श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बदरीनाथ – केदारनाथ धाम पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मानसून की तैयारियों हेतु किया प्रशिक्षण

*श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बदरीनाथ – केदारनाथ धाम पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया*

• श्री बदरीनाथ- केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं को दुरस्त कर रहा अग्रिम दल

बदरीनाथ धाम/ रूद्रप्रयाग/गोपेश्वर : 25 अप्रैल। श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अजेंद्र अजय के निर्देश पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बीते बुद्धवार को श्री बदरीनाथ धाम पहुंच कर यात्रा व्यवस्धाओं का निरीक्षण किया वहीं विगत सोमवार 22 अप्रैल को मुख्य कार्याधिकारी ने श्री केदारनाथ धाम पहुंच कर यात्रा व्यवस्थाओं तथा श्री मंदिर व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया ज्ञातब्य है कि इसी दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी केदारनाथ धाम में यात्रा तैयारियों का जायजा लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये थे ।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बुद्धवार को मंदिर के सिंहद्वार परिसर, मंदिर समिति गेस्ट हाउसों, दर्शन पंक्ति, तप्तकुंड परिसर, मंदिर मार्ग, बस टर्मिनल स्थित कार्यालय का मौके पर निरीक्षण किया तथा अग्रिम दल को आवश्यक कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिये।

मुख्य कार्याधिकारी बदरीनाथ में शीतकाल में सुरक्षा में तैनात मंदिर समिति स्वयंसेवकों तथा आईटीबीपी, पुलिस के जवानों से भी मिले। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ दोनों धामों में मंदिर समिति के अग्रिम दल यात्रा व्यवस्थाओं को दुरस्त कर रहा है।इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को प्रातः खुल रहे है जबकि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुल रहे है।

मुख्य कार्याधिकारी ने श्री बदरीनाथ धाम में आधारभूत अस्थाई संरचनाओं के निर्माण हेतु भी निर्देश दिये वीआईपी तथा वीवीआईपी दर्शन व्यवस्था हेतु किये गये निर्माण का भी जायजा लिया।
बीकेटीसी मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा मास्टर प्लान के चलते पूर्व प्रस्तावित आवश्यक ढांचागत निर्माण कार्यों को प्रारम्भ किया गया है ताकि दोनों धामों में कपाट खुलने से पहले सभी आवश्यक कार्य सम्पादित हो सकें।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ जानकारी दी कि विगत 13 अप्रैल बैशाखी के शुभ अवसर पर अवर अभियंता गिरीश रावत औ के साथ मंदिर समिति का 20 सदस्यीय अग्रिम दल मंदिर कर्मियो- स्वयंसेवकों तथा मजदूरों सहित श्री बदरीनाथ पहुंच गया था तथा आजकल यात्रा पूर्व तैयारियों मंदिर परिसर की साफ सफाई, रंग-रोगन, बिजली, पानी आवास आदि व्यवस्थाये दुरस्त कर रहा है।

वहीं अवर अभियंता विपिन कुमार सहित बीस सदस्यीय अग्रिम दल श्री केदारनाथ धाम यात्रा व्यवस्थाओं को दुरस्त कर रहा है आज कल अग्रिम दल द्वारा केदारनाथ मंदिर पहुंच मार्ग की मरम्मत, बिजली पानी व्यवस्था सुचारू करने तथा प्रवचन हाल की मरम्मत साफ सफाई एवं कर्मचारियों के आवास हेतु व्यवस्था हेतु कार्य चल रहा है
बदरीनाथ धाम में इस अवसर पर अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, सहायक अभियंता गिरीश देवली सहित अवर अभियंता गिरीश रावत, सुपरवाइजर भागवत मेहता,संजय भंडारी सहित मंदिर समिति के शीतकालीन सुरक्षा में तैनात स्वयंसेवक / मंदिर कर्मी दर्शन कोटवाल, मोहन सिंह राणा, दिलबर रावत, प्रेम भंडारी
आदि भी उपस्थित रहे।

बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तैयारी, बदरीनाथ गाड़ू घड़े के लिए टिहरी राजदरबार में निकाला गया तिलों का तेल इसी तेल से भगवान बद्रीविशाल के अंगों पर लेपन होगा। 

उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट ने ली राज्यसभा की शपथ वे देश के उच्च सदन में जाने वाले जनपद चमोली के पहले व्यक्ति हैं। बता दें कि दो अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली है। उन्होंने राज्यसभा भेजने के लिए एक बार फिर भाजपा शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया और कहा कि भाजपा हमेशा अपने कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का काम करती है उन्होंने कहा कि राज्य सभा में उतराखंड से संबंधित प्रश्नों को उठाऊंगा ✍️हरीश मैखुरी 

*बारिश के सामान्य से अधिक होने का पूर्वानुमान साठ फीसदी, मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने जताई संभावना*

*उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मानसून की तैयारियों को लेकर आयोजित किया प्रशिक्षण शिविर*

देहरादून। मौसम विभाग ने इस वर्ष मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के अनुसार इसकी संभावनाएं साठ फीसदी से अधिक हैं, इसलिए सभी विभागों को इसे ध्यान में रखते हुए अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी सामान्य से अधिक वर्षा होने का पूर्वानुमान है।

गुरुवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, यूएसडीएमए की ओर से मानसून की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में डॉ. बिक्रम सिंह ने कहा कि मौसम विभाग मौसम संबंधी जानकारियों को लेकर लगातार एलर्ट भेजता है। इसका अनुपालन किया जाए तो आपदाओं के प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है तथा जानमाल के नुकसान में भी कमी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा इम्पेक्ट बेस्ड पूर्वानुमान जारी किया जा रहा है, जिससे विभिन्न विभागों को समय रहते अपनी-अपनी तैयारियां करने का पर्याप्त समय मिल जाता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा मौसम की रियल टाइम मॉनीटरिंग भी की जा रही है, जिससे काफी हद तक सटीक पूर्वानुमान लगाना संभव है।

मौसम विशेषज्ञ रोहित थपलियाल ने बताया कि मौसम विभाग की वेबसाइट पर मौसम की पल-पल की जानकारी मौजूद है और विभिन्न प्रसार माध्यमों से इन जानकारियों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही मौसम विभाग एलर्ट जारी करने के साथ ही क्या-क्या एहतियात बरते जाने चाहिए, इसकी भी जानकारी साझा करता है।

उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार ने कहा कि राज्य में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में बरसात के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनीकरण एवं प्रबंधन उपायों में संबंधित विभाग तेजी लाएं। उन्होंने जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक से रिटेनिंग वॉल बनाने तथा तारबाड़ करने, भूस्खलन क्षेत्रों की निगरानी तथा अर्ली वार्निंग जारी करने, रॉक फाल जोन की मैपिंग करने के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रोड पर शेल्टर्स ;एक तरह की सुरंगद्ध बनाना अच्छा विकल्प है। इससे मलबा शेल्टर के ऊपर गिरेगा और शेल्टर के नीचे यातायात सामान्य रूप से चलता रहेगा।

प्रशिक्षण शिविर में यूएसडीएमए के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. विमलेश जोशी तथा मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने आकाशीय बिजली से बचाव के उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ,बिजली गिरने की घटना को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि हर साल काफी संख्या में लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आकर अपनी कीमती जिंदगी गवां देते हैं। उन्होंने बताया कि जब घर के अंदर हों तो बिजली के स्विच से प्लग निकाल दें। तार वाले फोन का प्रयोग कतई नहीं करें। जब बिजली कड़क रही हो, उस समय न तो नहाना चाहिए और न ही बर्तन धोने चाहिए। उन्होंने बताया कि जब घर से बाहर हों तो अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। किसी पेड़ के नीचे खड़े रहना या बिजली अथवा किसी अन्य पोल के सहारे खड़ा रहना खतरनाक हो सकता है। यदि बोटिंग या स्वीमिंग कर रहे हों तो पानी से बाहर आना जरूरी है। उन्होंने बिजली से घायल व्यक्ति को प्रथम सहायता (First Aid) प्रदान करने के उपायों के बारे में भी बताया। यूएसडीएमए के एसईओसी प्रभारी राहुल जुगरान ने मानसून तथा चारधाम यात्रा को लेकर विभाग की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मानसून तथा चारधाम यात्रा को लेकर यूएसडीएमए पूरी तरह से तैयार है। इस दौरान प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास विशेषज्ञ जेसिका टेरोन, आईईसी विशेषज्ञ मनीष भगत के अलावा सभी जिलों के डीडीएमओ, सीएमओ, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, वन, उद्यान, पंचायती राज विभाग, पिटकुल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग आदि विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।