आज का पंचाग, आपका राशि फल, कंडार देवता, चरण स्पर्श करने का वैज्ञानिक रहस्य, मौनी आमावास्या पर चर्चा में रही आस्था की ये डुबकी

 

 ।। *🕉* ।।
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………..5122
विक्रम संवत्………………….2077
शक संवत्…………………….1942
मास…………………………….माघ
पक्ष……………………………शुक्ल
तिथी…………………………प्रतिपदा
रात्रि 12.33 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि…………………………उत्तरायण
सूर्योदय……….प्रातः 07.00.35 पर
सूर्यास्त……….संध्या 06.21.47 पर
सूर्य राशि………………………..मकर
चन्द्र राशि……………………….कुम्भ
गुरु राशि………………………..मकर
नक्षत्र………………………….धनिष्ठा
दोप 02.17 पर्यंत पश्चात शतभिषा
योग…………………………….परिघ
रात्रि 02.15 पर्यंत पश्चात शिव
करण………………………..किंस्तुघ्न
दोप 12.31 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु……………………………शिशिर
दिन…………………………..शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
12 फरवरी सन 2021 ईस्वी ।

⚜️ *तिथि विशेष -*
माघ मास शुक्ल गुप्त नवरात्रि प्रारंम्भ ।

☸ शुभ अंक………………….3
🔯 शुभ रंग……………आसमानी

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
प्रातः 12.18 से 01.03 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 11.16 से 12.41 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*मकर*
05:18:16 06:57:16
*कुम्भ*
06:57:16 08:39:11
*मीन*
08:39:11 10:10:10
*मेष*
10:10:10 11:50:53
*वृषभ*
11:50:53 13:49:30
*मिथुन*
13:49:30 16:03:12
*कर्क*
16:03:12 18:19:22
*सिंह*
18:19:22 20:31:11
*कन्या*
20:31:11 22:41:50
*तुला*
22:41:50 24:56:28
*वृश्चिक*
24:56:28 27:12:38
*धनु*
27:12:38 29:18:16

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.23 से 09.51 तक लाभ
प्रात: 09.51 से 11.16 तक अमृत
दोप. 12.40 से 02.04 तक शुभ
सायं 04.52 से 06.17 तक चंचल
रात्रि 09.28 से 11.04 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ नभस्थलाय नम: ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
प्रथमे नार्जिता विद्या द्वितीये नार्जितं धनम् ।
तृतीये नार्जितं पुण्यं चतुर्थे किं करिष्यति ॥
अर्थात :-
जीवन के प्रथम (आश्रम) में जिसने विद्या न पायी, दूसरे में धन नहि पाया, तीसरे में पुण्य नहि पाया, वह चौथे में क्या करेगा ?

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*जले हुए घाव के घरेलू उपचार :-*

*5. शहद -*
शहद स्वाभाविक रूप से जीवाणुरोधी है, इसलिए इसे मुंहासे के उपचार और रोकथाम के लिए यह बहुत अच्छा माना जाता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर शहद एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करता है। शहद का प्रयोग भी जले हुए स्थान पर करने से लाभ होता है, क्योंकि यह एक बेहतरीन एंटीबायोटिक होता है। जलने की मेडिसिन की तरह काम करता है। यह न केवल घाव के कीटाणुओं को खत्म करने में सहायक करता है बल्कि घाव को ठीक भी जल्दी करता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यापारिक प्रतिष्ठा, लेन-देन अन्य कानूनी परेशानी संभव है। परिवार में किसी से विवाद होने की आशंका है। व्ययवृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। दूसरों पर विश्वास न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अनिश्चितता का वातावरण रहेगा। अपने कार्य-निर्णय गुप्त रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। नौकरी, रोजगार में उन्नति, सहयोग संभव है। आवश्यक मार्गदर्शन मिलेगा। बेरोजगारी दूर होगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। संतान पक्ष के स्थायित्व की बात बनेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना होगा।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
प्रसन्नता में वृद्धि होगी। उत्तेजित न हों। लाभ होगा। रोजगार की संभावनाएँ बढ़ेंगी। महत्व के मामले सुलझेंगे। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। घर में मूल्यवान वस्तुओं को संभालना होगा। विरोधी, शत्रु शांत रहेंगे।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। लाभ होगा। वाहन क्रय करने के योग बनेंगे। इच्छाशक्ति का लाभ मिलेगा। मेहनत रंग लाएगी। कार्य की प्रशंसा होगी। यात्रा सफल रहेगी। पारिवारिक वातावरण से आशान्वित रहेंगे। स्थायी संपत्ति, क्रय-विक्रय से लाभ की संभावना है।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
मेहनत अधिक होगी। थकान रहेगी। व्यर्थ खींचतान में नुकसान संभव है। आर्थिक मामलों में विश्वास, भरोसे में नहीं रहें। पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। दिन प्रतिकूल रहेगा। स्वभावगत चंचलता में कमी करना होगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। आशानुरूप आमदनी होगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। व्यापार – व्यवसाय में अनुभव, निवेश में सफलता मिलेगी। समय का सदुपयोग होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। बड़े एवं प्रतिष्ठित लोगों से संबंधों का लाभ मिल सकेगा। जोखिम, जवाबदारी के कामों में सावधानी आवश्यक है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। पारिवारिक वातावरण खुशनुमा रहेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। कानूनी बाधा दूर होगी। परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। अपरिचित व्यक्तियों के सहयोग से आत्मविश्वास का संचार होगा। खर्चों में कमी का प्रयास करना होगा। लाभकारी निवेश बढ़ेगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। सतर्कता एवं सावधानीपूर्वक व्यापारिक योजनाओं को अंजाम दें। पुराना रोग उभर सकता है। कार्य में लापरवाही व जल्दबाजी न करें। कुसंगति से बचें। विद्यार्थी शिक्षा में उल्लेखनीय सफलता अर्जित करेंगे। यात्रा न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
व्यवसाय लाभदायक रहेगा। उत्साहपूर्वक व्यावसायिक योजनाओं को पूरा करेंगे। अचानक धन की प्राप्ति संभव है। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। महत्वपूर्ण व्यक्ति सहायता को आगे आएंगे। कार्यसिद्धि होगी। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। अनुज सहयोग करेंगे।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। कार्य में प्रगति, उत्साह रहेगा। दूसरों की दखलंदाजी पसंद नहीं आएगी। कार्यस्‍थल पर सुधार होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। मान-सम्मान बढ़ेगा। कर्ज, लेन-देन कम होगा। भेंट, उपहार की प्राप्ति होगी।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में पद, स्थिति से लाभान्वित हो पाएँगे। परिश्रम की अधिकता रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। थकान रहेगी। आर्थिक मामलों में लोभ, प्रलोभन से बचें। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩

 यह चमत्कारी मूर्ति “कण्डार देवता” की है। 

कहा जाता है कि  शदियों पूर्व बड़ाहाट के एक खेत में हल लगाते हुए, हल से किसी धातु टकराने की आवाज़ आयी तो देखा एक मूर्ति वहाँ पर थी, हल से उसपर चोट का निशान भी पड़ गया, क्योंकि राजशाही थी, तो उसका मालिक भी राजा ही हुआ, तो तब मूर्ति टेहरी भेज दी गई, बाद में उस मूर्ति से कुछ ऐसी घटनाएं घटी की राजा ने उसे वापस उत्तरकाशी भेज दिया, उसका मन्दिर बनाया गया उसे ही कंण्डार देवता कहा जाता है। जब भी श्रध्दालु इस मूर्ति को एकटक देखते हैं उन्हें हर बार नया रूप दिखाई देता है। और कोई मनौती मांगते हैं तो वह अवश्य पूर्ण होती है। ये आपकी गहन आस्था पर निर्भर करता है। 💐💐🌞🥀🕉️जय कण्डार देवता✡️

*🔰 चरण स्पर्श करने का वैज्ञानिक रहस्य जान जाओगे तो प्रतिदिन अपने बच्चों को यह सीख दोंगे*
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*⚜️अपने से बड़ों का अभिवादन करने के लिए चरण छूने की परंपरा सदियों से रही है। भारतीय संस्कृति में अपने से बड़े के आदर के लिए चरण स्पर्श उत्तम माना गया है प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर चरण स्पर्श के कई लाभ हैं*
*⚜️चरण छूने का मतलब है पूरी श्रद्धा के साथ किसी के आगे नतमस्तक होना-इससे विनम्रता आती है और मन को शांति मिलती है साथ ही चरण छूने वाला दूसरों को भी अपने आचरण से प्रभावित करने में सफल होता है-प्रतिदिन बड़ों के अभि‍वादन से आयु, विद्या, यश और बल में बढ़ोतरी होती है-*
*⚜️माना जाता है कि पैर के अंगूठे से भी शक्ति का संचार होता है मनुष्य के पांव के अंगूठे में भी ऊर्जा प्रसारित करने की शक्ति होती है।*
*⚜️प्रणाम करने का एक लाभ यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। इन्हीं कारणों से बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया है।*
*⚜️जब हम किसी आदरणीय व्यक्ति के चरण छूते हैं, तो आशीर्वाद के तौर पर उनका हाथ हमारे सिर के उपरी भाग को और हमारा हाथ उनके चरण को स्पर्श करता है ऐसी मान्यता है कि इससे उस पूजनीय व्यक्ति की पॉजिटिव एनर्जी आशीर्वाद के रूप में हमारे शरीर में प्रवेश करती है इससे हमारा आध्यात्मिक तथा मानसिक विकास होता है।*
*🔰वैज्ञानिक पक्ष : -*
*न्यूटन के नियम के अनुसार, विश्व में सभी चीजें गुरुत्वाकर्षण के नियम से बंधी हैं साथ ही गुरुत्व भार सदैव आकर्षित करने वाले की तरफ जाता है हमारे शरीर पर भी यही नियम लागू होता है सिर को उत्तरी ध्रुव और पैरों को दक्षिणी ध्रुव माना गया है इसका मतलब यह हुआ कि गुरुत्व ऊर्जा या चुंबकीय ऊर्जा हमेशा उत्तरी ध्रुव से प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव की ओर प्रवाहित होकर अपना चक्र पूरा करती है। यानी शरीर में उत्तरी ध्रुव (सिर) से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर दक्षिणी ध्रुव (पैरों) की ओर प्रवाहित होती है दक्षिणी ध्रुव पर यह ऊर्जा असीमित मात्रा में स्थिर हो जाती है। पैरों की ओर ऊर्जा का केंद्र बन जाता है-पैरों से हाथों द्वारा इस ऊर्जा के ग्रहण करने को ही हम ‘चरण स्पर्श’ कहते हैं*
*⚜️मानव शरीर पंच तत्वों से निर्मित है जो सजातीय तत्वों को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है- मित्रता, स्नेह , ममता व प्रेम इसी आकर्षण की उपज है। यह आकर्षण या खिंचाव एक चुम्बकीय गुण है। प्रत्येक जीवधारी में एक ही समय में तीन वैज्ञानिक सिध्दांत एक साथ कार्य करते रहते हैं।*
*♦️चुम्बकीय शक्ति*
*♦️तात्विक गुण*
*♦️वुद्युतीय उर्जा*
*⚜️हम अगर चिन्तन मनन करे तो पाते है की प्रतिदिन हम अनेक लोगों से मिलते है , उनमें से कुछ को हम याद नहीं रखते और कुछ के साथ हमारा मित्रता का भाव प्रकट हो जाता है और उनसे ये लगाव,मित्रता या खिंचाव उस व्यक्ति विशेष में समाहित चुम्बकीय गुण के कारण होता है जो सजातीय गुण वाले व्यक्ति को अपनी और आकर्षित करता है।*
*⚜️आपके शरीर की उर्जा चरण स्पर्श करने वाले व्यक्ति में पहुंचती है। श्रेष्ठ व्यक्ति में पहुंचकर उर्जा में मौजूद नकारात्मक तत्व नष्ट हो जाता है। सकारात्मक उर्जा चरण स्पर्श करने वाले व्यक्ति से आशीर्वाद के माध्यम से वापस मिल जाती है। इससे जिन उद्देश्यों को मन में रखकर आप बड़ों को प्रणाम करते हैं उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है।*
*⚜️पैर छुना या प्रणाम करना, केवल एक परंपरा या बंधन नहीं है। यह एक विज्ञान है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा है। पैर छुने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता बल्कि अनजाने ही कई बातें हमारे अंदर उतर जाती है। पैर छुने का सबसे बड़ा फायदा शारीरिक कसरत होती है, तीन तरह से पैर छुए जाते हैं। पहले झुककर पैर छुना, दूसरा घुटने के बल बैठकर तथा तीसरा साष्टांग प्रणाम झुककर पैर छुने से कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। दूसरी विधि में हमारे सारे जोड़ों को मोड़ा जाता है, जिससे उनमें होने वाले स्ट्रेस से राहत मिलती है, तीसरी विधि में सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए तन जाते हैं, इससे भी स्ट्रेस दूर होता है।*
*⚜️इसके अलावा झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो स्वास्थ्य और आंखों के लिए लाभप्रद होता है। प्रणाम करने का तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। किसी के पैर छुना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया।*
 *⚜️प्रत्येक दिन प्रातकाल में और किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले हमें अपने घर के बड़े बुजर्गों के ,माता पिता के चरण स्पर्श अवश्य करने चाहिए ,इससे हमारे कार्य में सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है , हमारा मनोबल बढ़ता है और सकारात्मक उर्जा मिलती है नकारात्मक शक्ति घटती है।*
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मौनी आमावास्या पर देश भर में करोड़ों लोगों ने माता गंगा प्रयागराज हरिद्वार उज्जैन गंगा सागर आदि तीर्थों पर आस्था की डुबकी लगाई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयागराज संगम में आस्था की डुबकी लगाई। प्रियंका अरेल घाट से नाव द्वारा संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए गयी, उन्होंने खुद ही नाव चलायी। उनकी यह डुबकी दिनभर शोशल मीडिया और समाचार पत्रों में चर्चा में रही। कुछ ने इसे प्रियंका वाड्रा की सनातन धर्म में बढ़ती आस्था कहा तो अधिकतर ने राजनीतिक माईलेज लेने के लिए आस्था का नाटक कहा, जो भी हो लेकिन उनकी यह डुबकी दिनभर चर्चा में रही। – – – ✍️हरीश मैखुरी