बाघा बॉर्डर लाईव – जहाँ दिखती है भारत की भव्यता और पाकिस्तान की बेचारगी

डॉ हरीश मैखुरी 

8 मार्च 2018 को अटारी बार्डर पर रिट्रीट सेरेमनी देखने गया। एक तरफ भारत की भव्यता और दूसरी ओर पाकिस्तान की बेचारगी साफ साफ दिखाई देती है। सोचता हूँ इन कंगलों को पाकिस्तान मांग कर आतंक के अलावा मिला क्या? फ्लैग रिट्रीट सैरेमनी 1953 से शांति काल में लगभग रोज शाम पांच बजे होती है। बीएसएफ की ओर से किए जाने वाले इस आयोजन में भारत की तरफ से जहां भारी भीड़ अनेक रंगों, प्रान्तों और देश विदेश के हजारों लोग भव्य इस फ्लैग आफ आयोजन का नजारा देखने पहुंचते हैं, वहीं पाकिस्तान की तरफ से काले कपड़ों में कुछ भूतनियों जैसी आकृति और  आतंकवादियों जैसे नमूने पूरी लाचारी और गरीबी लिए दिखते हैं। पाकिस्तान से लौटकर आ रहे एक दम्पति से जब मैंने पूरा भारत वापस आकर कैसा लग रहा है? उनका सीधा सा जवाब था “लग रहा जैसे कीचड़ से कमल पर आगये”। पाकिस्तान की ओर से मुझे सफेद पत्थरों के मलबे से लदे लोडर आते दिखे पता चला इन पत्थरों से भारत की फैक्ट्रियों में सीमेंट बनता है।यदि ऐसे ही पत्थर रोज आते रहे तो निश्चित रूप से पाकिस्तान वैसे ही खोखला हो जायेगा। #बाघाबोर्डर लाईव