༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*
*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_मंगलवार, २३ अप्रैल २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०५:५१, सूर्यास्त: 🌅 ०६:४७
चन्द्रोदय: 🌝 १८:२५, चन्द्रास्त: 🌜२९:४५
अयन 🌘 उत्तरायणे(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🍁 ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉१९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत:👉२०८१ (काल)
मास 👉 चैत्र, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 पूर्णिमा (२९:१८
से प्रतिपदा)
नक्षत्र👉चित्रा(२२:३२ से स्वाती)
योग👉वज्र(२८:५७ से सिद्धि)
प्रथम करण👉विष्टि(१६:२५ तक)
द्वितीय करण👉बव(२९:१८ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 मेष
चंद्र 🌟 तुला (०९:१५ से)
मंगल🌟कुम्भ(उदित,पूर्व, मार्गी)
बुध🌟मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र🌟मीन(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५३ से १२:४६
अमृत काल 👉 १५:२७ से १७:१४
विजय मुहूर्त 👉 १४:३० से १५:२३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५० से १९:१२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५२ से १९:५७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५७ से २४:४१
राहुकाल 👉 १५:३६ से १७:१४
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:०३ से १०:४१
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 पाताल (१६:२५ तक)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम ०९:१९ से)
शिववास 👉 श्मशान में (२९:१८ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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श्री हुनमान जन्मोत्सव (जयन्ती), श्री सत्यनारायण (पूर्णिमा) व्रत, वैशाख स्नान आरम्भ, विवाहादि मुहूर्त धनु- मकर लग्न (रात्रि १०:४७ से अंतरात्रि ०२:३५) आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २२:३२ तक जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पो, रा, रि) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (रू, रे) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०५:४७ से ०६:५८
शुभ मुहूर्त – ०६:५८ से ०८:५४
रोग पञ्चक – ०८:५४ से ११:०९
शुभ मुहूर्त – ११:०९ से १३:२९
मृत्यु पञ्चक – १३:२९ से १५:४६
अग्नि पञ्चक – १५:४६ से १८:०२
शुभ मुहूर्त – १८:०२ से २०:२२
रज पञ्चक – २०:२२ से २२:३२
शुभ मुहूर्त – २२:३२ से २२:४०
चोर पञ्चक – २२:४० से २४:४४+
शुभ मुहूर्त – २४:४४+ से २६:२७+
रोग पञ्चक – २६:२७+ से २७:५४+
शुभ मुहूर्त – २७:५४+ से २९:१८+
मृत्यु पञ्चक – २९:१८+ से २९:१९+
रोग पञ्चक – २९:१९+ से २९:४६+
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उदय-लग्न मुहूर्त
मेष – २९:२३ से ०६:५८
वृषभ – ०६:५८ से ०८:५४
मिथुन – ०८:५४ से ११:०९
कर्क – ११:०९ से १३:२९
सिंह – १३:२९ से १५:४६
कन्या – १५:४६ से १८:०२
तुला – १८:०२ से २०:२२
वृश्चिक – २०:२२ से २२:४०
धनु – २२:४० से २४:४४
मकर – २४:४४+ से २६:२७+
कुम्भ – २६:२७+ से २७:५४+
मीन – २७:५४+ से २९:१९+
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन से आप कुछ विशेष आशाएं लगाए रहेंगे लेकिन आज बीते दिनों जैसी सुख सुविधा नही मिल पाएगी जिससे कोई भी कार्य आरंभ तो ले देकर कर लेंगे लेकिन बीच मे ही किसी न किसी कारण से अधूरा छोड़ना पड़ा जाएगा। कार्य व्यवसाय में आज दिमाग काम नही करेगा जिन लोगो के ऊपर कल तक भरोसा कर रहे थे वे ही समय पड़ने पर आनाकानी करते नजर आएंगे। पितृ पक्ष अथवा पैतृक कार्यो से भी ज्यादा सहयोग की आशा ना रखे पिता का व्यवहार भी आज आपके प्रति उदासीन रहने के कारण काम निकालना मुश्किल होगा। अपने दम पर कार्य करे तो थोड़ा बहुत धन लाभ अवश्य हो जाएगा। सरकारी कारणों से यात्रा हो सकती है सरकार संबंधित कार्य बुद्धिबल से संतोषजनक स्थिति तक पहुचा लेंगे। पति पत्नी में धीमी कार्य शैली को लेकर कहासुनी होगी। सेहत सामान्य रहेगी फिर भी थोड़ी तकलीफ होने पर तुरंत जांच कराए अन्यथा लंबी खिंच सकती है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप जो भी योजना बनाएंगे उसमे कई लोग बिना मांगे ही सलाह देंगे जिस कारण असमंजस की स्थिति बनेगी। आप भी आज लाभ पाने के प्रति गंभीर तो रहेंगे लेकिन मेहनत करने के पक्ष में नही रहेंगे जिससे अधिकांश कार्य योजनाए आरम्भ से ही ढीली पड जाएंगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी आपको हानि पहुचाने का प्रयास करेंगे जिसके कारण कम लाभ में सौदे करने पड़ेंगे। नौकरी पेशाओ की मानसिकता भी सुखोपभोग की अधिक रहेगी बिना मेहनत के लाभ पाने के चक्कर मे राज समाज मे अपनी छवि खराब कर लेंगे। आज सही की जगह गलत मार्ग से धन आसानी से मिल सकता है लेकिन साथ ही मन मे भय भी बना रहेगा। परिवार में सुख सुविधा एवं अन्य लोगो की देखादेखी की इच्छा अशांति फैलाएगी। कफ, कमजोरी शरीर मे अकड़न बनेगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप सार्वजनिक कार्यो में अपनी बुद्धि विवेक का परिचय देंगे लेकिन जहां बात व्यक्तिगत स्वार्थ की आएगी वहां वाणी और धैर्य दोनो जवाब दे जाएंगे। वैसे तो आज किसी से ज्यादा बात करना पसंद नही करेंगे लेकिन अपना हित साधने के लिये आवश्यकता से अधिक बोल जाएंगे जिसका बाद में ज्ञान होने पर ग्लानि होगी। कार्य क्षेत्र से थोड़ी बहुत आय की ही संभावना है इसके लिये भी अधिक बौद्धिक परिश्रम करना पड़ेगा। परिवार के ऊपर खर्च करने में संचित कोष में कमी आएगीं आज ज्यादा तामझाम उलझन वाले कार्यो से दूर ही रहे निष्कर्ष कुछ नही निकलेगा व्यर्थ समय ही खराब होगा। घरेलू वातावरण में विवेक से तालमेल बैठा लेंगे। लेकिन संतान संबंधित चिंता जरूर रहेगी। अविवाहित लोग ज्यादा परेशान नजर आएंगे। सेहत ठीक ठाक ही रहेगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपको अपनी वाणी पर विशेष नियंत्रण रखना होगा। प्रातः काल मे ही किसी कुटुम्बी जन से अच्छी खासी कहासुनी होने की संभावना है स्वभाव में धैर्य की कमी देखने को मिलेगी किसी की मजाक भी पसंद नही करेंगे इसका मुख्य कारण धन और जायदाद संबंधित उलझन रहेगी। कार्य क्षेत्र पर भी आज आर्थिक मामले सुलझने की जगह और अधिक उलझने के कारण दिन भर क्रोध में ही भरे रहेंगे। नौकरी वाले लोग भी अधिकारी अथवा सहकर्मी के गलत आचरण से परेशान होंगे फिर भी शांत रहने का प्रयास करें आपकी प्रतिक्रिया माहौल को ज्यादा खराब कर सकती है। भाग्य का साथ मिलने से थोड़ा बहुत धन लाभ हो जाएगा लेकिन उधारी के व्यवहार पर नियंत्रण खोने से आगे की योजनाओं पर पानी फिरेगा। माता भूमि वाहन संबंधित सुख में कमी आएगी। मानसिक तनाव से बचने के लिये आध्यात्म का सहारा लेंगे लेकिन शांति फिर भी नही मिलेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप मन ही मन बड़ी बड़ी योजनाए बनायेगे लेकिन किसी अन्य के ढुलमुल रवैये के कारण इनको आगे नही बढ़ा सकेंगे दिन के आरंभिक भाग में किसी परिजन का मनमाना व्यवहार मन को आहत करेगा मध्यान तक का समय दिमाग मे व्यावसायिक जोड़ घटाव लगा रहेगा कार्य क्षेत्र से लाभ भी होगा लेकिन इसका ज्यादातर भाग पुराने कार्यो अथवा किसी को दिए उधार की वापसी से होगा। नए कार्य मन मे रहेंगे लेकिन धन संबंधित समस्या के कारण परेशानी आएगी आज धन का निवेश शीघ्र ही दुगना होकर मिल सकता है इसके लिए अधिक मेहनत और धैर्य की आवश्यकता हैं। सार्वजनिक क्षेत्र पर मान सम्मान मिलने से घरेलू उलझनों को भूल जाएंगे। व्यावसायिक अथवा घरेलू विवाद के कारण कोर्ट कचहरी के चक्कर भी लग सकते है थोड़ी परेशानी के बाद सफलता आपके पक्ष में मिलने की आशा जागेगी। ठंडी वस्तुओ के सेवन से बचे गला अथवा छाती संबंधित समस्या हो सकती है।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप जिस भी कार्य को करेंगे उसमे आरम्भ में आनाकानी करेंगे लेकिन एक बार हाथ मे लेने के बाद उसी में मगन हो जाएंगे अन्य लोगो की तुलना में आपका कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाएगा लेकिन आपकी मानसिकता अन्य लोगो की नीचा दिखाने की भी रहेगी जिसके फ़लस्वरू लाभ तो मिलेगा लेकिन सम्मान नही। आज के दिन आपको कुछ ऐसा अनुभव भी होगा जैसे कोई अनजानी शक्ति आपसे आपके जीवनशैली के विपरीत कुछ कराना चाह रही है। आप जितना भौतिक सुखों में रुचि लेंगे परिस्थितियां उसके विपरीत बनती चली जायेगी जिस वस्तु की कामना करेंगे वही दूर होने से मन निराश होगा। धन की आमद और खर्च बराबर रहेंगे काम की जगह व्यर्थ के कार्यो पर अधिक खर्च होंगे। दाम्पत्य जीवन मे एक पल सुख अगले ही पल ऊबन अनुभव होगीं फिर भी शांति बनी रहेगीं। सेहत में थोड़ी बहुत दिक्कतें रहने के बाद भी कार्य बाधक नही बनेगीं।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपके दिमाग मे चंचलता हावी रहेगी। किसी भी कार्य के प्रति गंभीर नही रहेंगे पूर्व में किसी की बंधाई उम्मीद लेकर आशा के भरोसे मध्यान तक इंतजार करना पड़ेगा लेकिन कुछ न कुछ काम अवश्य बनेगा। कार्य क्षेत्र पर उतार चढ़ाव रहने के कारण बनाई योजनाओ को सार्थक नही कर पाएंगे मेहनत करने का मन नही करेगा जिससे आज धन की आमद सीमित साधनों से ही कामचलाऊ हो पाएगी। नौकरी पेशा लोग भी मध्यान तक मन मारकर काम करेंगे इसके बाद गंभीरता आएगी आज एक घंटे गंभीर होकर कार्य करना दिन भर की पूर्ति कर सकता है इसका ध्यान रखें। संध्या के समय भाग्य का साथ मिलने से भविष्य में लाभ के सौदे मिलेंगे। दाम्पत्य जीवन मे सुख की आकांक्षा बढ़ेगी लेकिन ठीक से पूर्ति ना होने पर निराश होंगे। किसी गंभीर रोग अथवा झगड़े का भय सताएगा। खासी जुखाम हो सकता है।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन किसी ना किसी रूप में हानि होने की संभावना है। पिता अथवा पैतृक कार्य मे अतिआत्मविश्वास से बचे अन्यथा परिणाम आशा के एकदम विपरीत ही मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर भागीदारी अथवा पति पत्नी संबंधित किसी मामले में सन्तानो से वैचारिक मतभेद उभरेंगे जिनका हल निकालने का प्रयास करेंगे लेकिन क्रोध सुलझते प्रसंग को अधिक उलझा देगा। व्यवसाय में निवेश करने का विचार कर रहे है तो अधिक विचार करे खास कर पुश्तैनी कार्य मे निवेश हानि ही कराएगा चाहे फिर उस कार्य मे कितनी ही दक्षता क्यो ना हो। नौकरी पेशा लोग से भी अतिआत्मविश्वास में कोई बड़ी त्रुटि होने की सभावना है कोई भी कार्य मान बड़ाई पाने की इच्छा से ना करें। घरेलू वातावरण में असंतुष्टि दिखेगी लेकिन परिजन डर से अपनी बात बोलने में संकोच करेंगे। किसी की सेहत पर संचित कोष से खर्च करना पड़ेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपके लिये आज का दिन लाभदायक रहेगा सार्वजनिक क्षेत्र पर पूर्व में की गई मेहनत और व्यवहारिकता का शुभ फल किसी न किसी रूप अवश्य मिलेगा। कार्य व्यवसाय में स्थिरता नही रहेगी सहकर्मियो से भी किसी कारण से मतभेद रहेंगे फिर भी लाभ कमाने के अवसर जरूर मिलेंगे नौकरी पेशाओ को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा लेकिन किसी प्रतिस्पर्धी की चुगली का शिकार बन सकते है जिससे उन्नति में रुकावट आएगी। कुटुम्ब अथवा सम्बंधीजनों से स्नेह संबंधों में चंचलता आएगी किसी घरेलू मामले को लेकर सबकी अलग अलग राय असमंजस में डालेगी अपनी बात मनवाने के लिये आपस में तकरार भी हो सकती है। सेहत आज डांवाडोल ही रहेगी छोटी मोटी व्याधि दिन भर असहज रखेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको पारिवारिक प्रतिष्ठा अथवा सहयोग से कुछ ना कुछ लाभ अवश्य मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर आप जिस कार्य को झंझट वाला समझेंगे वही आगे धन लाभ कराएगा भागीदारी के कार्य से भविष्य में धन संचय हो सकेगा इसके लिये आपसी मतभेद भुला एक मत होकर कार्य करे आज भी धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी लेकिन धीमी गति से। आज आप जल्दी से किसी के लिये कुछ बोलेंगे नही लेकिन जो भी बोलेंगे वह सच हो सकता है इसलये सोच समझ कर ही शब्दों का उपयोग करे। माता एवं घरेलू सुख उत्तम रहेगा लेकिन इनको भोगने के लिये समय की कमी रहेगी। आप जो भी कार्य करे उससे तुरंत लाभ की आशा ना रखे वरना लाभ ना होता देख निर्णय बदलने पर बाद में मन मे ग्लानि होगी। कुटुम्बीजन की सेहत पर खर्च होगा। पेट छाती में जलन अपच की शिकायत हो सकती है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन पिछले पुण्य उदय होने से आपकी धार्मिक भावनाएं जागृत होंगी। दिन का आरंभिक भाग मानसिक रूप से शांति देगा लेकिन इसके बाद दैनिक कार्यो की भागदौड़ में शरीर का भी ख्याल नही रहेगा। आज पूर्व में की किसी गलती से सीख भी मिलेगी दोबारा वही प्रसंग बनने से एक बार मन भटकेगा इससे बचे अन्यथा अबकी बार परेशानी ज्यादा हो सकती है। आर्थिक मामले आज दिन भर उलझन में डालेंगे। जिस कार्य को करने का मन बनायेगे उसमे धन की कमी आड़े आएगी। कर्ज अथवा उधारी के व्यवहार आज कम करने का प्रयास करें अन्यथा किसी की भलाई के चक्कर मे शत्रु वृद्धि कर लेंगे। घरेलू सुखों में वृद्धि करने पर लोगो मे ईर्ष्या द्वेष बनेगा आज आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही धन संबंधित कार्य करें। सरकारी कार्य विद्या विवेक के बल आगे बढ़ेंगे। स्वयं अथवा परिजन को छोटी मोटी सेहत संबंधित समस्या रहेगी। ठंडे पदार्थ विशेष कर जल में ज्यादा समय ना बिताएं।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन के आरम्भ से ही सेहत संबंधित समस्या लगी रहेगी शरीर मे दर्द अकड़न कमजोरी अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी कुछ विशेष ना रहने के कारण जानबूझ कर दिनचार्य को धीमी गति से चलाएंगे। नौकरी पेशाओ को भी आज दिन भर विविध समस्या का सामना करना पड़ेगा। उदासीन व्यवहार के चलते कार्य क्षेत्र पर अपमानित होने की संभावना है। आज आपके दिमाग मे कुटुम्ब की सम्पति से किसी न किसी प्रकार लाभ उठाने के विचार चलते रहेंगे लेकिन आरम्भ कहाँ से और कैसे किया जाए इसी उलझन में समय खराब होगा। माता की कृपा से सुख सुविधा तो मिल जाएगी लेकिन इनका जिद्दी व्यवहार किसी आवश्यक कामना पूर्ति से दूर रखेगा। पैतृक कार्यो में जोखिम ले सकते है आज नही तो निकट भविष्य में आकस्मिक लाभ की संभावना बन रही है। यात्रा से नए संबंध विकसित होंगे लेकिन झंझट भी बढ़ेंगे। टालने में ही भलाई है।
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🚩हनुमानजीका जन्म त्रेतायुगमें चैत्र पूर्णिमाकी पावन तिथिपर हुआ। तबसे हनुमान जयंतीका उत्सव मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजीका तारक एवं मारक तत्त्व अत्यधिक मात्रामें अर्थात अन्य दिनोंकी तुलनामें १ सहस्र गुना अधिक कार्यरत होता है। इससे वातावरणकी सात्त्विकता बढती है एवं रज-तम कणोंका विघटन होता हैं। विघटनका अर्थ है, रज-तमकी मात्रा अल्प होना। इस दिन हनुमानजीकी उपासना करनेवाले भक्तोंको हनुमानजीके तत्त्वका अधिक लाभ होता हैं।*
*🔸 हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है ?*
हनुमान जयंतीका उत्सव संपूर्ण भारतमें विविध स्थानोंपर धूमधामसे मनाया जाता है। इस दिन प्रात: ४ बजेसे ही भक्तजन स्नानसंध्या कर हनुमानजीके देवालयोंमें दर्शनके लिए आने लगते हैं। प्रात: ५ बजेसे देवालयोंमें पूजाविधि आरंभ होती हैं। हनुमानजीकी मूर्तिको पंचामृत स्नान करवाकर उनका विधिवत पूजन किया जाता है।सुबह ६ बजेतक अर्थात हनुमान जन्मके समयतक हनुमानजन्मकी कथा, भजन, कीर्तन आदिका आयोजन किया जाता हैं। हनुमानजीकी मूर्तिको हिंडोलेमें रख हिंडोलागीत गाया जाता हैं। हनुमानजीकी मूर्ति हाथमें लेकर देवालयकी परिक्रमा करते हैं।
हनुमान जयंतीके उपलक्ष्यमें कुछ जगह यज्ञका आयोजन भी करते हैं। तत्पश्चात हनुमानजीकी आरती उतारी जाती है।आरतीके उपरांत कुछ स्थानोंपर सौंठ अर्थात सूखे अदरकका चूर्ण एवं पीसी हुई चीनी तथा सूखे नारियलका चूरा मिलाकर उस मिश्रणको या कुछ स्थानोंपर छुहारा, बादाम, काजू, सूखा अंगूर एवं मिश्री, इस पंचखाद्यको प्रसादके रूपमें बांटते हैं। कुछ स्थानोंपर पोहे तथा चनेकी भीगी हुई दालमें दही, शक्कर, मिर्चीके टुकडे, निम्बका अचार मिलाकर गोपालकाला बनाकर प्रसादके रूपमें बाटते हैं। कुछ जगह महाप्रसादका आयोजन किया जाता हैं।🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
बदरीनाथ केदारनाथ में एक करोड़ से अधिक की पूजायें अग्रेतर आरक्षित हो गयी हैं बदरीनाथ और केदारनाथ में पूजाओं के लिए देशभर के श्रद्धालुओ मे उत्साह दिख रहा है। बीकेटीसी की बेवसाइट पर अब तक 6981 श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पूजाएं बुक कराई हैं। बुकिंग से मंदिर समिति को एक करोड़ से भी अधिक की आय प्राप्त हुई है।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। बताया कि मदिर समिति की अधिकारिक वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in पर 15 से 22 अप्रैल तक सप्ताहभर में 6981 श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पूजाएं बुक कराई हैं। जिसमें से 4735 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ और 2246 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ में पूजाओं के लिए एडवांस बुंकंग कराई है।
उन्होंने बताया कि दोनों धामों में ऑनलाइन पूजा बुकिंग से 1,20,03,725 की धनराशि समिति को मिली है। जिसमें से बदरीनाथ के लिए 82,58,920 व केदारनाथ के लिए 37,44,805 की राशि शामिल है। मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ के मुताबिक ऑनलाइन पूजाओं और यात्रा को लेकर तीर्थयात्री मंदिर समिति संपर्क साध रहे हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में कांग्रेस की विधानसभा प्रत्याशी रही अनुकृति गुसांई, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं कांग्रेस के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी को भारतीय जनता पार्टी में सम्मलित किया गया है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने घोषणा की कि यह अभियान निकायों एवं पंचायत चुनावों तक भी जारी रहेगा।
पार्टी मुख्यालय में रविवार को हुए कार्यक्रम में अनुकृति के अतिरिक्त जिला पंचायत अध्यक्ष रेणु गंगवार, पूर्व पंचायत अध्यक्ष एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारी सुरेश गंगवार के साथ उनके सैकड़ों समर्थकों ने भाजपा का दामन थामा। सभी नए सदस्यों का स्वागत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने जानकारी दी कि पार्टी ज्वाइनिंग का यह महा अभियान अब आगामी निकाय एवं पंचायत चुनावों तक भी जारी रहेगा।
उन्होंने बताया,कुछ दिन पहले हमे सभी लोगों से पार्टी में शामिल होने का इच्छा की जानकारी मिली थी। जिसपर प्रदेश की ज्वाइनिंग कमेटी द्वारा विस्तृत विचार विमर्श किया गया। तदापुरान्त के बाद ज्वाइनिंग के उत्तराखंड प्रभारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की अनुशंसा के बाद सभी लोगों को शामिल किया जा रहा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी नवांगुत लोग मोदी जी के मार्गदर्शन और धामी जी के नेतृत्व में विकसित उत्तराखंड, विकसित भारत के मिशन में जुट जाएंगे।
इस दौरान अनुकृति गुसाईं ने कहा,विकसित उत्तराखंड का को सपना हम सबका है,उसे पीएम मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री धामी जी कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि वोकल फोर लोकल की नीति पर चलकर हमे,इस दशक को उत्तराखंड का बनाना है,युवाओं का बनाना है। जिसके लिए हमें मोदी और धामी जी के साथ प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में काम करना है।
इस अवसर पर पर सुरेश गंगवार ने कहा, उनके राजनैतिक जीवन की शुरुआत एबीवीपी से हुई है,जो एक तरह से मेरे लिए घर वापिसी है। वह पीएम मोदी की नीतियों और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की कार्यशैली से प्रभावित होकर यहां आए हैं। अब हम सब मिलकर,गांव-गांव में मोदी जी के हाथों को मजबूत करने का काम करेंगे।
इस दौरान 30 प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी धर्मपुर विधायक विनोद चमोली प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान,सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र नेगी,प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन,सुनीता विद्यार्थी,अनूप रावत,सुभाष बर्थवाल समेत बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
पश्चिम बंगाल का चुनावी इतिहास आतंक के साये में हमेशा से ही फलता-फूलता रहा है। कभी लाल सलाम का रंग चढता रहा तो कभी दीदी की दादागिरी चलती रही। घुसपैठियों की दम पर सत्ता हथियाने की मुहिम चलाने वाली तृणमूल मुखिया पर तो देश की सरकारी एजेन्सियों तक पर आक्रमण करवाने के आरोप लगते रहे हैं। पूर्व घोषित दंगों का व्यवहारिक स्वरूप सामने आने के बाद से तो वहां के आम निवासियों में भय व्याप्त होने लगा है। पुलिस के सामने ही अपराधों का कीर्तिमान गढने का जो सिलसिला प्रारम्भ हुआ, वह निरंतर जारी है। तुष्टीकरण के हथियार से देश को रक्तरंजित करने का षडयंत्र करने वाली पार्टियां कभी देश के टुकडे-टुकडे गैंग को चुनावी जंग में जहरीली सोच के साथ उतारतीं हैं तो कभी आतंक के पर्याय रहने वालों को गले लगाते हैं। सिध्दान्तों की होली जलाकर स्वार्थ सिध्दि का परिणाम पाने वालों की संख्या में निरंतर बढोत्तरी होती जा रही है। हिन्दूवादी छवि के साथ बाला साहब ठाकरे ने शिवसेना का गठन किया था। उनके शरीर त्यागते ही पार्टी हथियाने का संग्राम शुरू हो गया। विरोधी नीतियों के पक्षधरों के साथ मिलकर सत्ता-सिंहासन लेने का क्रम चल निकला। मुसलमानों को संरक्षण देने के नाम पर बनाई गई आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने अनेक अवसरों पर विरोधियों को गले लगाकर अपने सिध्दान्तों को कफन पहना दिया। दलितों की मसीहा बनने वाली बहुजन समाज पार्टी की नीतियों ने आधारभूत सिध्दान्तों को तिलांजलि देकर अपने विरोधियों के साथ मिलकर अनेक बार सरकार बनाई। जनता दल यूनाइटेड ने तो अपने आदर्शो को स्वार्थ की देहलीज पर किस्तों में कत्ल करके अनेक बार सत्ता पर काबिज हुई। स्वार्थपूर्ति में बाधा पडते ही असंतुष्टों व्दारा तो पुराने संगठन से दूरी बनाकर स्वयं के दल की घोषणा तक की जाती रही है। शासक बनने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार लोगों ने देश की अतीतकालीन संवेदनाओं, भावनाओं और चिन्तन को अनन्त गहराई में दफन कर दिया है। इस सारे क्रिया कलापों का स्पष्ट प्रतिबिम्ब राजनैतिक दलों के घोषणा पत्रों, न्याय पत्रों, संकल्प पत्रों आदि में परिलक्ष्ति हो रहा है। अनेक दलों के संयुक्त गठबंधनों की अपनी कोई सांझी कार्ययोजना सामने नहीं आई है। गठबंधनों के सभी दल अपनी अगल-अलग सोच को लेकर सत्ता में पहुचने के बाद व्यवहार में लाने वाली कार्ययोजना का ढांचा प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे में गठबंधनों का स्वयं का अस्तित्व ही खतरे में दिखाई पड रहा है। मुट्ठी भर सीटों पर चुनाव लडने वाले दल भी राष्ट्रीय नीतियों के निर्धारण करने में जुटे हैं। कहीं साम्प्रदायिक खाई को चौडा करने की होड लगी है तो कहीं जातिगत जनगणना के आधार पर शक्ति संघर्ष का आधार तैयार किया जा रहा है। कहीं अलग-अलग विशेषाधिकारों की वकालत हो रही है कहीं स्वतंत्रता के विकृत मायने परोसे जा रहे हैं। स्वार्थ की जंग में राष्ट्रीयता की शहादत लेने वालों को देश का सम्मान, विकास और सौहार्द की कतई चिन्ता नहीं है। वे नेत्रवान होने के बाद भी धृतराष्ट्र बनने पर तुले हैं, मीरजाफर बनकर सुख बटोरना चाहते हैं और करना चाहते हैं किसी भी कीमत पर स्वार्थपूर्ति। ऐसे लोगों को राष्ट्रवादी तो क्या राष्ट्र का नागरिक तक कहना, शर्म की बात है। जिस देश के नागरिक अपनी धरती से उगने वाले अन्न और बहने वाले पानी पर जीवन यापन करने के बाद भी उसके टुकडे-टुकडे करने का मंसूबा पाल रहे हों वहां पर शान्ति, सुख और समृध्दि की बयार कभी भी जीवनदायिनी वायु नहीं बन सकती। अतीत में कोलकता के रास्ते से गोरों ने विनाश का दूत बनकर प्रवेश किया तो वहीं से सुभाषचन्द्र बोस जैसे स्वाधीनता संग्राम के पुरोधा ने भी स्वाधीनता का शंखनाद किया था। मगर गोरों की चालों ने राष्ट्रनायक सुभाष को गुमनामी के अंधेरे में ढकेलकर अपने चमचों को देश का महान नेता बना दिया था। आजाद हिन्द फौज के रणबांकुरों से भयभीत होकर देश छोडने पर मजबूर हुए गोरों ने जाते-जाते मजहब के नाम पर देश को टुकडों में विभाजित कर दिया था किन्तु आज अनेक राजनैतिक दल हमारे भारत के पुन: टुकडे करने पर तुले हैं। विभाजनकारी, विध्वंशकारी और विनाशकारी सोच को संरक्षण देने वालों को मुंह तोड जबाब दिये बिना राष्ट्र को विकास के रास्ते पर ले जाना असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य है। ऐसे में व्यक्तिगत हितों को त्यागकर राष्ट्र हित के आधार पर ही मतदान करना आवश्यक नहीं बल्कि नितांत आवश्यक है, तभी देश बच सकेगा। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।
डाॅ0 यशवंत कठौच को इस बार पद्म पुरस्कार दिया गया है। भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से इतिहास और पुरातत्व में पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। उनका करियर एक शिक्षक के रूप में शुरू हुआ, और अंत में वह 1995 में राज्य शिक्षा सेवा से प्रिंसिपल के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
1973 में डॉ. कठोच “उत्तराखंड शोध संस्थान” के संस्थापक सदस्यों में से एक थे जो एक राज्य स्तरीय संस्थान है जहां उन्होंने विभिन्न पदों; संस्थान के उपाध्यक्ष और निदेशक और संस्थान के जर्नल उत्तराखंड संस्कृत के संपादक के रूप में कार्य किया। उनके अनुसंधान का प्राथमिक क्षेत्र इतिहास और पुरातत्व, कला और वास्तुकला पर केंद्रित था। 55 वर्षों से अधिक समय से उन्होंने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह उनके व्यापक कार्यों से स्पष्ट है। कुछ उल्लेखनीय हिंदी कृतियों में मध्य हिमालय का पुरातत्त्व, उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद चिह्न, मध्य हिमालय की कला: एक वास्तुशिल्प अध्ययन, गढ़वाल का इतिहास, उत्तराखंड का नवीन इतिहास , ईटी एटकिंसन का हिमालय के जिलों का इतिहास: एक आलोचनात्मक अध्ययन, गढ़वाली के प्रमुख अभिलेख , यशोधरा (इतिहास संस्कृति और पुरातत्व पर निबंध) और भारतवर्षीय ऐतिहासिक स्थलकोश शामिल हैं।
डॉ. कठोच को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा सदस्य के रूप में संस्कृति एवं विरासत पर्यटन समिति, उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड अभिलेखागार की सलाहकार समिति, उत्तराखंड सरकार के सांस्कृतिक विभाग, संस्कृति संवर्धन समिति, उत्तराखंड सरकार, क्षेत्रीय मिशन निगरानी समिति, देहरादून सर्कल, एएसआई, स्मारकों और पुरावशेषों पर राष्ट्रीय मिशन, एएसआई, एसएलआईसी में नामित किया गया था।
डॉ. कठोच को विभिन्न पुरस्कार/ सम्मान प्राप्त हैं, जिनमें हिमालय के इतिहास संस्कृति और पुरातत्व में उत्कृष्ट कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल द्वारा ‘प्रिंसेप पुरस्कार’ (1965) और अखिल गढ़वाल सभा द्वारा सम्मान (2002), उत्तराखंड सरकार द्वारा संस्कृत, साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘वरिष्ठ विभूति सम्मान’ (2006), पहाड़ फाउंडेशन रजत सम्मान (2010), हिंदी भाषा एवं साहित्य में उत्कृष्ट कार्य के लिए हिमालय साहित्य एवं कला परिषद, श्रीनगर द्वारा प्रदान किया गया सम्मान (2021) सम्मिलित हैं।
🚩 *!! श्री अंजनेय स्तुती !!* 🚩
*नमो अंजनेयं नमो दिव्य कायं*
*नमो वायुपुत्रं नमो सुर्य मित्रं !*
*नमो निखिलरक्षाकरं रुद्ररुपं*
*नमो मारुतीं रामदुतं नमामी !!*
*नमो वानरेशं नमो दिव्य भासं*
*नमो वज्रदेहं नमो ब्रम्हतेजं ।*
*नमो शत्रु संहारकं वज्र कायं*
*नमो मारुतीं राम दुतं नमामी ।।१।।* ^
*श्री अंजनेयं नमस्ते*
*प्रसन् अंजनेयं नमस्ते।*
*नमो वानरेंद्रं नमो विश्व पालं*
*नमो विश्व मोदं नमो देवं शुरं ।*
*नमो गगन संचारीतं पवन तनयं*
*नमो मारुतीं राम दुतं नमामी ।।*
*नमो रामदासं नमो भक्त पालं*
*नमो ईश्वरांशं नमो लोक वीरं ।*
*नमो भक्त चिंतामणीं गदा पानीं*
*नमो मारुतीं राम दुतं नमामी ।।२।।* ^
*श्री अंजनेयं नमस्ते*
*प्रसन् अंजनेयं नमस्ते।*
*नमो पापं नाशं नमो सुप्रकाशं*
*नमो वेदं सारं नमो निर्विकारं ।*
*नमो निखिल संपुजीतं देवंश्रेष्ठं*
*नमो मारुतीं राम दुतं नमामी ।।*
*नमो कामरुपं नमो रौद्र रुपं*
*नमो वायु तनयं नमो वानराक्रं ।*
*नमो भक्त वरदायकं आत्मवासं*
*नमो मारुतीं राम दुतं नमामी ।।३।।*
*श्री अंजनेयं नमस्ते*
*प्रसन् अंजनेयं नमस्ते।*
*नमो रम्य नामं नमो भवपुनितं*
*नमो चिरंजीवं नमो विश्वपुज्यं ।*
*नमो शत्रुनाशनकरम धीरं रुपं*
*नमो मारुतीं राम दुतं नमामी ।।*
*नमो देव देवं नमो भक्त रत्नं*
*नमो अभय वरदं नमो पंच वदनं ।*
*नमो शुभद शुभमंगलं अंजनेयं*
*नमो मारुतीं राम दुतं नमामी ।।४।।* ^
*श्री अंजनेयं नमस्ते*
*प्रसन् अंजनेयं नमस्ते।*
🚩 *!! जय श्री हनुमान !!* 🚩