है। चाहे सुकरात के हो या फिर उपनिषद और भगवद गीता। सभी में* *समानाता है। ह्यूग कहते हैं “मैं एक ऐसा कलाकार हूं, जो ईसाई के रूप में पैदा हुआ वह अपने सगाई में जब अंगूठी पहनता है तो वह श्लोक भी पढ़ता है।”*

*एनी बेसेंट-* एनी बेसेंट ब्रिटिश सामाजिक कार्यकर्ता थी और महिला अधिकारों के लिए सदैव आवाज उठाती थी। इसके अलावा वह एक लेखक, शिक्षाविद और प्रमुख वक्ता भी थी। वह मानव स्वतंत्रता की हिमायती थी। इसके अलावा वह आयरलैंड और भारत की स्वतंत्रता की समर्थक थी। उन्होंने करीब 300 से ज्यादा किताबें और पर्चे निकाले। वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्यों में भी शामिल थी।

*उन्होंने भगवद गीता का अनुवाद “द लॉर्ड सॉन्ग” के नाम से किया। उनके द्वारा अनुवादित की गई किताब का एक उदाहरण है: आध्यात्मिक व्यक्ति बनने के लिए जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति एकाकी जीवन बिताए। भगवद गीता हमें सिखाती है कि कैसे ईश्वर को सांसारिक जीवन में रहते हुए पाया जा सकता है। इसे पाने के लिए बाधाएं हमारे अंदर मौजूद हैं और हम उसे बाहरी जीवन में ढूढ़ते हैं।*

*ब्लूनेट इसेविट-* ब्लूनेट तुर्की के प्रमुख राजनेता, कवि, लेखक और पत्रकार थे। वह 1974 -2002 के बीच चार बार तुर्की के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने रविंद्र नाथ टैगोर, टीएस इलियन और उमर तारिन के कृतियों का तुर्की भाषा में अनुवाद किया। ब्रिटिश टेलीविजन को 1974 में दिए गए साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि साइप्रस पर हमला करने के लिए फौज भेजने का बल उनके पास कहां से आया।

 

*तो उन्होंने कहा कि यह साहस उन्हें भगवद गीता से मिला। गीता हमें ज्ञान देती है कि अगर आप नैतिक रूप से सही है, तो अन्याय के विरूद्ध लड़ने के लिए हिचकना नहीं चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया था कि जब वह शक्तिशाली इसमत इनोनु के खिलाफ 1972 में खड़े हुए थे, तो उस वक्त भी उन्हें गीता से ही शक्ति मिली थी।*

शास्त्र सम्मत सत्य ये है कि जो लोग निरंतर गीताध्ययन करते हैं वे जन्म मरण के वधन से मुक्त हो कर भगवान नारायण का सायुज्य प्राप्त करते हैं। और सदैव स्वर्ग लोक में प्रसन्न रहते हैं।भगवद्गीता विश्व की अमूल्य और अद्वितीय धरोहर है यह भारत का स्वर्णिम अतीत तो है ही यदि यह अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम में सम्मिलित की जाय तो भारत ही नहीं समस्त विश्व का उज्जवल भविष्य भी है। 

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