आज का पंचाग आपका राशि फल, देवता को अर्पित किए जानेवाले पुष्प सूंघने नहीं चाहिए, सफेद दाग (लिकोड्रमा) और यूरिक एसिड का घरेलू उपचार, रोगों से मुक्ति के लिए आहार विहार के नियम

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*शनिवार, २ जुलाई २०२२*

सूर्योदय: 🌄 ०५:३२
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१४
चन्द्रोदय: 🌝 ०७:५०
चन्द्रास्त: 🌜२१:५८
अयन🌖दक्षिणायने(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि👉तृतीया(१५:१६से चतुर्थी
नक्षत्र👉आश्लेशा(पूर्ण रात्रि)
योग👉हर्षण(११:३३ से वज्र)
प्रथम करण👉गर(१५:१६ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज
(२८:१४ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 कर्क
मंगल🌟मेष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु🌟मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र🌟वृष (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि🌟कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५३ से १२:४९
अमृत काल 👉 २८:४४ से ०६:३० बजे
रवियोग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:३२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०१ से २४:४१
राहुकाल 👉 ०८:५० से १०:३५
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:०६ से १५:५२
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 मृत्युलोक (२८:१४ से)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 सभा में (१५:१६ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (वायविडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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बुध मिथुन में ०९:४१ से, ब्रह्मलीन श्रीमत्स्वामी हरिहर तीर्थ जी महाराज (श्रीहरिहर कैलास ज्ञानपीठ न्यास, ऋषिकेश का ३१ वाँ निर्वाण महोत्सव, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:२१ से ०९:०५ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २९:२८ तक जन्मे शिशुओ का नाम
आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (डी, डू, डे, डो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:१३ से ०६:२८
कर्क – ०६:२८ से ०८:४९
सिंह – ०८:४९ से ११:०८
कन्या – ११:०८ से १३:२६
तुला – १३:२६ से १५:४७
वृश्चिक – १५:४७ से १८:०६
धनु – १८:०६ से २०:१०
मकर – २०:१० से २१:५१
कुम्भ – २१:५१ से २३:१७
मीन – २३:१७ से २४:४०
मेष – २४:४० से २६:१४
वृषभ – २६:१४ से २८:०९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०५:१९ से ०६:२८
शुभ मुहूर्त – ०६:२८ से ०८:४९
चोर पञ्चक – ०८:४९ से ११:०८
शुभ मुहूर्त – ११:०८ से १३:२६
रोग पञ्चक – १३:२६ से १५:१६
शुभ मुहूर्त – १५:१६ से १५:४७
मृत्यु पञ्चक – १५:४७ से १८:०६
अग्नि पञ्चक – १८:०६ से २०:१०
शुभ मुहूर्त – २०:१० से २१:५१
रज पञ्चक – २१:५१ से २३:१७
शुभ मुहूर्त – २३:१७ से २४:४०
शुभ मुहूर्त – २४:४० से २६:१४
रज पञ्चक – २६:१४ से २८:०९
शुभ मुहूर्त – २८:०९ से २९:२०
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपको विशेष सावधानी बरतने की सलाह है। स्वभाव में नरमी रख कर ही आज का दिन सामान्य रूप से बिताया जा सकता है। अपने कार्य निकलने के लिये अन्य लोगो का मोहताज होना पड़ेगा। मध्यान तक लगभग सभी कार्य अव्यवस्थित रहेंगे जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई उलझन पड़ेगी। आर्थिक कमी रहने से मन मे नकारात्मक भाव आएंगे। महिलाओ को पेट, कमर अथवा जोड़ो संबंधित परेशानी रहने के कारण घर के कार्यो में विलंब होगा। कार्य व्यवसाय में से भी आज निराशा ही हाथ लगेगी। आज आप केवल व्यवहारिकता के बल पर ही लाभ कमा सकते है। घर मे किसी सदस्य से अथवा कार्य क्षेत्र पर उग्र वार्ता होने की संभावना है। सरदर्द की समस्या भी रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन संपन्नता कारक रहेगा। मध्यान तक अधूरे कार्यो को पूर्ण करने की जल्दबाजी रहेगी इसके बाद परिश्रम का फल लाभ के रूप में मिलने लगेगा। अकस्मात धन की प्राप्ति से उत्साह वृद्धि होगी। पारिवारिक संबंध आपकी उन्नति में सहायक बनेंगे। लेकिन भाई-बंधुओ से किसी पुरानी बात को लेकर खींच-तान होने की संभावना भी है। महिलाये किसी अन्य महिला से मन ही मन इर्ष्या का भाव रखेंगी। घरेलू अथवा अन्य कार्य भी रूखे मन से करेंगी। घरेलू वातावरण आपकी आलसी अथवा टालमटोल वाली वृति से अस्त-व्यस्त रहेगा। प्रेम-प्रसंगों में अधिक भावुकता दुख का कारण बनेगी। बुजुर्गो का सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपको व्यवसाय के साथ अन्य घरेलू कार्यो को लेकर भागदौड़ करनी पड़ेगी दिन कार्य सफलता वाला है इसलिए भागदौड़ का परिणाम संतोषजनक ही रहेगा। दिन के आरम्भ में व्यवसाय से शुभ समाचार मिलेंगे धन लाभ थोड़े अंतराल पर होता रहेगा। नौकरी पेशा जातक भी अधिकारी वर्ग के निकट रहने से आसानी से अपनी कामना सिद्धि कर सकेंगे। महिलाये आध्यात्म में रुचि लेंगी लेकिन सुख सुविधाओं को लेकर असंतुष्ट भी रहेंगी। घर अथवा व्यावसायिक स्थल को नया रूप देने के लिये तोड़-फोड़ करने की योजना बनायेंगे। नये कार्यानुबन्ध हाथ मे लेना आज शुभ रहेगा। कही से रुका धन मिलने से प्रसन्नता होगी। घर मे मामूली बहस के बाद भी स्थिति सुखदायी रहेगी। सेहत सामान्य रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन राहत वाला रहेगा लेकिन आज आपके स्वभाव में अचानक परिवर्तन देखने को मिलेगा। अपनी बचकानी हरकतों से आसपास का माहौल हल्का बनाएंगे फिर भी व्यवहार मे ज्यादा चंचलता ना आने दें अन्यथा मजाक में किसी से झड़प हो सकती है। कार्य व्यवसाय के सिलसिले में मध्यान तक दौड़-धूप परिश्रम करना पड़ेगा इसके बाद ही लाभ की संभावनाएं बनेंगी। धन लाभ निश्चित ना होकर आकस्मिक ही होगा जिससे आगे की योजनाएं बनाने में परेशानी आएगी। नौकरी पेशा जातको को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। परिवारक दायित्वों की पूर्ति करने में थोड़े असहज रह सकते है लेकिन ले देकर इससे भी पार पा लेंगे महिलाओ का स्वभाव चिड़चिड़ा रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये हानिकर रहेगा। कार्य क्षेत्र एवं गृहस्थी में तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल रहेगा एक कार्य करने के चक्कर मे अन्य कार्य की हानि निश्चित है। आस-पास का वातावरण आपको ना चाहते हुए भी क्रोध करने पर मजबूर करेगा। कार्य क्षेत्र एवं परिवार में भी महिला वर्ग से तकरार होने की सम्भवना है। भाई-बंधु अथवा पड़ोसियों के साथ मामूली बात का बतंगड़ बनने से अशांत रहेंगे। कार्य व्यवसाय पर भी व्यवस्था की कमी रहने के कारण व्यवधान आएंगे। आज आप जिस लाभ एवं सम्मान के अधिकारी है वह परिचित व्यक्ति से मतभेद कारण नही मिल सकेगा। महिलाओ में भी अहम की भावना अधिक रहेगी नुकसान भले ही हो जाये परन्तु झुकेगी नही। दाम्पत्य जीवन मे नीरसता रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आप दिन के आरंभ से ही किसी महत्त्वपूर्ण कार्य को लेकर चिन्तित रहेंगे लेकिन मध्यान बाद स्थिति स्पष्ट होने से मानसिक दबाव कम होगा। कार्य क्षेत्र पर आपकी राय की आवश्यकता पड़ेगी। अधिकारी वर्ग आप के ऊपर प्रसन्न रहेंगे। कुछ दिनों से मन मे चल रही दुविधा का आज कुछ ना कुछ हल अवश्य निकल आएगा। लेकिन आर्थिक दृष्टिकोण से दिन परेशानी भरा रहेगा फिर भी खर्चो पर नियंत्रण रहने से ज्यादा भार नही पड़ेगा। परिजनों से वैर विरोध की भावना रहने से घर का वातावरण उदासीन रहेगा महिलाये शांति बनाने के लिए पहल करेंगी। संध्या बाद धन लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन अहंकार के कारण हाथ से ना निकले इसका ध्यान रखें। दोपहर बाद सेहत में नरमी आएगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज भी परिस्थितियां आपके पक्ष में बनी रहेंगी कार्य व्यवसाय में व्यवहारिकता का सकारात्मक फल मिलने से दिनचार्य से संतोष करेंगे। मध्यान के समय कार्यो को पूर्ण करने की जल्दी में कुछ उल्टा-सीधा हो सकता है फिर भी आज आप जोड़ तोड़ करने अपना काम निकाल ही लेंगे। नौकरी पेशा लोग अधिकारी वर्ग से अपनी बात मनवाने के लिए गुप्त युक्तियां लगाएंगे लेकिन इसमे सफलता निश्चित नही रहेगी। धन लाभ भी आपके परिश्रम की तुलना से अधिक हो सकता है परंतु इसके लिए कार्य क्षेत्र पर अनर्गल बातो को छोड़ लक्ष्य को केंद्रित रकह कार्य करें। स्त्रीवर्ग आज ज्यादा भावुक रहेंगी कोई इसका गलत फायदा भी उठा सकता है। आंख बंद कर किसी पर विश्वास ना करें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपको धार्मिक एवं परोपकारी स्वभाव का लाभ प्रत्येक क्षेत्र में मिलेगा। दिन के आरंभ में पूजा पाठ देवदर्शन के योग है इसके बाद का समय व्यस्तता से भरा रहेगा। पारिवारिक एवं सामाजिक मामलों में निष्पक्ष फैसले लेने पर छवि सम्मानजनक बनेगी। परिवार के सदस्यों के साथ ही रिश्तेदार भी महत्त्वपूर्ण कार्यो में आपकी राय लेंगे लेकिन आज किसी की जमानत लेने से बचें अन्यथा बैठे बिठाये सरदर्दी बढ़ेगी। कार्य व्यवसाय सुव्यवस्थित रूप से चलेगा धन लाभ आशा जनक होगा। महिलाओ को मनपसंद वस्तु की प्राप्ति होगी। परिचितों के कार्यो में भी सहयोग करेंगे। घर एवं बाहर के लोग आपकी प्रसंशा अवश्य करेंगे। स्वास्थ्य में नया विकार बनेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। एक पल में प्रसन्न अगले ही पल उदास होने पर मानसिक स्थिति दुविधापूर्ण रहेगी। व्यवसाय से धन लाभ होगा लेकिन धन आने के साथ ही जाने के रास्ते भी बना लेगा। पारिवारिक जन की सेहत अथवा रिश्तेदारी पर खर्च करना पड़ेगा। नौकरी वाले लोगो को कार्य जल्दी पूर्ण करने के प्रयास में गलती होने पर विलम्ब होगा। महिलाये किसी गलतफहमी की शिकार होंगी परिवार का वातावरण चिंताजनक रहेगा। संध्या पश्चात कुछ राहत मिलेगी। यात्रा में सेहत एवं सामान के प्रति सावधानी बरतें। बुजुर्ग लोग अचानक नाराज होंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। आज आपकी आवश्यकता पूर्ति थोड़े से प्रयास से हो जाएगी लेकिन फिर भी मन में संतोष नही होगा कुछ ना कुछ कमी बनी रहेगी। मेहनत करने पर संध्या तक आर्थिक स्थिति बेहतर हो जायेगी। पुराने उधार चुकता होने पर राहत मिलेगी। महिलाये आज महंगी वस्तुओं की खरीददारी का मन बनाएंगी लेकिन अंत समय मे कोई व्यवधान आ सकता है। पारिवारिक वातावरण में छुट-पुट छींटा कशी लगी रहेगी फिर भी स्थिति सामान्य बनी रहेगी। संतानो के ऊपर खर्च करने के बाद भी परिणाम आशानुकूल नही रहेंगे। घर के बुजुर्गो अथवा महिलाओ से वित्तीय लाभ की सम्भावना है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन लाभदायक रहने वाला है लेकिन आज आशाजनक लाभ पाने के लिये वाणी में मिठास रखने की आवश्यकता पड़ेगी। दिन के आरंभ में मन के अनुसार कार्य ना होने पर क्रोध आएगा धर्य धारण करें दिन आज आपके पक्ष में ही है लाभ देर से ही सही अवश्य मिलेगा। मन मे अहम आने से अपने आगे किसी को नही गिनेंगे किसी के सम्मान को ठेस पहुचाने पर मतभेद हो सकते है। आर्थिक रूप से दिन उत्तम रहेगा जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे वहां से कुछ ना कुछ लाभ अवश्य मिलेगा। परिवार की महिलाये एवं बुजुर्ग आपकी किसी बुरी आदत से दुखी होंगे। संध्या के समय घरेलू खर्च के साथ ही मौज शौक पर खर्च होगा। सुखोपभोग आज आपकी प्राथमिकता रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन पिछले दिन की अपेक्षा सुधार लाएगा। मन मे चल रही बातो को बेजीझक होकर बोलेंगे जिससे आपसी गलतफहमिया कम होंगी फिर भी परिजनो के आगे ज्यादा खुलापन नए विवाद को जन्म दे सकता है सतर्क रहें।
आज आपको कोई नापसंद कार्य भी मजबूरी में करना पड़ेगा। आर्थिक रूप से दिन सामान्य से उत्तम रहेगा लेकिन आकस्मिक खर्च भी साथ मे लगे रहने से बचत नही कर पाएंगे। आप जिस किसी से भी कोई वादा करेंगे उसे अवश्य पूरा करेंगे। मध्यान तक परिश्रम का फल ना मिलने से निराशा रहेगी परन्तु संध्या के समय धन की आमद होने लगेगी व्यवसाय में आज विस्तार ना करें। नौकरी पेशा कार्यभार बढ़ने से थकान अनुभव करेंगे। घर मे कुछ मतभेद के बाद भी शांति बनी रहेगी।
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*🚩धर्मशिक्षा-१५९*

*♦️देवता पूजन-१२*
*👉देवता को अर्पित किए जानेवाले पुष्प क्यों न सूंघें ?*
पुष्पों में देवताओं का तत्त्व आकर्षित तथा प्रक्षेपित करने की क्षमता होती है । जब जीव पुष्प सूंघता है, तब जीव की गन्धरूप वासना से सम्बन्धित इच्छाशक्ति उच्छवास के द्वारा पुष्प की सूक्ष्म कक्षा में प्रविष्ट हो जाती है । इससे पुष्प की कार्य करने की क्षमता मन्द हो जाती है । सूंघे गए पुष्प में प्राकृतिक रूपसे विद्यमान सत्त्व भी न्यून हो जाता है । ऐसे पुष्प मूर्ति पर चढाने से मूर्ति रज-तमसे आवेशित होने की आशंका रहती है । इसलिए भक्तों के लिए मूर्ति में आकृष्ट चैतन्यकणों के प्रक्षेपण में बाधा आती है । परिणामस्वरूप समष्टि में (समाज में) चैतन्य का अल्प प्रक्षेपण होता है । इसी कारण देवताओं को चढाए जानेवाले पुष्प सूंघना एक प्रकार का अपराध सिद्ध होता है ।

*👉सूर्यास्त के उपरांत कलियां क्यों नहीं तोडते ?*
ब्राह्ममुहूर्त पर (सूर्योदयसे ३ घंटे पूर्वकी अवधि) देवताओं के पवित्रक पृथ्वी पर अधिक मात्रा में प्रक्षेपित होते हैं । जिन पुष्पों में जिस देवता के पवित्रक आकर्षित करने की क्षमता होती है, उन्हीं पुष्पों की ओर ये पवित्रक अधिक मात्रामें आकर्षित होते हैं । सूर्यके तेजके कारण वातावरण में विद्यमान रज-तम कणों का विघटन होता रहता है । इसलिए सूर्यास्त से पूर्व का वातावरण सूर्यास्त के उपरांत के वातावरण की तुलना में अधिक सात्त्विक होता है । सूर्यास्त के उपरांत वायुमंडल में विद्यमान रज-तम की मात्रा बढती है, जिससे अनिष्ट शक्तियों का वातावरण में संचार बढता है एवं वातावरण दूषित होता है । इसलिए सूर्यास्त के उपरांत कलियां रज-तम कणों से आवेशित होती हैं एवं देवताओं के पवित्रक आकर्षित करने की उनकी क्षमता अल्प हो जाती है । इसलिए सहसा सूर्यास्त के उपरांत कलियां नहीं तोडते ।

▪️मोगरा (बेला), जाही (एक प्रकार की चमेली), रजनीगंधा इत्यादि पुष्पों में ऐसी लगन होती है कि देवताओं के पवित्रक अधिकाधिक उनकी ओर आकर्षित हों । उन पुष्पों की कलियां सूर्यास्त से खिलना आरंभ होकर ब्राह्ममुहूर्त की आतुरता से प्रतीक्षा करती हैं । उनकी लगन के कारण देवताओं के पवित्रक उनकी ओर अधिक मात्रा में आकर्षित होते हैं । इसलिए उनकी सुगंध भी अन्य पुष्पों की तुलना में अधिक होती है एवं मन को संतुष्ट करती है ।

▪️कुछ पुष्प (उदा. श्वेत एवं गुलाबी रंगके अडहुलके पुष्प) सूर्योदय के उपरांत भी खिलते रहते हैं । ऐसे पुष्पों में देवताओं के पवित्रक अल्प अथवा ना के बराबर होते हैं; उनमें सुगंध भी नहीं होती । देवता को ऐसे पुष्प चढाना कागद के (कागज के) पुष्प चढाने समान ही है । ऐसे पुष्प चढाने से पूजक को अधिक लाभ नहीं होता ।

▪️तुलसी (मंजिरी), गेंदा, गुलाब, केवडा आदि पुष्प प्रतिदिन थोडे-थोडे खिलते हैं एवं वृक्ष पर अधिक दिन नवनूतन (तरो-ताजा) रहते हैं । ऐसे पुष्पों की सुगंध मंद होती है और उनमें गुरुतत्त्व को आकर्षित करने की क्षमता अधिक होती है । जहां गुरुतत्त्व कार्यरत अथवा प्रगट होता है, वहां इन पुष्पों की सूक्ष्म सुगंध पुष्पों का अस्तित्व न होते हुए भी दूरतक फैलती रहती है ।

*आगे:-* तेल के दीप की अपेक्षा घी का दीप जलाना महत्त्वपूर्ण क्यों है ?

*साभार:-* हिन्दू जनजागृति समिति

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अवश्य जाने यूरिक एसिड के लक्षण
यूरिक एसिड हमारे जीवन में रोगों का घर 

यूरिक एसिड हो या न हो अवश्य पढे

तेजी से बढ़ते यूरिक एसिड की समस्या बडी तेजी से बढ़ रही है।

आयु बढ़ने के साथ-साथ यूरिक एसिड ” गाउट ” आर्थराइटिस समस्या का होना तेजी से आंका गया है। जो कि लाइफ स्टाईल, खान-पान, दिनचर्या के बदलाव से भोजन पाचन प्रक्रिया के दौरान बनने वाले ग्लूकोज प्रोटीन से सीधे यूरिन एसिड में बदलने की प्रक्रिया को यूरिक एसिड कहते हैं।

भोजन पाचन प्रक्रिया दौरान प्रोटीन से ऐमिनो एसिड और प्यूरीन न्यूक्लिओटाइडो से यूरिक एसिड बनता है।

यूरिक एसिड का मतलब है, जो भोजन खाया जाता है, उसमें प्यूरीन पोष्टिकता संतुलन की कमी से रक्त में असंतुलन प्रक्रिया है। जिससे प्यूरीन टूटने से यूरिक एसिड बनता है। यूरिक ऐसिड एक तरह से हड्डियों जोड़ों अंगों के बीच जमने वाली एसिड़ क्रिस्टल है। जोकि चलने फिरने में चुभन जकड़न से दर्द होता है। जिसे यूरिक एसिड कहते हैं।

शोध में यूरिक एसिड को शरीर में जमने वाले कार्बन हाइड्रोजन आक्सीजन नाइट्रोजन सी-5, एच-4, एन-4, ओ-3 का समायोजक माना जाता है।

यूरिक एसिड समय पर नियत्रंण करना अति आवश्यक है। यूरिक एसिड बढ़ने पर समय पर उपचार ना करने से जोड़ों – गाठों का दर्द, गठिया रोग, किड़नी स्टोन, डायबिटीज, रक्त विकार होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती है। रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा को नियत्रंण करना अति जरूरी है।

यूरिक एसिड के लक्षण…..

पैरो-जोड़ों में दर्द होना।

पैर , एडियों में दर्द रहना।

गांठों में सूजन।

जोड़ों में सुबह शाम तेज दर्द
कम-ज्यादा होना।

एक स्थान पर देर तक बैठने पर उठने में पैरों एड़ियों में असहनीय दर्द, फिर दर्द सामlन्य हो जाना।

पैरों, जोड़ो, उगलियों, गांठों में सूजन होना।

शर्करा लेबल बढ़ना।

इस तरह की कोई भी समस्या होने पर तुरन्त यूरिक एसिड जांच करवायें।

यूरिक एसिड नियत्रंण करने के तरीके …..

1. यूरिक एसिड बढ़ने पर हाई फाइबर युक्त आहार खायें। जिसमें पालक, ब्रोकली, ओट्स, दलिया, इसबगोल भूसी लाभदायक हैं।

2. आंवला रस और एलोवेरा रस मिश्रण कर सुबह शाम खाने से 10 मिनट पहले पीने से यूरिक एसिड कम करने में सक्षम है।

3. टमाटर और अंगूर का जूस पीने से यूरिक एसिड तेजी से कम करने में सक्षम है।

4. तीनो वक्त खाना खाने के 5 मिनट बाद 1 चम्मच अलसी के बीज का बारीक चबाकर खाने से भोजन पाचन क्रिया में यूरिक ऐसिड नहीं बनता।

5. 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच अश्वगन्धा पाउडर को 1 कप गर्म पानी के साथ घोल कर पीने से यूरिक एसिड नियत्रंण में आता है।

6. यूरिक एसिड बढ़ने के दौरान जैतून तेल का इस्तेमाल खाने तड़के-खाना बनाने में करें। जैतून तेल में विटामिन-ई एवं मिनरलस मौजूद हैं। जो कि यूरिक एसिड नियत्रंण करने में सहायक हैं।

7. यूरिक एसिड बढ़ने पर खाने से 15 मिनट पहले अखरोट खाने से पाचन क्रिया शर्करा को ऐमिनो एसिड नियत्रंण करती है। जोकि प्रोटीन को यूरिक एसिड़ में बदलने से रोकने में सहायक है।

8. विटामिन सी युक्त चीजें खाने में सेवन करें। विटामिन सी यूरिक एसिड को मूत्र के रास्ते विसर्जन करने में सहायक है।

9. रोज 2-3 चैरी खाने से यूरिक एसिड नियत्रंण रखने में सक्षम है। चेरी गांठों में एसिड क्रिस्टल नहीं जमने देती।

10. सलाद में आधा नींबू निचोड कर खायें। दिन में 3 बार 2 गिलास पानी में 1 नींबू निचोड कर पीने से यूरिक एसिड मूत्र के माध्यम से निकलने में सक्षम है। चीनी, मीठा न मिलायें।

11. तेजी से यूरिक एसिड घटाने के लिए रोज सुबह शाम 45 – 45 मिनट तेज पैदल चलकर पसीना बहायें। तेज पैदल चलने से एसिड क्रिस्टल जोड़ों गांठों पर जमने से रोकता है। साथ में रक्त संचार को तीब्र कर रक्त संचार सुचारू करने में सक्षम है। पैदल चलना से शरीर में होने वाले सैकड़ों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। तेज पैदल चलना एसिड एसिड को शीध्र नियत्रंण करने में सक्षम पाया गया है।

12. बाहर का खाना पूर्ण रूप से बन्द कर दें। घर पर बना सात्विक ताजा भोजन खायें। खाने में ताजे फल, हरी सब्जियां, सलाद, फाइबर युक्त संतुलित पौष्टिक आहर लें।

13. रोज योगा , आसन , व्यायाम करें। योग आसन व्यायाम यूरिक एसिड को घटाने में मददगार है। साथ में योगा-आसान-व्यायाम करने से मोटापा वजन नियत्रंण रहेगा।

14. ज्यादा सूजन दर्द में आराम के लिए गर्म पानी में सूती कपड़ा भिगो कर सेकन करें।

15. यूरिक एसिड समस्या शुरू होने पर तुरन्त जांच उपचार करवायें। यूरिक एसिड ज्यादा दिनों तक रहने से अन्य रोग आसानी से घर बना लेते हैं।

यूरिक ऐसिड बढ़ने पर खान-पान……

यूरिक एसिड बढ़ने पर मीट मछली सेवन तुरन्त बंद कर दें। नॉनवेज खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है। औषधि दवाईयां असर कम करती है।

यूरिक एसिड बढ़ने पर अण्डा का सेवन पूर्ण रूप से बंद कर दें। अण्डा रिच प्रोटीन वसा से भरपूर है। जोकि यूरिक एसिड को बढ़ता है।

बेकरी से बनी खाद्य सामग्री बंद कर दें। बेकरी फूड प्रीजरवेटिव मिला होता है। जैसे कि पेस्ट्री, केक, पैनकेक, बंन, क्रीम बिस्कुट इत्यादि।

यूरिक एसिड बढ़ने पर तुरन्त जंकफूड, फास्ट फूड, ठंडा सोडा पेय, तली-भुनी चीजें बन्द कर दें। जंकफूड, फास्टफूड, सोडा ठंडा पेय पाचन क्रिया को और भी बिगाड़ती है। जिससे एसिड एसिड तेजी से बढता है।

चावल, आलू, तीखे मिर्चीले, चटपटा, तले पकवानों का पूरी तरह से खाना बन्द कर दें। यह चीजें यूरिक एसिड बढ़ाने में सहायक हैं।

बन्द डिब्बा में मौजूद हर तरह की सामग्री खाना पूरी तरह से बंद कर दें। बन्द डब्बे की खाने पीने की चीजों में भण्डारण के वक्त कैमिकल रसायन मिलाया जाता है। जैसे कि तरह तरह के प्लास्टिक पैक चिप्स, फूड इत्यादि। हजारों तरह के बन्द डिब्बों और पैकेट की खाद्य सामग्री यूरिक एसिड तेजी बढ़ाने में सहायक है।

एल्कोहन का सेवन पूर्ण रूप से बन्द कर दें। बीयर, शराब यूरिक एसिड तेजी से बढ़ती है।

शोध में पाया गया है कि जो लोग लगातार बीयर शराब नशीली चीजों का सेवन करते हैं, 70 प्रतिशत उनको सबसे ज्यादा यूरिक एसिड की समस्या होती है। यूरिक एसिड बढ़ने पर तुरन्त बीयर, शराब पीना बन्द कर दें। बीयर शराब स्वस्थ्य व्यक्ति को भी रोगी बना देती है। बीयर, शराब नशीली चीजें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

इसके साथ प्रतिदिन चार – पांच लीटर पानी पीने से बहुत अच्छा असर आता है।

आयुर्वेदिक डॉ रोहित गुप्ता
7906873221

 

क्या होते है सफेद दाग आज की समस्या समाधान*

*क्यो होते हैं सफेद दाग*
आनुवंशिकता, अर्थात अगर माता-पिता को यह डिज़ीज़ हो तो बच्चों में भी इसकी आशंका बढ़ जाती है। हालांकि ज़रूरी नहीं है कि इससे पीडि़त हर व्यक्ति की संतान को भी ऐसी सफेद
सफेद दाग त्वचा से संबंधित रोग है। कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग भी मानते है। जबकि यह अवधारण गलत है। दुनियाभर में सफेद दाग से करीब चार फीसदी लोग ग्रस्त हैं। भारत की चार फीसदी (करीब पांच करोड़) जनसंख्या को सफेद दाग की समस्या है। शुरुआत में छोटा सा दिखाई देने वाला यह दाग धीरे-धीरे काफी बड़ा हो जाता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को कोई शारीरिक परेशानी, जलन या खुजली नहीं होती। चेहरे पर या शरीर के अन्य किसी हिस्से में सफेद दाग होने के कारण कई बार व्यक्ति में हीनता की भावना भी पैदा हो जाती है।

*सफेद दाग होने का लक्षण*
इस रोग का शुरुआती लक्षण यह है कि इसमें शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा पर छोटा सा दाग पीले रंग से शुरू होकर धीरे-धीरे सफेद रंग का बन जाता है। पीले रंग के इस दाग का आकार शुरू में काफी छोटा होता है। यदि शुरुआत में ही इसका उपचार नहीं होता तो यह दाग जगह-जगह फैलते हुए बड़े-बड़े चकतों के रूप में भी हो सकता है।

*सफेद दाग होने का कारण*
त्वचा पर सफेद दाग या सफेद चकते होने के तीन प्रमुख कारण हो सकते
हैं। सफेद दाग के रोगियों में पाया गया है कि *शरीर में पोषक तत्वों की कमी* से यह समस्या होती है।क्या होते है सफेद दाग आज की समस्या समाधान*

 

 

*क्यो होते हैं सफेद दाग*

 

आनुवंशिकता, अर्थात अगर माता-पिता को यह डिज़ीज़ हो तो बच्चों में भी इसकी आशंका बढ़ जाती है। हालांकि ज़रूरी नहीं है कि इससे पीडि़त हर व्यक्ति की संतान को भी ऐसी सफेद

 

सफेद दाग त्वचा से संबंधित रोग है। कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग भी मानते है। जबकि यह अवधारण गलत है। दुनियाभर में सफेद दाग से करीब चार फीसदी लोग ग्रस्त हैं। भारत की चार फीसदी (करीब पांच करोड़) जनसंख्या को सफेद दाग की समस्या है। शुरुआत में छोटा सा दिखाई देने वाला यह दाग धीरे-धीरे काफी बड़ा हो जाता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को कोई शारीरिक परेशानी, जलन या खुजली नहीं होती। चेहरे पर या शरीर के अन्य किसी हिस्से में सफेद दाग होने के कारण कई बार व्यक्ति में हीनता की भावना भी पैदा हो जाती है।

 

 

*सफेद दाग होने का लक्षण*

 

इस रोग का शुरुआती लक्षण यह है कि इसमें शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा पर छोटा सा दाग पीले रंग से शुरू होकर धीरे-धीरे सफेद रंग का बन जाता है। पीले रंग के इस दाग का आकार शुरू में काफी छोटा होता है। यदि शुरुआत में ही इसका उपचार नहीं होता तो यह दाग जगह-जगह फैलते हुए बड़े-बड़े चकतों के रूप में भी हो सकता है।सफेद दाग

💁🏻‍♂️ *क्या होते है सफेद दाग आज की समस्या समाधान*

 

 

*क्यो होते हैं सफेद दाग*

 

आनुवंशिकता, अर्थात अगर माता-पिता को यह डिज़ीज़ हो तो बच्चों में भी इसकी आशंका बढ़ जाती है। हालांकि ज़रूरी नहीं है कि इससे पीडि़त हर व्यक्ति की संतान को भी ऐसी सफेद

 

सफेद दाग त्वचा से संबंधित रोग है। कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग भी मानते है। जबकि यह अवधारण गलत है। दुनियाभर में सफेद दाग से करीब चार फीसदी लोग ग्रस्त हैं। भारत की चार फीसदी (करीब पांच करोड़) जनसंख्या को सफेद दाग की समस्या है। शुरुआत में छोटा सा दिखाई देने वाला यह दाग धीरे-धीरे काफी बड़ा हो जाता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को कोई शारीरिक परेशानी, जलन या खुजली नहीं होती। चेहरे पर या शरीर के अन्य किसी हिस्से में सफेद दाग होने के कारण कई बार व्यक्ति में हीनता की भावना भी पैदा हो जाती है।

 

 

*सफेद दाग होने का लक्षण*

 

इस रोग का शुरुआती लक्षण यह है कि इसमें शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा पर छोटा सा दाग पीले रंग से शुरू होकर धीरे-धीरे सफेद रंग का बन जाता है। पीले रंग के इस दाग का आकार शुरू में काफी छोटा होता है। यदि शुरुआत में ही इसका उपचार नहीं होता तो यह दाग जगह-जगह फैलते हुए बड़े-बड़े चकतों के रूप में भी हो सकता है।

 

 

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*सफेद दाग होने का कारण*

 

त्वचा पर सफेद दाग या सफेद चकते होने के तीन प्रमुख कारण हो सकते हैं। सफेद दाग के रोगियों में पाया गया है कि *शरीर में पोषक तत्वों की कमी* से यह समस्या होती है। इसके अलावा *फंगल संक्रमण* से भी यह समस्या बनती है। *पाचन क्रीया सही नही होना*

 

*स्ट्रेस, लीवर की कमजोरी , बेमेल भोजन* भी मुख्य कारण होते है सफेद दाग के इसलिए अपने खाने पीने की आदते हमेशा स्वस्थ और शाकाहारी रखे *अन्य कारण ल्यूकोडरमा या विटिलिगो समस्या है*। यह आज आम समस्या हो गई है, जिसके कारणों का पूरी तरह से पता भी नहीं चल पाता है।

 

 

*सफेद दाग से बचाव*

 

सफेद चकतों या दाग को दूर करने के लिए सबसे जरूरी अपनी जीवन शैली और खान पान में परिवर्तन करना है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को करेले की सब्जी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। खट्टा, ज्यादा नमक वाले आहार, मछली, दूध और दही आदि के सेवन से बचना चाहिए।

 

 

*सफेद दाग मे कारगर उपाय जो अक्सर बताये ओर अपनाये जाते है बशर्ते धैर्य पूर्वक यूज कीये जाये*

 

 

*निमकोली कैप्सूल*

 

 

निमकोली कैप्सूल ले अपनी जरूरत अनुसार इनकी ट्यूब निकाल ले उतना ही अच्छी मात्रा वाला सरसो तेल ले इसमे थोडा सा कत्था मिलाये

 

इस पेस्ट को रात मे सोते समय लगाये फेश पर नही लगाये

 

 

*गेरू सोना से इलाज*

 

*आवश्यक सामाग्री*

 

 

50gm — हल्दी

 

50gm — कबाब चीनी

 

50gm — गेरू सोना

 

50gm — बावची

 

50gm — नीम के पेड की

 

छाल का पाउडर

 

 

*ये सभी सामान आसानी से आयुर्वेद मैडिसन या पंसारी शाप पर मील जायेगी*

 

 

*विधि*

 

सभी को बारीक पीस ले कपडछन कर ले

 

1 गिलास कांच का पानी ले उसमे 10 gm पाउडर डाले रात भर के लीये रख दे सुबह पानी को धीरे से दूसरे बर्तन मे ले कर शहद डालकर पी ले जो नीचे मिश्र्ण बचा वो सफेद दाग पर लगा ले करीब 2 घंटे बाद धो ले कोई भी रीमेडी आखो ओर पलको पर नही लगाये

 

 

*बावची ओर दही*

 

बापची पाउडर ओर दही समान ले दाग पर 10 मीनट लगाये इससे आपको जलन ओर झनझनाहट हो सकती है सहन करे

 

 

*धतूरे के पत्ते*

 

धतूरे के पत्ते का रस 8 लीटर

 

1 लीटर तील तेल ले

 

मीलाकर तब तक पकाये केवल तेल बच जाये ठंडा करे कांच शीशी मे स्टोर करे सुबह शाम दाग पर लगाये

 

*ये रीमेडी आप इसी अनुपात मे कम बनाये शुरु मे*

 

 

*गेरू*

 

गेरू को बारीक पीस ले

 

1 चम्मच ले कीसी बाउल मे

 

डेढ चम्मच प्याज का रस ले

 

डेढ चम्मच ऐलोवेरा जैल ले

 

1 चम्मच अदरक जूस ले

 

चौथाई चम्मच हल्दी ले

 

सभी को मीलाकर दाग पर लगाये 2 घंटे बाद वाश करे

 

*यदि आप ये पेस्ट फेश पर लगाना चाहते है तो अदरक जूस नही मीलाये*

 

 

*पपीते पत्ते*

 

 

पपीते के 2 पत्ते छो ले तना हटा कर 1 भिगोने मे रखे इतना पानी डाले पपीता पत्ते उबाल आकर गल जाये

 

उबले पत्ते पीस लै

 

2 चम्मच पेस्ट मे अदरक रस चोथाई चम्मच हल्दी मीलाकर लगाये 2 घंटे बाद वाश करे

 

 

*अन्य उपाय*

 

 

*गर्म दूध* में पिसी हुई हल्दी डालकर दिन में दो बार पीने से पांच महीने में सफेद दाग से छुटकारा मिल जाता है।

 

 

*साबुन और डिटरजेंट का* इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए।

 

 

*जिस व्यक्ति या महिला को सफेद दाग की समस्या हो जाए तो वह तांबे के बर्तन में रात को पानी भरकर उसका सुबह उठकर सेवन करें।*

 

 

 *गाजर, लौकी और दालें* अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। जिससे कि आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो। दो से चार बादाम का प्रतिदिन सेवन करें।

 

 

*हल्दी और सरसों का तेल*

 

हल्दी और सरसों के तेल को मिलाकर बनाया गया मिश्रण दाग वाली जगह लगाने से राहत मिलती है। इसके लिए आप एक चम्मच हल्दी पाउडर लें। अब इसे दो चम्मच सरसों के तेल में मिलाए। अब इस पेस्ट को सफेद चकतों वाली जगह पर लगाएं और 15 मिनट तक रखने के बाद उस जगह को गुनगुने पानी से धो लें। ऐसा दिन में तीन से चार बार करें। इससे आराम मिलेगा।

 

 

*नीम की पत्ती और शहद*

 

नीम की ताजी कोपल का पेस्ट बनाकर उसे छलनी में डालकर उसका रस निकाल लें। एक बड़ी चम्मच नीम के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर दिन इसका दिन में तीन बार सेवन करें। इसे मिश्रण का सेवन आप उम्रभर भी कर सकते हैं। 

 

*इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा*

 

साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभ ले

 

*1-अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग :*-

 

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए |

 

*2-मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-*

 

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

 

*3-बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण :-*

 

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

 

*4-मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री :-*

 

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

 

*5-खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़ :-*

 

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

 

*6-पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक :-*

 

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

 

*7-अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी :-*

 

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

 

*8-बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल :*-

 

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल – दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

 

*9-जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस :-*

 

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

 

*10-पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन :-*

 

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।

 

*11-फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल :-*

 

नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।

 

*12-सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी :-*

 

तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

 

*13-अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद :-*

 

बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

 

*14-घुटनों में दर्द के लिये अखरोट :-*

 

सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है।

 

*15-काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल* :-

 

चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।

 

*16-कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-*

 

भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।

 

*17-मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन :-*

 

मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है।

 

*18-हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा :-*

 

आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त, ज्वर, उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है।

 

*19-शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी :-*

 

दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दालचीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।

 

*20-हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च :-*

 

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिलाकर खाएँ।

 

*21-श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल :-*

 

एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डालकर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम,1 दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।

 

*22-अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़ :-*

 

रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिलाकर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।

 

*23-कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय :-*

 

एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ।

 

*24-घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी :-*

 

घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।

 

*25-पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा :*-

 

मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।

 

*26-खुजली की घरेलू दवा :-*

 

फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।

 

*27-मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके :-*

 

संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।

 

*28-बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप :-*

 

एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।

 

*29-चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू :-*

 

टेसू के फूल को सुखाकर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।

 

*30-माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध :-*

 

एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

 

*31-गले में खराश के लिये जीरा :-*

 

एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।

 

*32-सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद :-*

 

एक ग्राम पिसी दालचीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

 

*33-टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध :-*

 

एक प्याला (200 मिलीली।) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये।

 

*34-ल्यूकोरिया से मुक्ति :*-

 

ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिए।

 

*35-मधुमेह के लिये आँवला और करेला :-*

 

एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिलाकर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।

 

*36-मधुमेह के लिये कालीचाय :-*

 

मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।

 

*37-उच्च रक्तचाप के लिये मेथी :-*

 

सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।

 

*38-माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब :-*

 

सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।

 

*39-अपच के लिये चटनी :-*

 

खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।

 

*40-मुहाँसों से मुक्ति :-*

 

जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन 250 ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। 15-20 दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।

 

*41-जलन की चिकित्सा चावल से :-*

 

कच्चे चावल के 8-10 दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

 

*42:- दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग:-*

 

तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।

 

*43-विष से मुक्ति :-*

 

10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।

 

*44-खाँसी में प्याज :*-

 

अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

 

*45-स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा :-*

 

नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और 5 मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

 

*46-पेट साफ रखे अमरूद :-*

 

कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

 

*47- पपीते के बीज के स्वास्थ्य हमारा:-*

 

पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।

 

*48-मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये :-*

 

मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।

 

*49-सरसों का तेल केवल पाँच दिन :-*

 

रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी-सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।

 

*50-भोजन से पहले अदरक :-*

 

भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।🙏