बहुत गरीब हूँ मैं, मेरे पास मेरी भारत माँ को देने के लिए सिर्फ मेरे प्राण है” – खुदीराम बोस

“बहुत गरीब हूँ मैं, मेरे पास मेरी भारत माँ को देने के लिए सिर्फ मेरे प्राण है” – खुदीराम बोस

महान क्रांतिवीर खुदीराम बोस जी को जन्मदिवस पर शत् शत् नमन।

माँ भारती के इस नौजवान बेटे ने अपनी मातृभूमि के प्रेम में अपनी जवानी की आहूत दी और अमर होकर देशभक्ति की मशाल बन गया जिसके सहस वीरता की त्योति अमर ज्योति बनाकर जलती रहेगी । इस वीर जवान को फांसी से बचाने के लिए बाल गंगाधर तिलक जी ने अपनी पूरी कोशिश की लेकिन इस काम क लिए उन्हें अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता का शिकार होना पड़ा अउ उन्हें ६ साल का कठोर कारावास मिला । देश से बाहर बर्मा की जेल में उन्हें उनकी सेहत के लिए हानिकारक मौसम क देखत हुए रखा गया । वहीँ से तिलक जी की सेहत बगड़ती गयी और ६ साल बाद बाहर आने के कुछ ही समय बाद उनकी मृत्यु हो गयी । उस बाद गाँधी को देश की राजनीती को तुष्टिकरण की राह प् ले जाने की पूरी खुली छूट मिल गयी थी ।