मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने दिए निर्देश अतिथि शिक्षकों के 2300 पद शीघ्र भरें, नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली मानसी नेगी और एथलीट सूरज पंवार को मुख्यमंत्री देंगे तीन-तीन लाख, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम ने मुख्यमंत्री को सौंपा 20 करोड़ लाभांश, सीमावर्ती क्षेत्रों में जनजाति विद्यार्थियों के लिए होंगे आवासीय विद्यालय

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में 37वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 10 कि.मी. रेस वाक में नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली मानसी नेगी और एथलीट सूरज पंवार ने भेंट की।

*मुख्यमंत्री ने दोनों एथिलीट को सीएम कोष से दो-दो लाख रूपये की धनराशि देने की घोषणा की। जबकि खेल विभाग की नियमावली के मानकों के अनुसार 1-1 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। इस प्रकार कुल 3-3 लाख रूपये की राशि दोनों एथलीट को मिलेगी।*

मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट को आगामी खेलों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आगे भी राज्य सरकार द्वारा ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण आदि के लिए हर संभव मदद दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
इस अवसर पर उप क्रीडा अधिकारी एवं इन दोनों खिलाड़ियों के कोच श्री अनूप बिष्ट एवं एथलीट मनीष बिष्ट उपस्थित रहे ।

*अतिथि शिक्षकों के 2300 पद शीघ्र भरे जाएं- मुख्यमंत्री*

*हर जनपद में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की तर्ज पर की जाए आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना।*

*बीआरपी एवं सीआरपी के रिक्त 950 पद शीघ्र भरे जाएं।*

*विद्यालयों में आउटसोर्स के माध्यम से भरे जाए चतुर्थ श्रेणी के 03 हजार रिक्त पद ।*

*9वीं से 12 वीं कक्षा के बच्चों को भी निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाए।*

*उच्चाधिकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं एवं शैक्षिक गुणवत्ता का निरीक्षण करें।*

*क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों की की जाए अविलंब मरम्मत।*

*टीचरों के लंबे अवकाश के दौरान स्कूलों में अध्यापन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।*

*मुख्यमंत्री ने विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये निर्देश।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिथि शिक्षकों के 2300 पद शीघ्र भरे जाएं। हर जनपद में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना तथा विद्यालयों में आउटसोर्स के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी के 03 हजार रिक्त पद भरने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों अविलंब मरम्मत की जाए। राज्य के सभी सरकारी एवं अशासकीय स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी छात्र-छात्राओं को आने वाले शैक्षणिक सत्र में निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाए। कक्षा 1 से 8 वीं तक पहले से ही निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार के लिए आईएएस, आईपीएस एवं आईएफएस अधिकारी भी समय-समय पर स्कूलों की सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें। इसके लिए रोस्टर बनाया जाए। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी नियमित स्कूलों में जाकर पठ्न-पाठन एवं अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जो पूर्ण हो चुकी है, उन्हें शीघ्र नियुक्ति दी जाए। अध्यापकों के मेडिकल एवं अध्यापिकाओं के मेडिकल, मैटरनिटी लीव एवं चाइल्ड केयर लीव के दौरान कक्षाएं बाधित न हो, इसके लिए स्कूलों में पढ़ाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाए। प्रधानाचार्य, प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापकों के जो पद रिक्त हैं, उनके जल्द ही आयोग को अधियाचन भेजे जाए। बीआरपी एवं सीआरपी के रिक्त पदों को भी जल्द भरा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षकों का मेडिकल रिम्बरसमेंट एवं सेवानिवृत्त होने के बाद जीपीएफ भुगतान समय पर हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा की बीआरपी एवं सीआरपी के रिक्त 950 पद शीघ्र भरे जाएं। शिक्षा व्यवस्था की गतिविधियां एवं ट्रांसफर की व्यवस्था ऑनलाइन की जाय।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विद्यालयों की परफोर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) स्कोर से संबंधित यूडाइस पोर्टल में सभी डाटा अपडेट करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही करने वालों पर सख्त कारवाई भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे हैं, इन्हें जल्द भरना होगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं, कि वे नियमित स्कूलों का निरीक्षण करें।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम्, श्री रविनाथ रमन, श्री एस.एन. पाण्डेय, शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, अपर सचिव श्री योगेन्द्र यादव एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

 *प्रदेश में जनजाति समाज की कला एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु कारपस फण्ड की होगी व्यवस्था।*

*जनजाति समाज के विकास के प्रति मुख्यमंत्री ने जतायी प्रतिबद्धता।*

*सीमान्त क्षेत्रों में जनजाति छात्रों की शिक्षा व्यवस्था हेतु आवासीय विद्यालयों की स्थापना के किये जायेंगे प्रयास।*

*देश के अमृत संकल्पों को पूर्ण करने में फलीभूत होगा भगवान बिरसा मुण्डा का आशीर्वाद।*

      मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राज्य जनजाति शोध संस्थान में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित आदि गौरव महोत्सव को सम्बोधित करते हुए प्रदेश में जनजाति समाज की कला, संस्कृति संरक्षण हेतु कारपस फण्ड की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया जायेगा। जनजाति क्षेत्रों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों में जनजाति छात्रों की बेहतर शिक्षा व्यवस्था हेतु आवासीय विद्यालयों की स्थापना पर विचार किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनजाति कल्याण समिति को भवन हेतु भूमि उपलब्ध कराये जाने की भी बात कही।

       मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में भगवान बिरसा मुण्डा के आशीर्वाद से हमारा देश अपने अमृत संकल्पों को पूर्ण करने में अवश्य सफल होगा।

      मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जनजातीय समाज हमारे बटवृक्ष रूपी देश की मजबूत जड़ के समान है। जनजातीय समाज का मजबूत और आत्म निर्भर बनना हमारे देश और प्रदेश की उन्नति के लिए आवश्यक है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज का उल्लेखनीय योगदान के कारण ही पिछले वर्ष आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक वर्ष की 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। इससे जहां एक ओर जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है, वहीं गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति की विशेषताओं से अवगत होते हैं।

      मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले की सरकारों में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी थी, उन्होंने आदिवासी समाज के व्यावसायिक हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया, ये सरकारें दिखावे तक ही आदिवासी समाज के विकास की बात किया करती थी, परंतु 2014 के बाद से देश में चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र हो आदिवासी समाज के हितों का ध्यान रखकर ही देश और प्रदेश की सरकारें अपनी समस्त योजनाएं बना रही है।  

     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर सीमांत क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। राज्य के स्थानीय उत्पादों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के जनजाति बाहुल्य प्रथम गांव माणा में राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा तथा वोकल फॉर लोकर की अवधारणा को मजबूती मिलेगी।

      मुख्यमंत्री ने कहा कि माणा में उनके द्वारा राज्य के सीमांत गांव माणा को अंतिम के स्थान पर प्रथम गांव संबोधित करने पर प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति जताते हुए देश के सभी सीमांत गांवों को अंतिम के बजाय प्रथम गांव कहा गया है। यह देश के सभी सीमांत क्षेत्रों के निवासियों के लिये भी सम्मान की बात है।

     इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री चंदन राम दास, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री विनोद चमोली, निदेशक जनजाति कल्याण श्री संजय टोलिया, श्री मूरत राम शर्मा, श्री रामकृष्ण रावत, पूर्व मुख्य सचिव श्री एन.एस. नपलच्याल सहित बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग एवं लोक कला एवं लोक संस्कृति से जुड़े कलाकार आदि उपस्थित थे।

 *मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के स्थापना दिवस समारोह में हुए शामिल।*

*सचिव ऊर्जा एवं प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल ने मुख्यमंत्री को सौंपा लाभांश का 20 करोड़ का चेक।*

*पिटकुल के प्रबंध निदेशक ने भी मुख्यमंत्री को सौंपा 5 करोड़ के लाभांश का चेक।*

*प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के हों प्रयास – मुख्यमंत्री।*

     मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम से जल विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में अपनी विकासशील सोच, क्षमता विकास एवं बेहतर कार्य संस्कृति के साथ प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में कार्य करने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के मूल में उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने की अवधारणा को भी साकार करने में विद्युत निगमों से सक्रियता से सहयोगी बनना होगा।

      मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के 22 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यूजेवीएनएल ने जल विद्युत क्षेत्र में अपनी विकासशील सोच, अभूतपूर्व क्षमता एवं उच्च कोटि की कार्य संस्कृति के बल पर आज राज्य ही नहीं अपितु देशभर के सरकारी संस्थानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राज्य स्थापना के उपरांत यूजेवीएनएल का गठन उत्तराखण्ड को सही अर्थों में ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए किया गया था। इस सम्बन्ध में यद्यपि यूजेवीएनएल द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं फिर भी इस क्षेत्र में कई चुनौतियों का हमें सामना करना है। इसके लिये हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे तभी हम उज्ज्वल उत्तराखण्ड के निर्माण में सफल हो सकेंगे तथा ऊर्जा प्रदेश के संकल्प को पूर्ण कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें राज्य के नैसर्गिक, प्राकृतिक सौंदर्य एवं संसाधनों का बेहतर उपयोग करना होगा तथा राज्य आर्थिकी के विकास के लिये समेकित प्रयास करने होंगे।

     इस अवसर पर सचिव ऊर्जा श्री आर मीनाक्षी सुंदरम तथा प्रबंध निदेशक श्री संदीप सिंघल ने निगम के लाभांश का 20 करोड़ तथा प्रबंध निदेश पिटकुल पी.सी ध्यानी ने 5 करोड़ का लाभांश का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया।

      मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम को अपनी बेहतर कार्यसंस्कृति और कुशल प्रबन्धन के बल पर इसी प्रकार ऊर्जा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिये प्रयासरत रहना होगा। राज्य निर्माण के समय ऊर्जा क्षेत्र को हमारी आर्थिकी का मूल आधार माना गया था, परंतु यह लक्ष्य अभी तक पूर्णरूपेण सफल नहीं हो पाया है। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर यह विचार करें कि इस दिशा में कैसे तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है। हमें इसके लिए प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य करना होगा।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र की विकास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने में हमें केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। इसका उदाहरण लखवाड़ बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना एवं जमरानी बांध परियोजना है जिसमें तेजी से कार्य किया जा रहा है। 

     उन्होने कहा कि राज्य सरकार जीरो पेंडेसी वर्क कल्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिये हर क्षेत्र में सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण एवं संतुष्टि के मूल मंत्र के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं। हमें अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ऊर्जा के साथ निरंतर कार्य करते हुए करना होगा। 

       मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है और हमारी सरकार संकल्पबद्ध होकर इसे पूर्ण करने की दिशा में कार्यरत है।हमारा संकल्प है कि 2025 में जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा तब तक हर क्षेत्र में हमारा राज्य देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बन जाए। लक्ष्य को पूर्ण करने एवं उत्तराखंड को विकसित, सक्षम व आदर्श राज्य बनाने के लिए हमारे प्रयास निरंतर जारी हैं।

         मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में इन आठ सालों में एक समृद्ध, शक्तिशाली तथा समरस भारत के साथ ही दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत बना है। विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभाओं की पहचान के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना साकार हो रही है। आज का भारत दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत है। मोदी जी की नेतृत्व क्षमता का ही प्रभाव है कि हमारे देश की प्रतिभाये देश विदेश में भारत का मान सम्मान बढ़ाने का कार्य भी कर रहे हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश की पहचान बन रही है।

       सचिव ऊर्जा श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम तथा प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल श्री संदीप सिंघल द्वारा निगम के कार्यकलापों की जानकारी दी गयी।

       इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, प्रबंध निदेशक पिटकुल श्री पी.सी. ध्यानी, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल श्री अनिल यादव सहित अन्य अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।