आज का पंचाग आपका राशि फल, राजस्थान सरकार भानगढ़ किले के भीतर विद्यमान गोपीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना आरंभ कराना सुनिश्चित करे, यहूदियों का एक प्राचीन रहस्यवाद जिसमें मानव शरीर को दो त्रिकोणों के बीच स्थित ‘सेंटर ऑफ एनर्जी फील्ड’ के रूप में परिभाषित किया गया

भानगढ़ राजस्थान किले के भीतर कृष्ण राधा का गोपीनाथ मंदिर। 

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻शनिवार, ०९ मार्च २०२४🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:४६, सूर्यास्त: 🌅 ०६:२९

चन्द्रोदय: 🌝 ❌❌❌, चन्द्रास्त: 🌜१७:१७

अयन 🌘 उत्तरायणे (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 वसंत 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 फाल्गुन, पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 चतुर्दशी (१८:१७ से अमावस्या)

नक्षत्र 👉 धनिष्ठा (०७:५५ से शतभिषा, २८:५६ से पूर्वाभाद्रपद)

योग 👉 सिद्ध (२०:३२ से साध्य)

प्रथम करण 👉 विष्टि (०८:०९ तक)

द्वितीय करण 👉 शकुनि (१८:१७ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 कुम्भ 

चंद्र 🌟 कुम्भ 

मंगल 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)

बुध 🌟 मीन (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०४ से १२:५१

अमृत काल 👉 २२:३८ से २४:०२

विजय मुहूर्त 👉 १४:२५ से १५:१३

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१९ से १८:४३

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:२१ से १९:३४

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०२ से २४:५१

राहुकाल 👉 ०९:३० से १०:५९

राहुवास 👉 पूर्व

यमगण्ड 👉 १३:५६ से १५:२४

होमाहुति 👉 केतु (२८:५६ से सूर्य)

दिशाशूल 👉 पूर्व

नक्षत्र शूल 👉 दक्षिण (२८:५६ से)

अग्निवास 👉 आकाश 

भद्रावास 👉 मृत्यु (०८:०९ तक)

चन्द्रवास 👉 पश्चिम

शिववास 👉 श्मशान में (१८:१७ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – काल २ – शुभ

३ – रोग ४ – उद्वेग

५ – चर ६ – लाभ

७ – अमृत ८ – काल

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – लाभ २ – उद्वेग

३ – शुभ ४ – अमृत

५ – चर ६ – रोग

७ – काल ८ – लाभ

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०७:५५ तक जन्मे शिशुओ का नाम धनिष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (गे) नामाक्षर से तथा इसके बाद २८:५६ तक जन्मे शिशुओ का नाम शतभिषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (गो, सा, सि, सू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (से) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कुम्भ – २९:२५ से ०६:५१

मीन – ०६:५१ से ०८:१४

मेष – ०८:१४ से ०९:४८

वृषभ – ०९:४८ से ११:४३

मिथुन – ११:४३ से १३:५८

कर्क – १३:५८ से १६:२०

सिंह – १६:२० से १८:३८

कन्या – १८:३८ से २०:५६

तुला – २०:५६ से २३:१७

वृश्चिक – २३:१७ से २५:३७

धनु – २५:३७ से २७:४०

मकर – २७:४० से २९:२१

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:३४ से ०६:५१

रोग पञ्चक – ०६:५१ से ०७:५५

शुभ मुहूर्त – ०७:५५ से ०८:१४

शुभ मुहूर्त – ०८:१४ से ०९:४८

रोग पञ्चक – ०९:४८ से ११:४३

शुभ मुहूर्त – ११:४३ से १३:५८

मृत्यु पञ्चक – १३:५८ से १६:२०

अग्नि पञ्चक – १६:२० से १८:१७

शुभ मुहूर्त – १८:१७ से १८:३८

रज पञ्चक – १८:३८ से २०:५६

शुभ मुहूर्त – २०:५६ से २३:१७

चोर पञ्चक – २३:१७ से २५:३७

शुभ मुहूर्त – २५:३७ से २७:४०

शुभ मुहूर्त – २७:४० से २८:५६

रोग पञ्चक – २८:५६ से २९:२१

शुभ मुहूर्त – २९:२१ से ३० 

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। सार्वजनिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र पर व्यवहारिकता से नए संबंध बनाएंगे। कार्य व्यवसाय में थोड़ा उतार चढ़ाव लगा रहेगा अकस्मात वृद्ध होगी कुछ ही देर में उदासीनता छा जाएगी। धन लाभ को लेकर आज किसी भी तरह की कसर नही छोड़ेंगे फिर भी आशाजनक नही हो सकेगा। व्यवहारिकता के बल पर ही लाभ कमाया जा सकता है छोटे मोटे नुकसान होने पर बहस से बचे। आज पैतृक कार्यो से लाभ भी होगा एवं इनके ऊपर खर्च करना पड़ेगा। भाग्य का साथ मिलने से कुछ रुके कार्यो में गति आएगी। परिवार अथवा रिश्तेदारी में किसी समारोह के कारण खर्च में वृद्धि होगी। सेहत सामान्य रहेगी खर्च के कारण मानसिक बेचैनी रह सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज आपके अंदर साहस की कमी रहेगी लोगो के सामने अपनी शेखी दिखाएंगे लेकिन अंदर से हालात कायर जैसे रहेंगे। दिन का पहला भाग शुभ समाचार मिलने से आनंद में बीतेगा लेकिन दोपहर के बाद कार्य व्यवसाय के साथ रिश्तेदारी के कारण अतिरिक्त भाग दौड़ करनी पड़ेगी। कार्य क्षेत्र पर आज मनमानी का परिणाम विपरीत मिलेगा लाभ की जगह धन फंसा लेंगे। सहकर्मी के साथ भी व्यवहार असामान्य रहेगा लोग मुह पर उल्टा जवाब देंगे धैर्य की कमी के कारण तकरार बढ़ भी सकती है। अड़ियल रवैये के कारण स्वयं ही नए शत्रु बढ़ाएंगे। संध्या के समय परिजन नाराज होने पर भी सहयोग करेंगे आपकी मानसिकता भी बदलने से शांति मिलेगी। आकस्मिक यात्रा के योग बन रहे है लाभदायी ही रहेगी लेकिन सेहत का ध्यान रखना होगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज दिन के आरम्भ में अन्य दिनों की तुलना में अधिक पूजा पाठ करेंगे। लघु धार्मिक यात्रा के भी योग है। कार्य व्यवसाय में आज भाग दौड़ अधिक करनी पड़ेगी परन्तु इसका परिणाम आशा से कम ही रहेगा लेकिन आज मेहनत का फल कम ही सही मिलेगा जरूर। सरकारी कार्य बनते बनते अंत समय मे किसी कमी से अधूरे रह जाएंगे कोर्ट कचहरी के कारण खर्च बढ़ेगा। नौकरी पेशाओ को अधिकारी वर्ग से तालमेल बनाने में परेशानी आएगी कहा सुनी भी हो सकती है। दोपहर के बाद किसी भी कार्य मे सफलता के नजदीक पहुच कर भी निराश होना पड़ेगा लेकिन सब्र बनाये रखें आने वाला समय आपके पक्ष ने ही रहेगा। परिवार मे वातावरण छोटी सी गलतफहमी के कारण उग्र होगा कुछ ही देर में शांत भी हो जाएगा। 

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आपको विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। दिन के आरम्भ में स्वास्थ्य ठीक रहेगा लेकिन मध्यान तक कुछ ना कुछ विकार आने से कार्य प्रभावित होंगे वाहन अथवा उपकरणों से सावधानी बरतें दुर्घटना का भय है। दिन के आरंभ में किसी से बंधी आशा टूटने से मन दुखी होगा। आर्थिक कारणों से मध्यान तक का समय संघर्ष वाला रहेगा इसके बाद कही से आकस्मिक धन लाभ होने से थोड़ी राहत मिलेगी। आज यात्रा पर्यटन की योजना भी बनेगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से लाभ में कमी आएगी। महिलाये आज परिजनों के ऊपर अधिक आश्रित रहेंगी। संतानो के विषय मे नई चिंता बनेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

पिछले कुछ दिनों से चल रही आर्थिक स्थिति आज भी यथावत रहेगी प्रयास करने पर कही से खर्च लायक साधन जुटा लेंगे लेकिन मन मे भविष्य को लेकर दुविधा लगी रहेगी। कार्य व्यवसाय में आज निरंतर मिल रही असफलता से क्षुब्ध होकर कोई गलत कदम या निर्णय ले सकते है धीरज से काम ले अन्यथा आगे होने वाले लाभ से भी दूर हो सकते है। भूमि भवना संबंधित कार्यो से जुड़े लोग निवेश से बचे धन फंसने की सम्भवना है। धर्म-कर्म में निष्ठा रहेगी लेकिन व्यवहार पूर्ति के लिए ही समय देंगे। दोपहर बाद का समय थोड़ा राहत भरा रहेगा किसी पुराने परिचित से भेंट आनंदित करेगी। परिवार कुटुम्ब का सुख अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। सेहत में कुछ समय के लिये नरमी रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आप जिस भी कार्य को करने की योजना बनाएंगे उसमें सफल अवश्य होंगे। आज आपको आस-पास का वातावरण भी उत्साह बढ़ाने वाला मिलेगा। कार्य व्यवसाय में आरंभिक मंदी के बाद मध्यान पश्चात लाभजनक स्थिति बनेगी। निवेश भी निसंकोच होकर कर सकते है लाभ ही होगा। कुछ दिनों से जिस वस्तु की कामना कर रहे थे आज उसकी प्राप्ति होने से मन प्रफुल्लित रहेगा। धन लाभ के साथ साथ खर्च में भी बढ़ोतरी होगी फिर भी आर्थिक संतुलन बना रहेगा। आज कोई निकटस्थ व्यक्ति घर अथवा कार्य क्षेत्र पर आपके भेदों को सार्वजनिक कर सकता है सतर्क रहें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन परिस्थितियों ने सुधार आने लगेगा आज कार्य क्षेत्र पर व्यवस्था बदलने के बाद ही आर्थिक स्थिति बेहतर बन सकेगी। सहकर्मी सहयोग करने में आनाकानी करेंगे जिससे कुछ समय के लिए कार्यो में अवरोध रहेगा लेकिन शीघ्र ही अन्य विकल्प भी मिल जायेंगे। मध्यान के बाद जिस भी काम मे निवेश करेंगे उसमे दुगना धन मिलने की संभावना रहेगी लेकिन धन की आमद में थोड़ा विलम्ब हो सकता है। व्यवसाय के अतिरिक्त भी आय होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण में थोड़ा विरोधाभास रहेगा परन्तु महत्त्वपूर्ण विषयो में सभी एकजुट हो जाएंगे। सेहत में सुधार आएगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन का अधिकांश भाग भी आपके लिए कलहकारी रहेगा। आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ाने से क्रोध अधिक आएगा। संबंधों के प्रति लापरवाह रहेंगे जिससे घर मे अशांति के प्रसंग ज्यादा बढ़ेंगे। महिलाओ के अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ आज आपके विचार मेल नही खाएंगे। व्यवसायी वर्ग मध्यान बाद तक व्यापार को लेकर परेशान रहेंगे इसके बाद स्थिति में सुधार आएगा परन्तु आपकी छोटि मानसिकता आज ओरो को परेशान करेगी। सेहत का भी ध्यान रखें असंयमित दिनचर्या हानि पहुचायेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आपको पूर्व में की गई मेहनत का फल धन लाभ के रूप में मिलेगा। दिनचार्य भी सुव्यवस्थित रहने से किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा मशक्कत नही करनी पड़ेगी। अधिकांश कार्यो में सहज सफलता मिल जाएगी। लेकिन धन संबंधित कार्य देखभाल कर ही करें। प्रतिस्पर्धी स्वतः ही अपनी हार मान लेंगे जिससे लाभ के अवसर बढ़ेंगे। सेहत भी अनुकूल रहने से हर प्रकार की परिस्थितियों में काम कर लेंगे। जो लोग अबतक आपके विपरीत चल रहे थे वो भी आपका सहयोग एवं प्रशंशा करेंगे फिर भी आकस्मिक वाद-विवाद के प्रसंग बनेंगे इससे बच कर रहें। घर मे थोड़ी उग्रता रहने पर भी प्रेम बना रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन कुछ कार्यो को लेकर आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे। अन्य लोगो के हस्तक्षेप देने पर भ्रमित होने की संभावना है। मनमानी रवैये के चलते भी हानि हो सकती है इसलिए महत्त्वपूर्ण कार्य अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेकर ही करें। कार्य व्यवसाय में आज कुछ विशेष सफलता नही मिलेगी। परिवार में आज किसी सदस्य की इच्छा पूर्ति ना होने पर वातावरण खराब होगा। नए कार्य की योजना बना रहे है तो आज अवश्य आरम्भ करें। नौकरी पेशा जातक काम मे ऊबन अनुभव करेंगे। मनोरंजन के अवसर नही मिलने से निराशा बढ़ेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आप सौंदर्य के प्रति विशेष आकर्षित रहेंगे। मौज शौक साज सज्जा के सामान पर दिल खोल कर खर्च करेंगे। कार्य व्यवसाय में किसी बहुप्रतीक्षित काम के बनने से धन की आमद होगी लेकिन थोड़ा बहुत विलंब होने से हतोत्साहित ना हो। आज शत्रु पक्ष भी आपके कार्यशैली से प्रभावित होंगे बीच मे व्यवधान भी डालने का प्रयास करेंगे लेकिन असफल ही रहेंगे। संतान का सहयोग कार्य क्षेत्र पर मिलेगा लेकिन विचारो में अंतर रहने के कारण तालमेल बैठाने में परेशानी आयेगीं। पैतृक कारणों से पिता से अनबन हो सकती है नरमी से काम ले वरना भविष्य के लिये हानिकर रहेगा। दर्द अकड़न की शिकायत आज भी रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन संघर्षमय रहेगा। दिन के प्रथम भाग में ही थोड़ी शांति अनुभव करेंगे लेकिन इसके बाद किसी कारण से भय बना रहेगा कार्य व्यवसाय को लेकर मन मे चल रही दुविधा का हल ना निकलने पर स्थित गंभीर होने की सम्भवना है। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र पर अग्नि अथवा अन्य प्रकार की हानि को लेकर पहले ही सतर्क रहें बाद में पछताने के अलावा कुछ नही कर सकेंगे। निवेश भूल कर भी ना करें डूबने की संभावना है। सभी प्रकार के आर्थिक लेनदेन दोपहर से पहले ही कर लें। आज पिता के अलावा अन्य किसी की मदद नही मिलेगी निराशा में संबंध खराब ना हो इसका भी ध्यान रखें। घरेलू माहौल में उदासीनता अधिक रहेगी। स्त्री वर्ग के स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। सेहत मध्यान बाद अकस्मात खराब हो सकती है।

〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

भानगढ़ का किला गोलाकबास अल्वर राजस्थान :
भानगढ़ के इस किले को भूतों प्रेतों का किला भी कहा जाता है। अब यह किला सरिस्का नेशनल सैंचुरी से लगा हुआ है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार बताया गया कि भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो ‘भूतहा किला’ माना जाता है। इस किले का निर्माण राजा मौकलसी मीणा के पिता ने करवाया। इस किले का अंतिम मीना शासक महाराजा मौकलसी थे। जिसे आमेर के राजा भगवंत दास ने 1583 में धोखे से मारा था। ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर बताया गया कि इस किले में सभी लोग एक तांत्रिक के श्राप से एक ही रात में मर गये थे, लेकिन उनकी मुक्ति आज तक नहीं हुई, पहले वे प्रेत जिन्न के रूप में यहां किसी को भी दिख जाते थे यहाँ तक कि मंगल वार को स्थानीय बाजार की सारी बर्फी खरीद लेते थे। अब पर्यटकों का खूब जमावड़ा रहता है एक इस कारण वे जिन्न अब दिन में नहीं दिखते लेकिन रात को आज भी हमारे पार्श्व में दिख रहे इस कृष्ण विहारी मंदिर में नाचने आते हैं। इसलिए रात कोई भी इस किले में नहीं रुक सकता। इसकी पुष्टि वहां ड्यूटी दे रहे एएसआई के गार्ड से भी मिली। किले के भीतर उस समय बड़ा बाजार था उसके खंडहर आज भी विद्यमान हैं। दोसा के रहने वाले हमारे स्थानीय टैक्सी ड्राईवर श्री हेमंत तिवारी ने बताया कि “पहले इस किले के में बहुत सोना था सब लोग ले गये, कई ट्रक सोना तो इंदिरा गांधी लेगयी थी जिसका आज तक कोई रिकार्ड नहीं है”। अब यह किला एएसआई के अधीन है। इस किले के भीतर सोमेश्वर महादेव मंदिर और राधा-कृष्ण का गोपीनाथ मंदिर भी विद्यमान है। राजस्थान सरकार को इस गोपीनाथ मंदिर का कलस वापस स्थापित करने के लिए एएसआई के साथ मिलकर प्रयास करना चाहिए और इस मंदिर में राधा-कृष्ण मंदिर में पूजा आरंभ करानी चाहिए। नहीं तो कब यहां मजार बन जाय और हिन्दू उसमें माथा टेकने जाने लगे, बाद में बक्फबोर्ड इस किले पर अपना दावा ठोक लेगा यही तो चल रहा है देश भर में।✍️हरीश मैखुरी 
breakinguttarakhand.com

मर्कबाह रहस्यवाद, प्राचीन यहूदियों का एक प्राचीन रहस्यवाद जिसमें मानव शरीर को दो त्रिकोणों के बीच स्थित ‘सेंटर ऑफ एनर्जी फील्ड’ के रूप में परिभाषित किया गया है। मर्कबाह रहस्यवाद में मानव शरीर को शक्ति का स्रोत माना गया है, एक ऐसा ऊर्जा क्षेत्र जो सात चक्रों द्वारा उत्पन्न होता है। 

यह विश्वास प्राचीन मिस्र, मेसोपोटामिया, अमेरिकी मूलनिवासियों से लेकर भारत तक फैला था। भारतीय योग दर्शन मे मानव शरीर के ये सात चक्र मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा और सहस्त्रार कहलाते हैं। ये सभी चक्र मेरुदंड में स्थित होते हैं। मूलाधार चक्र मेरुदंड के मूल में सबसे नीचे और आज्ञा चक्र मेरुदण्ड की समाप्ति पर भ्रूमध्य के पीछे और फिर सहस्रार चक्र। 

सहस्रार चक्र की परिकल्पना हजार या अनन्त पंखुडिय़ों वाले कमल के रूप की गई है, जिसके केंद्र में ईश्वर के दो पैर है, शिव और शक्ति। इसे ‘कैलाश’, ‘ब्रह्म रन्ध्र’ और ‘लक्ष किरणों का केन्द्र’ भी कहा जाता है। सहस्रार चक्र एक विशाल ताकतवर और महत्त्वपूर्ण शक्ति का सोर्स माना जाता है। सहस्रार चक्र का कोई विशेष रंग या गुण नहीं है। यह विशुद्ध प्रकाश यानि ऊर्जा है, जिसमें सभी रंग हैं। सहस्रार चक्र के देवता भगवान शिव है। 

अब आते है मेरुदंड पर। मेरुदंड या रीढ़ की हड्डी गुदा द्वार से आरम्भ होकर मानव मस्तिष्क के सबसे पिछले और सबसे प्राचीन भाग रेप्टेलियन ब्रेन पर खत्म होती है। मानव मष्तिष्क के तीन हिस्से होते है। एक सबसे प्राचीन रेप्टिलियन या डायनासोर ब्रेन, उसके ऊपर लिम्बिक ब्रेन और सबसे ऊपर नियो कोर्टिक्स ब्रेन जो सबसे नया है। नियो कोर्टिक्स सबसे विकसित हिस्सा है जो सोचने, भाषा, तर्क, फैसले, रचना, अविष्कार आदि के लिए जिम्मेदार है।

लिम्बिक ब्रेन भावनाओं, प्रेम, ईर्ष्या, दर्द आदि के लिए जिम्मेदार है जबकि रेप्टिलियन चेतना, नींद, बॉडी क्लॉक से जुड़ा है। मेरुदंड मस्तिष्क में जाकर इसी रेप्टिलियन ब्रेन और लिम्बिक ब्रेन के बीच में स्थित एक ग्रन्थि से मिलती है, जिसके कहते है पिनियल ग्रन्थि।आधुनिक जीव विज्ञान अब ये मानता है कि पिनियल ग्रंथि वास्तव में हमारे शरीर मे मौजूद तीसरी आँख है। 

पिनियल ग्रन्थि से कुछ हार्मोन निकलते है, जिन्हें योग दर्शन में ‘अमृत’ कहा जाता है। उनमें से एक है मोलेटोनिन जो ‘सरकेडियम रिदम’ यानि सोने जागने की क्रिया को नियंत्रित करता है। पीनियल ग्रन्थि मेलाटोनिन का स्राव आवश्यकतानुसार ही करती है लेकिन क्या हो अगर पिनियल ग्रन्थि से निकलने वाले मेलाटोनिन का स्तर बढ़ जाए? मेलाटोनिन का उच्च स्तर सीधे मस्तिष्क के एक हिस्से ‘हाइपोथैलेमस’ को हिट करता है, जिससे भूख को नियंत्रित किया जा सकता है।

इसलिए शिव भूख के संहारक हैं।

पिनियल ग्रन्थि से निकलने वाला एक अन्य हार्मोन है सेरोटोनिन, लेकिन हमारे शरीर मे सेरोटोनिन का सबसे बड़ा स्रोत पिनियल ग्रन्थि नहीं है, हमारा पेट है। सेरोटोनिन भोजन के पश्चात हमारे पेट मे उत्पन्न होता है, जो हमें तृप्ति या आनंद प्रदान करता है इसलिए इसे ‘फील गुड मोलेक्यूल’ कहा जाता है। अगर हम पिनियल ग्रन्थि में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ा सकें, तो बिना भोजन किए ही तृप्त हो सकते हैं। 

सेरोटोनिन का उच्च स्तर एक जगह और तृप्ति दे सकता है, संभोग की तृप्ति। पुरुषों में संभोग के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन जिम्मेदार माना जाता है और टेस्टोस्टेरोन ही सेरोटोनिन का स्तर नियंत्रित करता है, जो यौन इच्छा और अनिच्छा के लिए जिम्मेदार है। क्या हो अगर हम पिनियल ग्रन्थि के उपयोग से सेरेटोनिन का स्तर नियंत्रित करने में सफल हो जाएं?

सेरेटोनिन यौन इच्छा का एक प्रमुख निरोधात्मक हार्मोन होता है, जो उत्तेजक प्रणालियों की यौन संकेतों द्वारा सक्रिय होने की क्षमता को कम करता है। सरल शब्दों में सेरोटोनिन का उच्च स्तर न्यूरॉन सिग्नलिंग को हिट कर यौनांग और यौन व्यवहार को नियंत्रित करता है अर्थात कामोत्तेजना को नियंत्रित किया जा सकता है। पिनियल ग्रन्थि के नियंत्रण से हम भी ऐसा कर सकते है। यकीनन शिव ऐसा करने में सफल हुए। ध्यान रहे भगवान शिव ने लम्बे समय तक योग के पश्चात पहली बार अपना तीसरा नेत्र कामदेव के संहार के लिए ही खोला था।

 

शिव इसलिए काम के संहारक है।

 

पिनियल ग्रन्थि से एक अन्य हार्मोन भी निकलता है, डीएमटी यानी डाइमिथाइलट्रिप्टमाइन। इसे गॉड मोलेक्यूल भी कहा जाता है। डीएमटी प्रकृति से मिलने वाला एक प्रतिबंधित हेलुसीनोजेनिक मोलेक्यूल है जो मतिभ्रम के लिए जिम्मेदार है। डीएमटी का इस्तेमाल मनुष्य को किसी दूसरे आयाम में ले जाता है। डीएमटी का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग चेतना के उस स्तर को जागृत कर लेते हैं, जहां वो शक्तिशाली प्रकाश पुंज के बीच देवों, फरिश्तों, परियों और ईश्वर को देख पाते है।

दुर्भाग्य या सौभाग्य से हमारा शरीर इतना डीएमटी पैदा नहीं करता कि हम चेतना के उस स्तर को जागरूक कर पाएं, जिसे साइकेडेलिक अवस्था कहा जाता है। मानव शरीर मे डीएमटी सबसे पहले पिनियल ग्रन्थ से तब स्रावित होता है जब मनुष्य गर्भ के पांचवे हफ्ते में होता है। आध्यात्मिक रूप से यही वह समय माना जाता है जब बच्चे में आत्मा का प्रवेश होता है। इसके बाद सबसे ज्यादा डीएमटी पिनियल ग्रन्थि तब स्रावित करती है, जब मनुष्य मृत्यु के निकट हो। यह वह समय होता है, जब आत्मा शरीर से बाहर जा रही होती है।

 

इसलिए डीएमटी को आत्मा तत्व अर्थात ‘स्पिरिट मोलेक्यूल’ भी कहा जाता है। अभी तक विज्ञान यह नहीं जान पाया है कि पिनियल ग्रन्थि डीएमटी का उत्पादन क्यों करती है, मस्तिष्क में इसका क्या काम है लेकिन इसे आत्मा के प्रवेश और निष्कासन से जुड़ी प्रक्रिया का जिम्मेदार माना जाता है। मृत्यु के समय पिनियल ग्रन्थि से इतनी अधिक मात्रा में डीएमटी उत्पन्न होता है कि मरने वाला व्यक्ति मृत्यु के भय से दूर साइकेडेलिक अवस्था में प्रकाश पुंज में एक अनंत यात्रा पर चला जाता है

इसलिए शिव भय के संहारक हैं, महाकाल हैं।

9,000 साल से भी ज्यादा से पहले से दुनियां भर की सभ्यताएं पीनियल ग्रन्थि को जागृत करने के लिए प्रयास कर रही हैं। इसके लिए प्राचीन श्रमण तमाम ऐसी वनस्पतियों का सेवन करते थे, जिनसे डीएमटी और एलएसडी प्राप्त हो सके। ऐसा माना जाता था कि एलएसडी के सेवन से पिनियल ग्रन्थि को सक्रिय किया जा सकता है। सम्भवतः इसीलिए भगवान शिव के भांग और धतूरे जैसी हेलुसीनोजेनिक जैसी वनस्पतियों को जोड़ा गया है।

शिव त्रिलोचन है, जिन्होंने अपनी तीसरी आँख को नियंत्रित करना सीखा। यह तीसरी आँख पिनियल ग्रन्थि ही है। शिव ने इसे सक्रिय कर लिया था। इस पिनियल ग्रन्थि को योग से जागृत किया जा सकता है, आसान नहीं है इसलिए शिव सिर्फ एक ही है। यही पिनियल ग्रन्थि ही सातवां चक्र सहस्त्रार चक्र है, जिसे आदियोगी ने जागृत कर लिया था। सहस्त्रार, प्रकाश का एक कमल पुंज जिसके केंद्र में है शिव और शक्ति।

तंत्र विज्ञान में ऊर्जा के इस कमल पुंज को कमल योनि के रूप में दर्शाया गया है, जिसके मध्य में शिवलिंग है। तस्वीर मां कामाख्या की है, तीसरे नेत्र की, शक्ति और शिव के मिलन की, सहस्त्रार चक्र के जागरण की। शक्ति का सोर्स हम हैं, शक्ति हमारे भीतर विराजमान है। शिव वहां किसी दूसरे आयाम में हैं। शिव को शक्ति की प्रतीक्षा है। हम शक्ति का केंद्र बिंदु है। शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की बेला है। शिवरात्रि हमारे और शिव के मिलन की बेला है।