आज का पंचाग, आपका राशि फल, आज है अपरा एकादशी, सत्ताईस नक्षत्र और उनके वृक्ष, मनुष्य जन्म शास्त्र सम्मत आचरण हेतु न कि पशुतुल्य, ॐ इति एकाक्षरं परब्रहमम्

🕉️श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे तथा सूर्य देव सबकी मनोकामना पूरी करेंगे।
सूर्य भगवान की स्तुति:—
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*जपा कुशुम संकाशं, काश्यपेयं महाद्युतिम्,तमोरिं सर्व पापाघ्नं, प्रणतोस्मि दिवाकरम्*।। हिन्दी ब्याख्या:—जापा अढौल के फूल की तरह जिनकी कांति है कश्यप ऋषि से जो उत्पन्न हुए हैं अन्धकार जिनका शत्रु है जो सव पापों को नष्ट कर देते हैं उन सूर्य भगवान को मैं प्रणाम करता हू ।।
*सूर्य गायत्री मंत्र*:— ❤️*आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्न सूर्य प्रचोदयात्*।।
यथा शक्ति सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें अर्क युक्त पायस घी से दशांश हवन करें । सूर्य भगवान के 12 नामों का उच्चारण करते हुए सूर्य भगवान को अर्घ जल जल चढ़ाएं सूर्य भगवान आपकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करेंगे आप का ✍️ *पण्डित चक्रधर प्रसाद मैदुली ✡️ ✡️फलित ज्योतिष शास्त्री*✡️ ✡️8449046631✡️✡️
दैनिक पंचांग
वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
❤️2078❤️
✡️ज्येष्ठ मासे ✡️
✡️ 24 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक ✡️:⚛️06 – 06 – 2021(रविवार)✡️
सूर्योदय :05.44 पूर्वाह्न
सूर्यास्त :07.06 अपराह्न
सूर्य राशि :वृषभ
चन्द्रोदय :02.59 पूर्वाह्न
चंद्रास्त :03.47 अपराह्न तक
चन्द्र राशि :मेष
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :बैशाख 26
पूर्णिमांत महीना :ज्येष्ठ 11
पक्ष :कृष्ण 11
तिथि :एकादशी 6.19 पूर्वाह्न तक, बाद में द्वादशी
नक्षत्र :अश्विनी
योग :सौभाग्य 3.35 पूर्वाह्न तक, बाद में शोभन
करण :बालव 6:19 पूर्वाह्न तक, बाद में कौलव 7:32 अपराह्न तक, बाद में तैतिल
राहु काल :5.32 अपराह्न से – 7.12 अपराह्न तक
कुलिक काल :3.52 अपराह्न से – 5.32 अपराह्न तक
यमगण्ड :12.31 अपराह्न से – 2.11 अपराह्न तक
अभिजीत मुहूर्त :11.58 पूर्वाह्न से – 12.52 अपराह्न तक
दुर्मुहूर्त :05:19 अपराह्न से – 06:13 अपराह्न तक
[6/6, 07:01] चक्रधर प्रसाद शास्त्री: *राशिफल देखने के नियम*
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मित्रों बहुत से मित्रों ने राशि नाम एवं प्रसिद्ध नाम के माध्यम से राशिफल देखने की प्रक्रिया जाननी चाही इसके विषय में महर्षि पाराशर जी ने पाराशरी नामक ग्रंथ में लिखा है कि:–
*देशे ग्रामे गृहे युद्धे, सेवायां व्यवहार के। नाम राशे प्रधानत्वं , जन्म राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिंदी ब्यख्या:–
प्रदेश में घर के बाहर गांव में युद्ध के समय सेवारत में व्यवहारिक नाम की प्रधानता होती है स्थानों पर जन्म राशि का चिंतन न करके प्रचलित नाम की राशि का चिंतन करना चाहिए।
*विवाह सर्वमांगल्यै, यात्रायां ग्रह गोचरे । जन्म राशे प्रधानत्वम्, नाम राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिन्दी ब्याख्या:–
विवाह के समय मां सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में यात्रा में ग्रह गोचर दशा के पूजन में जन्म राशि की प्रधानता होती है प्रसिद्ध नाम राशि का चिंतन नहीं करना चाहिए।
✡️आज के लिए राशिफल (06-06-2021) ✡️
✡️मेष✡️06-06-2021
सकारात्मक विकास देखेंगे। महत्वाकांक्षी उपक्रमों में निवेश करके आप अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। व्यवसाय विस्तार की योजनाएं बनाई जाएंगी और यदि बैंक या वित्तीय संस्थान से ऋण की इच्छा है तो वह भी आपको प्राप्त हो जायेगा। पारिवारिक जीवन आनंदमय रहेगा और आप दोस्तों और परिवार के साथ आनंदमय समय व्यतीत करेंगे। कुछ जातकों के लिए नवीन प्रेम सम्बन्ध नई आशाओं को जन्म देगा। कुछ प्रेमी अपने रिश्ते को शादी का रूप देने का फैसला कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️वृष ✡️06-06-2021
आज आप मित्रों के लिए सहायता करने वाले सिद्ध होंगे होंगे। कार्यालय में आज आपसे सभी लोग खुश रहेंगे। आज आपकी पदोन्नति पर विचार-विमर्श किया जा सकता है। व्यापारी जन के लिए आज का दिन लाभकारी रहने वाला है। लोगों को आपसे किसी तरह की अपेक्षाएं होंगी। आप किसी नयी समझौते में पैसा लगाने पर विचार करेंगे। आपको किसी पुराने ग्राहक से धन लाभ होगा। आज आप खुद को स्वस्थ अनुभव करेंगे। शाम को बच्चों के साथ समय बिताने के लिए कहीं बाहर भ्रमण परजायेंगे।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : ग्रे रंग
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✡️मिथुन ✡️06-06-2021
मिथुन राशि वालों के पारिवारिक जीवन में खुशियां बनी रहेंगी। मिथुन राशि वाले लोगों को आज सावधान रहना होगा। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। आपका जीवन सौहार्दपूर्ण व्यतीत होगा। स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न बरतें। पुराने रोग परेशान कर सकते हैं। सकारात्मक भावों की अभिव्यक्ति जल्द ही चरमोत्कर्ष पर पहुंचायेगी। अगर आप अपने व्यवसाय को अपने दिमाग में सबसे ऊपर रखें तो आप इन परेशानियों को आसानी से दूर कर सकेंगे।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️कर्क ✡️06-06-2021
बढ़ती महत्वाकांक्षाएं नई सफलता की ओर बढ़ेंगी। आपके व्यक्तित्व में वृद्धि होगी और आप आसानी से लोगों को प्रभावित कर पाएंगे। पदोन्नति होने के योग हैं। यदि सेवा की तलाश है तो अपने प्रयास जारी रखें और आप सफल होंगे। वरिष्ठों से आपको सहयोग और प्रशंसा मिलती रहेगी। आर्थिक रूप से आप सुरक्षित होंगे और आप संपत्ति या वाहन में भी निवेश कर सकते हैं। भविष्य में सुविचारित निर्णय लाभकारी होंगे। आप किसी धार्मिक या पारिवारिक समारोह में शामिल होंगे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या :
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️सिंह ✡️06-06-2021
आज अधिकारी वर्ग से आपको सार्थक महत्व मिल सकता है। आपको अपने काम में जीवनसाथी का पूरी सहायता मिलेगी। आप कोई नया रोजगार शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं । जीवनसाथी से आपकी आर्थिक सहायता के लिए भी तैयार रहेंगे। आज के दिन किसी दूसरे के काम में पड़ने से आपको बचना चाहिए। काम करने के बाद भी आपको बुराई सुनने को मिल सकती है। आज आपको थोड़ा आलस्य अनुभव हो सकता है। आपको अपनी स्वास्थ का ध्यान रखना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️कन्या✡️06-06-2021
आज आप अपने कार्य की उन्नति को लेकर भी बहुत उत्साहित हैं। आपको अपने जीवनसाथी की सलाह से धन लाभ हो सकता है। आज का दिन आपकी जिंदगी से प्रेम करना अच्छा है। लेकिन पुरानी बीमारी आपको परेशान कर सकते हैं। लाभदायी सौदे हाथ से निकल जाएंगे। रिश्तो में मधुरता आ सकती है। नौकरी की खोज में भागदौड़ बनी रहेगी। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। आपको शिक्षा ,सेवाऔर व्यापार के क्षेत्र में बड़ी सफलताएं मिलने की संभावनाएं नजर आ रही हैं।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️तुला ✡️06-06-2021
यदि आप राजनीति या सामाजिक जीवन से जुड़े हुए हैं तो आपके लिए आज का दिन शुभ है। आयात-निर्यात, विदेशी कार्य -व्यापार तथा विदेश यात्रा के लिए भी बहुत अच्छा समय है। आज आप भाग्य से अधिक कर्म पर भरोसा करें । जुआ-सट्टा आदि से दूर रहें। जीवन-साथी से मतभेद उत्पन्न होने के संकेत लगातार मिल रहे हैं, अतः स्वयं को शांत रखें और उनके साथ कुछ समय व्यतीत करें। घर के साजो-सामान पर व्यय हो सकता है। आपको भाई-बहनों का पूर्ण सहयोग मिलने के प्रबल संभावना हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️वृश्चिक ✡️06-06-2021
आज आप सकारात्मक विचारों से काम को आसानी से पूरा होगा। आज आपकी किसी करीबी मित्र से मुलाकात हो सकती है। इस राशि के विवाहितों के लिए आज का दिन बहुत अच्छा रहेगा। आज किसी ऐसे सगे संबंधी के यहां से आपके लिये निमंत्रण आ सकता है, जहां आप बहुत दिनों से न जा पाये हों। भविष्य के लिए योजनाएँ बनाने के लिए आज का दिन बहुत ही उत्तम है। घर में जल्द ही किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं। आज किसी साक्षात्कार के लिये आपके पास सूचना दूरसंचार से आ सकता है। आपको अपनी परिश्रम से सफलता जरूर मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️धनु ✡️06-06-2021
धनु राशि के रूके हुए राजकीय काम पूरे हो जाएंगे। स्नेह के बंधन को बनाए रखने के लिए आपको परस्पर सम्मान और विश्वास पैदा करने की आवश्यकता है। नए लोगो के संपर्क से आपके व्यापार में लाभ होगा। लोगों के अधूरे सपने आज से पूरे होने लगेंगे। आपके मन में प्यार और उल्लास की वृद्धि होगी। निवेश और लेन देन के मामलों में थोड़ा सोचा विचार कर ले। इससे आपको ही लाभ होगा। सूर्यदेव की कृपा से आपके जीवन में आने वाले सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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✡️मकर ✡️06-06-2021
आपके लिए अनावश्यक क्रोध से बचना श्रेयकर रहेगा। हालांकि आर्थिक तनाव रहेगा परन्तु क्रोध से वह समाप्त नहीं होगा बल्कि उसका समाधान निकालना और अधिक कठिन हो जायेगा। सुदूर यात्रा का योग बहुत प्रबल है जिसमे खट्टे-मीठे दोनों तरह के अनुभव होंगे। संतान की ओर से कुछ चिंता हो सकती है। आर्थिक मामलों में समय लगातार प्रतिकूल बना हुआ है अतः अत्यधिक सावधानी बरतें। किसी के बहकावे में आकर कुछ बड़े और असंगत फैसले ले सकते हैं जिसका परिणाम आगे चलकर अच्छा नहीं होगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : मोर नीला
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✡️कुंभ✡️06-06-2021
आज कारोबार में अचानक से आपको फायदा होगा। कार्यालय में आप सबकी सहायता के लिये तैयार रहेंगे। आज आपके मन में पैसे कमाने के नए विचार आयेंगे। आप खुद को उर्जावान महसूस करेंगे। दैनिक के काम बिना किसी रूकावट के पूरे हो जायेंगे। व्यापार सहयोगी के साथ रिश्तों में मजबूत बनी रहेगी। आज किसी काम के लिए की गई कोशिश सफल रहेगी। अपने विचार दूसरों के सामने रखने और दूसरों को अपने विचारों से सहमत कराने में आप बहुत हद तक सफल होंगे। विद्यार्थियों के लिए अध्यापकों का सहयोग मिलेगा। गाय को रोटी खिलाएं, लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️मीन ✡️06-06-2021
आज हर कोई आपकी बातों को ध्यान से सुनेगा। आप सबसे पहले अपने वित्तीय सलाहकार से चर्चा करते हुए भविष्य की योजनाओं पर जोर दें। कारोबार में आपके द्वारा लिए गए निर्णय लाभदायक होंगे। वैवाहिक निर्णय लेने में विलंब ना करें। आप अपनी भावनाओं पर काबू रखने में दिक्कत महसूस करेंगे तथा आपका अव्यवहारिक व्यवहार लोगों को भ्रमित करेगा। आपके काम में वरिष्ठ का पूरा-पूरा योगदान रहेगा। प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677*✡️🙏

जय कल्पेशवर महादेव🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 भागवत कहती है , कि भगवान ने मनुष्य को यह देवदुर्लभ मानव शरीर दिया ही इसलिए है , कि वह इसका विवेकपूर्वक उपयोग करके अपना कल्याण कर ले । यह मनुष्ययोनि भोग – विषयों के लिए नहीं , बल्कि भजन – भक्ति , कथा – सत्संग के लिए है , भोग विषयों के लिये तो पशुयोनि होती है । क्योंकि उनमें विवेक नहीं होता ।
* आहार – निद्रा – भय मैथुनम् च ,
सामान्य मेतत् पशु भिर्नराणाम् ।
धर्मो हि तेषा मधिको विशेषो,
धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः ।। अर्थ – आहार – निद्रा – भय और मैथुन तो पशु और मानव शरीर में एक समान ही होते हैं , इन दोनों में अंतर ही केवल यह है कि , मनुष्य शास्त्र सम्मत धर्म का अनुपालन करके अपना कल्याण कर सकता है , जबकि पशु में यह योग्यता नहीं होती , इसलिये वह अपना प्रारब्ध भोग भोगकर जन्मता – मरता रहता है । जो मनुष्य इस मानव शरीर को पाकर भी , विषय भोगों में लिप्त रहता है , भजन नहीं करता , वह तो पशु के समान ही हुआ , फिर उसमें और पशु में अंतर ही क्या रह गया। (आचार्य विजय सेमवाल कथा वाचक पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव देव भूमि)

आज 6 जून 2021 रविवार को अपरा एकादशी है। ये एकादशी मनोकामना दायिनी, पापमोचिनी, दुखनिवारिणी है।
संभव हो सके तो उस दिन ये कार्य अवश्य करे–
1)एकादशी का व्रत संकल्प ले 
कर करे। एकादशी के कारण संकल्प केवल जल से होगा और वह जल किसी भी पौधे में चढ़ा दीजिये। रविवार होने के कारण तुलसी में जल न चढ़ाये।
2)कल्कि नाम जाप, कीर्तन, हवन, आरती आदि अवश्य करे।
3)अपरा एकादशी महातम भगवान कल्कि व गुरुजी को सुनाए इस प्रार्थना के साथ कि हे प्रभु आप सहस्त्र कानों से इसका श्रावण करे और प्रभु के साथ साथ, समस्त दैवी शक्तियों, पितरो,जीव-निर्जीव,लोक आदि श्रवण करे।यदि आप व्रत नही भी कर सके तो महातम भगवान को सुनाने का प्रयास अवश्य करे।
4)यथाशक्ति दान आदि करे।
5)भगवान वामन का ध्यान अवश्य करे।
6)सम्भव हो तो भगवान की प्रतिमा का पूजन व अभिषेक करें।
7) भगवान कल्कि को संध्या में दीप दान अवश्य करे।एक दीप भगवान कल्कि के सन्मुख प्रज्वलित करके मानसिक विधि का प्रयोग कर सोचे कि भगवान कल्कि के सन्मुख आपने आज एक लाख करोड़ दीप प्रज्वलित करके दान करे है।कलियुग में मानसिक पूजा सम्पूर्ण स्वीकार्य है,और वैसा ही फल मिलेगा।
क्या न करे–
1)चावल का उपयोग न करे
2) जिन्होंने  एकादशी व्रत किया है वे सिर न धोये।
3)रविवार के कारण तुलसी नही टूट सकती,सो उससे पहले दिन शनिवार को ही तोड़ कर रख ले,ओर एकादशी के दिन पूजन व भोग में उपयोग करे।

सत्ताईस नक्षत्रों के वृक्ष
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ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रहों का प्रभाव मानव ,जीवो, पेड़ पोधो, सब पर पड़ता है। हर ग्रह का एक नक्षत्र होता है। परन्तु हर नक्षत्र का एक वृक्ष होता है । नक्षत्रो के माध्यम से भी ग्रहों के कुप्रभाव को सही किया जासकता है।

कोई भी व्यक्ति अपने नक्षत्र के अनुसार वृक्ष की पूजा करके अपनें नक्षत्र को ठीक कर सकता है। यदि जन्म नक्षत्र अथवा गोचर के समय कोई नक्षत्र पीड़ित चल रहा हो तब उस नक्षत्र से संबंधित वृक्ष की पूजा करने से पीड़ा से राहत मिलती है।

नक्षत्रों से संबंधित वृक्ष
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1👉 अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष :– केला, आक, धतूरा ।
2👉 भरणी नक्षत्र का वृक्ष :–केला, आंवला।

3👉 कृत्तिका नक्षत्र का वृक्ष :– गूलर ।

4👉 रोहिणी नक्षत्र का वृक्ष :– जामुन ।

5👉 मृगशिरा नक्षत्र का वृक्ष :– खैर।

6👉 आर्द्रा नक्षत्र का वृक्ष :– आम, बेल ।

7👉 पुनर्वसु नक्षत्र का वृक्ष:– बांस ।

8👉 पुष्य नक्षत्र का वृक्ष :– पीपल ।

9👉 आश्लेषा नक्षत्र का वृक्ष :– नाग केसर और चंदन।

10👉 मघा नक्षत्र का वृक्ष :– बड़।

11👉 पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- ढाक।

12👉 उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- बड़ और पाकड़।

13👉 हस्त नक्षत्र का वृक्ष :– रीठा।

14👉 चित्रा नक्षत्र का वृक्ष :– बेल।

15👉 स्वाति नक्षत्र का वृक्ष :– अर्जुन।

16👉 विशाखा नक्षत्र का वृक्ष :– नीम।

17👉 अनुराधा नक्षत्र का वृक्ष :– मौलसिरी।

18👉 ज्येष्ठा नक्षत्र का वृक्ष :– रीठा।

19👉 मूल नक्षत्र का वृक्ष :– राल का पेड़।

20👉 पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष :– मौलसिरी/जामुन।

21👉 उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष :– कटहल।

22👉 श्रवण नक्षत्र का वृक्ष :– आक।

23👉 धनिष्ठा नक्षत्र का वृक्ष :– शमी और सेमर।

24👉 शतभिषा नक्षत्र का वृक्ष :– कदम्ब।

25👉 पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष :– आम।

26👉 उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष :– पीपल और सोनपाठा।

27👉 रेवती नक्षत्र का वृक्ष :– महुआ।

इनकी पूजा करने से नक्षत्रों का दोष दूर हो जाता है। प्रतिदिन इन पेडो़ के दर्शन मात्र से नक्षत्र का दोष दूर हो जाता है। भारत भूमि की विडम्बना देखिए कि भारत की सरकारें और वन विभाग इन पेड़ों का वृक्षारोपण अभियान ही भूल गया। (सौजन्य डाॅ भगवती प्रसाद पुरोहित) 
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*ओउम् तीन अक्षरों से बना है। “” अ उ म् “”* ॐ इति एकाक्षरं परब्रहमम् अर्थात ॐ ये एक अक्षर ही पारब्रहम परमेश्वर का द्योतख है। 
* “अ” का अर्थ है उत्पन्न होना,*
*”उ” का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,* 
*”म” का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् “ब्रह्मलीन” हो जाना।*
 
*ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।*
*ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।*
*जानिए 👇🏻* 
*ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग…*
*1. ॐ और थायराॅयडः-*
*ॐ का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।*
*2. ॐ और घबराहटः-*
*अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।*
*3. ॐ और तनावः-*
*यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।*
*4. ॐ और खून का प्रवाहः-*
*यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।*
*5. ॐ और पाचनः-*
*ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।*
*6. ॐ लाए स्फूर्तिः-*
*इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।*
*7. ॐ और थकान:-*
*थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।*
*8. ॐ और नींदः-*
*नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।*
*9. ॐ और फेफड़े:-*
*कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।*
*10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-*
*ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।*
*11. ॐ दूर करे तनावः-*
*ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।*
*आशा है आप अब कुछ समय जरुर ” ॐ ” का उच्चारण  करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचाने का प्रयास करेंगे जिनको आप अपना समझते हैं 🙏*
  *🚩🌹🌞 शुभ प्रभात 🌞🌹🚩*
*आप सभी का दिन शुभ व मंगलमय हो*