मोदी की नीतियों से पाकिस्तान के बाद अब चीन बनेगा भिखारी भारत मेंलगेंगे तीन और नये सेमीकंडक्टर यूनिट गाड़ी मोबाइल कम्प्यूटर और टीवी के चिपों व कंडक्टरों का करेगा निर्यात

*भारत का चीन की तुलना में बढ़ रहा इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में उत्पाद, ब्रिटेन-अमेरिका में हिस्सेदारी
*भारत आए दिन दुनिया में अपनी एक नई पहचान बना रहा है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात में ब्रिटेन और अमेरिका के बाजारों में चीन के मुकाबले तेजी से अपनी जगह बना रहा है।*

*देश में लगेंगे तीन और नये सेमीकंडक्टर यूनिट, 1.26 लाख करोड़ रुपये का होगा निवेश*
*◆ 100 दिनों में शुरू होगा निर्माण*
*◆ इन यूनिट्स से लगभग 20,000 टेक्नोलॉजी जॉब्स और लगभग 60,000 इनडायरेक्ट जॉब्स मिलेंगी।*

*टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (धोलेरा- गुजरात)*
*◆ निवेश: 91,000 करोड़ रुपये*
*◆ निर्माण क्षमता: सालाना 300 करोड़ चिप*

*टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली (TSAT) असम के मोरीगांव*
*◆ निवेश: 27,000 करोड़ रुपये*
*◆ निर्माण क्षमता: सालाना 1752 करोड़ चिप्स*

*सीजी पावर जापान की रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स (साणंद-गुजरात)*
*◆ निवेश: 7,600 करोड़ रुपये*
*◆ निर्माण क्षमता: सालाना 500 करोड़ चिप्स*

*इन तीनों फैब केंद्रों से कुल 2602 करोड़ चिप्स का निर्माण सालाना होगा जिससे ना सिर्फ घरेलू इलेक्टि्रक वाहन, आटोमोबाइल, घरेलू इलेक्टि्रक उपकरण, दूरसंचार, रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को पर्याप्त मात्रा में, आसानी से व किफायती कीमत पर चिप्स की आपूर्ति होगी बल्कि वैश्विक चिप्स बाजार में भारत की शुरुआत होगी।*

*■ भारत इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात में ब्रिटेन और अमेरिका के बाजारों में चीन के मुकाबले तेजी से अपनी जगह बना रहा है।*
*■ विश्व स्तर निर्माता आपूर्ती सीरीज में विविधता लाने के लिए चीन से बाहर निकल कर भारत समेत एशिया के अन्य देशों की ओर रुख कर रहे हैं।*
*■ भारत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन के प्रमुख वैश्विक केंद्रों के रूप में उभरा है। भारत अब धीरे-धीरे चीन की जगह लेता जा रहा है।*
*■ भारत इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात में चीन के एकाधिकार को चुनौती देता दिखाई दे रहा है। उसका प्रभाव ब्रिटेन और अमेरिका में स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है, जहां हाल के सालों में चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव बढ़े हैं।*
*■ नवंबर 2023 में अमेरिका को भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात चीन के निर्यात के अनुपात में बढ़कर 7.65% हो गया है, जो नवंबर 2021 में मात्र 2.51 फीसदी था। इसी अवधि में, ब्रिटेन में भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात हिस्सेदारी 4.79 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई है।*
*■ साथ ही भारत सरकार हाल के दिनों में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माताओं को देश में आने को आकर्षित करने के लिए कर कटौती, सब्सिडी, आसान भूमि अधिग्रहण और पूंजी सहायता जैसे प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।*
*■ भारत सरकार की इन नीतियों की वजह से हाल के दिनों में दुनिया के अनेक इलेक्ट्रॉनिक दिग्गजों ने भारत की ओर रुख किया है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपना सबसे बड़ा मोबाइल फोन कारखाना भारत में लगाया है।*
*■ भारत का बढ़ता इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पीएम मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बल देता है, जिसका उद्देश्य नौकरी सृजन, निर्यात वृद्धि और आयात कम करके भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्यादा आत्मनिर्भर बनाना है।*

*भारत में हाल के दिनों में जिस तरह का अत्याधुनिक ढांचा विकसित हो रहा है, उसकी मदद से अगले दिनों में दुनिया के सभी देशों को किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात में भारत की भागीदारी बढ़नी तय है।*