उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी की प्रथम पुण्य तिथि पर श्रध्दांजलि, भराड़ीसैंण विधानसभा भवन डाॅ0 मैखुरी के नाम पर रखने हेतु सरकार से अनुरोध

*उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी की पहली वर्षी पर उनके पैतृक गांव में जुटे जिले भर के दिग्गज और आत्मीय महानुभाव, भराड़ीसैंण विधानसभा भवन डाॅ0 मैखुरी के नाम पर रखने हेतु सरकार से अनुरोध*

समय को जाते हुए देर नहीं लगती, आज उत्तराखंड के

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी शनिवार ५ दिसंबर 2020को 68 वर्ष की आयु में निधन हुआ वे 2022  के लिए पुन कर्णप्रयाग विधानसभा से विधायक प्रत्याशी के तौर पर तैयारी कर रहे थे। और कोरोना काल में भी निरंतर जनता की सेवा कर रहे थे। जिस कारण कारण वे स्वयं भी कोरोना संक्रमित हो गये और उपचार हेतु देहरादून के मैक्स चिकित्सालय में भर्ती हुए थे, मैक्स चिकित्सालय के एमएस डा. राहुल प्रसाद ने जानकारी दी थी कि ‘मैखुरी को कोरोना के चलते 24 अक्तूबर२०२० को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां कुछ दिनों वे स्थिर रहे लेकिन बाद में स्थिति बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर पर रखा गया था’। डाॅ मैखुरी के बड़े बेटे राजेश ने जानकारी दी कि संभवतः वहां उनका कैथिटर लम्बे समय तक बदली नहीं हो सका जिस कारण बाद में उन्हैं किडनी संक्रमण भी हो गया और किडनी फेल होने के बाद उनका डायलिसिस भी चल जा रहा था। ३७ वें दिन अचानक उनकी तबियत खराब होने लगी, और ४२ वें दिन ५ दिसम्बर २०२० को वे आखिरकार जिंदगी की जंग हार गये, उन्होंने पूर्वाह्न 11 बजे मैक्स अस्प्ताल में अंतिम सांस ली, ६ दिसंबर रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे  हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार हुआ। डाक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी के निधन के बाद से पूरा जनपद चमोली स्तब्ध और शोकाकुल हो गया।
 डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी १९९० से ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन में काफी सक्रिय रहे। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और 2012 से 2017 के बीच में उत्तराखंड विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे।  डॉ मैखुरी राजनीति से उपर उठे हुए व्यक्ति थे उन्होंने पक्ष विपक्ष में कोई भेद नहीं किया। इसीलिए वे सदैव सबके प्रिय रहे।
 
डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांग्रेस पार्टी के सिपाही के रूप में उन्होंने जीवन पर्यंत कार्य किया। वे 2012 से 2017 के बीच में उत्तराखंड विधानसभा में उपाध्यक्ष की भूमिका में रहे, डॉ. मैखुरी को चमोली जिले में कांग्रेस का आधार स्तंभ माना जाता था।
         डॉ. मैखुरी का राजनीतिक सफर मैखुरा गांव के प्रधान से आरंभ हुआ, इसके बाद वे कर्णप्रयाग विकासखंड के प्रमुख रहे। और जिला पंचायत सदस्य रहे। भले वे दुसरी बार वे अपने गांव में क्षेत्र पंचायत चुनाव हार गये लेकिन सफलता और असफलता के बीच उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार जनसेवा में जुड़े रहे। वे डीसीडीएफ के चेयरमेन रहे  राज्य बनने के बाद सन 2002 में वे पहली बार बदरीनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और काफी बड़े अंतर से जीत हासिल की। बद्रीनाथ सीट से तत्कालीन मजबूत नेता श्री केदारसिंह फोनियां को मात देकर विधायक बने, इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के विकास की नींव रखी और कई योजनाएं शुरू करवाई।  बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष रहे,  नारायण दत्त तिवारी सरकार में वे चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष रहे।फिर 2007 में वे बदरीनाथ क्षेत्र से चुनाव लड़े, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था। 2012 में उन्होंने कर्णप्रयाग विधानसभा का रुख किया और विधायक का चुनाव लड़ा, जिसमें भाजपा ने खुद ही कांग्रेस की राह आसान बना दी थी और डॉ. अनसुया प्रसाद मैखुरी बड़े अंतर से कर्णप्रयाग क्षेत्र के विधायक बने।इस दौरान 2012-17 तक अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने कई विकास के काम किए।  गैरसैंण राजधानी भराङीसैण भूमि चयन और भवन निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। आदिबद्री ततहसील निर्माण और सिमली में महिला बेस चिकित्सालय का शिलान्यास और डिम्मर कपीरी को जोड़ने वाला मोटर पुल उनकी देन है। नन्दासैंण महाविद्यालय, आईटीआई और दर्जनों विद्यालयोंकी स्थापना भी उनके कार्यकाल में हुई। सैकड़ों मोटर सड़कों का निर्माण और स्वीकृति भी उनकी प्रमुख उपलब्धियों मे हैं।
 भराड़ीसैंण में विधानसभा की स्थापना से लेकर गैरसैंण के विकास में डॉ. मैखुरी का काफी योगदान योगदान रहा। कर्णप्रयाग व गौचर को नगर पंचायत से नगर पालिका बनाने, कर्णप्रयाग में एडीएजे कोर्ट खुलवाने, कर्णप्रयाग नगर में पिंडर नदी पर नया पुल बनवाने नंदासैंण में डिग्री कॉलेज खुलवाने से लेकर कई बड़े काम किए। वे खुद ही फाइल लेकर सचिवालय जाते थे
डॉ. अनसुया प्रसाद मैखुरी को सौम्य व सादगी के लिए जाना जाता है। 2013 की आपदा के दौरान जब कर्णप्रयाग में डिग्री कॉलेज का रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था, तो छात्रों ने रास्ते के निर्माण के लिए आंदोलन किया। विधायक और डिप्टी स्पीकर होने के बावजूद डॉ. मैखुरी सचिवालय में खुद फाइल लेकर अधिकारियों की मेज पर गए और अधिकारियों को एक संदेश दिया कि काम की पूजा होती है और कोई भी काम कभी छोटा या बड़ा नहीं होता।
नवंबर 2013 में विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. अनसुया प्रसाद मैखुरी ने विधानसभा भवन के लिए भूमि पूजन किया था। गैरसैंण में सत्र चलवाने से लेकर गांवों में सड़क पहुंचाने में भी मैखुरी का योगदान रहा। पूर्व डिप्टी स्पीकर डा. अनसूया प्रसाद मैखुरी के निधन पर जिले में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। वे बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष भी रहे और उन्होंने बदरी-केदार यात्रा को काफी प्रोत्साहन दिया था। वर्ष 2006 में डाॅ मैखुरी के बुलावे पर केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ में कोठा भवन (रावल निवास) के लोकार्पण के लिए पहुंचे थे। वे उच्च शिक्षित विनम्र गुणवान विद्वान थे। उनकी शिक्षा एम ए, वीएड, एलएलबी, और पीएचडी थी। वे हिंदी व अंग्रेजी भाषा के ज्ञाता अत्यन्त विनम्र शुशील व मृदुभाषी थे। पर सृष्टि के निर्मम कालचक ने उन्हें सांसों की मोहलत नहीं दी और वे इस संसार से चल बसे जीवन *गणित* है सांसें *घटती* है अनुभव *जुड़ते* है अलग अलग *कोष्ठकों* में बंद हम बुनते रहते हैं *समीकरण* लगाते रहते हैं *गुणा-भाग* जबकि जीवन का बड़ा सत्य *शून्य का परमधाम है* कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर डा.अनसूया प्रसाद मैखुरी के निधन पर राजनीतिक व सामाजिक दलों से जुड़े लोगों ने दुख प्रकट किया। डाॅ मैखुरी के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों की सूचि देख कर उनकी शख्सियत का अनुमान लगाया जा सकता है। जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी, पूर्व काबिना मंत्री राजेंद्र भंडारी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री व कर्णप्रयाग के पूर्व विधायक अनिल नौटियाल सहित कई जन प्रतिनिधियों ने मैखुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह चमोली की राजनीति की अपूर्ण क्षति है। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। उनके निधन को प्रदेश की अपूरणीय क्षति बताया प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व अन्य कांग्रेजजनों ने श्रध्दांजलि सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखा। जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी, पूर्व काबिना मंत्री राजेंद्र भंडारी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, भाजपा नेता टीका प्रसाद मैखुरी, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री व कर्णप्रयाग के पूर्व विधायक अनिल नौटियाल सहित कई जन प्रतिनिधियों ने मैखुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह चमोली की राजनीति की अपूर्ण क्षति है। उनके निधन पर बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रविंद्र पुजारी, नगर अध्यक्ष प्रमोद बिष्ट, ब्लॉक अध्यक्ष आनंद सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, प्रधान संगठन के पूर्व प्रवक्ता तेजवीर कंडेरी, ब्लॉक प्रमुख जोशीमठ हरीश परमार, कमल रतूड़ी, विकास जुगरान, अरविंद नेगी, ओम प्रकाश नेगी, टीका मैखुरी, रमेश मैखुरी, भुवन नौटियाल, ईश्वरी मैखुरी, हरिकृष्ण भट्ट, पुष्कर रावत, राजेंद्र सगोई, हरीश सती, दिनेश थपलियाल, केएस बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, सुरेश कुमार, कृष्णा नेगी, महेश आनद , उत्तरकाशी के बड़कोट में डॉ. मैखुरी के निधन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है। नौगांव की ब्लॉक प्रमुख सरोज पंवार, बड़कोट की नगर पालिका अध्यक्ष अनुपमा रावत, संजय डोभाल, अतोल रावत, अजबीन पंवार, मोहन सिलवाल, मुकेश राणा, शरत चौहान, पवन पंवार शोक जताते हुए परिजनों को शोक संवेदना प्रेषित की। उधर, पौड़ी में मोहित सिंह, नितिन, विजय दर्शन, गोपाल नेगी, राहुल नेगी आदि ने शोक जताया। आदिबदरी में व्यापार संघ अध्यक्ष विजय कुंवर, मंदिर समिति अध्यक्ष विजयेश नवानी, यशवंत कुंवर, नवीन बहुगुणा, हेमेंद्र कुंवर, नवीन खंडूड़ी, वलवंत सिंह, नरेश बरमोला, नरेंद्र चाकर ने शोक जताया।
डा. मैखुरी के निधन पर जताया दुख
रुद्रप्रयाग जनपद में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट, केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा कि डा. मैखुरी का निधन अपूर्णीय क्षति है। रुद्रप्रयाग विस के विधायक भरत सिंह चौधरी, जिपं अध्यक्ष अमरदेई शाह, ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल, कांग्रेस महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी, पूर्व राज्य मंत्री देवेंद्र झिक्वांण, पूर्व जिपं अध्यक्ष लक्ष्मण राणा, पालिकाध्यक्ष गीता झिक्वांण, उक्रांद के केंद्रीय प्रवक्ता देवेंद्र चमोली, किशोरी नंदन डोभाल, आप पार्टी के प्यार सिंह नेगी, अधिवक्ता केपी खन्ना ने शोक जताया। पूर्व विधायक और उत्तराखंड सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष रहे विकास पुरुष डॉ अनुसूया प्रसाद मैखुरी का मासिक श्राद्ध उनके देहरादून स्थित जोगीवाला आवास पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर कर्णप्रयाग के प्रमुख व्यवसायी रहे श्री दिनेश चंद्र मैखुरी (DCM) जो अब पूर्ण रूप से गायत्री परिवार की सेवा में समर्पित हैं, ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत को गायत्री परिवार की पुस्तकें भेंट की। हरीश रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल सहित यहां पधारे सभी महानुभावों ने डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी को श्रध्दांजलि अर्पित की। श्राद्ध के अवसर पर प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत, वर्तमान कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व विधायक डाॅ जीतराम, प्रदेश उपाध्यक्ष आर्यन शर्माा, प्रदेश महामंत्री नरेश जोशी प्रदेश महामंत्री हरिकिशन भट्ट, ओमप्रकाश सती बब्बन, ईश्वरी मैखुरी, चमोली जिला कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र रावत, ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सैगोई, चमोली जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण बिष्ट, पुरन सिंह नेगी, राजेन्द्र शाह, कमल सिंह रावत, नंदन बिष्ट, राकेश नेगी संदीप कुमार, सुरेश कुमार डिमरी, ओम प्रकाश सती आदि सहित सैकड़ों समाजिक कार्यकर्ता और भारी संख्या में इष्ट मित्र गण सम्मिलित हुए। पूर्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। डॉ मैखुरी के पुत्र राजेश मैखुरी, नवीन मैखुरी और भांजे सुजीत थपलियाल और परिजनों ने संवेदना व्यक्त करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
अब सनातन धर्म और वैदिक परंपरा के अनुसार डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी की श्राद्ध की तिथि 25 नवंबर 2021 को पड़ रही है जबकि आंगली भाषा कैलेंडर के अनुसार उनकी पुण्यतिथि 5 दिसंबर को आएगी 5 दिसंबर को उनकी स्मृति के अवसर पर उनके परम सहयोगी रहे डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद डिमरी ने बताया कि डॉ मैखुरी के द्वारा स्थापित जिला से B.Ed कॉलेज में उनकी स्मृति मैं एक बड़ी श्रध्दांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें उनके संस्मरणों पर आधारित व्याख्यान तथा उनकी उपलब्धियों की झलकियां भी देखने को मिलेंगी उन्होंने समस्त क्षेत्र की जनता से उस दिन जिलासू में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भी आमंत्रित किया है।
डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी का मेरे ऊपर निजी रूप से व्यक्तिगत अनुग्रह था सच कहूं तो मैं उनका राजनीतिक रणनीतिकार भी रहा यद्यपि वे आयु में मुझसे श्रेष्ठ थे लेकिन उनकी विनम्रता देखिए कि वे समय-समय पर मुझसे परामर्श लेते रहते थे डाॅ भगवती प्रसाद पुरोहित जी की क्षत्रछाया में जब आप पीएचडी कर रहे थे तब भी और विधायक के रूप में भी अनेक बार वे अपने लेख और विचार संपादन के लिए मुझे भेजते थे। जीवन के अंतिम क्षणों में भी उनकी ऊर्जा देखने लायक थी मैक्स अस्पताल जाने के कुछ दिन पहले वे कर्णप्रयाग के पास उम्मटा में मुझे मिले वह कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत के साथ गैरसैण की तरफ क्षेत्र भ्रमण पर जा रहे थे कर्णप्रयाग में कृष्णा पैलेस में बैठकर हम सब ने सूक्ष्म जलपान किया। उसके बाद हम देहरादून आ गये तीसरे दिन उनका फोन आया कि हरीश मुझे कोरोना हो गया क्या करूं! मैनै कहा कि बिना देर किए गोपेश्वर जिला चिकित्सालय में उपचार लो। तब वे बोले देहरादून में कहां ठीक रहेगा तो मैने दून मेडिकल कॉलेज की राय दी लेकिन उसके दूसरे दिन गनोली में उनकी चाची जी का देहांत हो गया और वे कोरोना बुखार में भी उनके अंतिम संस्कार में लंगासू घाट पर आये और तीसरे दिन शुशील के साथ देहरादून आये। फिर उनका शाम 5:00 बजे के करीब फोन आया कि मैं मैक्स पंहुच गया हूँ। दूसरे दिन हम मैक्स चले गए लेकिन वहां कोरोना वार्ड में हमें उनसे मिलने नहीं दिया, तब हमने वहां की एक नर्स से उनका फोटो खींचने की कोशिश करने को कहा, शायद वही उनका अंतिम फोटो होगा। बड़े भाई भले ही भौतिक रूप से आप आज विद्यमान नहीं है लेकिन आपके स्पंदन ऊर्जा और मधुर व्यवहार को मैं सदैव अपने अगल-बगल ही पाता हूं इसीलिए आप को श्रद्धांजलि देने का भाव नहीं होता क्योंकि आप मेरे लिए सदैव जीवित हैं✍️ डाॅ हरीश मैखुरी
 
 
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी शनिवार ५ दिसंबर 2020को 68 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उन दिनों वे 2022  के लिए पुन: कर्णप्रयाग विधानसभा से विधायक प्रत्याशी के तौर पर तैयारी कर रहे थे और कोरोना काल में भी निरंतर जनता के मध्य सक्रिय रूप से कार्य कर रहे थे। जिस कारण कारण वे स्वयं भी कोरोना संक्रमित हो गये और उपचार हेतु देहरादून के मैक्स चिकित्सालय में भर्ती हुए थे, मैक्स चिकित्सालय के एमएस डा. राहुल प्रसाद ने जानकारी दी थी कि ‘मैखुरी को कोरोना के चलते 24 अक्तूबर२०२० को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां कुछ दिनों वे स्थिर रहे लेकिन बाद में स्थिति बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर पर रखा गया था’। डाॅ मैखुरी के बड़े बेटे राजेश ने जानकारी दी कि संभवतः वहां उनका कैथिटर लम्बे समय तक बदली नहीं हो सका जिस कारण बाद में उन्हैं किडनी संक्रमण भी हो गया और किडनी फेल होने के बाद उनका डायलिसिस भी चल रहा था। ३७ वें दिन अचानक उनकी तबियत खराब होने लगी, और ४२ वें दिन ५ दिसम्बर २०२० को वे आखिरकार जिंदगी की जंग हार गये, उन्होंने पूर्वाह्न 11 बजे मैक्स अस्प्ताल में अंतिम सांस ली, डाक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी के निधन के से पूरा जनपद चमोली स्तब्ध और शोकाकुल हो गया था। किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि वे अब इस संसार में नहीं रहे। उसके उपरांत ६ दिसंबर रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे  हरिद्वार खड़खड़ी घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। डाॅ मैखुरी की एक बेटी नीलम काला बंबई में रहती है। उनका बड़ा बेटा राजेश ऊर्जा विभाग में अधिकारी है जबकि छोटा बेटा नवीन दिली में एक निजी कंपनी में अधिकारी हैं।
 डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी १९९० से ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और 2012 से 2017 के बीच में उत्तराखंड विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे। डॉ. मैखुरी को चमोली जिले में कांग्रेस का आधार स्तंभ माना जाता था। डॉ मैखुरी राजनीति से उपर उठे हुए व्यक्ति थे उन्होंने पक्ष विपक्ष में कोई भेद नहीं किया। इसीलिए वे सदैव सबके प्रिय रहे।
         डॉ. मैखुरी का राजनीतिक सफर मैखुरा गांव के प्रधान से आरंभ हुआ, इसके बाद वे कर्णप्रयाग विकासखंड के प्रमुख रहे और जिला पंचायत सदस्य रहे। भले वे दुसरी बार वे अपने गांव में क्षेत्र पंचायत चुनाव हार गये लेकिन सफलता और असफलता के बीच कभी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार जनसेवा कार्यों में जुड़े रहे। वे डीसीडीएफ के चेयरमेन रहे  राज्य बनने के बाद सन 2002 में उन्होंने पहली बार बदरीनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और तत्कालीन भाजपा के मजबूत नेता और कैबिनेट मंत्री श्री केदारसिंह फोनियां को मात देकर काफी बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उस कार्यकाल में उन्होंने क्षेत्र के विकास की नींव रखी और कई योजनाएं शुरू करवाई। नारायण दत्त तिवारी सरकार में वे चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष भी रहे। वे बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष भी रहे, उन्होंने बदरी-केदार यात्रा को काफी प्रोत्साहन दिया था। उन्होंने 2007 में  बदरीनाथ क्षेत्र से पुन: विधायक का चुनाव लड़ा, लेकिन उनको बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा। 2012 में उन्होंने कर्णप्रयाग विधानसभा का रुख किया और विधायक का चुनाव लड़ा, जिसमें भाजपा ने ही कांग्रेस की राह आसान बना दी थी और डॉ. अनसुया प्रसाद मैखुरी बड़े अंतर से कर्णप्रयाग क्षेत्र के विधायक बने। इस कार्यकाल में 2012-17 तक अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने कई विकास के काम किए।  गैरसैंण राजधानी भराङीसैण भूमि चयन और भवन निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। आदिबद्री ततहसील निर्माण और सिमली में महिला बेस चिकित्सालय का शिलान्यास और डिम्मर कपीरी को जोड़ने वाला मोटर पुल उनकी देन है। जयकंडी मैखुरा मोटरमार्ग, नन्दासैंण महाविद्यालय, आईटीआई और दर्जनों विद्यालयों की स्थापना भी उनके कार्यकाल में हुई। सैकड़ों मोटर सड़कों का निर्माण और स्वीकृति भी उनकी प्रमुख उपलब्धियों मे हैं। गैरसैंण क्षेत्र के विकास में उनकी बड़ी रुचि थी। कर्णप्रयाग व गौचर को नगर पंचायत से नगर पालिका बनाने, कर्णप्रयाग में एडीएजे कोर्ट खुलवाने, कर्णप्रयाग नगर में पिंडर नदी पर नया पुल बनवाने नंदासैंण में डिग्री कॉलेज खुलवाने से लेकर गौचर में भाषा संस्थान की स्वीकृति, गौचर पेयजल आपूर्ति योजना जैसे कई बड़े काम किए। वे खुद ही विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु फाइल हाथ में ले लेकर सचिवालय जाते थे। उन दिनों शिक्षा के लिए बीएड की काफी मांग थी सीटें कम थी इसलिए उन्हों ने जिलासू में डा सुरेन्द्र प्रसाद डिमरी के साथ मिल कर एक बीएड कालेज भी खोला।
डॉ. अनसुया प्रसाद मैखुरी को सौम्य व शालीनता और सादगी के लिए जाना जाता था। 2013 की आपदा के समय जब कर्णप्रयाग में डिग्री कॉलेज का रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था, तो छात्रों ने रास्ते के निर्माण के लिए आंदोलन किया। विधायक और डिप्टी स्पीकर होने के बावजूद डॉ. मैखुरी सचिवालय में खुद फाइल लेकर अधिकारियों की मेज पर गए और अधिकारियों को एक संदेश दिया कि काम की पूजा होती है, कोई भी काम कभी छोटा या बड़ा नहीं होता।
नवंबर 2013 में विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ.अनसुया प्रसाद मैखुरी ने विधानसभा भवन के लिए भूमि पूजन किया था। गैरसैंण में सत्र चलवाने से लेकर गांवों में सड़क पहुंचाने में भी मैखुरी का योगदान रहा। वर्ष 2006 में डाॅ मैखुरी के बुलावे पर केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ में कोठा भवन (रावल निवास) के लोकार्पण के लिए पहुंचे थे। वे उच्च शिक्षित विनम्र गुणवान विद्वान थे। उनकी शिक्षा एम ए, वीएड, एलएलबी, और पीएचडी थी। वे हिंदी व अंग्रेजी भाषा के ज्ञाता अत्यन्त विनम्र शुशील व मृदुभाषी थे। पर सृष्टि के निर्मम कालचक ने उन्हें सांसों की मोहलत नहीं दी और वे इस संसार से चल बसे जीवन *गणित* है सांसें *घटती* है अनुभव *जुड़ते* है अलग अलग *कोष्ठकों* में बंद हम बुनते रहते हैं *समीकरण* लगाते रहते हैं *गुणा-भाग* जबकि जीवन का बड़ा सत्य *शून्य का परमधाम है* कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर डा.अनसूया प्रसाद मैखुरी के निधन पर राजनीतिक व सामाजिक दलों से जुड़े लोगों ने दुख प्रकट किया। डाॅ मैखुरी के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों की सूचि देख कर उनकी शख्सियत का अनुमान लगाया जा सकता है। जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी, पूर्व काबिना मंत्री राजेंद्र भंडारी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री व कर्णप्रयाग के पूर्व विधायक अनिल नौटियाल सहित कई जन प्रतिनिधियों ने मैखुरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह चमोली की राजनीति की अपूर्ण क्षति है। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। उनके निधन को प्रदेश की अपूरणीय क्षति बताया प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व अन्य कांग्रेजजनों ने श्रध्दांजलि सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखा। उनके निधन पर बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रविंद्र पुजारी, नगर अध्यक्ष प्रमोद बिष्ट, ब्लॉक अध्यक्ष आनंद सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, प्रधान संगठन के पूर्व प्रवक्ता तेजवीर कंडेरी, ब्लॉक प्रमुख जोशीमठ हरीश परमार, कमल रतूड़ी, विकास जुगरान, अरविंद नेगी, ओम प्रकाश नेगी, रमेश मैखुरी, भुवन नौटियाल, ईश्वरी मैखुरी, हरिकृष्ण भट्ट, पुष्कर रावत, राजेंद्र सगोई, हरीश सती, दिनेश थपलियाल, केएस बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, सुरेश कुमार, कृष्णा नेगी, महेश आनद , उत्तरकाशी के बड़कोट में डॉ. मैखुरी के निधन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है। नौगांव की ब्लॉक प्रमुख सरोज पंवार, बड़कोट की नगर पालिका अध्यक्ष अनुपमा रावत, संजय डोभाल, अतोल रावत, अजबीन पंवार, मोहन सिलवाल, मुकेश राणा, शरत चौहान, पवन पंवार शोक जताते हुए परिजनों को शोक संवेदना प्रेषित की। उधर, पौड़ी में मोहित सिंह, नितिन, विजय दर्शन, गोपाल नेगी, राहुल नेगी आदि ने शोक जताया। आदिबदरी में व्यापार संघ अध्यक्ष विजय कुंवर, मंदिर समिति अध्यक्ष विजयेश नवानी, यशवंत कुंवर, नवीन बहुगुणा, हेमेंद्र कुंवर, नवीन खंडूड़ी, वलवंत सिंह, नरेश बरमोला, नरेंद्र चाकर ने शोक जताया।
डा. मैखुरी के निधन पर जताया दुख
रुद्रप्रयाग जनपद में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट, केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा कि डा. मैखुरी का निधन अपूर्णीय क्षति है। रुद्रप्रयाग विस के विधायक भरत सिंह चौधरी, जिपं अध्यक्ष अमरदेई शाह, ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल, कांग्रेस महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी, पूर्व राज्य मंत्री देवेंद्र झिक्वांण, पूर्व जिपं अध्यक्ष लक्ष्मण राणा, पालिकाध्यक्ष गीता झिक्वांण, उक्रांद के केंद्रीय प्रवक्ता देवेंद्र चमोली, किशोरी नंदन डोभाल, आप पार्टी के प्यार सिंह नेगी, अधिवक्ता केपी खन्ना ने शोक जताया। पूर्व विधायक और उत्तराखंड सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष रहे विकास पुरुष डॉ अनुसूया प्रसाद मैखुरी का मासिक श्राद्ध उनके देहरादून स्थित जोगीवाला आवास पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर कर्णप्रयाग के प्रमुख व्यवसायी रहे श्री दिनेश चंद्र मैखुरी (DCM) जो अब पूर्ण रूप से गायत्री परिवार की सेवा में समर्पित हैं, ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत को गायत्री परिवार की पुस्तकें भेंट की। हरीश रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल सहित यहां पधारे सभी महानुभावों ने डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी को श्रध्दांजलि अर्पित की। श्राद्ध के अवसर पर प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत, वर्तमान कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व विधायक डाॅ जीतराम, प्रदेश उपाध्यक्ष आर्यन शर्माा, प्रदेश महामंत्री नरेश जोशी प्रदेश महामंत्री हरिकिशन भट्ट, ओमप्रकाश सती बब्बन, ईश्वरी मैखुरी, चमोली जिला कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र रावत, ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सैगोई, चमोली जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण बिष्ट, पुरन सिंह नेगी, राजेन्द्र शाह, कमल सिंह रावत, नंदन बिष्ट, राकेश नेगी संदीप कुमार, सुरेश कुमार डिमरी, डाॅ हरीश मैखुरी, डाॅ भगवती प्रसाद पुरोहित, मंगला प्रसाद कोठियाल, डाॅ दरवानसिंह पुंडरी, ओम प्रकाश सती आदि सहित सैकड़ों समाजिक कार्यकर्ता और भारी संख्या में इष्ट मित्र गण सम्मिलित हुए। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। डॉ मैखुरी के पुत्र राजेश मैखुरी, नवीन मैखुरी और भांजे सुजीत थपलियाल और परिजनों ने संवेदना व्यक्त करने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
अब सनातन धर्म और वैदिक परंपरा के अनुसार डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी की श्राद्ध की तिथि 25 नवंबर 2021 को पड़ रही है जबकि आंगली भाषा कैलेंडर के अनुसार उनकी पुण्यतिथि 5 दिसंबर को आएगी 5 दिसंबर को उनकी स्मृति के अवसर पर उनके परम सहयोगी रहे डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद डिमरी ने बताया कि डॉ मैखुरी के द्वारा स्थापित जिला से B.Ed कॉलेज में उनकी स्मृति में श्रध्दांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें उनके संस्मरणों पर आधारित व्याख्यान तथा उनकी उपलब्धियों की झलकियां भी देखने को मिलेंगी, डा डिमरी ने समस्त क्षेत्र की जनता से उस दिन जिलासू में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भी आमंत्रित किया है।
डॉक्टर अनुसूया प्रसाद मैखुरी का मेरे ऊपर निजी रूप से व्यक्तिगत अनुग्रह था सच कहूं तो मैं उनका राजनीतिक रणनीतिकार की तरह रहा यद्यपि वे आयु में मुझसे श्रेष्ठ थे लेकिन उनकी विनम्रता देखिए कि वे समय-समय पर मुझसे परामर्श लेते रहते थे डाॅ भगवती प्रसाद पुरोहित जी की क्षत्रछाया में जब आप पीएचडी कर रहे थे तब भी और विधायक के रूप में भी अनेक बार वे अपने लेख और विचार संपादन के लिए मुझे भेजते थे। जीवन के अंतिम क्षणों में भी उनकी ऊर्जा देखने लायक थी मैक्स अस्पताल जाने के कुछ दिन पहले वे कर्णप्रयाग के पास उम्मटा में मुझे मिले वह कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत के साथ गैरसैण की तरफ क्षेत्र भ्रमण पर जा रहे थे कर्णप्रयाग में कृष्णा पैलेस में बैठकर हमें हरिकृष्ण भट्ट ने सूक्ष्म जलपान कराया। उसके बाद हम देहरादून आ गये तीसरे दिन बड़े भाई डाॅ मैखुरी का फोन आया कि हरीश मुझे कोरोना हो गया क्या करूं! मैनै कहा कि बिना देर किए गोपेश्वर जिला चिकित्सालय में उपचार लो। तब उन्होंने पूछा कि देहरादून में कहां ठीक रहेगा तो मैने दून मेडिकल कॉलेज की राय दी लेकिन उसके दूसरे दिन गनोली में उनकी चाची जी का देहांत हो गया और वे कोरोना बुखार में भी उनके अंतिम संस्कार में लंगासू घाट पर आये और तीसरे दिन शुशील के साथ देहरादून आये। फिर उनका शाम 5:00 बजे के करीब फोन आया कि मैं मैक्स पंहुच गया हूँ। दूसरे दिन हम मैक्स चले गए लेकिन वहां कोरोना वार्ड में हमें उनसे मिलने नहीं दिया, तब हमने वहां की एक नर्स से उनका फोटो खींचने की कोशिश करने को कहा, शायद वही उनका अंतिम फोटो होगा। बड़े भाई भले ही भौतिक रूप से आप आज विद्यमान नहीं है लेकिन आपके स्पंदन ऊर्जा और मधुर व्यवहार को मैं सदैव अपने अगल-बगल ही पाता हूं इसीलिए आप को श्रद्धांजलि देने का भाव पैदा नहीं होता क्योंकि आप मेरे लिए सदैव जीवित आपका जाना एक युग की समाप्ति जैसा है, सकारात्मक राजनीतिक के ऐसे सुचितापूर्ण मानदंड डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी ही स्थापित कर सकते हैं कि जहाँ विपक्ष भी अपना और अपनों के लिए भी नियमों का पूरा अनुपालन, ऐसी निरपेक्षता सहृदयता सदाशयता का राजनीति में अभाव है। आने वाले पांच दिसम्बर को आपके जाने का एक साल हो जायेगा, जबकि २५ नवम्बर को तिथि के अनुसार आपका वाषिर्क श्राद्ध मैखुरा गांव में होना है। महसूस ही नहीं होता कि आप अब इस दुनियां में नहीं रहे ऐसा लगता अभी आपका फोन आयेगा ‘चल भ्राता हरीश एक जगह चलना है’ आपका असमय जाना बहुत खलता है। गैरसैंण राजधानी के लिए आपने जो अभूतपूर्व भूमिका निभाई अब सूक्ष्म शरीर से राजनीतिज्ञों को प्रेरणा देना कि वहां उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी बन सके। भगवान नारायण ने आपकी पुण्यात्मा को अपनी शरण अवश्य प्रदान की होगी।
  आपका जाना एक युग की समाप्ति जैसा है, सकारात्मक राजनीतिक के ऐसे सुचितापूर्ण मानदंड डाॅ अनुसूया प्रसाद मैखुरी ही स्थापित कर सकते हैं कि जहाँ विपक्ष भी अपना और अपनों के लिए भी नियमों का पूरा अनुपालन, ऐसी निरपेक्षता सहृदयता सदाशयता का राजनीति में अभाव है। आने वाले पांच दिसम्बर को आपके जाने का एक साल हो जायेगा, जबकि २५ नवम्बर को तिथि के अनुसार आपका वाषिर्क श्राद्ध मैखुरा गांव में होना है। महसूस ही नहीं होता कि आप अब इस दुनियां में नहीं रहे ऐसा लगता अभी आपका फोन आयेगा ‘चल भ्राता हरीश एक जगह चलना है’ आपका असमय जाना बहुत खलता है। गैरसैंण राजधानी के लिए आपने जो अभूतपूर्व भूमिका निभाई अब सूक्ष्म शरीर से राजनीतिज्ञों को प्रेरणा देना कि वहां उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी बन सके। भगवान नारायण ने आपकी पुण्यात्मा को अपनी शरण अवश्य प्रदान की होगी।💐🙏 हरीश मैखुरी

 

उत्तराखंड सरकार से विनम्र अनुरोध है कि सिमली में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाय जिसके लिए सिमली के उपरी गांव में पर्याप्त जगह है। इसी के साथ कंथोली सैंण में सामरिक और पर्यटक महत्व हवाई पट्टी विकसित की जाय। #कर्णप्रयाग विधानसभा और #बद्रीनाथ विधानसभा से आप को विधायक बनाने हेतु दोनों विधानसभाओं के प्रबुद्ध लोगों और महान जनता का हृदय से आभार💐💐
✍️ डाॅ हरीश मैखुरी