मोदी के संबोधन से वैक्सीन पालिटिक्स बेनकाब!

अपने राष्ट्रीय संबोधन में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राज्यों ने वैक्सीनेशन का दायित्व मांगा था, हमने एक मई से राज्यों को वैक्सीन लगाने का जिम्मा भी दिया। लेकिन एक सप्ताह में ही राज्यों को ऐसा लगने लगा कि पहले वाली व्यवस्था ही ठीक थी और राज्यों ने अनुरोध किया कि वैक्सीनेशन का कार्य केन्द्र सरकार ही सम्पन्न करे। इसलिए 21 जून 2021 से केन्द्र 18 वर्ष के उपर की आयु के सभी देशवासियों को भारत सरकार निशुल्क वैक्सीनैशन की व्यवस्था करेगी। मोदी ने कहा कि फिर भी जो लोग निजी चिकित्सालयों में वैक्सीन लगाना चाहते हैं, वे लगा सकते हैं, निजी चिकित्सालय वैक्सीन पर केवल डेढ़ सौ रु अतिरिक्त मूल्य ही ले सकेंगे। इसकी मौनेटरिंग राज्य सरकारें करेंगी। मोदी ने कहा कि वैक्सीन के विषय में अफवाह और भ्रम फैलाने वालों को देश देख रहा है। इसलिए वैक्सीन जागरूकता को लेकर सभी देशवासी आगे आयें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब दीपावली तक देश के अस्सी करोड़ लोगों को भारत सरकार निशुल्क राशन वितरण की व्यवस्था करेगी। 

कोविड राजनीति की सच्चाई ये है कि अनेक राज्य संभवत:कोरोना वैक्सीन में कमाई का अवसर देख रहे थे, जैसा कि पंजाब में केन्द्र से मिली वैक्सीन को अतिरिक्त दरों पर बेचने की बातें शोशल मीडिया पर आयी भी, इस क्रम में अनेक राज्यों ने स्वास्थ्य को ‘राज्य का विषय’ बताते हुए कोविड टीकाकरण राज्यों को देने का दबाव बनाया, जिसे केन्द्र की मोदी सरकार ने वैक्सीन फार्मूला दूसरी कंपनियों को लीक होने  और भारी अनियमितता की आशंका के बावजूद राज्यों को टीकाकरण कार्यक्रम देना सहर्ष स्वीकार कर लिया। लेकिन जब राज्य टीकाकरण के लिए पैंसा भी केन्द्र से ही ऐंठने पर अड़े तो सवाल उठा कि फिर राज्यों का योगदान क्या रह गया, क्या उन्हे यह कार्यक्रम केवल कमाई के उद्देश्य से चाहिए? यही नहीं राज्यों के भरोसे एक सप्ताह में टीकाकरण अभियान चरमरा गया। टीकाकरण का नियमानुसार अनुपालन भी नहीं हो पाया तो राज्यों ने एक दो सप्ताह में ही हाथ खड़े कर दिए। बयान बाज नेताओं की हीलाहवाली के चलते टीकाकरण जैसा महाअभियान सुस्त पड़ गया। राजस्थान में तो हजारों डोज वैक्सीन कचड़े में पड़ी मिली, लोग दर दर भटकने लगे। निशुल्क लगने वाला टीका कई जगह हजारों में बिकने लगा। वहीं वर्ल्ड क्लास मोहल्ला क्लिनिक  टाईप अनेक मीडिया बाज माननीयों की कार्यशैली की असलियत भी उजागर हो गयी। पंजाब राजस्थान बिहार महाराष्ट्र जैसे अनेक राज्यों से जन शिकायतों का अंबार लग गया। केवल नवीन पटनायक जैसे कुछ ही समर्पित मुख्यमंत्रियों के राज्य इस कोविड महामारी में अपनी जनप्रिय कार्यशैली से राष्ट्रीय फलक पर जगह बना पाये। यही मुख्य कारण रहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी स्थितियों की असलियतें सामने रखते हुए देश के करोड़ों लोगों को निशुल्क टीकाकरण का उपहार दिया। साथ ही सभी से कोरोना टीकाकरण जागरूकता अभियान में बढ़चढ़कर आगे आने का आवाह्न भी किया। समझा जाता है कि इसके उपरान्त कोरोना वैक्सीनेशन की राजनीति पर विराम लग जायेगा। – – – हरीश मैखुरी