कांग्रेस के स्वच्छ छवि के बड़े नेता मनीष खंडूड़ी के भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने के राजनीतिक गुणा भाग

✍️हरीश मैखुरी

दूसरे दलों से बड़े नेता ईमानदार छवि के बड़े नेता भारतीय जनता पार्टी इसलिए अपने दल में सम्मिलित करना चाह रही है कि एक तो इससे भारतीय जनता पार्टी का संगठन बढ़ेगा और दूसरा विपक्ष के अच्छे नेता भारतीय जनता पार्टी में आने से विपक्ष क्षीण होगा और उसको शिकस्त देने में सरलता रहेगी भारतीय जनता पार्टी अपने विरोधियों को भी कम करना चाहती है इसी कारण विरोधी दलों के बहुत सारे नेताओं को भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित करना पार्टी की नीतिगत योजना लग रही है। एक नयी बात अब बाहर से आये बडे़ जनाधार वाले या अधिक फालोअर वाले नेताओं को पार्टी अब पीछे नहीं रखती अपितु सीधे फ्रंटियर बनने का अवसर भी देने लगी है। क्यों कि पुराने कार्यकर्ता हैं लेकिन जनाधार नहीं हो उससे अच्छा है जनाधार या फालोअर वाले नेताओं को अवसर दो, लगता है पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा में संख्या बल का सूत्र समझ लिया है। इसलिए पार्टी ने अब दूसरे दलों के नेताओं के लिए द्वार खोल लिए हैं। 

उत्तराखंड में भी उक्त नीति का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। कांग्रेस के नो विधायक पहले से ही भाजपा में हैं अब कांग्रेस के बड़े नेता और गढ़वाल लोकसभा सीट से संभावित प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। धुंवा उठा था तो लगने लगा था की निश्चित ही कहीं चिंगारी तो होगी ही अटकलें सही सिद्ध हुई और मनीष खंडूड़ी ने शनिवार 9 मार्च को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। देहरादून भाजपा महानगर कार्यालय में भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने मनीष खंडूड़ी को भाजपा की सदस्यता दिलाई। मनीष खंडूड़ी कांग्रेस के पूर्व नेता, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे और उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी के भाई हैं। वरिष्ठ नेता मनीष खंडूड़ी ने शनिवार को कांग्रेस का हाथ छोड़ कर भाजपा का भगवा ओढ़ लिया। भाजपा महानगर कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उपस्थित रहे। इस मध्य प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मनीष खंडूड़ी को भाजपा की सदस्यता दिलाई। 

बता दें कि मनीष खंडूड़ी 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार भी वह कांग्रेस प्रत्याशी माने जा रहे थे, इसलिए कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उन्होंने मनीष से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन हो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि मनीष के पार्टी से जाने के पीछे कोई व्यक्तिगत या पारिवारिक दबाव हो सकता है। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा था कि जब भी कोई बड़ा नेता पार्टी से जाता है तो झटका लगना स्वाभाविक है।
विचारणीय है कि मनीष खंडूड़ी कांग्रेस में काफी सक्रिय नेता के रूप में रहे। लेकिन शुक्रवार को अचानक ही मनीष खंडूड़ी ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी, तभी से राजनीतिक पारखी अनुमान लगा रहे थे कि मनीष खंडूड़ी शीघ्र ही भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। खंडूडी के जाने से कांग्रेस को गहरा आघात लगा है, वे कांग्रेस में स्पष्ट छवि के बड़े नेता थे। मनीष खंडूड़ी के भारतीय जनता पार्टी में जाने से कांग्रेस अवाक रह गयी है। उसे विश्वास नहीं आ रहा कि खंडूडी कांग्रेस को इतनी शीघ्रता से राम राम कह गये।

फिलहाल मनीष खंडूरी के भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने से गढ़वाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावनाएं प्रबल हो गई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी में भी गढ़वाल लोकसभा सीट पर तीरथ सिंह रावत मनीष खंडूरी और अनिल बलूनी का पैनल सामने आ सकता है।