आज का पंचाग आपका राशि फल, बद्रीविशाल मंदिर न भूतो न भविष्यति, उत्तराखंड विधानसभा सत्र में नहीं उठाये गये प्रदेश के ज्वलंत प्रश्न, हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए शोशल मीडिया पर एक जनवरी को भारत बंद का आह्वान, चीन में भी है अशोक स्तंभ

​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝

                  *श्री हरिहरो* 

                *विजयतेतरामम्

        *🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

        🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*~___________⊰⧱⊱___________~*

 

*शुक्रवार, ०२ दिसम्बर २०२२*

 

सूर्योदय: 🌄 ०६:५६

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२१

चन्द्रोदय: 🌝 १३:५१

चन्द्रास्त: 🌜२६:०९

अयन 🌖 दक्षिणायने 

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 हेमंत

शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)

मास 👉 मार्गशीर्ष

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 दशमी (२९:३९ से 

एकादशी)

नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद 

(२९:४५ से रेवती)

योग👉वज्र(०७:३०से सिद्धि

प्रथम करण👉तैतिल(१७:५३तक

द्वितीय करण👉गर(२९:३९तक)

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 वृश्चिक

चंद्र 🌟 मीन

मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)

बुध🌟धनु(उदित,पूर्व,मार्गी)

गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)

शुक्र 🌟वृश्चिक (अस्त, पूर्व)

शनि🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४५ से १२:२७

अमृत काल 👉 २४:५७ से २६:३३

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २९:४५ से ३०:५७

अमृतसिद्धि योग 👉 २९:४५ से ३०:५७

रवियोग 👉 ०६:५६ से २९:४५

विजय मुहूर्त 👉 १३:५० से १४:३१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१४ से १७:४१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:१६ से १८:३८

निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:३४

राहुकाल 👉 १०:४९ से १२:०६

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १४:४१ से १५:५९

होमाहुति 👉 शनि

दिशा शूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 आकाश

चन्द्रवास 👉 उत्तर

शिववास 👉 सभा में (२९:३९ से क्रीड़ा में)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

☄चौघड़िया विचार☄

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

तिथि विशेष

🗓📆🗓📆

〰️〰️〰️〰️

बुध धनु मे ३०:४७ से उदित १४:५३ से, विवाह मुहूर्त धनु-मीन ल. प्रातः ०८:०७ से दोपहर ०२:५२ गोधुली सायं ०५:१७ से ०६:२६, सिंह कन्या ल. रात्रि १०:५९ से अंतरात्रि ०३:३१ तक, नीव खुदाई एवं गृह आरम्भ+गृहप्रवेश+ व्यवसाय आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:०३ से प्रातः १०:५७ तक आदि।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज २९:४५ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (दू, थ, झ, ञ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (दे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

उदय-लग्न मुहूर्त

वृश्चिक – २९:४५ से ०८:०५

धनु – ०८:०५ से १०:०८

मकर – १०:०८ से ११:५०

कुम्भ – ११:५० से १३:१५

मीन – १३:१५ से १४:३९

मेष – १४:३९ से १६:१३

वृषभ – १६:१३ से १८:०७

मिथुन – १८:०७ से २०:२२

कर्क – २०:२२ से २२:४४

सिंह – २२:४४ से २५:०३

कन्या – २५:०३ से २७:२१

तुला – २७:२१ से २९:४२

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:५६ से ०८:०५

चोर पञ्चक – ०८:०५ से १०:०८

शुभ मुहूर्त – १०:०८ से ११:५०

रोग पञ्चक – ११:५० से १३:१५

शुभ मुहूर्त – १३:१५ से १४:३९

शुभ मुहूर्त – १४:३९ से १६:१३

रोग पञ्चक – १६:१३ से १८:०७

शुभ मुहूर्त – १८:०७ से २०:२२

मृत्यु पञ्चक – २०:२२ से २२:४४

अग्नि पञ्चक – २२:४४ से २५:०३

शुभ मुहूर्त – २५:०३ से २७:२१

रज पञ्चक – २७:२१ से २९:३९

शुभ मुहूर्त – २९:३९ से २९:४२

चोर पञ्चक – २९:४२ से २९:४५

शुभ मुहूर्त – २९:४५ से ३०:५७

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज आपका स्वभाव थोड़े थोड़े अंतराल पर बदलता रहेगा। आज आपको पुरानी किसी गलती के सार्वजनिक होने पर अपमानित होना पड़ेगा भाग्य का साथ आज कम रहेगा घर एवं बाहर मनमानी करने पर बाद में पछताना ना पड़े इससे पहले ही मौज शौक की भावना त्याग स्वभाव में गंभीरता लाये अन्यथा घर के बड़े लोग माफ करने के पक्ष में नही रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर आपका स्वभाव अत्यंत स्वार्थी रहेगा लाभ होने पर ही अन्य लोगो को मान देंगे अन्यथा नही सहकर्मियो से भी छोटी छोटी बातों पर उलझ माहौल खराब करेंगे वर्जित कार्यो से लाभ की संभावना अधिक है रुचि भी ऐसे ही कार्यो में अधिक रहेगी। निकट भविष्य में पिता अथवा पैतृक संसाधनों की देखभाल पर खर्च होने की संभावना है। सर्दी संबंधित समस्या हो सकती है।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आपका आज का दिन शुभ फलदायक रहने वाला है। आज किसी कार्य में विशेष योग्यता होने का फायदा आपको मिलेगा कार्य क्षेत्र पर सम्मान के साथ भाग्य एवं पदोन्नति हो सकती है लेकिन आज आप अपने कार्य के प्रति लापरवाह एवं अन्य के कार्यो में निष्ठां रखेंगे जिससे सम्मान में वृद्धि तो होगी परन्तु आर्थिक हानि भी रहेगी। दोपहर तक बड़े लोगो का नरम व्यवहार रहने से अपनी बात मनवाने में आसानी रहेगी परंतु अवकाश नहीं मिलने से क्रोध बढ़ेगा। मध्यान के बाद स्वास्थ्य नरम रहने से कार्यो की गति धीमी रहेगी फिर भी धन लाभ थोड़ी जोर जबरदस्ती के बाद होता रहेगा। संध्या के समय मनोरंजन के ऊपर खर्च करके मानसिक शान्ति मिलेगी रमणीक स्थलों की यात्रा पर जा सकते है। मायके अथवा ससुराल पक्ष से निकटता का आभास होगा।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन आपको प्रतिकूल परिस्थिति में भी लाभ के अवसर दिलाएगा स्वास्थ्य के हिसाब से भी आज दिन उत्तम रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आपके कार्य प्रणाली से सभी प्रभावित होंगे परन्तु अतिआत्मविश्वास बनते कार्यो में बाधक बन सकता है। नौकरी पेशा जातक कार्य के सिलसिले से यात्रा पर जा सकते है जिसमे सफलता अवश्य मिलेगी। आर्थिक लाभ काफी माथापच्ची के बाद होगा फिर भी उम्मीद से कम और आवश्यकता से अधिक ही होगा। आज आप घर में सुख-सुविधा बढ़ाने पर अधिक जोर देंगे फिर भी अन्य व्यस्तता के चलते पारिवारिक जीवन का आनंद कम ही मिलेगा। व्यर्थ के खर्चो में कमी लाने की आवश्यकता है। लंबी यात्रा थकान भरी लेकिन उत्साहित करेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन मध्यम फलदायी रहेगा। आप धार्मिक क्षेत्र पर निस्वार्थ सेवा देंगे धर्म-कर्म दान-पुण्य की भावना प्रबल रहेगी परन्तु पारिवारिक दृष्टिकोण से आज उदासी ही मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था अधिक रहने से कार्यो में ठीक से मन नहीं लगेगा मध्यान बाद कम समय में अधिक लाभ कमाने के अवसर मिलेंगे हाथ से ना जाने दें। परिवार में भावनात्मकता अधिक रहने से एक दूसरे के विचारों की कद्र करेंगे घर के बुजुर्ग कुछ बातों को छोड़ आपकी प्रशंसा करेंगे। स्त्री पक्ष का स्नेह मिलेगा। प्रेम-प्रसंगों के कारण मन में बेचैनी रहेगी आज इनसे दूर ही रहे। बाकि सब कार्य एवं व्यवहार यथावत चलते रहेंगे। समय निकाल कर पर्यटन की योजना बनाएंगे। पौरिणीक धार्मिक स्थलों की यात्रा हो सकती है। उगाही से भी धन मिल सकता है। 

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। 

मध्यान तक शारीरिक एवं मानसिक रूप से थकान रहेगी। कार्य व्यवसाय में परिस्थिति अनुकूल बनने पर भी कार्यो को सिरे नहीं चढ़ा पाएंगे आँखों के सामने हानि होगी परन्तु नियंत्रण नहीं रहने पर कुछ नहीं कर पाएंगे विचारो की संकीर्णता लाभ में बाधक बनेगी। विपरीत लिंगीय के मोह में फंस कर समय बर्बाद करेंगे। अकस्मात बेमन से यात्रा करनी भी पड़ सकती है। दोपहर बाद परेशानी एवं विविध बाधाओं में कमी आने से राहत मिलेगी सर आने से पहले ही कार्यो को पूर्ण करने में जुट जाएं संध्या तक अधूरे कार्य पूर्ण होने से धन की आवक होने लगेगी। सामाजिक क्षेत्र में ख्याति बढ़ेगी। नौकरी वाले जातक आज आराम के मूड में रहेंगे। संध्या बाद सेहत सामान्य बनेगी मनोरंजन के मूड में रहेंगे पर वाहन चलाते समय सावधानी रखें।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज दिन का आरंभिक एवं अंतिम भाग आनंद दायक रहेगा मध्यान का समय कार्य व्यवसाय में संघर्ष वाला रहेगा फिर भी शांति से व्यतीत हो जाएगा। आज व्यापार क्षेत्र में आये बदलाव से थोड़ी असुविधा होगी लेकिन बाद में लाभ होगा नए अनुबंध मिलेंगे। सरकारी अनुबंध मिलने की सम्भवना भी जगेगी। मध्यान के समय आलस्य अधिक रहने के कारण कार्यो की अनदेखी करेंगे। घर में भी आकस्मिक कोई घटना होने से माहौल गरम हो सकता है परन्तु संध्या तक स्थिति सामान्य हो जायेगी। परिवार में आज एक खर्च पर नियंत्रण करेंगे तो दूसरा खर्च बढ़ेगा। संध्या बाद मनोरंजन के अवसर मिलेंगे परिजनों से स्नेह मिलेगा आपका स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहेगा। वाद-विवाद में सफलता मिलेगी लेकिन आज आस पड़ोसियों से सावधान रहें।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपकी आशाओं से एक दम विपरीत रहने वाला है। झूठ बोलने की आदत के कारण लोगो का विश्वास खो देंगे। आज आपके ऊपर परिवार वाले भी कम ही विश्वास करेंगे। दिन व्यापारियों के लिए भी लाभ की आशाएं हानि में बदलेगा। पूर्व नियोजित कार्यो के अचानक रुकने एवं अनुबंधों के निरस्त होने से मन में नकारात्मकता बढ़ेगी। क्रोध आवेश में आकर किसी का दिल भी दुखायेंगे बाद में ग्लानि होगी। किसी भी क्षेत्र में निवेश करने से पहले अनुभवी व्यक्ति की सलाह जरूर ले। संध्या के समय जुगाड़ से थोड़ा बहुत धन मिलने पर राहत मिलेगी लेकिन व्यसनों पर खर्च बढेगा। गृहस्थ में कलह रहने के कारण घुटन रहेगी बाहर समय बिताना ज्यादा पसंद करेंगे लेकिन आज बाहर का भी लगभग यही हाल रहेगा। 

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज भी परिस्थितियां आपके पक्ष में रहने वाली है। दिन के पूर्वार्ध में दिनचार्य किसी अन्य के कारण प्रभावित होगी अपने कार्यो में विलंब होगा मध्यान बाद कार्य व्यवसाय में पहले लाभ होगा परन्तु बाद में लापरवाही के कारण अव्यवस्था बनेगी जिसे सुधारने में थोड़ा समय लगेगा।व्यस्तता आज भी अधिक रहेगी लेकिन आज खुल कर निर्णय ले सकेंगे। धन लाभ प्रचुर मात्रा में होगा परन्तु व्यर्थ के खर्च रहने से बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे।

आपके विचारों में प्रखरता रहने से मान मिलेगा लेकिन घर से बाहर ही। धार्मिक विषय के गूढ़ रहस्यों में रूचि लेंगे। देवयात्रा के योग भी है। दान-पुण्य करेंगे। सामाजिक रूप से भी आपकी छवि सशक्त बनेगी। घरेलु खर्च भी रहेंगे छूट पुट नोकझोंक होने पर भी आज घर मे ही आनंद आएगा।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आपको क्षमता से अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी मन इच्छित कार्य ना होने से क्रोध आएगा। सरकारी कार्यो में विलम्ब होंगे कार्यो में बार बार व्यवधान आएंगे। झुंझलाहट में किसी से बुरा बर्ताव करने के कारण मान हानि हो सकती है। 

दाम्पत्य जीवन में छोटी सी कलह विकराल रूप ले सकती है। अहम् को त्याग अपनी गलती मान लेने से बड़ी समस्याओं से बच सकते है। मध्यान बाद कि स्थिति इससे विपरीत रहेगी परेशानियों के बाद भी कार्य पर ध्यान लगाए रहेंगे जिससे धन लाभ के प्रयासों में अवश्य सफलता मिलेगी। संध्या के बाद का कुछ समय मौज-शौक की पूर्ति करने में बितायेंगे परन्तु दुर्व्यसनों से बच कर ही रहे अन्यथा धन एवं मान हानि भी हो सकती है। सन्तानो के ऊपर आज विशेष नजर रखें मित्रो के साथ कुछ गड़बड़ कर सकते है।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का आधा दिन शुभ शेष भाग में संघर्ष करना पड़ेगा। प्रातः काल शारीरिक रूप से चुस्त रहेंगे। कार्य क्षेत्र अथवा किसी नजदीकी से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी मन हल्का रहेगा। कार्य क्षेत्र पर कुछ नया करने का मन बनाएंगे। आशा के अनुरूप धन लाभ की सम्भावनाये बनेंगी इंतजार करने के बाद संध्या के आसपास होगा भी। संध्या बाद परिस्थिति विपरीत फल देने लगेंगी। बने बनाये कार्यो में किसी के द्वारा दखल देने से असमंजस की स्थिति बनेगी कार्य को बीच में भी छोड़ना पड़ सकता है निकट भविष्य में धन हानि के योग है इसलिए निवेश से बचें। वाणी का प्रयोग सोच समझ कर करें। परिवार का वातावरण खराब होने पर घर के बुजुर्ग परिजन आपके खिलाफ हो जाएंगे। सेहत संध्या बाद नरम रहेगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन अधिकांश समय आलस्य-प्रमाद रहेगा। कार्यो को भी लापरवाही से करेंगे फिर भी हानि की संभावना आज कम ही है। मध्यान तक काल्पनिक विचार अधिक रहने से वास्तविकता से दूर रहेंगे। उधार धन सम्बंधित व्यवहार के कारण मानसिक चिंता रहेगी जीवन साथी से मामूली बात पर झगड़ा होने की संभावना है। सोच समझ के ही शब्दों का प्रयोग करें। 

मध्यान बाद स्थिति अनुकूल रहेगी अधूरे कार्यो को पूर्ण करने के लिए समय उत्तम रहेगा। पुराने रुके कार्य किसी अनुभवी के सहयोग से पूर्ण होने पर धन लाभ होगा आज धन लाभ आकस्मिक एव खर्च भी आकस्मिक ही रहेगा। पारिवारिक व्यवहारों के कारण भी व्यस्तता अधिक रहेगी मन ना होने पर भी परिजनों के दबाव के चलते घरेलू कार्य के लिये समय देना पड़ेगा आज चोरी जैसी घटना भी हो सकती है सतर्क रहें। लोहे के उपकरणों एवं गहरे जल से सावधान रहें।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन साफ सुथरा रहेगा आपके मन मे सम्मान पाने की लालसा रहेगी लेकिन इसके लिये समझौते करना पसंद नही करेंगे फिर भी जहां धन संबंधित मामले आएंगे वहां अपने स्वभाव में परिवर्तन भी लाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आज आपकी पहचान भद्र इंसान जैसी बनेगी लोगो की परेशानी सुलझाने में अपना काम छोड़ कर लगेंगे जिससे बाद में स्वयं को परेशानी भी होगी। कार्य व्यवसाय से आज भाग दौड़ के बाद माध्यम आय प्राप्त होगी। उधारी के व्यवहार अधिक ना करें अन्यथा बाद में आर्थिक समस्या खड़ी होगी। घर मे शांति रहेगी पिता से थोड़ी बहस हो सकती है। संध्या के समय सम्मान तो भरपूर मिलेगा लेकिन आर्थिक मामलों में आश्वाशन से ही काम चलाना पड़ेगा। सेहत ठीक ही रहेगी।

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*#बद्रीनाथ 🙏🚩

1: बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के साथ ही साथ देश के चार धामों में से भी एक है। इस धाम के बारे में यह कहावत है कि ‘जो जाए बदरी, वो ना आए ओदरी’ यानी जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है उसे पुनः माता के उदर यानी गर्भ में फिर नहीं आना पड़ता है। इसलिए शास्त्रों में बताया गया है कि मनुष्य को जीवन में कम से कम एक बार बद्रीनाथ के दर्शन जरूर करना चाहिए।

2: यहाँ है ब्रदीनाथ के चरण पखरती अलकनंदा। पुराणों में बताया गया है कि बद्रीनाथ में हर युग में बड़ा परिवर्तन। सतयुग तक यहां पर हर व्यक्ति को भगवान विष्णु के साक्षात दर्शन हुआ करते थे। त्रेता में यहां देवताओं और साधुओं को भगवान के साक्षात् दर्शन मिलते थे। द्वापर में जब भगवान श्री कृष्ण रूप में अवतार लेने वाले थे उस समय भगवान ने यह नियम बनाया कि अब से यहां मनुष्यों को उनके विग्रह के दर्शन होंगे। तब से भगवान के उस विग्रह के दर्शन प्राप्त होते हैं।

3: बद्रीनाथ को शास्त्रों और पुराणों में दूसरा बैकुण्ठ कहा जाता है। एक बैकुण्ठ क्षीर सागर है जहां भगवान विष्णु निवास करते हैं और विष्णु का दूसरा निवास बद्रीनाथ है जो धरती पर विराजमान है। बद्रीनाथ के बारे यह भी माना जाता है कि यह कभी भगवान शिव का निवास स्थान था। लेकिन विष्णु भगवान ने इस स्थान को शिवजी से मांग लिया था।

4:चार धाम यात्रा में सबसे पहले गंगोत्री के दर्शन होते हैं यह है गोमुख जहां से मां गंगा की धारा निकलती है। इस यात्रा में सबसे अंत में बद्रीनाथ के दर्शन होते हैं। बद्रीनाथ धाम दो पर्वतों के बीच बसा है। इसे नर नारायण पर्वत कहा जाता है। कहते हैं यहां पर भगवान विष्णु के अंश नर और नारायण ने तपस्या की थी। नर अगले जन्म में अर्जुन और नारायण श्री कृष्ण हुए।

5: बद्रीनाथ की यात्रा में दूसरा पड़ाव यमुनोत्री है। यह है देवी यमुना का मंदिर। यहां के बाद केदारनाथ के दर्शन होते हैं। मान्यता है कि जब केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं उस समय मंदिर एक दीपक जलता रहता है। इस दीपक के दर्शन का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि 6 महीने तक बंद दरवाजे के अंदर इस दीप को देवता जलाए रखते हैं।

6: यहाँ है जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर। इस मंदिर का संबंध बद्रीनाथ से माना जाता है। ऐसी मान्यता है इस मंदिर भगवान नृसिंह की एक भुजा काफी पतली है जिस दिन यह टूट कर गिर जाएगा उस दिन नर नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे और बद्रीनाथ के दर्शन वर्तमान स्थान पर नहीं हो पाएंगे।

7: बद्रीनाथ तीर्थ का नाम बद्रीनाथ कैसे पड़ा यह अपने आप में रोचक कथा है। कहते हैं एक बार देवी लक्ष्मी जब भगवान विष्णु से रुष्ट होकर मायके चली गई, उसके पश्चात् भगवान विष्णु यहां आकर तपस्या करने लगे। जब देवी लक्ष्मीजी का कोप दूर हुआ तो भगवान विष्णु को ढूंढते हुए यहां आई। उस समय यहां बदरी का वन यानी बेड़ फल का जंगल था। बदरी के वन में बैठकर भगवान ने तपस्या की थी इसलिए देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को बद्रीनाथ नाम दिया।

8: यहाँ है सरस्वती नदी के उद्गम पर स्थित सरस्वती मंदिर जो बद्रीनाथ से तीन किलोमीटर की दूरी पर माणा गांव में स्थित है। सरस्वती नदी अपने उद्गम से महज कुछ किलोमीटर बाद ही अलकनंदा में विलीन हो जाती है। कहते हैं कि बद्रीनाथ भी कलियुग के अंत में वर्तमान स्थान से विलीन हो जाएंगे और इनके दर्शन नए स्थान पर होंगे जिसे भविष्य बद्री के नाम से जाना जाता है।

9: यहाँ है बद्रीनाथ का भव्य दृश्य मान्यता है कि बद्रीनाथ में भगवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी। इस घटना का स्मरण दिलाता है वह स्थान जिसे आज ब्रह्म कपाल के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मकपाल एक ऊंची शिला है जहां पितरों का तर्पण श्राद्ध किया जाता है। माना जाता है कि यहां श्राद्घ करने से पितरों को मुक्ति मिल जाती है।

10: बद्रीनाथ के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं जो रावल कहलाते हैं। यह जब तक रावल के पद पर रहते हैं इन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। रावल के लिए स्त्रियों का स्पर्श भी पाप माना जाता है।

#सनातन_ही_श्रेष्ठ_है🙏🚩🚩
जय बद्री विशाल🙏🚩🚩

विधानसभा सत्र का अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होना वास्तव में चिंताजनक है।
इस सत्र में बेरोज़गारी पर कोई महत्वपूर्ण चर्चा नहीं हुई। न उत्तराखंड में जनसंख्या नीति और तेजी से परिवर्तित हो रही डेमोग्राफी के विषय को किसी ने उठाया।

पक्ष विपक्ष बस इस बात के लिए लड़ते रहे कि कब्रिस्तान की चार दिवारी हेतु बजट क्यों नहीं लाया गया, जो मर गये उनके कब्र की चिंता में विपक्ष दुबलाये जा रहा था। लेकिन जीवित लोगों को हिंसक जंगली जानवर निरंतर शिकार बना रहे हैं विपक्ष के प्रश्नों में सम्मिलित था न सरकार के चिंतन में।

उत्तराखंड देश की आध्यात्मिक राजधानी है संस्कृत उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है लेकिन संस्कृत विद्यालयों सीमित संख्या उनके लिए बजट और सुविधाओं का अभाव अत्यंत अल्प मानदेय पर जीवन घिसट रहे कर्मचारियों की दशा पर एक भी प्रश्न नहीं उठाया गया। न उत्तराखंड में बे हिसाब-किताब बढ़ रहे मदरसों पर चर्चा हुई। 

देवभूमि में बढती मीट मांस की दुकानें धार्मिक क्षेत्रों में भी मीट की दुकानें शहर में अनियंत्रित और अवैध रूप से जहां तहाँ मीट के खोखे देवभूमि के शहरों को नर्क बना रहे हैं न विपक्ष के प्रश्नों में न सरकार की चिंता में सम्मिलित था। 

70 दिनों से युवा दिन-रात अपना घरबार छोड़कर नौकरी के लिए धरने पर बैठे रहे, वे मुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रियों से मिले, विधानसभा कूच किया। लेकिन किसी ने सरकार से ये प्रश्न पूछा तक नहीं। बाईस वर्ष के उतराखंड में पहाड़ी जनपदों में एक उद्योग नहीं लगा सीमावर्ती क्षेत्र रोजगार और सुविधाओं के अभाव में निरंतर खाली हो रहे हैं न विपक्ष ने प्रश्न किया। न सरकार की चिंता में था।

गत 8 महीनों में प्रदेश में 139 हत्याएं, 279 महिला अपहरण और 554 बलात्कार के प्रकरण सामने आए।(आंकड़े ग्रह विभाग के हैं) तो कैसे कहैं सरकार अपराधियों पर अंकुश लगाने में सफल हो पाई! उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के शिकंजे के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराधियों व आतंकवादियों ने उत्तराखंड को अपना सुरक्षित ठिकाना समझ लिया है पिछले दिनों एक पूर्व सैन्य अधिकारी की सक्रियता के चलते उतर प्रदेश का एकनामी अपराधी देहरादून शहर के एक पाश क्षेत्र वसंत विहार से धरा गया। हरिद्वार से कुछ बंग्लादेशी कनेक्शन के आतंकवादी धरे गए ये चंद उदाहरण बताते हैं कि उत्तराखण्ड को भी अपराधियों पर एनकाउंटर नीति यथा शीघ्र अपनानी होगी।

सदन में ऐसे कई विषय थे जिनपर सदन की कार्यवाही के पन्ने पलटने पर हंसी आती है कि किस भांति के प्रश्न सदन में पूछे जा रहे हैं! प्रदेश के हित संबंधित ऐसे ज्वलंत और महत्वपूर्ण विषयों पर न विपक्ष ने प्रश्न पूछे न सरकार ने उतर देने का कष्ट किया।✍️हरीश मैखुरी 
breakinguttarakhand.com

हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर शोशल मीडिया पर एक जनवरी को बंद का आह्वान किया गया है जिसमें कुछ इस भांति की अपील की गयी है:-

*हिन्दूओ सनातन धर्म को पहचानिए हमारा धर्म पहले संपूर्ण धरती पर व्याप्त था।* ्

*पहले धरती के सात द्वीप थे- जम्बू, प्लक्ष, शाल्मली, कुश, क्रौंच, शाक एवं पुष्कर। इसमें से जम्बूद्वीप सभी के बीचोबीच स्थित है। राजा प्रियव्रत संपूर्ण धरती के और राजा अग्नीन्ध्र सिर्फ जम्बूद्वीप के राजा थे।*

*जम्बूद्वीप में नौ खंड हैं- इलावृत, भद्राश्व, किंपुरुष, भारत, हरि, केतुमाल, रम्यक, कुरु और हिरण्यमय। इसमें से भारतखंड को भारत वर्ष कहा जाता था। भारतवर्ष के 9 खंड हैं- इसमें इन्द्रद्वीप, कसेरु, ताम्रपर्ण, गभस्तिमान, नागद्वीप, सौम्य, गन्धर्व और वारुण तथा यह समुद्र से घिरा हुआ द्वीप उनमें नौवां है। भारतवर्ष के इतिहास को ही हिन्दू धर्म का इतिहास नहीं समझना चाहिए।*

*ईस्वी सदी की शुरुआत में जब अखंड भारत से अलग दुनिया के अन्य हिस्सों में लोग पढ़ना-लिखना और सभ्य होना सीख रहे थे, तो दूसरी ओर भारत में विक्रमादित्य, पाणीनी, चाणक्य जैसे विद्वान व्याकरण और अर्थशास्त्र की नई इमारत खड़ी कर रहे थे। इसके बाद आर्यभट्ट, वराहमिहिर जैसे विद्वान अंतरिक्ष की खाक छान रहे थे। वसुबंधु, धर्मपाल, सुविष्णु, असंग, धर्मकीर्ति, शांतारक्षिता, नागार्जुन, आर्यदेव, पद्मसंभव जैसे लोग उन विश्वविद्यालय में पढ़ते थे जो सिर्फ भारत में ही थे। तक्षशिला, विक्रमशिला, नालंदा आदि अनेक विश्व विद्यालयों में देश विदेश के लोग पढ़ने आते थे।*

*तो यदि आप हिन्दू हैं तो गर्व कीजिए कि आप एक महान विरासत का हिस्सा हैं, अपने धर्मग्रंथो का अध्ययन कीजिये और उनके ज्ञान से स्वयं को उन्नत और श्रेष्ठ बनाइयेI और यदि आप हिन्दू नहीं भी हैं तब भी हर मनुष्य को स्वयं को अच्छाई की और ले जाने का जन्मजात हक हैI आइये और हिंदुत्व की महान विरासत से, अद्भुत ज्ञान से अपने भारत का निर्माण कीजियेI*

🚩 हिन्दूराष्ट्र का आह्वान भी ऐसे किया गया है🚩

*हिन्दूओं द्वारा पहली बार धर्म की लड़ाई का ध्वज उठाया है पुरी दुनियां की निगाहें 01-01-2023 के भारत बंद की सफलता पर टिकी है हिन्दूओं का एक ही सपना भारत हिन्दूराष्ट्र हो अपना सभी धार्मिक संगठनो द्वारा भारत बंद की घोषणा की है हर सनातन धर्म के भाई बहनो का पूर्ण सहयोग होगा क्या आप भी इस आंदोलन का हिसा बनोगे, तो आप यह मैसेज अपने जान पहचान वाले हर गुरूप में भेजिए, एक दिन का बंद भारत के हिंदूओ का भविष्य तय करेगा*

अब सनातन धर्म संस्कृति के विरूद्ध हो रहे षड्यंत्रों पर रोक और हिंदू राष्ट्र बनने के लिए अनेक मीडिया संस्थानों, शोशल मीडिया, प्रिटिं मिडिया, गैर सरकारी संगठनों व हर सनातनी संगठन ने भारत को हिन्दूराष्ट्र घोषित करवाने के लिए 01-01-2023 को सम्पूर्ण भारत_बंद रखने का आवाह्न किया है*

अशोक स्तंभ आज भी चीन के ज़िक्सियांग और वूशी में विद्यमान है ।
चीन के लोग चक्रवर्ती सम्राट अशोक की महानता और वीरता की कहानियां जानते हैं । चीन में बौद्ध मूर्ति न हो कर अशोक स्तंभ है इससे स्पष्ट है कि सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को नहीं भारतीय संस्कृति को महत्व दिया था।

लेकिन हमारे बच्चे केवल ये ही पढ़ पाए हैं कि चरखा छाप बाबा ही भारत समेत संपूर्ण सृष्टि के रचियेता है!