आज का पंचाग, आपका राशि फल, और भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाने का रहस्य

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष || तृतीया तिथि || गुरु वासर || मार्गशीर्ष सौर १८ प्रविष्ठ || तदनुसार ०३ दिसम्बर २०२० ई० || नक्षत्र आर्द्रा मध्याह्न १२:१८ तक उपरान्त अदिति || मिथुनस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
 📖 *नीतिदर्शन……………….*✍
*प्रायो दुरान्तपर्यंता: सम्पदो हि दुरात्मनाम्।*
*भवन्ति हि सुखोदर्का विपदो$पि महात्मनाम्।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 प्रायः दुरात्मा पुरुषोंकी सम्पत्तियाँ भी अन्ततः दुःखदायिनी ही होती हैं तथा महापुरुषोंकी विपत्तियाँ भी अन्त में सुखरूपतामें परिणित हो जाती हैं।
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

✡️दैनिक पंचांग✡️

✡️Date✡️ :04 – 12 – 2020(शुक्रवार)✡️
सूर्योदय :6.57 am
सूर्यास्त :5.36 pm
सूर्य राशि :वृश्चिक
चन्द्रोदय :9.07 pm
चंद्रास्त :10.58 am
चन्द्र राशि :मिथुन – 07:22 am तक बाद में कर्क
✡️विक्रम सम्वत ✡️:विक्रम संवत 2077✡️
✡️मार्गशीर्ष मासे ✡️
✡️19 प्रविष्टे गते ✡️
अमांत महीना :कार्तिक 19
पूर्णिमांत महीना :मार्गशीर्ष 4
पक्ष :कृष्ण 4
तिथि :चतुर्थी – 08:03 pm तक बाद में पञ्चमी
नक्षत्र :पुनर्वसु – 01:39 pm तक बाद में पुष्य
योग :शुक्ल – 10:30 am तक बाद में ब्रह्म
करण :बव 07:48 am तक, बाद में बालव 08:03 pm तक, बाद में कौलव
राहु काल :11.14 – 12.34 pm
कुलिक काल :8.32 – 9.53 am
यमगण्ड :3.16 – 4.37 pm
अभिजीत मुहूर्त :11:55 am – 12:38 pm
दुर्मुहूर्त :09:05 am – 09:47 am, 12:38 pm – 01:20 pm
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✡️आज के लिए राशिफल (04-12-2020) ✡️

✡️मेष
04-11-2020✡️

आध्यात्मिक चीजों में रुचि बढ़ाता है। नई जिम्मेदारियां आएंगी और जाएंगी। कर्मचारियों का सहयोग प्राप्त करेंगे। विदेशी अवसर आ सकते हैं। नया घर बनाने का विचार साकार होगा। प्रतिभा और कड़ी मेहनत के लिए नए अवसर उपलब्ध हैं। नए उद्योग से संबंधित परियोजना पूरी हो जाएगी।

 

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : पीला रंग

 

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✡️वृष
04-11-2020✡️

अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। अपेक्षित नकदी की प्राप्त होगी। कला में प्रगति होगी। अधिकारियों का मान बढ़ेगा। प्रियजनों की आगमन होगी। आप अनुभवात्मक ज्ञान के साथ कुछ भी हासिल करेंगे। भोजन आधारित गतिविधियों पर ध्यान दें। ज्ञान में सुधार होता है।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 3

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

 

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✡️मिथुन
04-11-2020✡️

दोस्तों के बीच मतभेदों को दूर करेंगे और एकता हासिल करेंगे। आप परिवार की जरूरतों को पूरा करेंगे। आप कपड़े और गहने खरीदने का आनंद लेंगे। आप अपना किया हुआ वादा निभाएंगे। केस के मामले नियंत्रण में रहेंगे। खोए हुए प्रभाव को फिर से हासिल करेंगे। इच्छा पूरी हो जाएगी।

 

भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर

भाग्यशाली संख्या : 8

भाग्यशाली रंग : हरा रंग

 

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✡️कर्क
04-11-2020✡️

सेहत में सुधार होगा। अर्थव्यवस्था से कमी घटेगी। हितधारकों के साथ बहुत सावधान रहें। ऑफिस से जुड़े कार्यों में जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। रिश्तेदारों से लाभ होगा। तलाकशुदा लोगों को पुनर् विवाह के लिए अपेक्षित खबर मिलेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। आप तरोताजा महसूस करेंगे।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : गहरा लाल

 

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✡️सिंह
04-11-2020✡️

पति-पत्नी के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। साहित्य, कहानी और कविता के क्षेत्रों में प्रसिद्धि प्राप्त करेंगे। पैतृक संपत्ति की समस्या दूर होगी। दूसरों के बारे में टिप्पणी करते समय सोचें और कार्य करें। नौकरी में बदलाव हो सकता है। परिवर्तन हो सकता है। जिम्मेदारियों में वृद्धि होगी।

 

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

 

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✡️कन्या
04-11-2020✡️

प्रगति के लिए विचार खिलता है। छात्रों को शिक्षकों से भी प्रशंसा मिलती है। किसी भी चीज़ को करने का साहस मन में आता है। आप मन से चिंताओं को दूर करेंगे और नए सिरे से कार्य करेंगे। अनुकूल दिन होगा। यात्रा के अवसर उपलब्ध है। कार्य में उन्नति उपलब्ध है।

 

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 6

भाग्यशाली रंग : गहरा हरा

 

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✡️तुला
04-11-2020✡️

अपेक्षित कामयाबी मिलेगी। कार्यालय में सहकर्मियों के साथ तर्क हो सकते हैं। कार्य से मानसिक खुशी मिलती है। लंबे समय से चली आ रही समस्या कम हो जाएगी। संपत्ति के मामले में अच्छे परिणाम आएंगे। रिश्तेदारों के बीच मतभेदों में कमी आएगी। सफलता प्राप्त करेंगे। समस्या कम हो जाएगी।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिणपूर्व

भाग्यशाली संख्या : 5

भाग्यशाली रंग : हल्का लाल

 

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✡️वृश्चिक
04-11-2020✡️

भागीदारों द्वारा कुछ तर्क हो सकता है। दूसरों के साथ व्यर्थ तर्कों से बचना फायदेमंद है। नए प्रयासों में देरी हो सकती है। कोई भी निर्णय लेने से पहले सलाह लेना अच्छा है। कार्य में सुधार होगा। क्लेश कम होगा। अपेक्षित कार्य पूरा होने में देरी हो सकती है।

 

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 4

भाग्यशाली रंग : हल्का नीला

 

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✡️धनु
04-11-2020✡️

सेहत में अच्छा सुधार होगा। रुका हुआ काम बनेगा। मुकदमों में सफलता मिलेगी। नए गहनों के जोड़ होंगे। यात्रा से लाभ होगा। रिश्तेदारों के रास्ते में भी लाभ उपलब्ध हैं। प्रगति होगी। सफलता प्राप्त करेंगे। कार्य में नए विकास के लिए योजना बनाएंगे।

 

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 6

भाग्यशाली रंग : नीला रंग

 

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✡️मकर
04-11-2020✡️

प्रतिभा दिखाने के सकारात्मक अवसर उपलब्ध है। संपत्ति से संबंधित समस्याओं का फायदा हो सकता है। फिजूल खर्च को कम करना बेहतर है। भाई-बहनों से लाभ मिलेगा। अपने निकटतम लोगों के अनुसार व्यवहार करें। सहकर्मियों के सहयोग से खुशी बढ़ जाती है।

 

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : लाल रंग

 

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✡️कुंभ
04-11-2020✡️

परिस्थितियों के अनुसार परिवार में शांति से रहना चाहिए। बच्चों के लिए शुभ खर्च और खुशी होगी। उद्योग के व्यवसाय में अच्छी प्रगति होगी। सोना जैसी चीजें खरीदने का अवसर मिलेगा। संपत्ति के मामले में लाभ की उम्मीद है। अनुकूल दिन होगा।

 

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

✡️भाग्यशाली संख्या : 1✡️

भाग्यशाली रंग : हल्का नीला

 

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✡️मीन
04-11-2020✡️

योग्य के अनुसार नए पदों पर पहुंचेंगे। कलाकार, एक अच्छा नाम और प्रतिष्ठा हासिल करेंगे। समुदाय से संबंधित काम करने वालों के लिए नई स्थिति आएगी। व्यापार से जुड़े नए समझौते अनुकूल हो सकते हैं। विदेशों से संबंधित नौकरियों में अच्छी जानकारी आएगी।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 3

भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग

 

—————— पंडित चक्रधर प्रसाद मंदोली

भगवान को 56 (छप्पन) भोग क्यों लगाते है ।

भगवान को लगाए जाने वाले भोग की बड़ी महिमा है |
इनके लिए 56 प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं, जिसे
छप्पन भोग कहा जाता है |

यह भोग रसगुल्ले से शुरू होकर दही, चावल, पूरी,पापड़ आदि से होते हुए
इलायची पर जाकर खत्म होता है |

अष्ट पहर भोजन करने
वाले बालकृष्ण भगवान को अर्पित किए जाने वाले
छप्पन भोग के पीछे कई रोचक कथाएं हैं |
ऐसा भी कहा जाता है कि यशोदाजी बालकृष्ण
को एक दिन में अष्ट पहर भोजन कराती थी |

अर्थात्…बालकृष्ण आठ बार भोजन करते थे |
जब इंद्र के प्रकोप से सारे व्रज को बचाने के लिए
भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत
को उठाया था, तब लगातार सात दिन तक
भगवान ने अन्न जल ग्रहण नहीं किया |
आठवे दिन जब भगवान ने देखा कि अब इंद्र
की वर्षा बंद हो गई है, सभी व्रजवासियो को
गोवर्धन पर्वत से बाहर निकल जाने को कहा,
तब दिन में आठ प्रहर भोजन करने वाले व्रज के
नंदलाल कन्हैया का लगातार सात दिन तक भूखा रहना उनके व्रज वासियों और मया यशोदा के लिए बड़ा कष्टप्रद हुआ.

भगवान के प्रति अपनी अन्न्य श्रद्धा भक्ति दिखाते हुए सभी व्रजवासियो सहित यशोदा जी ने 7 दिन और अष्ट पहर के हिसाब से 7X8= 56
व्यंजनो का भोग बालकृष्ण को लगाया |
गोपिकाओं ने भेंट किए छप्पन भोग…
श्रीमद्भागवत के अनुसार, गोपिकाओं ने एक माह
तक यमुना में भोर में ही न केवल स्नान किया,
अपितु कुलदेवी जगदम्बा कात्यायनी मां की अर्चना भी इस
मनोकामना से की, कि उन्हें नंदकुमार ही पति रूप
में प्राप्त हों | श्रीकृष्ण ने उनकी मनोकामना पूर्ति की सहमति दे दी | व्रत समाप्ति और मनोकामना पूर्ण होने के
उपलक्ष्य में ही उद्यापन स्वरूप गोपिकाओं ने छप्पन
भोग का आयोजन किया |छप्पन भोग हैं छप्पन सखियां…ऐसा भी कहा जाता है कि गौलोक में भगवान
श्रीकृष्ण राधिका जी के साथ एक दिव्य कमल पर
विराजते हैं |उस कमल की तीन परतें होती हैं…
प्रथम परत में “आठ”,दूसरी में “सोलह”और
तीसरी में “बत्तीस पंखुड़िया” होती हैं |
प्रत्येक पंखुड़ी पर एक प्रमुख सखी और मध्य में
भगवान विराजते हैं |इस तरह कुल पंखुड़ियों
संख्या छप्पन होती है | 56 संख्या का यही अर्थ है |

छप्पन भोग इस प्रकार है
1. भक्त (भात),
2. सूप्पिका (दाल),
3. प्रलेह (चटनी),
4. सदिका (कढ़ी),
5. दधिशाकजा (दही
शाक की कढ़ी),
6. सिखरिणी (श्रीखंड),
7. अवलेह (चटनिया ),
8. बालका (बाटी),
9. इक्षु खेरिणी (मुरब्बा),
10. त्रिकोण (शरक्करपारा),
11. बटक (बड़ा),
12. मधु शीर्षक (मख्खन बडा),
13. फेणिका (फेनी),
14. परिष्टïश्च (पूरी),
15. शतपत्र (खाजा),
16. सधिद्रक (घेवर),
17. चक्राम (मालपुआ),
18. चिल्डिका (चिलडे ),
19. सुधाकुंडलिका (जलेबी),
20. धृतपूर (मेसूर पाक ),
21. वायुपूर (रसगुल्ला),
22. चन्द्रकला (चांदी की बरक वाली मिठाई ),
23. दधि (महारायता),
24. स्थूली (थूली),
25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी),
26. खंड मंडल (खुरमा),
27. गोधूम (दलिया),
28. परिखा, ( रोट )
29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त),
30. दधिरूप (फलो से बना रायता ),
31. मोदक (लड्डू),
32. शाक (साग),
33. सौधान (अधानौ अचार),
34. मंडका (मोठ),
35. पायस (खीर)
36. दधि (दही),
37. गोघृत,
38. हैयंगपीनम (मक्खन),
39. मंडूरी (मलाई),
40. कूपिका (रबड़ी)
41. पर्पट (पापड़),
42. शक्तिका (बादाम का सीरा),

43. लसिका (लस्सी),
44. सुवत,( शरबत)
45. संघाय (मोहन),
46. सुफला (सुपारी),
47. सिता (इलायची),
48. फल,
49. तांबूल, (पान)
50. मोहन भोग, (मूंग दाल की चक्कि)
51. लवण, (नमकीन व्यंजन)

मुखवास…..

52. कषाय, (आंवला )
53. मधुर, ( गुलुकंद)
54. तिक्त, (अदरक )
55. कटु, (मैथी दाना )
56. अम्ल ( निम्बू )