अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (08 मार्च) की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

संदीप 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (08 मार्च): (International Women’s Day)

हर वर्ष सम्पूर्ण विश्व में 08 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है।  विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2018 का विषय (थीम) “प्रेस फॉर चेंज (Press for Progress ” है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए प्रोत्साहित करना है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास:

अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, यह दिवस सबसे पहले 28 फ़रवरी 1909 को मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।

1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। इसी लिये 08 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम:

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक खास थीम का इस्तेमाल कर हर वर्ष मनाया जाता है। नीचे कुछ वार्षिक आधार दिये गये थीम हैं:

  • 1975 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता दी”।
  • 1996 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “भूतकाल का जश्न, भविष्य की योजना”।
  • 1997 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और शांति की मेज”।
  • 1998 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और मानव अधिकार”।
  • 1999 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिलाओं के खिलाफ हिंसा मुक्त विश्व”।
  • 2000 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “शांति के लिये महिला संसक्ति”।
  • 2001 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और शांति: विरोध का प्रबंधन करती महिला”।
  • 2002 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “आज की अफगानी महिला: वास्तविकता और मौके”।
  • 2003 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “लैंगिक समानता और शताब्दी विकास लक्ष्य”।
  • 2004 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिला और एचआईवी/एड्स”।
  • 2005 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “2005 के बाद लैंगिक समानता; एक ज्यादा सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर रहा है”।
  • 2006 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “निर्णय निर्माण में महिला”।
  • 2007 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिये दंडाभाव का अंत ”
  • 2008 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिलाओं और लड़कियों में निवेश”।
  • 2009 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिये महिला और पुरुष का एकजुट होना”।
  • 2010 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “बराबर का अधिकार, बराबर के मौके: सभी के लिये प्रगति”।
  • 2011 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “शिक्षा, प्रशिक्षण और विज्ञान और तकनीक तक बराबरी की पहुँच: महिलाओं के लिये अच्छे काम के लिये रास्ता”।
  • 2012 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, गरीबी और भूखमरी का अंत”।
  • 2013 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “वादा, वादा होता है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने का अंत आ गया है”।
  • 2014 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम था “वादा, वादा होता है: महिलाओं के समानता सभी के लिये प्रगति है”।
  • 2015 का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का थीम है “महिला सशक्तिकरण- सशक्तिकरण इंसानियत: इसकी तस्वीर बनाओ! (यूएन के द्वारा),महिला सशक्तिकरण पर पुनर्विचार और 2015 में लैंगिक समानता और उससे आगे” (यूनेस्को के द्वारा) और “तोड़ने के द्वारा” (मैनचेस्टर शहर परिषद के द्वार)।
  • 2016 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का विषय है “इसे करना ही होगा”।
  • 2017 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का विषय है “बी बोल्ड फॉर चेंज”।
  • 2018 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव का विषय है “प्रेस फॉर चेंज”।

संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका:

संयुक्त राष्ट्र संघ ने महिलाओं के समानाधिकार को बढ़ावा और सुरक्षा देने के लिए विश्वभर में कुछ नीतियां, कार्यक्रम और मापदण्ड निर्धारित किए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार किसी भी समाज में उपजी सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक समस्याओं का निराकरण महिलाओं की साझेदारी के बिना नहीं पाया जा सकता।

भारत में महिला दिवस:

भारत में भी 08 मार्च को ‘महिला दिवस’ मनाया जाता है। पूरे देश में इस दिन महिलाओं को समाज में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है और समारोह आयोजित किए जाते हैं। महिलाओं के लिए काम कर रहे कई संस्थानों द्वारा जैसे अवेक, सेवा, अस्मिता, स्त्रीजन्म, जगह-जगह महिलाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जाते हैं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। समाज, राजनीति, संगीत, फिल्म, साहित्य, शिक्षा क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए महिलाओं को सम्मानित किया जाता है।