आज का पंचाग आपका राशि फल, देशी गाय का दूध अमृत के समकक्ष औषधि, हिंदू बेटिया लव जिहाद में फंस नहीं रही अपितु फंसाई जा रही हैं, रात्रि भोजन से होती है स्वास्थ्य की अपूरणीय क्षति

​ ​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝

                    श्री हरिहरो 

                   विजयतेतरामम्

        *🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

        🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*बुधवार, १६ नवम्बर २०२२*

सूर्योदय: 🌄 ०६:४४

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२४

चन्द्रोदय: 🌝 २३:५४

चन्द्रास्त: 🌜१३:०४

अयन 🌖 दक्षिणायने 

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: ❄️ शरद

शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)

मास 👉 र्मार्गशीर्ष

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉अष्टमी (पूर्ण रात्रि)

नक्षत्र 👉 आश्लेशा (१८:५९ 

से मघा)

योग👉ब्रह्म(२५:०९ से इन्द्र

प्रथम करण👉बालव(१८:५६तक

द्वितीय करण👉कौलव(पूर्ण रात्रि

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 वृश्चिक (१९:१४ से)

चंद्र 🌟 सिँह (१८:५८ से) 

मंगल 🌟 वृष

 (उदित, पश्चिम, वक्री)

बुध 🌟 वृश्चिक 

(अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मीन

 (उदित, पूर्व, वक्री)

शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)

शनि 🌟 मकर 

(उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️

अमृत काल 👉 १७:१२ से १८:५९

विजय मुहूर्त 👉 १३:४८ से १४:३०

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१० से १७:३४

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२० से १८:४१

निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२९

राहुकाल 👉 १२:०१ से १३:२१

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०८:०२ से ०९:२२

होमाहुति 👉 गुरु (१८:५९ से राहु)

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पृथ्वी

चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व १८:५९ से) 

शिववास 👉 गौरी के साथ

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पूर्व-उत्तर (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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संक्रांति सूर्य वृश्चिक मे १९:१४ से (पुण्य काल दिन १२:०१ से सायं ०५:२० तक), श्री काल भैरवाष्टमी आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १८:५९ तक जन्मे शिशुओ का नाम 

आश्लेषा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (डे, डो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मघा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (मा, मी, मू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

तुला – २८:२७ से ०६:४८

वृश्चिक – ०६:४८ से ०९:०८

धनु – ०९:०८ से ११:११

मकर – ११:११ से १२:५२

कुम्भ – १२:५२ से १४:१८

मीन – १४:१८ से १५:४२

मेष – १५:४२ से १७:१६

वृषभ – १७:१६ से १९:१०

मिथुन – १९:१० से २१:२५

कर्क – २१:२५ से २३:४७

सिंह – २३:४७ से २६:०६

कन्या – २६:०६ से २८:२४

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:४३ से ०६:४८

रोग पञ्चक – ०६:४८ से ०९:०८

शुभ मुहूर्त – ०९:०८ से ११:११

मृत्यु पञ्चक – ११:११ से १२:५२

अग्नि पञ्चक – १२:५२ से १४:१८

शुभ मुहूर्त – १४:१८ से १५:४२

मृत्यु पञ्चक – १५:४२ से १७:१६

अग्नि पञ्चक – १७:१६ से १८:५९

शुभ मुहूर्त – १८:५९ से १९:१०

रज पञ्चक – १९:१० से २१:२५

शुभ मुहूर्त – २१:२५ से २३:४७

चोर पञ्चक – २३:४७ से २६:०६

शुभ मुहूर्त – २६:०६ से २८:२४

रोग पञ्चक – २८:२४ से ३०:४३

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप कार्य-व्यवसाय में असहयोग की स्थिति बनने पर उग्र हो सकते है। सहयोगी आवश्यक कामो में लापरवाही दिखाएंगे। सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय आपको स्वयं ही लेने पड़ेंगे जिससे कुछ समय के लिए असमंजस की स्थिति बनेगी फिर भी इससे किसी वरिष्ठ के सहयोग से बाहर निकल सकेंगे। धन लाभ आज आवश्यकता अनुसार लेकिन प्रयत्न करने पर ही होगा। आज आप पुरानी स्मृतियां ताजा होने से कुछ समय के लिए काल्पनिक दुनिया मे भी खोये रहेंगे। दाम्पत्य जीवन मे अहम के कारण खटास आ सकती है।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आपको आर्थिक रूप से सबल बनाने में सहयोग करेगा। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा आज कुछ कम रहेगी जिसका फायदा अवश्य उठाएंगे। नौकरी पेशा जातको को अधिकारी वर्ग का प्रोत्साहन मिलने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। आज आप स्वयं के कार्य के साथ ही परिचितों के कार्यो में भी सहयोग करेंगे। घर एवं बाहर के लोग आपकी प्रसंशा अवश्य करेंगे। सरकारी अथवा पैतृक संबंधित मामलों में विजय के साथ ही भविष्य के लिए लाभ सुनिश्चित होगा। गृहस्थ जीवन मे थोड़ा उतार चढ़ाव लगा रहेगा फिर भी संतोष की अनुभूति होगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप अधिकांश कार्यो में लापरवाही दिखाएंगे जिससे उचित लाभ मिलने में विलंब के साथ ही कमी भी आएगी। स्वयं का काम छोड़ अन्य लोगो के कार्य मे रुचि लेना हानि कराएगा। किसी के झगड़े में टांग ना अड़ाए मान हानि हो सकती है। आर्थिक उलझने किसी के टोकने पर ही परेशान करेंगी अन्य समय इनको लेकर भी बेपरवाह ज्यादा रहेंगे। घर मे किसी सदस्य के मनमाने व्यवहार के कारण माहौल थोड़ा गरम हो सकता है। शारीरिक स्फूर्ति आज कम रहेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आपकी मनोवृति सुखोपभोग की अधिक रहेगी जिस वजह से कार्य क्षेत्र पर पूर्ण ध्यान नही दे पाएंगे फिर भी आज धन लाभ के अवसर मिलते रहेंगे। जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उनके निर्णय आरंभिक व्यवधान के बाद आपके ही पक्ष में रहेंगे। सरकारी कार्यो भी आज किसी के सहयोग मिलने से आगे बढ़ेंगे। सार्वजनिक कार्यो में अरुचि रहेगी। लंबी धार्मिक तीर्थ स्थानों की यात्रा के प्रसंग बन सकते है। पारिवारिक वातावरण लगभग सामान्य ही रहेगा। संतानो के ऊपर खर्च होगा।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप किसी ना किसी उलझन में फंसे रहेंगे। दिन का अधिकांश समय अनर्गल कार्यो में बर्बाद होगा। लोग आपके मन के विपरीत कार्य करवाने को बाध्य करेंगे जिसमें निकट भविष्य में हानि ही होगी। कार्य व्यवसाय में देरी के कारण सौदे निरस्त हो सकते है। आज किसी पारिवारिक सदस्य के गलत आचरण के कारण सम्मान में कमी आने की भी संभावना है। क्रोध पर नियंत्रण अतिआवश्यक है वरना उलझने कम होने की जगह ज्यादा गंभीर बनेंगी। धन लाभ आकस्मिक लेकिन अल्प मात्रा में ही होगा।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपको आकस्मिक धन लाभ कराएगा। आज जिन कार्यो अथवा व्यवहारों से उम्मीद नही रहेगी उनसे भी आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। व्यवहार में थोड़ी चंचलता रहने से आस-पास के लोग असहज अनुभव करेंगे फिर भी मसखरा स्वभाव आपकी उदंडता पर पर्दा डालेगा। पारिवारिक सदस्य तीर्थ स्थल की यात्रा पर जाने की योजना बनाएंगे इसके लिए अधिक खर्च भी करना पड़ेगा। आज सामर्थ्य से अधिक खर्च करने पर आर्थिक उलझनों में पड़ सकते है। कार्य व्यवसाय में शुरुआती मंदी के बाद गति आएगी धन लाभ प्रचुर मात्रा में होगा।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज आप कार्यो में व्यस्त रहने के बाद भी दिन का भरपूर आनंद उठाएंगे। मन इच्छित कार्य होने से हास-परिहास का वातावरण बना रहेगा। कार्य-व्यवसाय में थोड़ा अधिक परिश्रम करना पड़ेगा लेकिन इसका उचित लाभ भी अवश्य मिलेगा। कार्य स्थल पर लोगो को आपकी कार्य शैली पसंद आएगी अधिकारी वर्ग भी आप पर कृपा दृष्टि बनाये रखेंगे। आपकी आवश्यकता लोगो को आज अधिक रहने से सम्मान के साथ धन लाभ के अवसर भी मिलते रहंगे। गृहस्थ में पूर्ण ध्यान नही देने से किसी की नाराजगी देखनी पड़ेगी लेकिन कुछ समय के लिए ही।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के आरंभ में दैनिक कार्यो को पूर्ण करने की जल्दी में कुछ हानि हो सकती है। इसके बाद का समय अधूरे कार्यो को पूर्ण करने में बीतेगा मध्यान तक परिश्रम का फल ना मिलने से निराशा रहेगी परन्तु संध्या के समय धन की आमद होने लगेगी व्यवसाय में आज विस्तार ना करें निवेश भी सोच समझ कर ही करें। नौकरी पेशा जातक कार्यभार बढ़ने से थकान अनुभव करेंगे। घर मे मांगलिक आयोजन हो सकता है। कुछ मतभेद के बाद भी शांति बनी रहेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आपका आज का दिन भी अशुभ रहने से अधिक सावधानी बरतने की सलाह है। सेहत का आज विशेष ध्यान रखें परिवार में बीमारी का प्रकोप अथवा अन्य आकस्मिक दुर्घटना होने की संभावना है। दवाओं पर भी आज अतिरिक्त खर्च करना पड़ सकता है। भोजन की असंयमितता पेट खराबी का कारण बनेगी। कार्य व्यवसाय से भी आज किसी की खुशामद के बाद ही लाभ के योग बन पाएंगे। पारिवारिक वातावरण आज अस्त-व्यस्त अधिक रहेगा। विद्यार्थी वर्ग पढ़ाई में आना-कानी करेंगे।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आपके लिए विशेष शुभ रहेगा। धन लाभ के साथ-साथ संबंधों में भी निकटता का अहसास होगा। व्यवसाय क्षेत्र पर भी सहयोगी वातावरण मिलने से निश्चित समय पर कार्य पूर्ण कर लेंगे। पूर्व नियोजित कार्यो के अलावा भी अन्य आय के स्त्रोत्र बनेंगे। आज आपके व्यवहार से कुछ ऐसे संबंध बनेंगे जिनसे लंबे समय तक लाभ प्राप्त किया जा सकेगा। घर मे अविवाहितों के लिए रिश्ते आएंगे लेकिन पक्के होने में संशय रहेगा। मनपसंद भोजन वस्त्र एवं अन्य सुख मिलने से प्रसन्नचित रहेंगे।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आपका आज का दिन विषम मिला जुला रहेगा। दिन के आरंभ में ही कोई अशुभ समाचार मिलने से मन कुछ समय के लिए हताश होगा। कार्य व्यवसाय में से दोपहर तक निराशा ही हाथ लगेगी। इसके बाद कुछ कार्य बनने से धन की आमद हो सकती है। ध्यान रहे आज धन लाभ के लिए किसी के सहयोग एवं मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ेगी इसलिए रूखे व्यवहार से बचें आज आप केवल व्यवहारिकता के बल पर ही लाभ कमा सकते है। घर मे भी किसी सदस्य के हाथ नुकसान होने की संभावना है इसको अनदेखा करना ही बेहतर रहेगा अन्यथा पहले से ही उग्र वातावरण अधिक गंभीर हो सकता है। 

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन भी आपके लिए लाभदयक रहेगा फिर भी ध्यान रखें आज किसी के गलत मार्गदर्शन अथवा गलतफहमी में पड़ने से लाभ के अवसर किसी अन्य के पास भी जा सकते है। धन लाभ भी आपके परिश्रम की तुलना में अधिक हो सकता है परंतु इसके लिए कार्य क्षेत्र पर अनर्गल बातो को छोड़ लक्ष्य को केंद्रित रकह कार्य करें। दैनिक उपभोग के खर्च आसानी से निकल जाएंगे। आज कोई आपकी भावुकता का गलत फायदा भी उठा सकता है। आंख बंद कर किसी पर विश्वास ना करें। लंबी यात्रा की योजना बनेगी।

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*गाय का दूध हल्का पीला क्यों होता है….*

*गौ माता धरती की सबसे बड़ी वैद्यराज है। भारतीय संस्कृति में गौमाता की सेवा सबसे उत्तम सेवा मानी गयी है, श्री कृष्ण गौ सेवा को सर्व प्रिय मानते हैं।*
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शुद्ध भारतीय नस्ल की गाय की रीढ़ में सूर्यकेतु नाम की एक विशेष नाढ़ी होती है जब इस नाढ़ी पर सूर्य की किरणे पड़ती हैं तो स्वर्ण के सूक्ष्म काणों का निर्माण करती हैं, इसीलिए गाय के दूध, मक्खन और घी में पीलापन रहता है, यही पीलापन अमृत कहलाता है और मानव शरीर में उपस्थित विष को निष्प्रभावी करता हैl
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गाय को सहलाने वाले के कई असाध्य रोग मिट जाते हैं क्योंकि गाय के रोमकोपों से सतत एक विशेष ऊर्जा निकलती है।
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गाय की पूछ के झाडने से बच्चों का ऊपरी हवा एवं नज़र से बचाव होता है।
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गौमूत्र एवं गोझारण के लाभ तो अनंत हैं , इसके सेवन से केंसर व् मधुमय के कीटाणु नष्ट होते हैं।
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गाय के गोबर से लीपा पोता हुआ घर जहाँ सात्विक होता है वहीँ इससे बनी गौ-चन्दन जलाने से वातावरण पवित्र होता है इसीलिए गाय को पृथ्वी पर सबसे बड़ा वैद्यराज माना गया है, सत्पुरुषों का कहना है की गाय की सेवा करने से गाय का नहीं बल्कि सेवा करने वालो का भला होता है।
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धार्मिक ग्रंथों में लिखा है “गावो विश्वस्य मातर:” – अर्थात् गाय विश्व की माता है। गौ माता की रीढ़ की हड्डी में सूर्य नाड़ी एवं केतु नाड़ी साथ हुआ करती है और जब वो धूप में निकलती तो सूर्य का प्रकाश गौमाता की रीढ़ हड्डी पर पड़ने से घर्षण द्धारा केरोटिन नाम का पदार्थ बनता है, जिसे स्वर्णक्षार कहते है। यह पदार्थ नीचे आकर दूध में मिलकर उसे हल्का पीला बनाता है। इसी कारण गाय के दूध का रंग हल्का पीला या सुनहला होता है जिसे पीने से बुद्धि का तीव्र विकास होता है। जब हम किसी अत्यंत अनिवार्य कार्य से बाहर जा रहे हो और सामने गाय माता के इस प्रकार दर्शन हो की वह अपने बछड़े या बछिया को दूध पिला रही हो तो हमें समझ जाना चाहिए की जिस काम के लिए हम निकले है वह कार्य अब निश्चित ही पूर्ण होगा। गौ माता का (गोधूलि वेला) में घर वापस लौटने का संध्या का समय अत्यंत शुभ एवं पवित्र है। गाय का मूत्र गौ-औषधि है। माँ शब्द की उत्पत्ति गौ मुख से हुई है और मानव समाज ने भी माँ शब्द कहना गाय से सीखा है। जब गौ वत्स रंभाता है तो “माँ” शब्द गुंजायमान होता है। गौशाला में बैठकर किये गए यज्ञ, हवन,जप-तप का फल कई गुणा मिलता है। बच्चों को नज़र लग जाने पर गौ माता की पूंछ से बच्चों को झाड़े जाने से नजर उतर जाती है। ऐसा उदाहरण पूतना उद्धार में भगवान कृष्ण को नज़र लग जाने पर गाय की पूंछ से नजर उतारने का ग्रँथों में भी पढ़ने को मिलता है।
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सर्व ज्ञात है कि गौ की महिमा तो अपरम्पार है किन्तु फिर भी कुछ अनजान वैज्ञानिक तथ्य है जो जानने योग्य हैं। कहते है की गौमाता के खुर से उडी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है वह मानों तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है। पशुओं में बकरी, भेड़, ऊँटनी, भैंस इत्यादि का दूध भी काफी महत्व रखता है। हालाँकि केवल दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के कारण भैंस प्रजाति को प्रोत्साहन मिला है क्योकिं ये दूध अधिक देती है और इसमें वसा की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे घी अधिक मात्रा में प्राप्त होता है। इसके उलट गाय का दूध गुणात्मक दृष्टि से अच्छा होने के बावजूद कम मात्रा में प्राप्त होता है। दूध अधिक मिले इसके लिए गाय और भैंस के दूध निकलने की प्रक्रिया कुछ लोग क्रूर और अमानवीय तरीके से निकालते है। गाय का दूध निकालने से पहले यदि बछड़ा/बछिया हो तो पहले उसे पिलाया जाना चाहिए पर वर्तमान में लोग बछड़े/बछिया का हक़ कम करते है। साथ ही इंजेक्शन देकर दूध बढ़ाने का प्रयत्न करते है जो कि उचित नहीं है।
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प्राचीन ग्रंथों में सुरभि (इंद्र के पास), कामधेनु (समुद्र मंथन के १४ रत्नों में एक), नंदिनी, पद्मा, कपिला आदि गायों का महत्त्व बताया गया है। जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव ने असि, मसि एवं कृषि गौ वंश को साथ लेकर उनके महत्त्व मनुष्य को सिखाए। हमारा पूरा जीवन गाय पर आधारित है। शिव मंदिर में काली गाय के दर्शन मात्रा से काल सर्प योग निवारण हो जाता है। कहते है की गाय के पीछे के पैरों के खुरों के दर्शन करने मात्र से कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। गाय की प्रदक्षिणा करने से चारों धाम के दर्शन लाभ प्राप्त होता है क्योंकि गाय के चार पैर चार धाम माने गए है। जिस प्रकार पीपल का वृक्ष एवं तुलसी का पौधा आक्सीजन छोड़ते है उसी प्रकार यदि एक छोटा चम्मच देसी गाय का घी जलते हुए कंडे पर डाला जाए तो एक टन ऑक्सीजन बनती है। यही कारण है कि इसलिए हमारे यहाँ यज्ञ हवन अग्नि-होम में गाय का ही घी उपयोग में लिया जाता था। प्रदूषण को दूर करने का इससे अच्छा और कोई साधन नहीं है।
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गौ के गोबर से स्थान का लीपने से स्थान पवित्र होता है। गौ-मूत्र का पावन ग्रंथों अथर्ववेद, चरकसहिंता, राजतिपटु, बाणभट्ट, अमृत सागर, भाव सागर, सश्रुतु संहिता इत्यादि में सुंदर वर्णन किया गया है। काली गाय का दूध त्रिदोष नाश के लिए सर्वोत्तम है। रुसी वैज्ञानिक शिरोविच ने कहा था कि गाय के दूध में रेडियों विकिरण से रक्षा करने की सर्वाधिक शक्ति होती है। गाय का दूध एक ऐसा भोजन है जिसमे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, दुग्ध, शर्करा, खनिज-लवण, वसा आदि मनुष्य शरीर के पोषक तत्व भरपूर पाए जाते है। गाय का दूध उपयोगी रसायन का उत्पादन करता है, ऐसी जानकारियां वैज्ञानिकों शोध की एवं धार्मिक ग्रंथों में दर्शित है।
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आज भी कई घरों में गाय की रोटी रखी जाती है और कई स्थानों पर संस्थाएं गौशाला बनाकर पुनीत कार्य कर रही है। साथ ही यांत्रिक क़त्लखानों को बंद करने का आंदोलन, मांस निर्यात नीति का पुरजोर विरोध एवं गौ रक्षा पालन संवर्धन हेतु सामाजिक धार्मिक संस्थाएं एवं सेवा भावी लोग लगातार संघर्षरत है। यहाँ तक कि इस्लाम धर्म के गुरु मोहम्मद पैगंबर ने कहा था कि गाय का माँस हराम है क्यूंकि गाय केवल दूध देने के लिए है। दुःख की बात ये है कि उनकी ये सीख आज कोई मानने को तैयार नहीं है और गाय का भी राजनीतिकरण हो गया है। इसके अलावा कुछ लोग गाय को आवारा भटकने बाजारों में छोड़ देते है। उन्हें इनके भूख प्यास की कोई चिंता ही नहीं होती। लोगो को चाहिए की यदि गाय पालने का शौक है तो उनकी देखभाल भी आवश्यक है क्योकि गाय हमारी माता है एवं गौ रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।

जय गऊ माता….

*हिन्दूओ_से_आह्वान*

*हिन्दूराष्ट्र घोषित करने के लिए भारत सरकार से मांग को लेकर 01-01-2023 को सम्पूर्ण भारत_बंद रखने का ऐलान*
*भारत_का_विभाजन धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था इसलिए वर्तमान भारत हिन्दूराष्ट्र होना चाहिए*
*आजाद भारत मे पहली बार हिन्दू भारत को हिन्दूराष्ट्र घोषित करवाने के लिए मांग कर रहे है। 

*हिंदू बेटिया लव जिहाद मे फस नहीं रही अपितु फसाई जा रही हैं आज से ही जागो*

श्रध्दा के पैतींस टुकड़े करने वाले आफ़ताब ने चार और काफिर हिंदू बेटियाँ फंसा रखी हैं, यही स्थिति हर लव जिहाद में है इसलिए कभी बोरे में, कभी सूटकेस तो कभी फ्रिज में मिलती लड़कियों की लाशों पर लोग यह मान लेते हैं कि लड़की उदण्ड थी, परिवार की बात नहीं सुनी सो अपनी करनी का फल पा गयी। वस्तुतः यह गलत आकलन है, हिंदू बेटिया लव जिहाद मे फंस नहीं रही अपितु फंसाई जा रही हैं ।

सच यह है कि लड़की फँसती नहीं, फँसाई जाती है। उसके चारों ओर इतना मजबूत जाल बनाया जाता है कि अंततः उसे फंसना ही होता है। लड़के का सहयोग करने वाले हजार होते हैं, पर लड़की को किसी ने बताया तक नहीं होता है कि इन लुटेरों से दूर रहना है।

गाँव में मैट्रिक इंटर में पढ़ने वाली अधिकांश लड़कियां ना तो सोशल मीडिया से जुड़ी हैं, ना ही अखबार पढ़ती या समाचार देखती हैं। जो सोशल मीडिया में हैं भी, वे अपनी सहेलियों, दोस्तों से जुड़ी गीत, गजल शायरी में डूबी हैं। परिवार के लोगों ने कभी ढंग से समझाया तक नहीं होता कि ऐसे लड़कों से दूर रहना है। भरोसा नहीं होता तो अपने पड़ोस की किसी इंटरमीडिएट की स्टूडेंट से पूछिये कि क्या वह इस तरह की सूटकेस वाली घटनाओं को जानती है। आपको उत्तर ‘नहीं’ में ही मिलेगा।

लड़की का क्या दोष? वह टीवी देखती है, वहाँ प्यार पसरा हुआ है। इंस्टा, फेसबुक पर भी लभ वाली शायरी पसरी हुई है। गार्जियन उससे मिलते भी हैं तो रिजल्ट पर बात करते हैं। धर्म तो कभी बातचीत का हिस्सा ही नहीं होता। वैसी लड़की किसी शिकारी के जाल से कहाँ बच पाएगी?

टीवी पर, स्कूल-कॉलेज में, खेलकूद में, अखबार पत्रिका में, कोर्स की किताबों तक में सेक्युलरिज्म की महिमा गायी जा रही है। ऐसे समय में यदि परिवार भी बच्चों से धर्म को लेकर बात नहीं करे तो फिर बच्ची कैसे समझेगी? ऐसी लड़की को कोई आफताब मिलता है जिसने अपनी फेसबुक आईडी तक में धर्म के कॉलम में “मानवता” लिखा है, और प्रेम की मूर्ति बना उसकी दुनिया बदल देने के दावे करता है, तो उसके लिए बचना आसान है क्या? उसे तो सब सामान्य ही लगेगा न?

और जब लड़की फँस जाती है तो लोग उसे ही गाली देने लगते हैं। लोग भूल जाते हैं कि वह “शिकार” है। जो विरोध शिकारी का होना चाहिये, वह शिकार का होने लगता है। सच यह है कि एक बार फँस जाने के बाद बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता लड़की के पास। एक ओर से इमोशनल ब्लैकमेलिंग तो दूसरी ओर से फोटो वीडियो वायरल करने का भय। कुछ भी कीजिये, वह नहीं निकल पाती।

सूटकेस या फ्रीज में लाश बन कर पड़ी लड़कियों पर हँस कर आप मुद्दे का मजाक भले बना लें, इस भयावह बीमारी को दूर नहीं कर सकेंगे। इसे दूर करने के लिए आपको पीड़ित का नहीं, शिकारी का विरोध करना होगा।

इस भयावह बीमारी पर बात कीजिये, अपने अड़ोस-पड़ोस में चर्चा कीजिये, बच्चियों को बताइये कि वे टारगेट पर हैं। तब बीमारी खत्म हो पाएगी। हँस कर आप शिकारी का मनोबल ही बढ़ा रहे हैं। 

*भारत_का_विभाजन धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था इसलिए वर्तमान भारत हिन्दूराष्ट्र होना चाहिए*
*आजाद भारत मे पहली बार हिन्दू भारत को हिन्दूराष्ट्र घोषित करवाने के लिए मांग कर रहे है 

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*❗रात्रि भोजन से हानि जानिए ❗*

*महाभारत वैदिक ग्रन्थानुसार रात्रि भोजन हानिकारक,नरक जाने का रास्ता भी यही है ।*

*वर्तमान के आधुनिक डाॅक्टर ,वैज्ञानिकों ने भी सिध्द किया है कि रात्रि में सूर्य किरणों के अभाव से एवं सोने से खाया हुआ भोजन ठीक से पच नहीं पाता है ,इसलिए अनेक रोग होते है । इसलिए रात्रि में शयन के ३-४ घंटे पहले दिन में ही लघु आहार करना चाहिए । जिससे भोजन शयन के पहले ही पच जायेगा । वैदिक ग्रन्थ महाभारत में भी लिखा है*

*महाभारत के ज्ञान पर्व अध्याय ७० श्लोक २७३ में कहा भी है कि*

*उलूका काक मार्जार,*
*गृध्द शंबर शूकराः।* *आहिवृश्चिकगोधाश्च,*
*जायन्ते रात्रिभोजनात्।।*

*अर्थ:- रात्रि के समय भोजन करनेवाला मानव मरकर इस पाप के फल से उल्लू ,कौआ , बिलाव , गीध , शंबर , सूअर , साॅंप , बिच्छू , गुहा आदि निकृष्ट तिर्यंच योनि के जीवों में जन्म लेता है । इसलिए रात्रि भोजन त्याग करना चाहिए ।*

*वासरे च रजन्यां च ,*
*यः खादत्रेव तिष्ठति ।*
*शृंगपुच्छ परिभ्रष्ट ,*
*य : स्पष्ट पशुरेव हि ।।*

 

*अर्थ:- रात में भोजन करनेवाला बिना सिंग , पूॅंछ का पशु ही है ऐसा समझे ।*

*महाभारत के शांतिपर्व में यह भी कहा है कि ,*

*ये रात्रौ सर्वदा आहारं ,*
*वर्जयंति सुमेधसः ।*
*तेषां पक्षोपवासस्य ,*
*फलं मासस्य जायते।।*

*अर्थ :- जो श्रेष्ठ बुध्दिवाले विवेकी मानव रात्रि भोजन करने का सदैव त्याग के लिए तत्पर रहते है उनको एक माह में १५ दिन के उपवास का फल मिलता है ।*

*चत्वारि नरक द्वाराणि,*
*प्रथमं रात्रि भोजनम् ।*
*परस्त्री गमनं चैव ,*
*संधानानंत कायिकं ।।*

*अर्थ :- नरक जाने के चार रास्ते है । १ रात्रि भोजन , २ परस्त्रीगमन , ३ आचार ,मुरब्बा, ४ जमीकन्द ( आलू , प्याज , मूली , गाजर , सकरकंद , लहसुन , अरबी , अदरक ये आठ होने से इनको अष्टकन्द भी कहते है ) सेवन करने से नरक जाना पड़ता है ।*

*मार्कण्डेय पुराण में तो अध्याय ३३ श्लोक में कहा है कि ,*

*अस्तंगते दिवानाथे ,*
*आपो रुधिरमुच्यते ।*
*अन्नं मांसं समं प्रोक्तं ,*
*मार्कण्डेय महर्षिणा ।।*

*अर्थात् सूर्य अस्त होने के बाद जल को रुधिर मतलब खून और अन्न को मांस के समान माना गया है । अतः रात्रि भोजन का त्याग अवश्यमेव करना ही चाहिए । नरक को जाने से बचने के लिए ।*

*चार प्रकार का आहार भोजन होता है । (१) खाद्य :- रोटी , भात , कचौडी , पूडी आदि (२) स्वाद्य :- चूर्ण , तांबूल , सुपाडी आदि (३ ) लेह्य :- रबडी़ , मलाई , चटनी आदि (४) पेय :- पानी , दूध , शरबत आदि ।*

*जैन धर्म में रात्रि भोजन का बडा़ ही महत्त्व है । चार प्रकार सूक्ष्मता से निर्दोष पालन की विधि भी बतायी गयी है कि रात्रि ( अ) दिन का बना भी रात्रि में न खाएं ( ब) रात्रि का बना तो रात में खाए ही नहीं ( क ) रात्रि का बना भी दिन में न खाए और ( ड ) उजाले में दिन का बना दिन में ही वह भी अंधेरे में नहीं उजाले में ही खाए ।*

*रात्रि में सूर्य प्रकाश के अभाव में अनेक सूक्ष्मजीव उत्पन्न होते है । भोजन के साथ यदि जीव पेट में चले गये तो रोग कारण बनते हैं यथा…*

*पेट में जानेपर ये रोग*

*चींटा चींटी——- बुध्दिनाश*

*जूं ,जूए————-जलोदर*

*मक्खी ,पतंगा———वमन*

*लिक,लीख————-कोड*

*बाल—————स्वरभंग*

*बिच्छू ,छिपकली——मरण*

*छत्र चामर वाजीभ,*
*रथ पदाति संयुता:।*
*विराजनन्ते नरा यत्र,*
*ते रात्र्याहारवर्जिनः ।।*

*अर्थ :-ग्रन्थकार कहते है कि छत्र ,चंवर ,घोडा , हाथी , रथ और पदातियों से युक्त नर जहाॅं कहीं भी दिखाई देते है ऐसा समझना चाहिए कि उन्होंने पूर्व भव में रात्रिभोजन का त्याग किया था उस त्याग से उपार्जित हुए पुण्य को वे भोग रहे हैं ।*

*एक सिक्ख ने कह दिया कि पहले के जमाने में लाईट की रोशनी नहीं थी इसलिए रात्रिभोजन नहीं करते थे तो उससे पूछा कि पहले नाई नहीं होंगे इसलिए हजामत नहीं करते होंगे अब तो नांई बहुत है फिर भी बाल क्यों नहीं बनाते । चुप होना पड़ा । चाहे कितनी भी लाईट की रोशनी हो पर सूर्यास्त के बाद जीवों की उत्पत्ति बढ़ती ही है और जठराग्नि भी शांत होती है । इसलिए भोजन छोड़ना ही चाहिए । स्वस्थ , मस्त , व्यस्त भी रहना हो तो ।*

*भारत बंद का आह्वान*

*भारत के हिंदूओ द्वारा भारत को हिन्दूराष्ट्र घोषित करवाने के लिए सम्पूर्ण भारत बंद 01-01-2023 को किया जायेगा आजाद भारत का यह पहली बार भारत बंद होगा हिन्दूओ द्वारा भारत को हिन्दूराष्ट्र घोषित करवाने के लिए हर सनातन धर्म योध्याओ की मांग है भारत को हिन्दूराष्ट्र घोषित किया जाए*