किसान आन्दोलन और 2022 तक “किसानों” की आय दोगुनी करने हेतु प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास

प्रश्न उठता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक “किसानों” की आय दोगुनी करने के लिए क्या क्या प्रयास किये …
– जनधन एकाउंट्स
– उन्नत भारत अभियान
– फसलों का MSP बढाया
– किसान सम्मान निधि से ₹6,000
– फसल बीमा योजना

-किसानों को अपनी फसल अपनी मर्जी से बेचने खरीदने की स्वतंत्रता। 

-अनाज क्रय समितियां और मंडियों की व्यवस्था भी बनी रहेगी।

-अब बिचौलिए किसान की भूमि नहीं हड़प सकेंगे 

– MGNREGA में ज्यादा वेतनमान

– किसान क्रेडिट कार्ड

– डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर
– नीम कोटेड यूरिया
– शौचालय एवं गैस सिलिंडर
– eNAM की सुविधा
– बिजली और पानी की व्यवस्था
– सॉइल हेल्थ कार्ड
– 37 मेगा फ़ूड पार्क्स
– 297 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट्स
– किसान Train
– आयुष्मान भारत मेडिकल बीमा
– गाव में ऑप्टिकल फाइबर
– ग्राम आवास योजना PMAY
– ग्राम सड़क योजना
– पीएम कुसुम योजना
– पर ड्रॉप मोर क्रॉप – माइक्रो इरीगेशन
– किसान पेंशन योजना
– कृषि सिंचाई योजना
– परंपरागत कृषि विकास योजना
– वन Nation वन Ration Card
– बिचौलिया मुक्त नया किसान बिल
– ‘स्वामित्व’, प्रॉपर्टी कार्ड स्कीम

#किसान आंदोलन के विषय में ज्ञान देने वाला कोई है जो ये बता सकें,
◆किसान भारत माता की जय क्यों नहीं बोलेगे?
◆वो अल्ला हु अकबर, सत श्री अकाल और हलुलुइया बोलेगे लेकिन जय हिंद का नारा नही लगाऐंगे?
◆इंदिरा ठोकी तो मोदी क्या चीज है, देश के प्रधानमंत्री को धमकी देने की हिम्मत कहा से जुटा रहे है?
◆कश्मिर में धारा 370 की बहाली करवाने का इस आंदोलन से क्या वास्ता है?
◆क्या पंजाब से भारत का कब्जा छुड़ा कर खालिस्तान बनाने की बात, देश की अखंडता और सम्प्रभुता को सीधे चुनौती नही है?
◆पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे कौन और क्यों लगा रहा है?
◆दिल्ली को जाम कर देंगे कि बच्चे भूखों मर जाएगे, ऐसी सोच किस किसान की हो सकती है? क्या यह सब इस किसान आंदोलन का एजेंडा है? या ये आन्दोलन की आड़ में कहीं न कहीं संवैधानिक व्यवस्था को चुनौती के सरकार को अस्थिर करना देश के खेतीहर किसानों के साथ छल तो नहीं? या मोदी का विरोध केवल “बिचौलियों” के बहकावे में हो रहा है?  🌸सबसे बड़ा सवाल खेतीबाड़ी वाला किसान आज भी अपने खेतों और पालतू पशुओं के साथ में है ना? तो फिर किसानों के नाम पर आन्दोलन का छलावा किसका है?

 क्योंकि यदि किसानों की कोई समस्या है तो वह प्लेटफार्म पर क्यों नहीं उठाई जाती? सरकार वार्ता के लिए बुलाती है तो समस्या वहां सामने क्यों नहीं आ पाती? किसान बिल के विरोध में वे शक्तियां भी शामिल हैं तो CAA और NRC दिल्ली दंगों में थे इसलिए इस आन्दोलन पर सवाल उठाए जा रहे हैं।