आज का पंचाग, आपका राशि फल, करवाचौथ महात्म्य और व्रतकथा

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻रविवार, २४ अक्टूबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:२७
सूर्यास्त: 🌅 ०५:४०
चन्द्रोदय: 🌝 १९:५९
चन्द्रास्त: 🌜०९:३४
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌳 हेमन्त
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 चतुर्थी (२९:४३ तक)
नक्षत्र 👉 रोहिणी (२५:०२ तक)
योग 👉 वरीयान् (२३:३५ तक)
प्रथम करण 👉 बव (१६:२१ तक)
द्वतीय करण 👉 बालव (२९:४३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 वृष
मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 वृश्चिक (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३८ से १२:२३
अमृत काल 👉 २१:२५ से २३:१३
विजय मुहूर्त 👉 १३:५३ से १४:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२६ से १७:५०
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२७
राहुकाल 👉 १६:१३ से १७:३७
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:०१ से १३:२
होमाहुति 👉 मंगल
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (२५:०२ तक)
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 कैलाश पर (२९:४३ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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करवा (करक) चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि १९:५९, विवाहादि मुहूर्त (हिमाचल, पंजाब, कश्मीर, हरियाणा) आदि के लिये तुला-धनु लग्न प्रातः ०६:३५ से ११:३३ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०९:५३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
शतभिषा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (सू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (से, सो, द, दी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २९:५७ से ०८:१८
वृश्चिक – ०८:१८ से १०:३७
धनु – १०:३७ से १२:४१
मकर – १२:४१ से १४:२२
कुम्भ – १४:२२ से १५:४८
मीन – १५:४८ से १७:११
मेष – १७:११ से १८:४५
वृषभ – १८:४५ से २०:४०
मिथुन – २०:४० से २२:५५
कर्क – २२:५५ से २५:१६
सिंह – २५:१६ से २७:३५
कन्या – २७:३५ से २९:५३
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:२५ से ०८:१८
शुभ मुहूर्त – ०८:१८ से १०:३७
चोर पञ्चक – १०:३७ से १२:४१
शुभ मुहूर्त – १२:४१ से १४:२२
रोग पञ्चक – १४:२२ से १५:४८
शुभ मुहूर्त – १५:४८ से १७:११
शुभ मुहूर्त – १७:११ से १८:४५
रोग पञ्चक – १८:४५ से २०:४०
शुभ मुहूर्त – २०:४० से २२:५५
मृत्यु पञ्चक – २२:५५ से २५:०२
अग्नि पञ्चक – २५:०२ से २५:१६
शुभ मुहूर्त – २५:१६ से २७:३५
रज पञ्चक – २७:३५ से २९:४३
शुभ मुहूर्त – २९:४३ से २९:५३
चोर पञ्चक – २९:५३ से ३०:२५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिये संतोषजनक रहेगा। आज आप धन को लेकर ज्यादा भागदौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे लेकिन फिर भी लाभ पाने की योजना चलती रहेगी। आर्थिक कारणों से मन मे चिंता रहेगी फिर भी उजागर नही करेंगे। कार्य व्यवसाय से थोड़े परिश्रम के बाद काम चलाने लायक धन मिल जायेगा। परिजनों अथवा रिश्तेदारों से आपसी संबंधों में व्यवहारिकता मात्र ही रहेगी स्वार्थवश व्यवहार करेंगे। घर के लोग आज आपकी निश्चिन्त प्रवृति के चलते नाराज हो सकते है। संध्या बाद कोई शुभ समाचार मिलने से मानसिक शांति मिलेगी। धन के लेन देन में स्पष्टता रखें। पर्यटन की योजना बनाएंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर बनेगी लेकिन आपकी मौज शौक की प्रवृति के पीछे खर्च अधिक होगा। घर मे सुख सुविधा के सामान की बढ़ोतरी होगी। आज के दिन आपकी मानसिकता बिना परिश्रम किया सुख भोगने वाली रहेगी यह कामना कुछ हद तक पूर्ण भी हो जाएगी परन्तु धन संबंधित योजनाओ को गति देने के लिए आज किसी अन्य की सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। मध्यान तक किये परिश्रम का फल संध्या तक मिल जाएगा। जोड़-तोड़ कर धन कोष में वृद्धि होगी लेकिन दैनिक से अतिरिक्त खर्च आने से बचत नही हो पाएगी। आज किसी की सहायता मजबूरी में करेंगे। बाहर घूमने का आयोजन होगा मनोरंजन पर खर्च बढेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन भी संघर्षमय रहेगा। मध्यान तक लगभग सभी कार्य अव्यवस्थित रहेंगे जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई उलझन पड़ेगी। आर्थिक कमी रहने से मन मे नकारात्मक भाव आएंगे। महिलाओ को पेट, कमर अथवा जोड़ो संबंधित परेशानी रहने के कारण घर के कार्यो में विलंब होगा। कार्य व्यवसाय में से भी आज निराशा ही हाथ लगेगी। ध्यान रहे आज धन लाभ के लिए किसी के सहयोग एवं मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ेगी इसलिए रूखे व्यवहार से बचें आज आप केवल व्यवहारिकता के बल पर ही लाभ कमा सकते है। घर मे भी किसी सदस्य से उग्र वार्ता होने की संभावना है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपकी सोची अधिकांश योजनाए निर्विरोद्ध सफल होंगी। खासकर महिलाये कार्यो के मन इच्छित रूप से होने पर दिन भर प्रसन्न रहेंगी। आध्यात्मिक एवं परोपकारी स्वभाव का लाभ भी किसी ना किसी रूप में आज अवश्य मिलेगा। नौकरी पेशा जातको को नई जगह से प्रस्ताव मिलेंगे। बेरोजगारों के भी नए रोजगार से जुड़ने की संभावना है प्रयासरत रहें। धन लाभ रुक-रुक कर परन्तु प्रचुर मात्रा में होगा जिससे अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर सकेंगे। फिजूल के खर्च भी मध्यान के बाद अकस्मात ही बढ़ेंगे इनकी परवाह आज नही करेंगे। पति-पत्नि ने मामूली नोक-झोंक हो सकती है। संध्या के समय थकान ज्यादा रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपको पारिवारिक प्रतिष्ठा का भरपूर लाभ मिलेगा लेकिन संतानो को लेकर कोई नई समस्या खड़ी होने से थोड़ी परेशानी भी रहेगी। नौकरी पेशा जातको को व्यवहार कुशलता का फल सम्मान के रूप में मिलेगा अतरीरिक्त आय के साधन भी जुड़ेंगे। सरकारी कार्यो में आज ढील ना दें अन्यथा लंबे समय के लिए लटक सकते है। आज महिलाओ की फरमाइशें पूर्ण नही हो पायेगी जिससे थोड़ी देर के लिए घर का वातावरण उदासीन बनेगा। धन लाभ आज आवश्यकता अनुसार लेकिन प्रयत्न करने पर ही होगा। आज आप पुरानी स्मृतियां ताजा होने से कुछ समय के लिए काल्पनिक दुनिया मे भी खोये रहेंगे। दाम्पत्य जीवन सामान्य रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए साधारण ही रहेगा। अधिकांश समय आप अपने मे ही मगन रहेंगे लेकिन अपने कार्यो को थोड़े आलस्य के बाद पूरी निष्ठा से करेंगे। आर्थिक रूप से दिन कुछ खास लाभ नही देगा। व्यवसायियों को नियमित कार्यो से मध्यम आय होगी धन को लेकर ज्यादा हाथ-पैर ना मारे अन्यथा कुछ ना कुछ हानि ही मिलेगी। पारिवारिक सदस्य आपकी मनोदशा को समझेंगे जिससे आपसी तालमेल बना रहेगा। महिलाये भक्ति भावना से सराबोर रहेंगी। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा के प्रसंग भी बनेंगे परन्तु अंत समय मे किसी कारणवश निरस्त भी हो सकते है। अविवाहितों के विवाह के प्रस्ताव आएंगे लेकिन जल्दबाजी ना करें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन भी आपके लिए हानिकर रहेगा। दिन के प्रथम भाग में कोई अशुभ समाचार मिलने से मन बेचैन रहेगा। परिवार अथवा रिश्तेदारी में दुखद घटना होने की संभावना है। जोखिम वाले कार्यो से दूर रहना ही हितकर रहेगा। नौकरी पेशा जातको पर आकस्मिक कोई संकट आ सकता है अधिकारियों से बच कर रहें। कार्य व्यवसाय में उदासीनता दिखाने से होने वाले लाभ में कमी आएगी। आपके स्वभाव में रूखापन रहने से स्नेहीजनों को तकलीफ होगी। परिवार अथवा अन्य से किये वादे पूरे नही कर सकेंगे जिसकारण सम्मान हानि हो सकती है। आय की अपेक्षा खर्च अधिक होगा। महिलाओ को शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपको विजय दिलाने वाला रहेगा परन्तु सम्बन्धो को लेकर आपकी लापरवाही स्नेही जनों से दूरी बनायेगी। दिन के आरम्भ में व्यवसाय संबंधित शुभ समाचार मिलेंगे धन लाभ थोड़े अंतराल पर होता रहेगा। नौकरी पेशा जातक भी आज अधिकारी वर्ग के निकट रहने से आसानी से अपनी कामना सिद्धि कर सकेंगे। महिलाये आध्यात्म में रुचि लेंगी लेकिन सुख सुविधाओं को लेकर असंतुष्ट भी रहेंगी। घर अथवा व्यावसायिक स्थल को नया रूप देने के लिये तोड़-फोड़ करने की योजना बनायेंगे। नये कार्यानुबन्ध हाथ मे लेना आज शुभ रहेगा। कही से रुका धन मिलने से प्रसन्नता होगी। घर मे मामूली बहस के बाद भी स्थिति सुखदायी रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए लाभ दिलाने वाला रहेगा। प्रातः काल से ही मन मे धन लाभ की कामना लगी रहेगी इसके लिए कुछ ना कुछ तिकड़म लगाते रहेंगे लेकिन धन की आमद मध्यान पश्चात ही संभव हो सकेगी। आज पुराने धन की वापसी होने पर प्रसन्न रहेंगे। महिलाये खरीदारी पर धन खर्च करेंगी अज्ञानता में हानि होने की संभावना है सतर्क रहें। आपकी जरूरत लोगो को आज अधिक रहने से सम्मान के साथ धन लाभ के अवसर भी मिलते रहेंगे। गृहस्थ में पूर्ण ध्यान नही देने से किसी की नाराजगी देखनी पड़ेगी लेकिन कुछ समय के लिए ही। संतानो को लेकर चल रही चिंता आज कम होगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप अपनी बुद्धि के बल से धन एवं सम्मान का लाभ पायेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि निखरेगी। कार्य क्षेत्र पर भी आपकी राय की आवश्यकता पड़ेगी। अधिकारी वर्ग आप के ऊपर प्रसन्न रहेंगे। कुछ दिनों से मन मे चल रही दुविधा का आज कुछ ना कुछ हल अवश्य निकल आएगा। लेकिन आर्थिक दृष्टिकोण से आज भी दिन परेशानी भरा रहेगा फिर भी खर्चो पर नियंत्रण रहने से ज्यादा भर नही पड़ेगा। परिजनों से वैर विरोध की भावना रहने से घर का वातावरण उदासीन रहेगा फिर भी महिलाये शांति बनाने के लिए पहल करेंगी। संध्या बाद धन लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन अहंकार के कारण हाथ से ना निकले इसका ध्यान रखें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपके लिए आज का दिन भी उतारचढ़ाव वाला ही रहेगा। आस-पास का वातावरण आपको ना चाहते हुए भी क्रोध करने पर मजबूर करेगा। कार्य क्षेत्र एवं परिवार में भी महिला वर्ग से तकरार होने की सम्भवना है। भाई-बंधु अथवा पड़ोसियों के साथ मामूली बात का बतंगड़ बनने से मानसिक रूप से अशांत रहेंगे। कार्य व्यवसाय पर भी व्यवस्था की कमी रहने के कारण व्यवधान आएंगे। आज आप जिस लाभ एवं सम्मान के अधिकारी है वह परिचित व्यक्ति से मतभेद कारण नही मिल सकेगा। महिलाओ में भी अहम की भावना अधिक रहेगी नुकसान भले ही हो जाये परन्तु झुकेगी नही। दाम्पत्य जीवन मे नीरसता रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपको अकस्मात धन की प्राप्ति होगी। पारिवारिक संबंध आपकी उन्नति में सहायक बनेंगे। लेकिन भाई-बंधुओ से किसी पुरानी बात को लेकर खींच-तान होने की संभावना भी है। महिलाये आज किसी अन्य महिला से मन ही मन इर्ष्या का भाव रखेंगी। घरेलू अथवा अन्य कार्य भी रूखे मन से करेंगी। घरेलू वातावरण आपकी आलसी अथवा टालमटोल वाली वृति से अस्त-व्यस्त रहेगा फिर भी आज कोई भी आपके सामने शिकायत या आपकी आलोचना नही करेगा। प्रेम-प्रसंगों में अधिक भावुकता मन दुख का कारण बनेगी। बुजुर्गो का सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलेगा।———————-🙏राधे राधे🙏

🚩💐जय श्री राम।
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*करवा चौथ मुहूर्त, करवा चौथ व्रत कथा, व्रत विधि*

*करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी, जो कि भगवान गणेश के लिए उपवास करने का दिन होता है, एक ही समय होते हैं। विवाहित महिलाएँ पति की दीर्घ आयु के लिए करवा चौथ का व्रत और इसकी रस्मों को पूरी निष्ठा से करती हैं। छान्दोग्य उपनिषद के अनुसार करवा चौथ के दिन व्रत रखने से सारे पाप नष्ट होते हैं और जीवन में किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। इससे आयु में वृद्धि होती है और इस दिन गणेश तथा शिव-पार्वती और चंद्रमा की पूजा की जाती है।*

*करवा चौथ 2021 रविवार, 24*
करवा चौथ पूजा मुहूर्त 17:43 से 18:50
चंद्रोदय 20:07
चतुर्थी तिथि आरंभ 03:00 (24 अक्टूबर)
चतुर्थी तिथि समाप्त 05:40 (25अक्टूबर को)

*🪴करवा चौथ व्रत कथा:*🪴

*बहुत समय पहले इन्द्रप्रस्थपुर के एक शहर में वेदशर्मा नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वेदशर्मा का विवाह लीलावती से हुआ था जिससे उसके सात महान पुत्र और वीरावती नाम की एक गुणवान पुत्री थी। क्योंकि सात भाईयों की वह केवल एक अकेली बहन थी जिसके कारण वह अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने भाईयों की भी लाड़ली थी।*

*जब वह विवाह के लायक हो गयी तब उसकी शादी एक उचित ब्राह्मण युवक से हुई। शादी के बाद वीरावती जब अपने माता-पिता के यहाँ थी तब उसने अपनी भाभियों के साथ पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। करवा चौथ के व्रत के दौरान वीरावती को भूख सहन नहीं हुई और कमजोरी के कारण वह मूर्छित होकर जमीन पर गिर गई।*

*सभी भाईयों से उनकी प्यारी बहन की दयनीय स्थिति सहन नहीं हो पा रही थी। वे जानते थे वीरावती जो कि एक पतिव्रता नारी है चन्द्रमा के दर्शन किये बिना भोजन ग्रहण नहीं करेगी चाहे उसके प्राण ही क्यों ना निकल जायें। सभी भाईयों ने मिलकर एक योजना बनाई जिससे उनकी बहन भोजन ग्रहण कर ले। उनमें से एक भाई कुछ दूर वट के वृक्ष पर हाथ में छलनी और दीपक लेकर चढ़ गया। जब वीरावती मूर्छित अवस्था से जागी तो उसके बाकी सभी भाईयों ने उससे कहा कि चन्द्रोदय हो गया है और उसे छत पर चन्द्रमा के दर्शन कराने ले आये।*

*वीरावती ने कुछ दूर वट के वृक्ष पर छलनी के पीछे दीपक को देख विश्वास कर लिया कि चन्द्रमा वृक्ष के पीछे निकल आया है। अपनी भूख से व्याकुल वीरावती ने शीघ्र ही दीपक को चन्द्रमा समझ अर्घ अर्पण कर अपने व्रत को तोड़ा। वीरावती ने जब भोजन करना प्रारम्भ किया तो उसे अशुभ संकेत मिलने लगे। पहले कौर में उसे बाल मिला, दुसरें में उसे छींक आई और तीसरे कौर में उसे अपने ससुराल वालों से निमंत्रण मिला। पहली बार अपने ससुराल पहुँचने के बाद उसने अपने पति के मृत शरीर को पाया।*

*अपने पति के मृत शरीर को देखकर वीरावती रोने लगी और करवा चौथ के व्रत के दौरान अपनी किसी भूल के लिए खुद को दोषी ठहराने लगी। वह विलाप करने लगी। उसका विलाप सुनकर देवी इन्द्राणी जो कि इन्द्र देवता की पत्नी है, वीरावती को सान्त्वना देने के लिए पहुँची।*

*वीरावती ने देवी इन्द्राणी से पूछा कि करवा चौथ के दिन ही उसके पति की मृत्यु क्यों हुई और अपने पति को जीवित करने की वह देवी इन्द्राणी से विनती करने लगी। वीरावती का दुःख देखकर देवी इन्द्राणी ने उससे कहा कि उसने चन्द्रमा को अर्घ अर्पण किये बिना ही व्रत को तोड़ा था जिसके कारण उसके पति की असामयिक मृत्यु हो गई। देवी इन्द्राणी ने वीरावती को करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ पूरे साल में हर माह की चौथ को व्रत करने की सलाह दी और उसेआश्वासित किया कि ऐसा करने से उसका पति जीवित लौट आएगा।*

*इसके बाद वीरावती सभी धार्मिक कृत्यों और मासिक उपवास को पूरे विश्वास के साथ करती। अन्त में उन सभी व्रतों से मिले पुण्य के कारण वीरावती को उसका पति पुनः प्राप्त हो गया।*

*करवा चौथ व्रत विधि :-*

*नैवेद्य : आप शुद्ध घी में आटे को सेंककर उसमें शक्कर अथवा खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य के रूप में उपयोग में ले।*

*करवा : काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से तैयार किए गए मिट्टी के करवे उपयोग किया जा सकता है।*
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*करवा चौथ पूजन के लिए मंत्र :*

*ॐ शिवायै नमः’ से पार्वती का, ‘ॐ नमः शिवाय’ से शिव का, ‘ॐ षण्मुखाय नमः’ से स्वामी कार्तिकेय का, ‘ॐ गणेशाय नमः’ से गणेश का तथा ‘ॐ सोमाय नमः’ से चन्द्रदेव का पूजन करें।*

*करवा चौथ की थाली :* करवा चौथ की रात्रि के समय चाँद देखने के लिए आप पहले से ही थाली को सजाकर रख लेवे। थाली में आप निम्न सामग्री को रखें।*

•दीपक
•करवा चौथ का कलश (ताम्बे का कलश इसके लिए श्रेष्ठ होता है )
•छलनी
•कलश को ढकने के लिए वस्त्र
•मिठाई या ड्राई फ्रूट
•चन्दन और धुप
•मोली और गुड/चूरमा
•व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें-
*मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।*
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*पूरे दिन निर्जला रहें।*

*दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है।*

*आठ पूरियों की अठावरी बनाएं *हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं।*
*पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं।*

*गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें।*

*जल से भरा हुआ लोटा रखें।*
*वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें।*उसके ऊपर दक्षिणा रखें।*

●रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं।

●गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें।

*नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं *संतति शुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥*’

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*करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें।*
*कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें।*
*तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।*
*रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें।*
*इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।*
*पूजन के पश्चात आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।*

*करवा चौथ में सरगी*

*पंजाब में करवा चौथ का त्यौहार सरगी के साथ आरम्भ होता है। यह करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले किया जाने वाला भोजन होता है। जो महिलाएँ इस दिन व्रत रखती हैं उनकी सास उनके लिए सरगी बनाती हैं। शाम को सभी महिलाएँ श्रृंगार करके एकत्रित होती हैं और फेरी की रस्म करती हैं।*

*इस रस्म में महिलाएँ एक घेरा बनाकर बैठती हैं और पूजा की थाली एक दूसरे को देकर पूरे घेरे में घुमाती हैं। इस रस्म के दौरान एक बुज़ुर्ग महिला करवा चौथ की कथा गाती हैं। भारत के अन्य प्रदेश जैसे उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गौर माता की पूजा की जाती है। गौर माता की पूजा के लिए प्रतिमा गाय के गोबर से बनाई जाती है।*

*क्या अविवाहित करवा चौथ व्रत रख सकते हैं?*

*करवा चौथ का व्रत शादीशुदा स्त्रियों के द्वारा ही रखा जाता है। इसके लिए आप अपने घर में बड़ी बुजुर्ग स्त्रियों की सलाह जरूर लेवे क्यों की कुछ अंचल में अच्छे वर के लिए कुंवारी लड़किया भी यह व्रत रखती हैं।*

*करवा चौथ व्रत में हम क्या खा सकते हैं?*

*कुछ अंचल में अल्पाहार के लिए फल का उपयोग किया जाता है लेकिन इस व्रत को निर्जला करना अधिक लाभदायी होता है।*

*क्या आप करवा चौथ पर पानी पी सकते हैं?*

*नहीं, क्यों की यह निर्जला व्रत होता है इसलिए इस दिन ना तो कुछ खाया जाता है और नाही पानी हीग्रहण किया जाता है।*

*सरगी खाने का सही समय क्या है?*

*वैसे तो इस व्रत को आप निर्जला करे तो उचित रहेगा, अन्यथा अपनी परम्पराओं के अनुसार सरगी का उपयोग करे जिसके लिए सूर्योदय से पूर्व ( प्रातः चार से पांच बाते ) तक का समय अनुकूल होता है।*

*करवा चौथ पर किस भगवान की पूजा की जाती है?*

*•चौथ माता की पूजा के साथ आप माता पार्वती जी की पूजा करें और शिव, गणेश, और कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना करे।*
*विशेष सूचना*
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