मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश आपदा में मृतकों के परिजनों को तत्काल दें सहायता राशि, राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष ने भी किया प्रभावित क्षेत्र का दौरा

*आपदा में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि अविलंब दी जाएः मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन से आपदा राहत कार्यों और सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने सर्च व रेस्क्यू के काम को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की कमी न हो। जिन मृतकों की पहचान हो जाए, उनके आश्रितों को राहत राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए। जिन शवों की शिनाख्त न हो पा रही हो, उनके डीएनए रिकार्ड सुरक्षित रखे जाएं।

*आपदा में मृत पुलिसकर्मियों को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई*

मुख्यमंत्री ने तपोवन में भीषण आपदा में मृत हैड कान्स्टेबल मनोज चौधरी और कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया को नमन करते हुए शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। बुधवार को कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया और मंगलवार को हैड कान्स्टेबल मनोज चौधरी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु का होना बहुत दुखद है। रैणी व तपोवन क्षेत्र में भीषण त्रासदी में सभी मृतकों के प्रति संवदेना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए आपरेशन पूरी क्षमता के साथ चलाया जा रहा है। सर्च एंड रेस्क्यू के साथ ही आपदा राहत कार्यों की उच्च स्तर से लगतार मॉनिटरिंग की जा रही है।

चमोली आपदा अपडेट का अपडेट इस प्रकार है 

आपदा में लापता लोगो की संख्या 204,

अब तक रेस्क्यू के बाद 35 शव है बरामद, शिनाख्त हुई 10 शव की,

लापता लोगो मे 169 लोगों की खोजबीन जारी,

पशुहानि हुई 184,

घायल 6, सुरक्षित बचाये गए 12 लोग,

टनल में फंसे है 25 से 35 लोग,
चमोली
वहीं धौली गंगा में अचानक पानी बढ़ने से रेसक्यू कार्य व्यवधान ,

वहां काम कर रहे लोगों में अफरा तफरी , नदी किनारे रहने वाले लोग सतर्कता आवश्यक।

जनपद चमोली पुलिस के अनुसार

दिनाँक 7.2.2021 को जोशीमठ के रैणी तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में लापता लोगों की ढूंढ-खोज व रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है।रेस्क्यू अभियान में जनपद चमोली पुलिस के अतिरिक्त बाहरी जनपद का पुलिस बल भी तैनात है,
*पुलिस अधीक्षक चमोली श्री यशवंत सिंह चौहान* महोदय के अतिरिक्त *04 पुलिस उपाधीक्षक,* *03 निरीक्षक,* *18 उपनिरीक्षक,* *04 सहायक उपनिरीक्षक,* *03 हेड कॉन्स्टेबल,* *37 कॉन्स्टेबल,*
*01 महिला कॉन्स्टेबल,* कुल *71 पुलिसकर्मी जिला पुलिस* के साथ-साथ कोतवाली जोशीमठ का समस्त पुलिसबल, एक प्लाटून PAC,
*70 SDRF के जवान,*
*129 NDRF के जवान,*
*425 ITBP के जवान,*
*114 आर्मी के जवान,* *16 नौसेना के जवान,* *02 वायुसेना* के जवान,* *01 टीम SSB* व *स्वास्थ्य विभाग की 04 मेडिकल टीमें* राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है।

*इसके अतिरिक्त अलकनंदा नदी के तटीय क्षेत्रों में पढ़ने वाले थाना/चौकी के पुलिस कर्मियों/फायर सर्विस/SDRF/SSB की टीमों द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में नदी किनारे सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

*मंगलवार रात्रि और बुधवार को भी जारी रहा सर्च एंड रेस्क्यू आपरेशन*

चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के चौथे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 34 शव मिल गए हैं जबकि 170 लोग अभी लापता हैं। पूर्व में लापता बताए गए ऋषि गंगा कम्पनी के 02 व्यक्ति सुरक्षित अपने आवास पर पाए गए हैं। तपोवन मे टनल मे फंसे लोगो का रेस्क्यू जारी है। यहां पर करीब 25 से 35 लोग टनल मे फंसे है जिनको बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं।
स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

*प्रभावित गांवों को भेजी जा रही है राशन और जरूरी सामग्री*
आपदा में सडक संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए है। सडक संपर्क से कटे इन गांवो मे हैली से राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का सामन लगातार भेजा जा रहा है। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री भेजी जा रही हैं।

*प्रभावित गांवों में बिजली और पेयजल आपूर्ति*

पैंग और मुराडा को छोडकर बाकी सभी 11 गांवो मे विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। पैंग व मुरंडा मे सोलर लाइट भेजी गई है। उरेडा द्वारा 100 सोलर लाईटों से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। आपदा से 11 गांवों में पेयजल लाईनें प्रभावित हो गई थीं। इनमें से 10 गांवों में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। शेष 1 में काम चल रहा है।

*ट्राली से वैकल्पिक व्यवस्था*
तपोवन, रैणी, जुआग्वाड मे आवाजाही के लिए ट्राली व वैली ब्रिज से वैकल्पिक व्यवस्था बनायी जा रही है।उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य के संग चमोली जनपद के तपोवन में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों सहित आर्मी के अधिकारियों से आपदा राहत कार्यों एवं रैस्क्यू हुए लोगों के संबंध में जानकारी प्राप्त की।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुँच कर आपदा प्रभावित लोगों से मिले।श्री अग्रवाल ने आपदा प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने आपदा में मृतक हुए लोगों के परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना व्यक्त करते हुए ढाँढस बंधाई।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन में युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि टर्नल में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें लगातार 24 घंटे रेस्क्यू किया जा रहा है।श्री अग्रवाल ने कहा कि जल्द इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने भगवान से भी प्रार्थना की है कि टर्नल में फंसे लोग सुरक्षित बाहर निकल जाएं।

चमोली के आपदा प्रभावित क्षेत्र रेणी तपोवन में राहत, बचाव और खोज अभियान लगातार जारी है। यहां जिला प्रशासन की देखरेख में आर्मी, एनएडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम लापता एवं टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात जुटी है।

वृहस्पतिवार को 2 अन्य लापता लोगों के शव अलकनंदा नदी किनारे से बरामद किए गए।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा मे लापता 206 लोगों मे से अभी तक 36 लोगों के शव नदी किनारे विभिन्न स्थानों से बरामद हुए है। आपदा में 36 लोगो के शव और 2 लोगों के जिन्दा मिलने के बाद अब 168 लोग लापता चल रहे है जिनकी तलाश जारी है।

वृहस्पतिवार को कर्णप्रयाग संगम पर विगत दिनों तपोवन आपदा में प्राप्त 4 पूर्ण मानव शव तथा 7 मानव अंग और चमोली घाट पर 3 पूर्ण शवों को नियमानुसार 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया।

वही जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर रेणी और तपोवन की आपदा मे मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की सहायता राशि वितरण शुरू कर दिया गया है।। आपदा मे मृतक गाडी गांव निवासी बलवीर सिंह, बैनोली निवासी मनोज चौधरी व तपोवन निवासी नरेन्द्र लाल के परिजनों के खाते में आज राहत राशि भेजी गई।

इससे पूर्व गढवाल आयुक्त रविनाथ रमन एवं जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने तपोवन मे प्रेस कान्फ्रेंस कर राहत एवं बचाव कार्यो के बारे मीडिया को विस्तृत जानकारी दी।

गढवाल आयुक्त ने तपोवन टनल मे रेस्क्यू कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद टनल के अंदर से मलवा निकालने का काम लगातार जारी है और रेस्क्यू मे लगे लोगों की सुरक्षा को ध्यान मे रखकर कार्य किया जा रहा है।

राहत एवं बचाव कार्यो की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया लापता लोगों की सूची पहले ही जारी कर दी गई है। जिसमें से 36 लोगो के शव मिले है। नियमानुसार 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार आज से शुरू किया गया है। आपदा से प्रभावित सभी 13 गांवों मे पहले दिन से ही हैली से राहत सामग्री पहुचायी जा रही है। क्षेत्र मे 4 मेडिकल टीम की तैनाती की गई है जो विभिन्न जगहो पर कैंप लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे है। बीमार और गर्भवती महिलाओं को भी हैली सुविधा मुहैया कराई जा रही है। मृतकों के परिजनों को सहायता राशि वितरण भी आज से शुरू कर दिया गया है। लापता लोगों के बारे में उनके परिजनों को जानकारी देने के साथ भोजन व आवास व्यवस्था के लिए तपोवन में हेल्प डेस्क काउंटर एवं राहत शिविर भी लगाया गया है।
इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि मैरिन कमांडो की एक टुकडी के माध्यम से श्रीनगर डैम के आसपास खोजबीन करायी जा रही है। इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ को रेणी तपोवन के अतिरिक्त अलकनंदा व धौलीगंगा किनारे सर्च आपरेशन मे लगाया गया है।