आज का पंचाग आपका राशि फल, हमारे धर्म शास्त्र इसी लोक में हमें दुःख, चिंता, भय, क्रोध, ईर्ष्या और अभिमान से मुक्त करते हैं, क्यों पड़ी पाठ्यक्रम परिवर्तन की आवश्यकता

गीता, रामायण और महाभारत केवल परलोक सुधारने के लिए ही नहीं हैं; अपितु ये सद्ग्रन्थ इस जीवन में ही धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करते हैं और दुःख, चिंता, भय, क्रोध, ईर्ष्या और अभिमान से मुक्त करते हैं।

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹

      *श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७८ || शक-सम्वत् १९४३ || सौम्यायन् || नल नाम संवत्सर || वसन्त ऋतु || चैत्र शुक्लपक्ष || तिथि द्वितीया मध्याह्न १२:३९ तक उपरान्त तृतीया || संवत्सर प्रतिपदा || भानुवासर || चैत्र सौर २१ प्रविष्ठ || तदनुसार ०२ अप्रैल २०२२ ई० || नक्षत्र अश्विनी मध्याह्न १२:३५ तक उपरान्त भरणी (यम) || मेषस्थ चन्द्रमा ||*

        💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

मोदी क्यों बदल रहे है पुस्तकों का इतिहास….

एक फिजिक्स के प्रोफेसर ने कक्षा 6 से 12 NCERT की हिस्ट्री बुक्स के अध्ययन का निश्चय किया और उसने पाया कि लगभग 110 बातें ऐसी हैं जो संदिग्ध हैं…

NCERT की Book में लिखा है कि दो सुल्तान, कुतुबुद्दीन ऐबक और इल्लतुतमिश ने वो मीनार बनवाया था, जिसे आज कुतुबमीनार कहा जाता है।
इस पर प्रोफेसर साहब ने RTI लगाया कि NCERT ने इस तथ्य को कहाँ से सत्यापित किया है? सत्यापित करने वाले लोग कौन थे?

इस पर NCERT की तरफ से उत्तर आया है कि…

1. विभाग के पास कोई सत्यापित प्रति उपलब्ध नही है।
2. इस पुस्तक को प्रोफेसर मृणाल मीरी ने मंजूर किया था, जो राष्ट्रीय निगरानी समिति के हेड थे।

मृणाल मीरी शिलांग का एक ईसाई है जिसे काँग्रेस ने 12 सालों तक राज्यसभा में नॉमिनेट किया था। काँग्रेस राज के दौरान यह कई मलाईदार पदों पर था और कम्युनिस्ट चर्च के गठजोड़ से इसने भारतीय इतिहास में कई झूठे तथ्य जोड़ें जो आज भी बच्चों को पढ़ाए जाते है जिसका कोई सुबूत किसी के पास नहीं है।

जैसे कक्षा 6, सामाजिक विज्ञान के पृष्ठ 46 पर ऋग्वेद के आधार पर भारत के बारे में लिखा है कि “आर्यों द्वारा कुछ लड़ाइयाँ मवेशी और जलस्रोतों की प्राप्ति के लिए लड़ी जाती थी। कुछ लड़ाइयाँ मनुष्यों को बंदी बनाकर बेचने खरीदने के लिए भी लड़ी जाती थी।”

स्पष्ट है कि किताब लिखने वाला यह साबित करना चाहता है कि भारत में भी गुलाम प्रथा थी और मनुष्यों को खरीदने बेचने की जो बातें बाइबल और कुरान में हैं वे कोई नई नहीं हैं, बल्कि वैसा ही अमानवीय व्यवहार भारत में भी होता था।

ऐसे ही वे आगे लिखते हैं “युद्ध में जीते गये धन का एक बड़ा हिस्सा सरदार और पुरोहित रख लेते थे, शेष जनता में बाँट दिया जाता था।” यहाँ भी मुहम्मद के गजवों को जस्टिफाई करने की भूमिका बनाई गई है।

आगे एक जगह लिखा है “पुरोहित यज्ञ करते थे और अग्नि में घी अन्न के साथ कभी कभी जानवरों की भी आहुति दी जाती थी।”

आगे पृष्ठ 60 पर लिखा है “खेती की कमरतोड़ मेहनत के लिए दास और दासी को उपयोग में लाया जाता था।”

तब उस प्रोफेसर ने पहले तो स्वयं अध्ययन किया, मेगस्थनीज की इंडिका आदि के आधार पर यह सिद्ध हुआ कि ये सब मनगढ़ंत लिखा जा रहा है, तब उन्होंने NCERT में RTI डाली कि इन बातों का आधार क्या है?
आप हिस्ट्री लिख रहे हैं, रेफरेंस कहाँ हैं? ऋग्वेद की सम्बंधित ऋचाएं, अनुवाद बताया जाए और यदि नहीं है तो खंडन या सुधार किया जाए।

जानकर आश्चर्य होगा कि NCERT ने सभी 110 प्रश्नों का एक ही जवाब दिया कि हमारे पास इसका कोई प्रूफ नहीं है। इसके अलावा जवाब टालने और लटकाने का रवैया रखा। कई वर्ष ऐसे ही बीत गए। हारकर वे पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गये कि NCERT हमें इनका जवाब नहीं दे रही।

कोर्ट ने पिटीशन स्वीकार कर लिया और NCERT को जवाब देने के लिए कहा। तब NCERT ने कहा कि हमारी सभी पुस्तकों का लेखन जेएनयू के हिस्ट्री के प्रोफेसर ने किया है और हमने उन्हें जवाब के लिए कह दिया है। लगभग एक वर्ष बाद जेएनयू के लेखकों ने जवाब दिया कि हमने इन बातों के लिए ऋग्वेद के अनुवाद का सहारा लिया है।

ऋग्वेद में इंद्र को एक योद्धा बताया गया है और उसमें आये नरजित शब्द से यह साबित होता है कि वे लूटपाट करते थे और मनुष्यों को गुलाम बनाते थे।

इस पर इस प्रोफेसर ने संस्कृत के जानकारों को वे मंत्र बताए कि क्या इनका यही अर्थ होता है जो जेएनयू के प्रोफेसर ने किया है…

संस्कृत के विद्वानों ने एक स्वर में कहा कि जेएनयू वालों का अर्थ मनमाना, कहीं कहीं तो मूल कथ्य से बिल्कुल उलटा है। इस पर कोर्ट ने इन्हें पूछा कि क्या आप संस्कृत जानते हैं? आपने यह अनुवाद कहाँ से उठाया?

तो जेएनयू के कथित इतिहासकारों ने कहा कि वे संस्कृत का स भी नहीं जानते, उन्होंने एक बहुत पुराने अंग्रेज लेखक के ऋग्वेद के अनुवाद का इस्तेमाल किया है।

कोर्ट:- “और, जो आपने लिखा है कि लूट के माल को ब्राह्मण आदि आपस में बाँट लेते थे, उसका आधार क्या है?”
जेएनयू:- “चूंकि ऋग्वेद में अग्नि का वर्णन है और अग्नि को पुरोहित कहा गया है तो इसका अर्थ यही है कि जो जो अग्नि को समर्पित किया जा रहा है मतलब पुरोहित आपस में बाँट रहे हैं।”

अब जेएनयू के इतिहासकारों और NCERT के इन तर्कों पर माथा पीटने के सिवाय कोई चारा नहीं है और वे शायद यही चाहते हैं कि हम माथा पीटते रहें…

NCERT आगे कक्षा 11 की हिस्ट्री में लिखती हैं “गुलामी प्रथा यूरोप की एक सच्चाई थी और ईसा की चतुर्थ शताब्दी में जबकि रोमन साम्राज्य का राजधर्म भी ईसाई था, गुलामों के सुधार पर कुछ खास नहीं कर सका।”

यहाँ NCERT के लिखने के तरीके से छात्र यह समझते होंगे कि ईसाई धर्म गुलामी के खिलाफ है। जबकि सच्चाई यह है कि एक चौथाई बाइबल इन्हीं बातों से भरी हुई है कि गुलाम कैसे बनाने, उनके साथ कितना यौन व्यवहार करना, उन्हें कब कब मार सकते हैं, वगैरह वगैरह।

सच्चाई यह है कि NCERT के 2006 के पाठ्यक्रम का एक मात्र उद्देश्य था हिन्दू धर्म को जबरदस्ती बदनाम करना, यानि जो नहीं है उसे भी हिंदुओं से जोड़कर प्रस्तुत करना और ईसाइयों की बुराइयों पर पर्दा डालकर भारत में उसके प्रचार के अनुकूल वातावरण बनाना।

सोनिया गाँधी की तत्कालीन मंडली ने पूरी साजिश कर उक्त पाठ्यक्रम की रचना की थी और आज विगत 16 वर्ष से वही पुस्तकें चल रही हैं, एक अक्षर तक नहीं बदला गया। और हाँ, उन प्रोफेसर का नाम आदरणीय नीरज अत्रि (Neeraj Atri) है, जिन्होंने कोर्ट में यह पिटीशन डाली थी, वे यूट्यूब पर हैं। उनके शिक्षा पर अनेक लिंक भी हैं नव वर्ष पर उनका लिंक https://youtu.be/hkBxbsc6C7E

#साभार 🙏

*दिनांक:-03/04/2022, रविवार*

द्वितीया, शुक्ल पक्ष

चैत्र

“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

 

तिथि———- द्वितीया 12:37: 46 तक

पक्ष————————- शुक्ल

नक्षत्र——— अश्विनी 12:35:54

योग———— वैधृति 07:50:30

करण———- कौलव 12:37:45

करण———– तैतुल 25:11:40

वार———————— रविवार

माह————————— चैत्र

चन्द्र राशि———————-मेष

सूर्य राशि———————-मीन

रितु————————- वसंत

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर———————- नल

संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस

विक्रम संवत—————- 2079 

विक्रम संवत (कर्तक)——— 2078

शाका संवत—————–1944

सूर्योदय————— 06:08:59 

सूर्यास्त————— 18:36:20

दिन काल————- 12:27:20 

रात्री काल————–11:31:33

चंद्रोदय—————-07:21:13 

चंद्रास्त—————- 20:40:34

 

लग्न—– मीन 19°5′ , 349°5′

 

सूर्य नक्षत्र—————— रेवती 

चन्द्र नक्षत्र————— अश्विनी

नक्षत्र पाया——————स्वर्ण

 

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

 

चो—- अश्विनी 06:13:31

 

ला—- अश्विनी 12:35:54

 

ली—- भरणी 19:00:29

 

लू—- भरणी 25:27:16

 

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

 

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

==========================

सूर्य=मीन 19:12 ‘उ o भा o , 1 दे

चन्द्र =मेष 09°23, अश्विनी , 3 चो   

बुध = मीन 19 ° 07′ रेवती ‘ 1 दे

शुक्र=मकर 03°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु

मंगल=मकर 26°30 ‘ धनिष्ठा’ 2 गी

गुरु=कुम्भ 27°30 ‘ पू o भा o, 3 दा

शनि=मकर 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी

राहू=(व)वृषभ 00°30′ कृतिका , 2 ई

केतु=(व)वृश्चिक 00°30 विशाखा , 4 तो

 

*🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩*

 

राहू काल 17:03 – 18:36 अशुभ

यम घंटा 12:23 – 13:56 अशुभ

गुली काल 15:30 – 17:03 अशुभ

अभिजित 11:58 -12:48 शुभ

दूर मुहूर्त 16:57 – 17:47 अशुभ

 

🚩गंड मूल 06:09 – 12:36 अशुभ

 

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 06:09 – 07:42 अशुभ

चर 07:42 – 09:16 शुभ

लाभ 09:16 – 10:49 शुभ

अमृत 10:49 – 12:23 शुभ

काल 12:23 – 13:56 अशुभ

शुभ 13:56 – 15:30 शुभ

रोग 15:30 – 17:03 अशुभ

उद्वेग 17:03 – 18:36 अशुभ

 

🚩चोघडिया, रात

शुभ 18:36 – 20:03 शुभ

अमृत 20:03 – 21:29 शुभ

चर 21:29 – 22:56 शुभ

रोग 22:56 – 24:22* अशुभ

काल 24:22* – 25:49* अशुभ

लाभ 25:49* – 27:15* शुभ

उद्वेग 27:15* – 28:41* अशुभ

शुभ 28:41* – 30:08* शुभ

 

💮होरा, दिन

सूर्य 06:09 – 07:11

शुक्र 07:11 – 08:14

बुध 08:14 – 09:16

चन्द्र 09:16 – 10:18

शनि 10:18 – 11:20

बृहस्पति 11:20 – 12:23

मंगल 12:23 – 13:25

सूर्य 13:25 – 14:27

शुक्र 14:27 – 15:30

बुध 15:30 – 16:32

चन्द्र 16:32 – 17:34

शनि 17:34 – 18:36

 

🚩होरा, रात

बृहस्पति 18:36 – 19:34

मंगल 19:34 – 20:32

सूर्य 20:32 – 21:29

शुक्र 21:29 – 22:27

बुध 22:27 – 23:24

चन्द्र 23:24 – 24:22

शनि 24:22* – 25:20

बृहस्पति 25:20* – 26:17

मंगल 26:17* – 27:15

सूर्य 27:15* – 28:13

शुक्र 28:13* – 29:10

बुध 29:10* – 30:08

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

 

*💮🚩 दैनिक राशिफल 💮

🐏मेष

योजना फलीभूत होगी। कार्यपद्धति में सुधार होगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। मेहनत सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी से बचें। विवेक का प्रयोग करें। भाग्य का साथ मिलेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा।

 

🐂वृष

अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का मौका हाथ आएगा। सुख-शांति बने रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रमाद न करें।

 

👫मिथुन

वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कारोबार से लाभ होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। अज्ञात भय रहेगा। अनहोनी की आशंका रहेगी।

 

🦀कर्क

काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। इच्‍छाशक्ति प्रबल करें। फालतू खर्च होगा। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें।

 

🐅सिंह

डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम हाथ में आएंगे। कारोबारी वृद्धि से प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। अज्ञात भय रहेगा। पारिवारिक सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

 

🙍‍♀️कन्या

नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। नए काम मिल सकते हैं। कार्य से संतुष्टि रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह का वातावरण बनेगा। कारोबार लाभदायक रहेगा। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। प्रमाद से बचें।

 

⚖️तुला

भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। कुसंगति से बचें। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी बड़े काम में हाथ डाल पाएंगे।

 

🦂वृश्चिक

राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता मिलेगी। आलस्य हावी रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। लाभ होगा।

 

🏹धनु

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। प्रसन्नता तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। भाइयों से सहयोग मिलेगा। कुसंगति से हानि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य बि‍लकुल न करें।

 

🐊मकर

समय पर बाहर से धन नहीं मिलने से निराशा रहेगी। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। मातहतों का साथ नहीं मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय-व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा। बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। मेहनत अधिक होगी। लाभ के अवसर टलेंगे।

 

🍯कुंभ

पुराने साथियों तथा रिश्तेदारों से मुलाकात सुखद रहेगी। अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे। मान बढ़ेगा। किसी नए उपक्रम को प्रारंभ करने पर विचार होगा। लंबी यात्रा की इच्छा रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी न करें।

 

🐟मीन

सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सभी काम समय पर होने से प्रशंसा प्राप्त होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। पारिवारिक चिंताओं में कमी होगी। प्रमाद न करें।

 

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

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*ज्योतिष आचार्य पांडुरंगरावशास्त्री*

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              🙏*Mumbai*🙏