भारत के AMCA लड़ाकू विमान से अमेरिका और चीन रह गये भौंचके, सहम गयी दुनियां

जब भारत ने AMCA लड़ाकू जहाज बनाने के लिए DRDO को हरी झंडी दिखाई थी तब अमेरिकन Defence Expert ने भारत का मजाक उड़ाते हुए टिप्पणी की थी कि यह जहाज तो तुम 2050 से पहले नहीं बना पाओगे और तेजस के ऊपर तंज कसते हुए कहा था कि तेजस जैसा छोटा लड़ाकू जहाज बनाने में तुम्हें 32 से ऊपर वर्ष लग गए तो एमका प्रोजेक्ट तो शायद तुम्हारा कभी कंप्लीट ही नहीं होगा।
अब जब DRDO ने एमका प्रोजेक्ट के सभी मानक पूरे कर लिए हैं और सरकार से इस का प्रोटोटाइप बनाने की अनुमति मांगी है। जिसके कारण अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट्स की रातों की नींद गायब हुई पड़ी है।
उनको समझ ही नहीं आ रहा कि उनके सबसे बड़ी इंडस्ट्री में भारत इतनी जल्दी सेंध लगा देगा तो उनकी अब इस हथियारों की इंडस्ट्री का भविष्य क्या होगा? सनद रहे कि इसी हथियारों की इंडस्ट्री के बल पर अमेरिका पूरे विश्व  पर अपना प्रभाव जमाए बैठा है। एक बार यह इंडस्ट्री अमेरिका के हाथ से निकल गई तो आने वाले समय में छोटे छोटे देश भी अमेरिका को कोई भाव नहीं देंगे। 
AMCA का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है। हालांकि प्रारंभिक डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। एमका का डिजाइन चरण ADA टीम द्वारा अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। तथापि, सरकार के अंतिम अनुमोदन के बाद प्रोटोटाइप प्राप्ति की वास्तविक गतिविधि शुरू होगी।
AMCA कार्यक्रम एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) के माध्यम से भारतीय उद्योगों को बड़े पैमाने पर शामिल करके चलाया जाएगा। उद्योग को 25 प्रतिशत R&D बजट आवंटन के संबंध में एएमसीए विकास 2022-23 की बजट घोषणा का एक प्रमुख अनुपालन होगा और निजी उद्योगों को एसपीवी मॉडल के माध्यम से डीआरडीओ के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।