सड़क जाम कर नमाज पढने से रोका तो पुलिस कर्मी हो गया सस्पेंड–हमें कानून व्यवस्था चाहिए या तुष्टिकरण!

राजधानी दिल्ली के इंद्रलोक इलाके का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी सड़क जाम कर नमाज के बहाने सड़क घेरे लोगों को हटाने का प्रयास कर रहा है। दिल्ली पुलिस का यह पुलिसकर्मी नमाज अदा कर रहे लोगों को हटने को कह रहा है। नहीं मानने पर पैर से ठेंस मारने का वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने कड़ी कार्यवाही करते हुए इस पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया। पुलिस कर्मी के विरोध में कुछ क्षणों में एक समुदाय के लोग हंगामा काटने लगे। इसी से इनकी दंबंगयी का भान होता है। सड़क पर नमाज पढना इनकी किताब के अनुसार भी जायज नहीं है यह बात इनके अनेक मौलवी भी कहते हैं। 

करोड़ों की बस हर वर्ष लाखों का टैक्स देती

जरा सा सड़क पर एक मिनट भी निर्धारित स्थान से टसमस हो जाय तो चालान हो जाता है। 

धूर्त नमाजी जानबूझकर सार्वजनिक रोड़ को बपौती समझ कर घेर देते हैं। ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए सड़क घेरने के लिए मना किया तो सस्पेंसंन की सजा भुगतनी पड़ गयी। 

निलंबन आदेश तुरंत निरस्त हो …!

हमें कानून व्यवस्था चाहिए,

तुष्टिकरण नहीं…!

सड़क पर नमाज के बहाने यातायात बाधित करना अविलंब बंद हो… !

एक निरपराध पुलिसकर्मी की आवाज उठाने में कैसी दिक्कत…❓

सड़के आने-जाने और वाहन चलाने के लिए होती हैं, न कि नमाज इबादत अतिक्रमण आदि के लिए!

पुुलिस अधिकारी मनोज तोमर ने कुछ भी अनुचित नहीं किया है, वो केवल अपने (कर्तव्य) का निर्वाह कर रहे थे। सड़क जाम होने की बात कह कर कई बार नमाजियों को वहां से हटने के लिए कहा गया लेकिन जब वह नहीं माने तब मनोज तोमर को पैर से ठेंसना पड़ा। यदि सम्मान चाहिए तो सड़क घेरने का अपराध मत करो ना। 

पुुलिस अधिकारी मनोज तोमर को सस्पेंड करना सर्वथा अनुचित है। गलती केवल पुलिस कर्मी की नहीं बल्कि उन नमाजियों की थी जो बार-बार कहने के उपरांत भी वहां से नहीं हटे।

यही नहीं सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर सड़क बनाती है और जन्मजात अतिक्रमणकारी सरेआम सड़क पर अतिक्रमण करती है रेड़ी ठेली से सरे आम सड़क घेरते हैं। ऐसे तो कानून व्यवस्था चौपट हो जायेगी। कोई रोड़ से हटायेगा ही नहीं।