आज का पंचाग आपका राशि फल, पकृति से दूर होकर मनुष्य बन रहा अपनी ही मृत्यु का कारण, बाघ पालो गाय काटो नीति से भी विनाश तय, भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक से निराश होने की बजाय सीख लेने की आवश्यकता

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🌺🙏 जय श्री गणेशाय 🙏🌺

🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺

🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺

*दिनाँक:-14/05/2023, रविवार*

दशमी, कृष्ण पक्ष,जेष्ठ मास

तिथि———– दशमी 26:45:40 तक 

पक्ष————————- कृष्ण

नक्षत्र——– शतभिषा 10:14:47

योग————– ऐन्द्र 06:33:35

योग———— वैधृति 27:55:13

करण———– वणिज 15:42:29

करण——- विष्टि भद्र 26:45:40

वार———————— रविवार

माह————————– ज्येष्ठ

चन्द्र राशि——– कुम्भ27:22:50

चन्द्र राशि——————– मीन 

सूर्य राशि———————- मेष

रितु————————– ग्रीष्म

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर—————— शोभकृत

संवत्सर (उत्तर) ——————पिंगल

विक्रम संवत—————- 2080 

गुजराती संवत————– 2079 

शक संवत—————– 1945

दिल्ली 

सूर्योदय————— 05:32:31 

सूर्यास्त—————- 19:02:47

दिन काल————- 13:30:16

रात्री काल————- 10:29:07

चंद्रास्त————— 13:49:33

चंद्रोदय—————-26:46:39*

लग्न—- मेष 28°47′ , 28°47′

सूर्य नक्षत्र—————– कृत्तिका 

चन्द्र नक्षत्र—————-शतभिषा 

नक्षत्र पाया——————- ताम्र 

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

सू—- शतभिषा 10:14:47

से—- पूर्वा भाद्रपदा 15:56:41

सो—- पूर्वा भाद्रपदा 21:39:21

दा—- पूर्वा भाद्रपदा 27:22:50

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

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सूर्य=मेष 28 : 14 कृतिका , 1 अ 

चन्द्र=कुम्भ 17:16 , शतभिषा, 4 सू 

बुध =मेष 11°: 34′ अश्विनी’ , 4 ला    

शुक्र=मिथुन 12°05, आर्द्रा ‘ 2 घ 

मंगल=कर्क 02°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 4 ही 

गुरु=मेष 05°30 ‘ अश्विनी , 2 चे 

शनि=कुम्भ 12°13 ‘ शतभिषा ,2 सा       

राहू=(व) मेष 09°10 अश्विनी , 3 चो 

केतु=(व) तुला 09°10 स्वाति , 1 रू 

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 17:22 – 19:03 अशुभ

यम घंटा 12:18 – 13:59 अशुभ

गुली काल 15:40 – 17: 22 

अभिजित 11:51 – 12:45 शुभ

दूर मुहूर्त 17:15 – 18:09 अशुभ

वर्ज्यम 16:20 – 17:51 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

काल 05:33 – 07:14 अशुभ

शुभ 07:14 – 08:54 शुभ

रोग 08:54 – 10:35 अशुभ

उद्वेग 10:35 – 12:16 अशुभ

चर 12:16 – 13:56 शुभ

लाभ 13:56 – 15:37 शुभ

अमृत 15:37 – 17:18 शुभ

काल 17:18 – 18:58 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

लाभ 18:58 – 20:18 शुभ

उद्वेग 20:18 – 21:37 अशुभ

शुभ 21:37 – 22:56 शुभ

अमृत 22:56 – 24:15* शुभ

चर 24:15* – 25:35* शुभ

रोग 25:35* – 26:54* अशुभ

काल 26:54* – 28:13* अशुभ

लाभ 28:13* – 29:33* शुभ

💮होरा, दिन

शनि 05:33 – 06:40

बृहस्पति 06:40 – 07:47

मंगल 07:47 – 08:54

सूर्य 08:54 – 10:02

शुक्र 10:02 – 11:09

बुध 11:09 – 12:16

चन्द्र 12:16 – 13:23

शनि 13:23 – 14:30

बृहस्पति 14:30 – 15:37

मंगल 15:37 – 16:44

सूर्य 16:44 – 17:51

शुक्र 17:51 – 18:58

🚩होरा, रात

बुध 18:58 – 19:51

चन्द्र 19:51 – 20:44

शनि 20:44 – 21:37

बृहस्पति 21:37 – 22:30

मंगल 22:30 – 23:23

सूर्य 23:23 – 24:15

शुक्र 24:15* – 25:08

बुध 25:08* – 26:01

चन्द्र 26:01* – 26:54

शनि 26:54* – 27:47

बृहस्पति 27:47* – 28:40

मंगल 28:40* – 29:33

*🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩* 

मेष > 03:10 से 04:50 तक

वृषभ > 04:50 से 06: 50 तक 

मिथुन > 06:50 से 08:52 तक 

कर्क > 08:52 से 11:20 तक

सिंह > 11:20 से 14:34 तक

कन्या > 14:34 से 15:44 तक

तुला > 15:44 से 18:00 तक

वृश्चिक > 18:00 से 20:14 तक

धनु > 20:14 से 23:06 तक

मकर > 23:06 से 00:06 तक

कुम्भ > 00:06 से 01:40 तक

मीन > 01:40 से 03:08 तक

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

    15 + 10 + 1 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष

 पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 राहु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

  25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां= शोक, दुःख कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 15:42 से रात्रि 26:45 तक 

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी 

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

* विश्व मातृ दिवस 

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

नास्ति मेघसमं तोयं नास्ति चात्मसमं बलम् ।

नास्तिचक्षुः समं तेजो नास्ति धान्यसमं प्रियम् ।।

।। चा o नी o।।

सत्य की शक्ति ही इस दुनिया को धारण करती है. सत्य की शक्ति से ही सूर्य प्रकाशमान है, हवाए चलती है, सही में सब कुछ सत्य पर आश्रित है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: आत्मसंयमयोग अo-06

सुखमात्यन्तिकं यत्तद्‍बुद्धिग्राह्यमतीन्द्रियम्‌ ।,

वेत्ति यत्र न चैवायं स्थितश्चलति तत्त्वतः ॥,

इन्द्रियों से अतीत, केवल शुद्ध हुई सूक्ष्म बुद्धि द्वारा ग्रहण करने योग्य जो अनन्त आनन्द है, उसको जिस अवस्था में अनुभव करता है, और जिस अवस्था में स्थित यह योगी परमात्मा के स्वरूप से विचलित होता ही नहीं॥,21॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष

चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। चोट व रोग से बचें। विवाद न करें। आवश्यकताएं बढ़ेंगी। आर्थिक तंगी हो सकती है। कर्ज से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। शत्रु परेशान करेंगे। हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।

🐂वृष

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। बकाया वसूली होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। नेत्र पीड़ा की संभावना। कुछ लाभ। यात्रा के योग टलेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे। ज्ञानीजनों से मुलाकात होगी। शांति बनाना आवश्यक है। अकारण भय व्याप्त होगा।

👫मिथुन

कार्यप्रणाली में सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा के योग बनेंगे। लाभ होगा। राज्य से परेशानी हो सकती है। स्त्री को कष्ट। जायदाद वृद्धि के योग बनेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।

🦀कर्क

राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बढ़ेगी। हानि-लाभ का वातावरण बनेगा। पराक्रम बढ़ेगा। विजय मिलेगी, गर्व न करें। ईमानदारी से कार्य करते रहें। समय पक्ष का है। स्त्री सुख, यात्रा में हानि, दुख। विरोधी कष्ट देंगे।

🐅सिंह

चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कष्ट होंगे। खर्च बढ़ेंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। धनागम के अवसर बनेंगे। ‘आ बैल मुझे मार’ की स्‍थिति निर्मित न होने दें। अकारण भय बना रहेगा। व्यापारी सोच-समझकर निर्णय लें।

🙍‍♀️कन्या

कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। हानि, भय, कष्ट का वातावरण बनेगा। कुछ लाभ के आसार दिखेंगे। दुखद समाचार मिलने की संभावना है। अस्वस्थता होगी। कुसंग से हानि, कुछ लाभ के आसार दिखेंगे।

⚖️तुला

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। थकान महसूस होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। कष्टों में वृद्धि के योग हैं। कुछ नए कार्य की संभावना सिद्ध होगी। कष्टों में निवृत्ति नहीं होगी। कलह से बचना होगा। अधिकार के लिए प्रयत्न करना होगा।

🦂वृश्चिक

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ होगा। रोग घेरेंगे। चिंताएं बढ़ेंगी। शत्रु शांत होंगे। अपमान, कष्ट, कलह से बचना होगा। राज्य से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। लाभ होगा। शत्रु परेशान करेंगे। कुछ नुकसान होगा।

🏹धनु

दौड़-धूप अधिक होगी। बुरी सूचना मिल सकती है। विवाद न करें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। अकारण भय व्याप्त होगा। शत्रु शांत होंगे। वाहन देखकर चलाएं। परिस्‍थितियां अनुकूल होंगी। कुछ विरोध होगा। विरोधी अपमान करेंगे। शांति होगी।

🐊मकर

मेहनत‍ का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख बनी रहेगी। मातृपक्ष से परेशानी होगी। दुर्घटना की संभावना। धन मिलने की परिस्‍थिति निर्मित होगी। अंतरप्रेरणा से कार्य करें। धनागम के अवसर बढ़ेंगे। प्रमाद का त्याग करना होगा।

🍯कुंभ

भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत होंगे। कष्ट-भय की संभावना, अस्वस्थता, आलस्य का अनुभव करेंगे। धनागम होगा। शरीर शिथिल होगा। शत्रु शांत रहेंगे। लाभ-हानि बराबर रहेंगे। प्रमाद बढ़ेगा।

🐟मीन

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। शुभ समाचार की आशा बंधेगी। शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। सावधान रहने की आवश्यकता है। पराक्रम दिखलाने का अवसर है। लाभ होगा। रिश्वत न लें। नम्रता बनाए रखें। 🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

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प्रकृति का संतुलन वहां से आरंभ होता है जहां मनुष्य की सोचने की क्षमता समाप्त हो जाती है। पक्षियों द्वारा बाल खींचने से हिरन की खुजली कम होती है उसे अच्छा लगता है। इधर उन बालों की ऊन से पक्षियों का घोसला बन जाता है।
ठीक उसी भांति पेड़ों पर जो छोटे कोपर यानी छेद होते हैं वो चींटियों के लिए घर बन जाते हैं और उसके बदले में चींटियां अपने भोजन के लिए पेडों की फंजाई यानी फंगल इनफैकशन चाटती रहती हैं। यदि चींटियां पेड़ों का फंगल अपने भोजन के लिए ना चाटे तो पेड़ रोगी हो कर मर जायेंगे और संसार से आक्सीजन समाप्त हो जायेगी। यानी मनुष्यों सहित सभी का जीवन समाप्त हो जायेगा। इसलिए चींटियों को कभी भी रासायनिक छिड़काव या मिट्टी तेल आदि डाल कर मारना नहीं चाहिए,  चींटियों कभी भी चीनी नहीं देनी चाहिए क्योंकि चीनी खाने वाली चींटियां फंगल चाटना भूल जाती हैं, और उस क्षेत्रों के पेड़ रोगी हो जाते हैं।

वैसे ही कुत्तों को कभी भी मारना या डपटना नहीं चाहिए वे बहुत बुरा मानते हैं, बल्कि कुत्ते को आखरी रोटी अवश्य देनी चाहिए। लेकिन भूल कर भी घर में नहीं पालना चाहिए उससे आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। घर में क्लेश और बीमारी बढने का एक बड़ा कारण कुत्ते हैं। देवता और पितृ आपके घर की पूजा स्वीकार नहीं कर पाते। शास्त्रों में भी यही स्पष्ट निर्देश है। क्योंकि कुत्ते का प्राकृतिक आवास आपका आंगन या शहर की गलियों में होता है। चौक और गलियों में रहने वाले कुत्ते अच्छे पहरेदार होते हैं और अवांछित की गतिविधियों पर भोंकते हैं लेकिन कभी अपने आसपास गंदगी नहीं करते। जबकि घर में पाले हुए कुत्ते एक तरह से कैद में हैं और वे ही गलियों को गंदा करते हैं।

ठीक उसी भांति लेकिन गो वंश इस धरती यानी धरा को धाम बनाती है। जिस दिन इस धरती पर अंतिम गाय कट जायेगी उसी पल धरती मनुष्य विहीन हो जायेगी। अनुपजाऊ हो जायेगी नष्ट हो जायेगी।
इसीलिए कहा गया है गाय गीता ब्राह्मण स्त्री और समस्त प्राणियों के बच्चे अबध्य हैं यानी इनकी हत्या नहीं की जा सकती और प्राणों की आहुति देकर भी गाय गीता ब्राहमण और स्त्री की सुरक्षा करनी चाहिए। इसीलिए कहा गया है गाय गीता ब्राह्मण स्त्री और समस्त प्राणियों के बच्चे अबध्य हैं यानी इनकी हत्या नहीं की जा सकती और प्राणों की आहुति देकर भी गाय गीता ब्राहमण और स्त्री की सुरक्षा करनी चाहिए। 

इसके विपरीत बाघों के संरक्षण का कोई विधान नहीं है न उनकी प्रकृति के लिए कोई उपयोगिता है। इसलिए उनकी खाल उतार कर बाघम्बर बनती थी या ढोल पर मढी जाती थी राजा महाराजा यहां तक कि अंग्रेज भी बाघों का शिकार करते थे आज उल्टा हो गया बाघों को गाय बैल भैंस की बिरयानी परोसी जा रही है उनके लिए टाईगर रिजर्व बन रहे हैं और गाय के बध के लिए सलाटर प्लांट लग रहे हैं। गीता का उपहास उड़ाया जा रहा है। बेटियों को दहेज के लिए लिए प्रताड़ित किया जाता है या केरल स्टोरी बनाया जाता है। पानी में मानव मल डाला जा रहा है धरती के अंदर से भी से सारा पानी चूसा जा रहा है। मनुष्य का विनाश तय✍️ हरीश मैखुरी

सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के बावजूद मुस्लिम वोटर की अपनी मजहबी निष्ठा में जरा भी कमी नहीं आयी। मुस्लिम सैक्युलर हिन्दू और ईसाई गठजोड़ ने बीजेपी को चित्त कर दिया। कर्नाटक हार से बीजेपी को निराश होने की जगह अपने वोटर के प्रति कठोर निष्ठा की सीख लेनी चाहिए। जहां मुस्लिम वोटर पचास प्रतिशत से उपर हैं वहां भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशी भी हार जाते हैं क्योंकि उन्हें अपना उद्देश्य और लक्ष्य पता हैं। जबकि दिल्ली हो या कर्नाटक हिन्दू सस्ते आलू टमाटर के लिए वोट देता है।

कर्नाटक में यदुरप्पा को हटाना और बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय एक भूल सिद्ध हुई। वहां भाजपा को जो 65 सीटें भी मिली हैं ये प्रमुख रूप से वही सीटें हैं जहां-जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह और उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैली की।

अब भाजपा को अपनी रणनीति बदलनी होगी कर्नाटक में मुख्य मंत्री बोम्बई के नेतृत्व को बदल कर नए और यदुरप्पा जैसे सुदृढ़ नेतृत्व को ही दायित्व रहने देना चाहिए था। उससे लिंगायत समुदाय भाजपा से छिटकता नहीं।

अभी भाजपा हिमाचल और कर्नाटक में ही नहीं हारी है, कमज़ोर और सैक्युलर मुख्य मंत्री की वजह से हरियाणा भी हार सकते हैं।

अशोक गहलोत के विरूद्ध अगामी चुनाव में पूर्व मुख्य मंत्री रानी सिंधिया को खड़ा किया तो फ़िर से भाजपा राजस्थान में भी नहीं आयेगी। वहां राजवर्धन राठौर आदि के नाम पर विचार करना चाहिए।

बिहार के नेता पूर्व कानून मंत्री रविशंकर और गिरिराज के नेतृत्व मे चुनाव लड़ेंगी
और इनमे से किसी एक को मुख्य मंत्री घोषित करेंगी तो रिकॉर्ड तोड़कर भाजपा बिहार जीत सकती है।

अगामी चुनाव में मध्य प्रदेश का मुख्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रमोट करेंगी तो वोटर उत्साहित होकर वोटिंग करेगा। अब मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्य मंत्री मामा शिवराज को केंद्रित राजनीति मे भागीदार बनाया जाना उचित होगा।

बंगाल में भाजपा अपने नेताओं को पीछे कर देती है क्योंकि वह गरीब कमज़ोर परिवारों से आते हैं इसलिए उनकी अनदेखी की जा रही है। सम्पन्न हिन्दू वोट देने जाता नहीं है। गरीब हिन्दू सस्ते प्याज के लिए बाजपेयी सरकार हटा देता है। ये ट्रेंड आज भी बना हुआ है।

अन्यथा आप बनाते रहो चौड़ी चकले राज मार्ग, संवारते रहो रेलवे स्टेशन, चलाते रहो बंदे भारत एक्सप्रेस, बनाते रहो नये नये एम्स, करते रहो सेना को मजबूत अजेय, राफेल लाओ अग्नि आकाश ब्रह्मोस बनाओ
कहते रहो सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास। लेकिन आम आदमी को इससे क्या लेना देना? अगामी चुनाव फिर रोजी रोटी कपड़ा और मकान पर आकर रूक जाएगा। अपनी रसोई और अपना घर के मुद्दे पर चुनाव केंद्रित रहेगा।

लेकिन प्रश्न है कि इतनी भीड़ के लिए आखिर देश के सीमित संसाधन फ्री में कब तक पूरे पड़ेंगे? किसी ना किसी को तो भविष्य की पीढ़ी के लिए विवेक सम्मत निर्णय लेना पडेगा। कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून, समान नागरिक संहिता, एनआरसी, कठोर धर्मांतरण विधेयक और केवल भारतीय भाषाओं में शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षा ये कुछ आवश्यक प्रावधान हैं जो चुनाव के बल पर नहीं ईच्छा शक्ति के दम पर सत्ता में रहते कर देने होंगे। अन्यथा फिर समय मिले इसकी गारंटी नहीं।

टूलकिट और जार्ज सोरोस को पता है कि भारत में जहाँ बीस प्रतिशत लोग मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए उतावले हैं वहीं 100 करोड़ लोग हिन्दू राष्ट्र की नहीं बल्कि सैक्युलरिज्म की अफीम चाटते हुए अब फ्री बिजली पानी से अधिक उसकी कोई ईच्छा बची नहीं। वे अफगानिस्तान पाकिस्तान बंग्लादेश से मिट गये तब भी नहीं जगे। वैसे भी भारत अब बचा ही कितना है। फिलहाल अब कर्नाटक में गो हत्या रूकने वाली नहीं। ✍️हरीश मैखुरी