आज का पंचाग आपका राशि फल, सनातन धर्म संस्कृति में 1-Divorce (अंग्रेजी) और 2-तलाक (उर्दू) की जगह कोई भी शब्द नहीं है, जानते हैं क्यों?

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉🌄सुप्रभातम🌄

आज का पञ्चाङ्ग🌻बुधवार २७ मार्च २०२४

सूर्योदय: 🌄 ०६:२६, सूर्यास्त: 🌅 ०६:३८

चन्द्रोदय: 🌝 २०:२९, चन्द्रास्त: 🌜०७:०७

अयन 🌘 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌳 वसंत 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 चैत्र, पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 द्वितीया (१७:०६ से तृतीया)

नक्षत्र 👉 चित्रा (१६:१६ से स्वाती)

योग 👉 व्याघात (२२:५४ से हर्षण)

प्रथम करण 👉 गर (१७:०६ तक)

द्वितीय करण 👉 वणिज (३०:०४ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मीन 

चंद्र 🌟 तुला 

मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

बुध 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या  

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌

अमृत काल 👉 ०९:०८ से १०:५५

विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१५

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३१ से १८:५५

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:३३ से १९:४२

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५८ से २४:४५

राहुकाल 👉 १२:२२ से १३:५५

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०७:४५ से ०९:१७

होमाहुति 👉 मंगल

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पाताल (१७:०६ से पृथ्वी)

भद्रावास 👉 पाताल (३०:०४ से)

चन्द्रवास 👉 पश्चिम

शिववास 👉 सभा में (१७:०६ से क्रीड़ा में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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भाई दोज, चित्रगुप्त पूजा, संत तुकाराम जयन्ती, उपनयन संस्कार मुहूर्त प्रातः ०६:२५ से ०९:२७ तक, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः ११:०० से दोपहर १२:३१ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १६:१६ तक जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (रा, री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (रू, रे, रो) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मीन – २९:४० से ०७:०४

मेष – ०७:०४ से ०८:३८

वृषभ – ०८:३८ से १०:३२

मिथुन – १०:३२ से १२:४७

कर्क – १२:४७ से १५:०९

सिंह – १५:०९ से १७:२८

कन्या – १७:२८ से १९:४६

तुला – १९:४६ से २२:०६

वृश्चिक – २२:०६ से २४:२६

धनु – २४:२६ से २६:२९

मकर – २६:२९ से २८:१०

कुम्भ – २८:१० से २९:३६

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पञ्चक रहित मुहूर्त

अग्नि पञ्चक – ०६:१२ से ०७:०४

शुभ मुहूर्त – ०७:०४ से ०८:३८

मृत्यु पञ्चक – ०८:३८ से १०:३२

अग्नि पञ्चक – १०:३२ से १२:४७

शुभ मुहूर्त – १२:४७ से १५:०९

रज पञ्चक – १५:०९ से १६:१६

शुभ मुहूर्त – १६:१६ से १७:०६

चोर पञ्चक – १७:०६ से १७:२८

शुभ मुहूर्त – १७:२८ से १९:४६

रोग पञ्चक – १९:४६ से २२:०६

शुभ मुहूर्त – २२:०६ से २४:२६

मृत्यु पञ्चक – २४:२६ से २६:२९

अग्नि पञ्चक – २६:२९ से २८:१०

शुभ मुहूर्त – २८:१० से २९:३६

रज पञ्चक – २९:३६ से ३०:११

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन शुभफलदायक रहेगा। दिन के पूर्वार्ध और अंत मे शुभ कर्म के लिये प्रेरित होंगे घर मे मांगलिक आयोजन होने से नई ऊर्जा का संचार होगा। कार्य व्यवसाय से भी आज निराश नही होना पड़ेगा परिश्रम के अनुसार लाभ अवश्य मिल जाएगा। धन संबंधित उलझन भी आज थोड़ी कम रहने से राहत मिलेगी। व्यवसायी वर्ग नए कार्य आरंभ करेंगे भविष्य में इससे उन्नति होगी। नौकरी वाले लोग आज काम पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। महिलाए आज कम समय मे अधिक पाने की लालसा रखेंगी लेकिन सफलता नही मिलेगी। परिजनों से संबंध सामान्य रहेंगे। शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन धन-धान्य में वृद्धि करने वाला रहेगा। दिन का आरंभिक भाग घरेलू व्यस्तता के कारण व्यावसायिक कार्यो से लाभ नही उठा सकेंगे। लेकिन मध्यान बाद से स्थिती पूर्ण रूप से आपकी पकड़ में रहेगी बाजार में तेजी रहने से लाभ के अवसर मिलते रहेंगे प्रतिस्पर्धा भी आज कुछ अधिक रहेगी लेकिन आपके व्यवसाय पर इसका ज्यादा असर नही पड़ेगा धन लाभ आज निश्चित ही आशाजनक रहेगा। नौकरी वाले लोग आज काम की जगह इधर उधर की बातों पर ज्यादा ध्यान देंगे अधिकारी वर्ग से कहा सुनी हो सकती है। घर मे सुख के साधनों की वृद्धि होगी खर्च भी करना पड़ेगा। स्वास्थ्य संबंधित थोड़ी बहुत समस्या लगी रहेगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन पूर्वार्ध में अस्त व्यस्त रहेगा लेकिन आज आपके सभी कार्य सही दिशा में आगे बढ़ेंगे मध्यान तक व्यक्तिगत अथवा अन्य कारणों से व्यवसायिक कार्यो में विलंब होगा। लेकिन धीरे धीरे गाड़ी पटरी पर आने लगेगी व्यवसाय में थोड़ी तेजी मंदी लगी रहेगी कुछ समय के लिये मानसिक बेचैनी बनेगी लेकिन संध्या तक धन की आमद संतोष जनक हो जाएगी। नए कार्यो में निवेश करना आज शुभ रहेगा। उधारी अथवा अन्य लेन देन के कारण किसी से गरमा गरमी होने की संभावना है। गृहस्थ में आज अन्य दिनों की अपेक्षा शांति रहेगी तालमेल की कमी रहने के बाद भी स्थिति सामान्य रहेगी। शरीर मे कुछ कमी अनुभव करेंगे।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप अपनी कमियों को छुपाने का प्रयास करेंगे। लोगो के आगे अपनी बुद्धि चातुर्य का प्रदर्शन करेंगे बाहर से व्यवहारिकता लेकिन अंदर से ईर्ष्या और अहम की भावना रहेगी। परिजन को छोड़ अन्य सभी लोग आपकी मनगढंत बातो के झांसे में आसानी से आ जाएंगे लेकिन पोल खुलने के बाद लोगो का आपके ऊपर से विश्वास कम होगा। कार्य व्यवसाय में सोची हुई योजना स्वयं अथवा सहकर्मी की गलती से अनियंत्रित रहेगी। धन लाभ के अवसर मिलेंगे परन्तु सभी अवसरों का लाभ नही उठा सकेंगे फिर भी काम चलाऊ हो ही जायेगा। परिजनों के आगे ज्यादा अक्लमंदी ना दिखाये बेज्जती हो सकती है।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज परिस्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी भाग्य का साथ भी मिलने से सोची हुई योजनाए निर्विघ्न पूर्ण कर सकेंगे। दिन के आरंभ में घर मे पूजा पाठ के कारण भाग-दौड़ करनी पड़ेगी लेकिन इसका आध्यत्मिक लाभ भी किसी ना किसी रूप में अवश्य मिलेगा। मन के आज शांत रहने से किसी भी कार्य को बेहतर रूप से कर सकेंगे कार्य व्यवसाय में विलंब के बाद भी धन लाभ के अवसर मिलते रहेंगे धन लाभ थोड़े थोड़े अंतराल पर होते रहने से संतुष्ट रहेंगे। महिलाए सेहत का विशेष ध्यान रखें कमजोरी अथवा अन्य शारीरिक समस्या बनेगी। धार्मिक यात्रा एवं कार्यो में खर्च होगा।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आपका मानसिक संतुलन स्थिर नही रहेगा असमंजस की स्थिति के कारण पल पल में निर्णय बदलेंगे इससे कार्य विलंब के साथ अन्य लोगो को परेशानी होगी फिर भी स्वार्थी पूर्ति के कारण आज आपसे कोई शिकायत नही करेगा। मन आज अनैतिक कार्यो में जल्दी आकर्षित होगा स्वभाव में भी उदण्डता रहेगी बिना कलह किये किसी कार्य को नही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी मन मर्जी व्यवहार के कारण जिस लाभ के अधिकारी है उसमें कमी आएगी। धन की आमद आज पूर्व नियोजित रहेगी थोड़ी बहुत अतिरिक्त आय भी बना लेंगे लेकिन खर्च के आगे आज कमाई कम ही लगेगी। मौसमी बीमारियों एवं संयम की कमी के कारण सेहत बिगड़ सकती है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आशानुकूल रहने से दिन भर प्रसन्न रहेंगे आज आपकी दिनचार्य व्यवस्थित नही रहेगी फिर भी सौभाग्य वृद्धि के योग बनने से सभी तरह से खुशहाली मिलेगी। काम-धंधा दिन के आरंभ से मध्यान तक इसके बाद संध्या से रात्रि तक प्रगति पर रहेगा। आज आपके द्वारा गलती से किया कार्य भी कुछ ना कुछ लाभ ही देकर जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। प्रतिस्पर्धा में किसी से आंतरिक मतभेद होने की भी संभावना है। पारिवारिक जीवन आनदमय रहेगा सभी सदस्य एक दूसरे को आदर देंगे भाई बंधु से थोड़ी नोंकझोंक हो सकती है परन्तु स्थिति गंभीर नही होगी। थकान को छोड़ सेहत ठीक रहेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपके लिये विपरीत फलदायक रहेगा। परिवार के सदस्य आपसे अधिक सहयोग की अपेक्षा रखेंगे लेकिन टालमटोल करने पर घर का वातावरण खराब होगा। कार्य क्षेत्र पर लाभ की उम्मीद लगाए रहेंगे परन्तु आज मानसिक रूप से अशान्त रहने के कारण वहां से भी सकारात्मक परिणाम नही मिल सकेंगे फिर भी धन संबंधित उलझन अकस्मात लाभ होने से कुछ हद तक शांत रहेंगी। घरेलू खर्च के साथ अन्य खर्च आने से बजट प्रभावित होगा। घर मे आज मनमानी व्यवहार से बचें अन्यथा मनोकामना पूर्ति होने की जगह अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। सेहत मानसिक क्लेश के कारण शिथिल रहेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन अकस्मात लाभ की प्राप्ती कराएगा लेकिन ध्यान रखें लापरवाही से कार्य करने पर आज जो विचार में नही रहेगा वह घटना घट सकती है। मध्यान तक का समय मानसिक रूप से शांति प्रदान करेगा। आध्यात्मिक आयोजनों में सम्मिलित होंगे धर्म कर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी लेकिन अन्य व्यस्तता के चलते चाह कर भी अधिक समय नही दे सकेंगे महिलाए आज धर्म के रंग में रंगी रहेंगी सेहत संबंधित शिकायत रहने के बाद भी सामर्थ्य से अधिक कार्य करने पर बाद में स्थिति गंभीर होने की संभावना है। कार्य व्यवसाय से अचानक धन मिलने पर प्रसन्न रहेंगे। सरकारी कार्य मे आज ढील ना दे वर्ना लंबे समय तक पूर्ण नही कर सकेंगे।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन सार्वजिनक कार्यो आपका महत्त्वपूर्ण योगदान स्वयं के साथ परिजनों का भी मान बढ़ाएगा किसी अपरिचित से कहासुनी भी हो सकती है धैर्य से काम लें। मध्यान तक घरेलू अथवा अन्य कार्यो में व्यस्त रहेंगे जिससे व्यवसायिक कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। अधीनस्थों के प्रति नरमी रखें आज इनके सहयोग से ही धन लाभ की प्राप्ति होगी लेकिन ज्यादा जिम्मेदारी वाले कार्य भी ना सौपे अन्यथा नुकसान भी हो सकता है। धन लाभ आवश्यकतानुसार होगा ज्यादा पाने के चक्कर मे हाथ आये लाभ से भी वंचित ना रह जाये इसका ध्यान रखें। हर में कार्य अधिक रहने के कारण महिलाए बेचैन रहेंगी आरोग्य में कमी आयेगी। 

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन बनते कार्यो में विघ्न खड़े करेगा। दिन का पहला भाग शांति से व्यतीत करेंगे लेकिन इसके बाद किसी ना किसी उलझन में फंसते ही रहेंगे जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे वह किसी ना किसी अभाव के कारण आरम्भ नही हो सकेगा। कार्य व्यवसाय में भी आज अकस्मात लाभ के योग बन रहे है फिर भी आज धन संबंधित मामले निवेश अथवा उधार के कार्य को निरस्त ही रखे। धन लाभ अधिक परिश्रम के बाद अल्प मात्रा में होगा। घर मे भी किसी से नुकसान होने की संभावना है सतर्क रहकर कार्य करें। सेहत में भी कुछ ना कुछ कमी लगी रहेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन प्रतिकूल रहेगा खराब सेहत आज प्रत्येक कार्य मे बाधक बनेगी फिर भी जबरदस्ती कार्य करेंगे जिससे कम समय मे अधिक थकान बनेगी। घर का वातावरण भक्तिमय रहेगा पूजापाठ आदि में सम्मिलित होने के अवसर सुलभ होंगे परन्तु मानसिक रूप से आज किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवहारिकता मात्र रहेगी मजबूरी में किये गए कार्य फलित नही होंगे सीमित साधन से काम निकालना पड़ेगा। व्यवसायी वर्ग आज व्यवसाय से काफी उम्मीद लगाए रहेंगे लेकिन आशा निराशा में बदलेगी। घर मे कुछ ना कुछ परेशानी में डालने वाले प्रसंग लगे रहेंगे। 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

*विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है*

1-Divorce (अंग्रेजी) 

2-तलाक (उर्दू) 

कृपया हिन्दी का शब्द बताए…??

कहानी आजतक के Editor… संजय सिन्हा की लिखी है…। 

तब मैं… ‘जनसत्ता’ में… नौकरी करता था…। एक दिन खबर आई कि… एक आदमी ने झगड़े के बाद… अपनी पत्नी की हत्या कर दी…। मैंने खब़र में हेडिंग लगाई कि… “पति ने अपनी बीवी को मार डाला”…! खबर छप गई…, किसी को आपत्ति नहीं थी…। पर शाम को… दफ्तर से घर के लिए निकलते हुए… प्रधान संपादक प्रभाष जोशी जी… सीढ़ी के पास मिल गए…। मैंने उन्हें नमस्कार किया… तो कहने लगे कि… “संजय जी…, पति की… ‘बीवी’ नहीं होती…!”

“पति की… ‘बीवी’ नहीं होती?” मैं चौंका था

” “बीवी” तो… ‘शौहर’ की होती है…, ‘मियाँ’ की होती है…, पति की तो… ‘पत्नी’ होती है…! “

भाषा के मामले में… प्रभाष जी के सामने मेरा टिकना मुमकिन नहीं था…, हालांकि मैं कहना चाह रहा था कि… “भाव तो साफ है न ?” बीवी कहें… या पत्नी… या फिर वाइफ…, सब एक ही तो हैं…, लेकिन मेरे कहने से पहले ही… उन्होंने मुझसे कहा कि… “भाव अपनी जगह है…, शब्द अपनी जगह…! कुछ शब्द… कुछ जगहों के लिए… बने ही नहीं होते…! ऐसे में शब्दों का घालमेल गड़बड़ी पैदा हो रही है…।”

खैर…, आज मैं भाषा की कक्षा लगाने नहीं आया…, आज मैं रिश्तों के एक अलग अध्याय को जीने के लिए आपके पास आया हूं…। लेकिन इसके लिए… आपको मेरे साथ… निधि के पास चलना होगा…।

निधि… मेरी दोस्त है…, कल उसने मुझे फोन करके अपने घर बुलाया था…। फोन पर उसकी आवाज़ से… मेरे मन में खटका हो चुका था कि… कुछ न कुछ गड़बड़ है…! मैं शाम को… उसके घर पहुंचा…। उसने चाय बनाई… और मुझसे बात करने लगी…। पहले तो इधर-उधर की बातें हुईं…, फिर उसने कहना शुरू कर दिया कि… नितिन से उसकी नहीं बन रही और उसने उसे तलाक देने का फैसला कर लिया है…।

मैंने पूछा कि… “नितिन कहां है…?” तो उसने कहा कि… “अभी कहीं गए हैं…, बता कर नहीं गए…।” उसने कहा कि… “बात-बात पर झगड़ा होता है… और अब ये झगड़ा बहुत बढ़ गया है…, ऐसे में अब एक ही रास्ता बचा है कि… अलग हो जाएं…, तलाक ले लें…!”

निधि जब काफी देर बोल चुकी… तो मैंने उससे कहा कि… “तुम नितिन को फोन करो… और घर बुलाओ…, कहो कि संजय सिन्हा आए हैं…!”

निधि ने कहा कि… उनकी तो बातचीत नहीं होती…, फिर वो फोन कैसे करे…?!!!

अज़ीब सँकट था…! निधि को मैं… बहुत पहले से जानता हूं…। मैं जानता हूं कि… नितिन से शादी करने के लिए… उसने घर में कितना संघर्ष किया था…! बहुत मुश्किल से… दोनों के घर वाले राज़ी हुए थे…, फिर धूमधाम से शादी हुई थी…। ढ़ेर सारी रस्म पूरी की गईं थीं… ऐसा लगता था कि… ये जोड़ी ऊपर से बन कर आई है…! पर शादी के कुछ ही साल बाद… दोनों के बीच झगड़े होने लगे… दोनों एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाने लगे… और आज उसी का नतीज़ा था कि… संजय सिन्हा… निधि के सामने बैठे थे…, उनके बीच के टूटते रिश्तों को… बचाने के लिए…!

खैर…, निधि ने फोन नहीं किया…। मैंने ही फोन किया… और पूछा कि… “तुम कहां हो… मैं तुम्हारे घर पर हूँ…, आ जाओ…। नितिन पहले तो आनाकानी करता रहा…, पर वो जल्दी ही मान गया और घर चला आया…।

अब दोनों के चेहरों पर… तनातनी साफ नज़र आ रही थी…। ऐसा लग रहा था कि… कभी दो जिस्म-एक जान कहे जाने वाले ये पति-पत्नी… आंखों ही आंखों में एक दूसरे की जान ले लेंगे…! दोनों के बीच… कई दिनों से बातचीत नहीं हुई थी…!!

नितिन मेरे सामने बैठा था…। मैंने उससे कहा कि… “सुना है कि… तुम निधि से… तलाक लेना चाहते हो…?!!!

उसने कहा, “हाँ…, बिल्कुल सही सुना है…। अब हम साथ… नहीं रह सकते…।”

मैंने कहा कि… “तुम चाहो तो… अलग रह सकते हो…, पर तलाक नहीं ले सकते…!”

“क्यों…???

“क्योंकि तुमने निकाह तो किया ही नहीं है…!”

“अरे यार…, हमने शादी तो… की है…!”

“हाँ…, ‘शादी’ की है…! ‘शादी’ में… पति-पत्नी के बीच… इस तरह अलग होने का… कोई प्रावधान नहीं है…! अगर तुमने ‘मैरिज़’ की होती तो… तुम “डाइवोर्स” ले सकते थे…! अगर तुमने ‘निकाह’ किया होता तो… तुम “तलाक” ले सकते थे…! लेकिन क्योंकि… तुमने ‘शादी’ की है…, इसका मतलब ये हुआ कि… “हिंदू धर्म” और “हिंदी” में… कहीं भी पति-पत्नी के एक हो जाने के बाद… अलग होने का कोई प्रावधान है ही नहीं….!!!”

मैंने इतनी-सी बात… पूरी गँभीरता से कही थी…, पर दोनों हँस पड़े थे…! दोनों को… साथ-साथ हँसते देख कर… मुझे बहुत खुशी हुई थी…। मैंने समझ लिया था कि… रिश्तों पर पड़ी बर्फ… अब पिघलने लगी है…! वो हँसे…, लेकिन मैं गँभीर बना रहा…

मैंने फिर निधि से पूछा कि… “ये तुम्हारे कौन हैं…?!!!”

निधि ने नज़रे झुका कर कहा कि… “पति हैं…! मैंने यही सवाल नितिन से किया कि… “ये तुम्हारी कौन हैं…?!!! उसने भी नज़रें इधर-उधर घुमाते हुए कहा कि…”बीवी हैं…!”

मैंने तुरंत टोका… “ये… तुम्हारी बीवी नहीं हैं…! ये… तुम्हारी बीवी इसलिए नहीं हैं…. क्योंकि… तुम इनके ‘शौहर’ नहीं…! तुम इनके ‘शौहर’ नहीं…, क्योंकि तुमने इनसे साथ “निकाह” नहीं किया… तुमने “शादी” की है…! ‘शादी’ के बाद… ये तुम्हारी ‘पत्नी’ हुईं…, हमारे यहाँ जोड़ी ऊपर से… बन कर आती है…! तुम भले सोचो कि… शादी तुमने की है…, पर ये सत्य नहीं है…! तुम शादी का एलबम निकाल कर लाओ…, मैं सबकुछ… अभी इसी वक्त साबित कर दूंगा…!”

बात अलग दिशा में चल पड़ी थी…। मेरे एक-दो बार कहने के बाद… निधि शादी का एलबम निकाल लाई…, अब तक माहौल थोड़ा ठँडा हो चुका था…, एलबम लाते हुए… उसने कहा कि… कॉफी बना कर लाती हूं…।”

मैंने कहा कि…, “अभी बैठो…, इन तस्वीरों को देखो…।” कई तस्वीरों को देखते हुए… मेरी निगाह एक तस्वीर पर गई…, जहाँ निधि और नितिन शादी के जोड़े में बैठे थे…। और पाँव~पूजन की रस्म चल रही थी…। मैंने वो तस्वीर एलबम से निकाली… और उनसे कहा कि… “इस तस्वीर को गौर से देखो…!”

उन्होंने तस्वीर देखी… और साथ-साथ पूछ बैठे कि… “इसमें खास क्या है…?!!!”

मैंने कहा कि… “ये पैर पूजन का रस्म है…, तुम दोनों… इन सभी लोगों से छोटे हो…, जो तुम्हारे पांव छू रहे हैं…।”

“हां तो….?!!!”

“ये एक रस्म है… ऐसी रस्म सँसार के… किसी धर्म में नहीं होती… जहाँ छोटों के पांव… बड़े छूते हों…! लेकिन हमारे यहाँ शादी को… ईश्वरीय विधान माना गया है…, इसलिए ऐसा माना जाता है कि… शादी के दिन पति-पत्नी दोनों… ‘विष्णु और लक्ष्मी’ के रूप हो जाते हैं…, दोनों के भीतर… ईश्वर का निवास हो जाता है…! अब तुम दोनों खुद सोचो कि… क्या हज़ारों-लाखों साल से… विष्णु और लक्ष्मी कभी अलग हुए हैं…?!!! दोनों के बीच… कभी झिकझिक हुई भी हो तो… क्या कभी तुम सोच सकते हो कि… दोनों अलग हो जाएंगे…?!!! नहीं होंगे…, हमारे यहां… इस रिश्ते में… ये प्रावधान है ही नहीं…! “तलाक” शब्द… हमारा नहीं है…, “डाइवोर्स” शब्द भी हमारा नहीं है…!”

यहीं दोनों से मैंने ये भी पूछा कि… “बताओ कि… हिंदी में… “तलाक” को… क्या कहते हैं…???”

दोनों मेरी ओर देखने लगे उनके पास कोई जवाब था ही नहीं फिर मैंने ही कहा कि… “दरअसल हिंदी में… ‘तलाक’ का कोई विकल्प ही नहीं है…! हमारे यहां तो… ऐसा माना जाता है कि… एक बार एक हो गए तो… कई जन्मों के लिए… एक हो गए तो… प्लीज़ जो हो ही नहीं सकता…, उसे करने की कोशिश भी मत करो…! या फिर… पहले एक दूसरे से ‘निकाह’ कर लो…, फिर “तलाक” ले लेना…!!”

अब तक रिश्तों पर जमी बर्फ… काफी पिघल चुकी थी…!

निधि चुपचाप मेरी बातें सुन रही थी…। फिर उसने कहा कि… “भैया, मैं कॉफी लेकर आती हूं…।”

वो कॉफी लाने गई…, मैंने नितिन से बातें शुरू कर दीं…। बहुत जल्दी पता चल गया कि… बहुत ही छोटी-छोटी बातें हैं…, बहुत ही छोटी-छोटी इच्छाएं हैं…, जिनकी वज़ह से झगड़े हो रहे हैं…।

खैर…, कॉफी आई मैंने एक चम्मच चीनी अपने कप में डाली…। नितिन के कप में चीनी डाल ही रहा था कि… निधि ने रोक लिया…, “भैया…, इन्हें शुगर है… चीनी नहीं लेंगे…।”

लो जी…, घंटा भर पहले ये… इनसे अलग होने की सोच रही थीं…। और अब… इनके स्वास्थ्य की सोच रही हैं…!

मैं हंस पड़ा मुझे हंसते देख निधि थोड़ा झेंपी कॉफी पी कर मैंने कहा कि… “अब तुम लोग… अगले हफ़्ते निकाह कर लो…, फिर तलाक में मैं… तुम दोनों की मदद करूंगा…!”

शायद अब दोनों समझ चुके थे…..

हिन्दी एक भाषा ही नहीं – संस्कृति है…!

इसी तरह हिन्दू भी धर्म नही – सभ्यता है…!!

👆उपरोक्त लेख मुझे बहुत ही अच्छा लगा…, जो सनातन धर्म और संस्कृति से जुड़ा है…। आप सभी से निवेदन है कि… समय निकाल कर इसे पढ़ें और आगे शेयर ज़रूर करें 🙏