आज का पंचाग आपका राशि फल, बृहत्संहिता में शिलाभेदन के रासायनिक विधियाँ (फार्मूले)

प्रतिदिन पंचाग  पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण भी नित्य पंचांग का श्रवण करते थे। पंचांग को नित्य पढ़ने/सुनने से देवताओं की कृपा, कुंडली के ग्रहो के शुभ फल मिलते हैं।🌹🌹🌹🌹
🌻बुधवार, २९ जून २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३१
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१४
चन्द्रोदय: 🌝 
चन्द्रास्त: 🌜१९:५३
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (नल)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 अमावस्या (०८:२१ से प्रतिपदा)
नक्षत्र 👉 आर्द्रा (२२:०९ से पुनर्वसु)
योग 👉 वृद्धि (०८:५१ से ध्रुव)
प्रथम करण 👉 नाग (०८:२१ तक)
द्वितीय करण 👉 किंस्तुघ्न (२१:३६ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 मिथुन
मंगल 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 वृष (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
श🌹🌹🌹🌹🌹
अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️
अमृत काल 👉 १०:५२ से १२:४०
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:३२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:४०
राहुकाल 👉 १२:२० से १४:०६
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:०४ से ०८:४९
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी (०८:२१ तक)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 गौरी के साथ (०८:२१ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
तिथि विशेष
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देवकार्य के लिए आषाढ अमावस्या आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २२:०९ तक जन्मे शिशुओ का नाम
आर्द्रा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (घ, ड़, छ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशु का नाम पूनर्वसु नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (के, को) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:२५ से ०६:४०
कर्क – ०६:४० से ०९:०१
सिंह – ०९:०१ से ११:२०
कन्या – ११:२० से १३:३८
तुला – १३:३८ से १५:५९
वृश्चिक – १५:५९ से १८:१८
धनु – १८:१८ से २०:२२
मकर – २०:२२ से २२:०३
कुम्भ – २२:०३ से २३:२९
मीन – २३:२९ से २४:५२
मेष – २४:५२ से २६:२६
वृषभ – २६:२६ से २८:२१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:१८ से ०६:४०
रोग पञ्चक – ०६:४० से ०८:२१
चोर पञ्चक – ०८:२१ से ०९:०१
शुभ मुहूर्त – ०९:०१ से ११:२०
रोग पञ्चक – ११:२० से १३:३८
शुभ मुहूर्त – १३:३८ से १५:५९
मृत्यु पञ्चक – १५:५९ से १८:१८
अग्नि पञ्चक – १८:१८ से २०:२२
शुभ मुहूर्त – २०:२२ से २२:०३
रज पञ्चक – २२:०३ से २२:०९
शुभ मुहूर्त – २२:०९ से २३:२९
चोर पञ्चक – २३:२९ से २४:५२
रज पञ्चक – २४:५२ से २६:२६
शुभ मुहूर्त – २६:२६ से २८:२१
चोर पञ्चक – २८:२१ से २९:१९
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। आर्थिक रूप से दिन लाभदयक रहने पर भी मन किसी गुप्त चिंता के कारण व्याकुल रहेगा। दिन के आरंभ में किसी स्वयं जन से आनंददायक समाचार मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज लंबे समय तक लाभ देने वाले सौदे हाथ लग सकते है। व्यवसायी वर्ग की मानसिकता जोखिम वाले कार्यो से शीघ्र पैसा बनाने की रहेगी इसमे सफल भी रहेंगे। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। सन्तानो की प्रगति से संतोष होगा। सरकारी कार्यो में धन खर्च होगा लेकिन कुछ लाभ नही मिलेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। मित्र मंडली में खर्च करने पर खुशामद होगी।
रात्रि में किसी से कलह होगी सावधान रहें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज मध्यान तक का समय व्यर्थ की गतिविधियों में खराब करेंगे इसके बाद का समय भी कुछ खास नही रहेगा मन मे धन प्राप्ति की कामना लगी रहेगी लेकिन उचित मार्गदर्शन की कमी के चलते आज सीमित साधनों से ही संतोष करना पड़ेगा। दिन का आरंभिक भाग काल्पनिक दुनिया की सैर में बीतेगा। मन मे बड़ी-बड़ी योजनाए बनायेगे परन्तु इनको साकार करने में फिसड्डी साबित होंगे। महिलाये स्वयं की आवश्यकता से अधिक बड़ाई करने पर हास्य की पात्र बनेंगी लेकिन गृहस्थी के लिए फिर भी उपयोगी ही रहेंगी। कारोबार को लेकर आशाये बहुत रहेंगी परन्तु आकस्मिक निर्णय लेने के समय दुविधा में पड़ेंगे। जोड़ो की समस्या से परेशानी होगी। परिवार के प्रति आज अधिक संवेदनशील रहेंगे। कार्य व्यवसाय से समय निकाल परिजनों के साथ समय बितायेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका ध्यान अपने लक्ष्य से भटकेगा इस कारण महत्त्वपूर्ण कार्य अन्य लोगो के भरोसे छोड़ेंगे जिनके लटकने संभावना अधिक रहेगी। मानसिक रूप से चंचल रहेंगे। काम के समय मनोरंजन आज भारी पड़ सकता है ध्यान दें। आपका ध्यान काम पर कम और सुखोपभोग पर अधिक रहेगा लेकिन कार्य क्षेत्र पर मध्यान बाद स्थिति अनुकूल रहने से धन संबंधित समस्या नही रहेगी। नौकरी वाले लोग अन्य की अपेक्षा अधिक निश्चिन्त रहेंगे। किसी नजदीकी व्यक्ति की जमानत अथवा समझौता भी कराना पड़ेगा जसमे ना चाह कर भी समय एवं धन की बर्बादी होगी। महिलाये घरेलू वस्तुओ की खरीददारी के साथ ही व्यक्तिगत कार्यो पर अधिक खर्च करेंगी। किसी परिजन के नखराले व्यवहार से परेशान भी रहेंगे। घर में मांगलिक कार्यक्रम की रूप रेखा बनेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज भी परिस्थितयां प्रतिकूल रहने वाली है आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा किसी से सहयोग की आकांक्षा आज ना ही रखें स्वयं के बल पर ही थोड़ा बहुत लाभ अर्जित कर सकेंगे। कार्य क्षेत्र अथवा घर मे हानि होने के योग बन रहे है प्रत्येक कार्य देखभाल कर ही करें। व्यापार में निवेश अथवा वस्तुओ पर खर्च आज ना करें। व्यवसायी वर्ग संतोषी वृति अपनाने से ही आज मानसिक रूप से शांत रह सकते है। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। महिलाये अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपके स्वभाव में आडम्बर अधिक रहेगा। सार्वजिक क्षेत्र एवं धार्मिक कार्य भी दिखावे के लिए करेंगे। आध्यात्म में रुचि तो रहेगी लेकिन स्वार्थ सिद्धि तक ही पूजा पाठ करने के बाद भी काम ना होने पर मानसिक तनाव अनुभव करेंगे। घर मे किसी के गलत आचरण के कारण शांति भंग भी होगी। कार्य व्यवसाय पर अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा जिसके परिणाम स्वरूप आशानुकूल लाभ से वंचित रहेंगे फिर भी खर्च चलाने लायक धन मिल जाएगा। महिलाये घरेलू कामो पर कम ही ध्यान देंगी। मध्यान बाद आपका ध्यान परिवार में सुख शान्ति कायम रखने पर रहेगा। घर में सुख के साधनों पर खर्च करेंगे। घूमने-फिरने के अवसर भी मिलेंगे। परिजनों के साथ भविष्य का चिंतन होगा। सेहत में उतार चढ़ाव रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन पिछले दिन की तुलना में बेहतर रहेगा परिश्रम तो आज भी अधिक ही रहेगा लेकिन इसका फल तुरंत मिलने से धर्य बना रहेगा। आज कुछ काम बेमन से भी करने पड़ेंगे लेकिन इसका फल निकट भविष्य में मंत्रियों जैसा सम्मान दिलाएगा। कार्य व्यवसाय में अन्य लोगो की अपेक्षा कम मेहनत से लाभ अर्जित कर लेंगे। महिला वर्ग नई-नई फरमाइशें करके घर का बजट बिगाड़ेंगी। आज पारिवारिक संबंधो को जोड़ कर रखने का प्रयास करें। आज आपकी विवेकी कार्यशैली रहने से आपसी विवादों को बढ़ने नही देंगे पैतृक संपत्ति संबंधित मामलों में जल्दबाजी करने से पहले ध्यान रहे इसके परिणाम आगे गंभीर हो सकते है। सरकारी कार्य लेदेकर करने से बचें। सेहत छोटी मोटी समस्या को छोड़ ठीक रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपकी आवश्यकतायें अधिक रहेंगी लेकिन भाग्य इसकी तुलना में कम साथ देगा। मध्यान तक परिश्रम का उचित फल ना मिलने पर निराशा होगी लेकिन धर्य धारण करें आज की मेहनत कल अवश्य ही उन्नतिकारक रहेगी। कम समय मे अधिक लाभ कमाने के चक्कर मे हाथ आया लाभ भी निकल सकता है प्रलोभन से बच कर रहे। महिला वर्ग आज कोई उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशंशा की पात्र बनेंगी। आर्थिक कारणों से किसी प्रियपात्र से कलह हो सकती है। मध्यान के बाद शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी थोड़ा आराम अवश्य करें। सामाजिक आयोजनों में सम्मिलित होने के कारण घरेलू कार्य अस्त-व्यस्त रहेंगे। बुजुर्ग लोग शारीरिक समस्या से परेशान रहेंगे फिर भी हिम्मत नही हारेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन भी आप स्वयं अथवा किसी परिजन की सेहत को लेकर चिंतित रहेंगे इसके कारण अतिरिक्त खर्च के साथ भागदौड़ भी करनी पड़ेगी। मानसिक बेचैनी आज भी बनी रहेगी। नौकरी पेशा जातको की दिनचर्या आज विशेष संघर्ष वाली रहेगी व्यवसायी वर्ग भी जोड़ तोड़ करके ही थोड़ा बहुत लाभ प्राप्त कर सकेंगे। धन की आमद न्यून रहेगी परन्तु खर्च आवश्यकता से अधिक होने पर आर्थिक स्थिति गड़बड़ायेगी। महिला वर्ग सेहत की अनदेखी करने के कारण बीमारी को बढ़ाएंगी। सम्पति का विवाद बढ़ने से परिवार में तना-तनी हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी उदासीनता छायी रहेगी। लाभ के अवसर मिलते हुए भी हाथ से निकल सकते है। आज हर क्षेत्र पर विवेक एवं संयम का परिचय दें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज मध्यान तक आपको किसी भी कार्य ने ज्यादा परिश्रम नही करना पड़ेगा जिस कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे आगे से सहयोग मिलने लगेगा। आज आपके संपर्क में जो भी आएगा वह कुछ ना कुछ खुशिया ही देकर जाएगा। व्यवहार कुशलता से अपने काम बना लेंगे। आर्थिक रूप से दिन मध्यान तक उलझन बढ़ाएगा इसके बाद धन की आमद होने से स्थिति सुधरेगी। व्यवसायी वर्ग को अनुबंध पाने के लिए खर्च करना पड़ेगा। दोपहर बाद धन संबंधित उलझने कुछ हद तक शांत रहेंगी। घर के बुजुर्ग अथवा महिलाये आज अकारण ही क्रोध कर सकते है जिससे वातावरण कुछ समय के लिए अशान्त बनेगा धैर्य बनाये रखें। सेहत रात्रि में अचानक नरम बनेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपकी आशाओ के विपरीत परिश्रम वाला रहेगा आज आप मेहनत करने के पक्ष में बिल्कुल नही रहेंगे लेकिन कुछ ना कुछ काम लगे रहने से बेमन से मेहनत करनी ही पड़ेगी। आज लापरवाही भी आपमें कुछ अधिक ही रहेगी महत्त्वपूर्ण कार्यो में टालमटोल का नतीजा हानिकर हो सकता है। आर्थिक कार्य मे कुछ ना कुछ व्यवधान अवश्य आएंगे परन्तु धैर्य ना त्यागे कर्म करते रहे संध्या बाद परिणाम आशा से अधिक अनुकूल मिलेंगे। व्यवसायी वर्ग छोटे निवेश से बड़ा लाभ कमाने में सफल होंगे लेकिन विलम्ब से डरे नही। घरेलू खर्चो में भी आज वृद्धि होगी फिर भी तालमेल बना रहेगा। महिलाये कुछ अनैतिक मांग पूरी करने पर घर का वातावरण कुछ समय के लिए अशांत बनाएंगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज भी दिनभर परिस्थितियां आपके अनुकूल बनी रहेंगी। आज कुछ भ्रामक खबरे सुनने को मिलेंगी इनपर ध्यान ना दें अन्यथा समय नष्ट होगा। दिन का आरम्भिक भाग लेट लतीफी के कारण खराब होगा परन्तु मध्यान से संध्या तक सभी कार्य सहज रूप से चलते रहेंगे। घर एवं बाहर सर्वत्र आपके कार्य की प्रशंसा होगी। व्यवसायी वर्ग आज मनोवांछित लाभ पाने से उत्साहित रहेंगे लेकिन नौकरी वाले लोग जल्दबाजी में गलती कर सकते है। आपका हितैशी व्यवहार अन्य सभी से निकटता बढ़ाएगा लोग आपको अपने मन की बात निसंकोच होकर बताएंगे। आर्थिक लाभ पूर्वनियोजित के साथ ही अकस्मात भी होगा। महिलाओं की भावनाएं आज पल-पल में बदलेंगी जिससे सही निर्णय लेने में दिक्कत आएगी। बड़े लोगो से स्वार्थ सिद्धि पूर्ण कर लेंगे। मौसमी बीमारियां अकस्मात लगेंगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी कलहकारी रहेगा। परिजन अथवा किसी प्रियपात्र के लिए मन मे ईर्ष्या के भाव पनपेंगे। आपका गरम स्वभाव भी आग में घी का काम करेगा किसी की हास्य भरी बातो को गंभीर लेने पर विवाद हो सकता है। आज धर्य का परिचय दें। आपकी मामूली गलती का पारिवारिक प्रतिष्ठा पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। परिजनों की असंतोषी प्रवृति के कारण घरेलू वातावरण आज लगभग अशांत ही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर मंदी के बाद भी जरूरत के अनुसार लाभ अवश्य हो जायेगा। किसी भी महत्त्वपूर्ण निर्णय को लेने से पहले एक बार लाभ हानि की समीक्षा अवश्य करें।महिलाये व्यवहार संयमित रखें मान हानि की संभावना है। आडम्बर के ऊपर खर्च होगा।
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भारत की जल संस्कृति-21

“बृहत्संहिता में शिलाभेदन के रासायनिक फार्मूले”

लेखक:-डॉ. मोहन चंद तिवारी
हम जब प्राचीन काल की गुफाओं अजन्ता, ऐलोरा,मंदिरों,कुओं और विशाल जलाशयों आदि को देखते हैं तो आश्चर्य होता है कि आखिर कैसे इन विशाल गुफाओं की भूमिगत विशाल शिलाओं को खंड-खंड करके इतनी सुंदरता के साथ इनका निर्माण किया गया होगा? केवल छैनीं, कुदाल और हथौड़ों के उपकरणों से तो इनका निर्माण सम्भव नहीं लगता है. इसी सन्दर्भ में जब अपने प्राचीन ग्रन्थों में विवेचित भारत की रासायनिक विधियों का अन्वेषण करते हैं तो वराहमिहिर की बृहत्संहिता उनमें से रासायनिक शिलाविज्ञान का मुख्य ग्रन्थ सिद्ध होता है.

बृहत्संहिता में जल वैज्ञानिक आचार्य वराहमिहिर द्वारा अनेक ऐसे उपाय और विधियां बताई गई हैं,जिनसे जलाशय या कूप उत्खनन के समय में हो रही कठिनाइयों और कठोर तथा न टूटने वाले विशाल चट्टानों को पर्यावरण सम्मत रासायनिक तरीकों से बहुत आसानी से तोड़ा या फोड़ा जा सकता है. इस सम्बंध में वराहमिहिर ने भूमिगत कठोर शिलाओं और चट्टानों को तोड़ने और फोड़ने के अनेक रासायनिक फार्मूले बताए हैं,जो प्राचीन काल के कुओं और जलाशयों के उत्खनन में बहुत उपयोगी रहे थे. वराहमिहिर द्वारा बताए गए ये रासायनिक नुस्खे या फार्मूले इस प्रकार हैं-
1. कूप आदि खोदने के समय यदि कोई पत्थर की चट्टान निकले और वह फूटे नहीं तो उस पर ढाक और तेंदु की लकड़ी जलाकर उसे लाल करके ऊपर चूने की कली मिला पानी छिड़कने से वह चट्टान टूट जाती है –

“भेदं यदा नैति शिला तदानीं
पलाशकाष्ठैः सह तिन्दुकानाम्.
प्रज्वालयित्वाअनलं अग्निवर्णा
सुधाम्बुसिक्ता प्रविदारं एति..”
-बृहत्संहिता,54.112

2. मरुवा पेड़ की भस्म मिलाकर पानी उबालकर उसमें शरका खार मिला कर फिर अग्नि से तपाई शिला के ऊपर वह पानी सात बार छिड़कने से वह चट्टान टूट जाती है-औःॅप्रप्रधप्रःनॅनॅट्रट्रनॅट्रितोयं श्रृतं मोक्षकभस्मना

वा यत्सप्तकृत्वःपरिषेचनं तत्.
कार्य शरक्षारयुतं शिलायाः
प्रस्फोटनं वह्निवितापितायाः..”
-बृहत्संहिता,54.113

3. छाछ,कांजी,सुरा (मद्य) और कुलथी, इन सबों को मिलाकर एक बर्तन में सात रात तक रख देना चाहिए. उसके बाद में अग्नि से तपाई हुईं शिला पर उस मिश्रण को बार-बार छिड़कने से शिला टूट जाती है-

“तक्रकाञ्जिकसुराः सकुलत्था
योजितानि बदराणि च तस्मिन्.
सप्तरात्रं उषितान्यभितप्तां
दारयन्ति हि शिलां परिषेकैः..”
-बृहत्संहिता,54.114

4. नींबू का पत्ता,छाल, तलसरा,अपामार्ग, तिन्दुक की लकड़ी,गुडुची आदि इन तमाम वस्तुओं को गोमूत्र में रखकर क्षार बनावें तत्पश्चात् कुएं के नीचे आने वाली भूमिगत शिला को सुलगा कर लाल कर दें,एवं उस क्षार का छींटा छह बार मारें, तो वज्र जैसी कठोर शिला भी टूट जाती है-

“नैम्बं पत्रं त्वक्च नालं तिलानां
सापामार्गं तिन्दुकं स्याद् गुडूची.
गोमूत्रेण स्तनावितः क्षार एषां
षट्कृत्वोऽतस्तापितो भिद्यतेऽश्मा॥”
-बृहत्संहिता,54.115

इस सम्बंध में बताना चाहुंगा कि आधुनिक काल में भूमिगत उत्खनन के लिए बारूदी सुरंगों या डायनामाइट का जो प्रयोग किया जाता है,वह तरीका न केवल पर्यावरण विज्ञान के विरुद्ध है बल्कि ऐसा करने से भूमिगत जल नाड़ियों का प्राकृतिक जलविज्ञान भी छिन्न भिन्न हो जाता है और भूमिगत ‘एक्वीफर्स’ यानी चट्टानों के जलसरोवरों में प्राकृतिक जल रिसाव की प्रक्रिया हमेशा के लिए अवरुद्ध हो जाती है.

आधुनिक जेसीबी मशीनों द्वारा तोड़े गए असगोली पहाड़ की ग्राउंड रिपोर्ट
पहाड़ की चट्टानों को प्राचीन रासायनिक तकनीकों से तोड़े जाने के सन्दर्भ में जब हम वर्त्तमान काल में चट्टानों को तोड़ने की तकनीकों की तुलना प्राचीन काल की बृहत्संहिता में प्रतिपादित शिलाभेदन की रासायनिक विधियों से करते हैं, तो भूविज्ञान और जलविज्ञान से सम्बद्ध वर्त्तमानकालीन अनेक प्रकार की पर्यावरण सम्बन्धी विकृतियां भी सामने आने लगती हैं,जिनके कारण आज खासकर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भूमिगत जल के नष्ट होने की गतिविधियां बढ़ी हैं.
इस सन्दर्भ में बताना चाहूंगा कि नौला फाउंडेशन’ के द्वारा उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के परंपरागत जलस्रोतों- नौलौं, धारों को संरक्षित,संवर्धित करने के अभियान के तहत 11-12 अगस्त, 2019 को द्वाराहाट स्थित असगोली क्षेत्र में एक द्विदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था.पिछले साल आयोजित इसी जलवैज्ञानिक कार्यशाला के दौरान मेरे द्वारा किए गए चट्टानों के सर्वेक्षण और निरीक्षण से यह बात सामने आई कि असगोली क्षेत्र किसी समय अपने प्राकृतिक जलस्रोतों की दृष्टि से काफी सम्पन्न और जलबहुल जलागम क्षेत्र रहा था.

किंतु जब से यहां सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान सड़क निर्माता ठेकेदारों द्वारा जेसीबी मशीनों द्वारा बेरहमी और गैर जिम्मेदाराना ढंग से पहाड़ों के जलवाहक चट्टानों को काटा और तोड़ा फोड़ा गया उससे उत्पन्न भूवैज्ञानिक विकृतियों के परिणाम स्वरूप यहां सदियों से प्राकृतिक रूप से विद्यमान चट्टानों के जल सरोवर (एक्वीफर्स), अनेक प्रकार के सदाबहार जलस्रोत और एक बहुत बड़े गांव को पेयजल की आपूर्ति करने वाले नौले, धारे, खाल, ताल आदि परम्परागत जलस्रोत सूखते गए. मैंने वहां अनेक वरिष्ठ नागरिकों से यह जानकारी प्राप्त की और स्वयं जाकर मोटरमार्ग पर तराशी गई उन जल चट्टानों की निशानदेही और वीडियो रिकार्डिंग भी की,
इसी सन्दर्भ में ग्राम के पूर्वप्रधान बालम सिंह अधिकारी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर यह बात भी संज्ञान में आई कि जहां सड़क बनने के आठ दस साल पहले तक गांव के नौलों और खालों में भारी मात्रा में पानी का स्रोत फूटता था वहां अब सड़क निर्माण के दौरान जल शिलाओं को नष्ट-भ्रष्ट कर दिए जाने के कारण भूमिगत जलस्रोत सूख चुके हैं और इस पहाड़ के नीचे जितने भी सदियों पुराने नौले,धारे,खाल तालाब थे वे सब भी आज जलविहीन हो चुके हैं.ऐसा ही हाल छतीना खाल और मैनोली ग्राम के गणेश नौलों के साथ भी हुआ. वहां भी सड़क के चौड़ीकरण के बाद कत्यूरी काल से चले आ रहे गणेश के नौले सहित बहुत से नौले लुप्त हो चुके हैं,जिन्हें अब पुनर्जीवित करना बहुत कठिन है.

द्वाराहाट में पधारे जल वैज्ञानिक और भूगर्भ विशेषज्ञों ने असगोली ग्राम की इस ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर भौगोलिक और पर्यावरण वैज्ञानिक पृष्ठभूमि में विचार विमर्श करते हुए यह निष्कर्ष भी निकाला है कि उत्तराखंड जैसी पर्वतीय पारिस्थितिकी में इन पर्वतीय जल शिलाओं की जलस्रोतों के संरक्षण में महती भूमिका रहती है और इन जल शिलाओं से जुड़ी जल नाड़ियों के अंतर्जाल को जेसीबी आदि भारी भरकम मशीनों से यदि ध्वस्त कर दिया जाता है तो वहां के पार्श्ववर्ती और बहुत दूर दूर तक के नदी,नौलों के जलस्रोत भी धीरे धीरे सूखने लगते हैं.
हालांकि नौला संरक्षण अभियान के तहत द्वाराहाट क्षेत्र के असगोली,मैनोली और छतीनाखाल के ग्रामवासियों द्वारा वहां लुप्त होते जलाशयों को पुनर्जीवित करने और बचे-खुचे नौलों के संरक्षण का जो अभियान चलाया जा रहा है, वह सराहनीय है और जागरूकता की दृष्टि से भी आज बहुत जरूरी है. पर आज जल संरक्षण के प्रति जन सामान्य का सबसे बड़ा सामाजिक दायित्व यह है कि वे अपने क्षेत्र के भूमिगत जलसरोवरों की हत्या करने वाले सड़क बनाने वाले ठेकेदार माफियों से बचाए रखें.
पहाड़ के जलस्रोतों की रक्षा के लिए क्षेत्रवासियों और सरकारी पीडब्ल्यूडी को इस ओर विशेष सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान ठेकेदारों द्वारा पहाड़ों को तोड़ने के लिए जेसीबी मशीनों का प्रयोग बिल्कुल न किया जाए और हल्के तथा लघु उपकरणों द्वारा ही पहाड़ों का कटान किया जाए ताकि वहां परंपरागत जलशिराओं और ‘एक्वीफर्स’ में बहने वाले जलस्रोतों को हानि न पहुंचे.

सरकार के द्वारा ठेकेदारों को यह गाइड लाइन भी दी जानी चाहिए कि सड़क निर्माण करते हुए वे इन पहाड़ों को तोड़ने के लिए बारूदी डायनामाईट का प्रयोग कदापि न करें, ताकि जल चट्टानों के भीतर प्रकृति द्वारा मानव कल्याण हेतु संरक्षित जलनाडियों की रक्षा सुरक्षा हो सके और हमारे सूखते तथा लुप्त होते जलस्रोत भावी पीढ़ी के लिए भी संरक्षित और जीवित रह सकें. सरकार द्वारा ठेकेदारों को यह जरूरी दिशा निर्देश भी दिया जाना चाहिए कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान उसका मलवा नदियों और पार्श्ववर्ती गाड़-गधेरों में नहीं डाला जाए ताकि नदियों और चट्टानों के मध्य जो जलरिसाव की प्रक्रिया होती है,वह अवरुद्ध न हो.
अंत में कहना चाहूंगा कि नौलों, गाड़ गधेरों को पुनर्जीवित करने से भी बड़ा अभियान है अन्ध विकासवादी आसुरी योजनाओं से अपने प्राकृतिक जल स्रोतों की रक्षा करना, विकासवाद के नाम पर इन जलस्रोतों की जो बेरहमी से हत्या हो रही है,उसके विरुद्ध पर्यावरणविदों और जल संरक्षण से जुड़े संगठनों को आवाज उठानी चाहिए.हमें जलवैज्ञानिक वराहमिहिर की जल संरक्षण की योजनाओं पर अमल करने की बहुत जरूरत है.वरना तो अन्ध विकासवादी योजनाओं और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हिमालय के पारम्परिक जलस्रोतों का लुप्तीकरण होता रहेगा.
अगले लेख में पढ़िए- “बृहत्संहिता में नौला,वापी कूप निर्माण की पारम्परिक विधियां”
✍🏻डॉ मोहन चंद तिवारी, हिमान्तर में प्रकाशित लेख
(लेखक दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से एसोसिएट प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हैं. एवं विभिन्न पुरस्कार व सम्मानों से सम्मानित हैं. जिनमें 1994 में ‘संस्कृत शिक्षक पुरस्कार’, 1986 में ‘विद्या रत्न सम्मान’ और 1989 में उपराष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा द्वारा ‘आचार्यरत्न देशभूषण सम्मान’ से अलंकृत. साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए हैं और देश के तमाम पत्र—पत्रिकाओं में दर्जनों लेख प्रकाशित.)