उगाही के विरोध में चमोली के पत्रकारों ने प्रशासन को दिया ज्ञापन

सोशल मीडिया का हो सदुपयोग : सोशल मीडिया ने जिस तरह तेजी से सूचनाओं को आम आदमी तक पहुंचाने का काम किया है। इससे आम आदमी को सरलता से देश – विदेश और प्रदेश के साथ ही स्थानीय खबरें या सूचनाएं आसानी से मिल पा रही हैं। इसका सबसे अधिक लाभ 2020 में कोविड -19 के समय मिला। उस समय घर बैठे लोगों को देश की हर सूचना के साथ ही कोविड गाइड लाइन की जानकारी मिलती रही। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों को थाली बजाने का संदेश भी दूरस्थ गांवों तक सरलता से मिला। और लोगों ने इसका अनुपालन भी किया। आज सोशल मीडिया सूचना का सबसे मजबूत स्तंभ बन गया है। सोशल मीडिया के चलते ही आज अखबारों का आकार भी सिकुड़ने लगा है। जो अखबार पहले 16 से 22 पन्नों तक आते थे वे अब 12 पन्नों में सिमट गए हैं। छोटे अखबार का भी भविष्य संकट में बना हुआ है! इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सूचना तंत्र कितना सशक्त और मजबूत हुआ है। इसका सदुपयोग जहां लाभकारी है, वहीं इसका दुरुप्रयोग दुष्परिणाम का कारण भी बन रहा है।

चमोली जिले में भी कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया का दुरूपयोग किया जा रहा है। जिले में जिस तरह से सोशल मीडिया की आड़ में कुछ लोगों द्वारा उगाही की सूचना आ रही है। जिस पर श्रमजीवी पत्रकार संघ ने संज्ञान लेकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है। यह स्वागत योग्य कदम है। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी भी चाहिए। जिससे ऐसे लोगों को आगे से पत्रकारिता (चौथे स्तंभ) को इस तरह से उपयोग का दुस्साहस करने की हिम्मत न हो।