आज का पंचाग आपका राशि फल, आधुनिक भाषा विज्ञान के आधार भी वेद ही हैं, अब आपको घुटने बदलने की आवश्यकता नहीं है, 18 नए वायरस की पहचान से दुनियां भर में सनसनी

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, १७ नवम्बर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:४५
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२४
चन्द्रोदय: 🌝 १६:१६
चन्द्रास्त: 🌜२९:३६
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतुः शरद्
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 त्रयोदशी (०९:५० तक)
नक्षत्र 👉 अश्विनी (२२:४३ तक)
योग 👉 व्यतीपात (२६:१७ तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (०९:५० तक)
द्वितीय करण 👉 गर (२२:५२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 वृश्चिक
चंद्र 🌟 मेष
मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 तुला (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 १४:४७ से १६:३३
रवियोग 👉 ०६:४४ से २२:४३
विजय मुहूर्त 👉 १३:४८ से १४:३०
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:०९ से १७:३३
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२९
राहुकाल 👉 १२:०२ से १३:२१
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०८:०३ से ०९:२३
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पाताल (०९:५० से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 नन्दी पर (०९:५० भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पूर्व-उत्तर (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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बैकुंठ चतुर्दशी आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २२:४३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
अश्विनी नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (चे, चो, ला) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम भरनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय चरण अनुसार क्रमश (ली, लू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
वृश्चिक – ३०:४३ से ०९:०३
धनु – ०९:०३ से ११:०६
मकर – ११:०६ से १२:४७
कुम्भ – १२:४७ से १४:१३
मीन – १४:१३ से १५:३७
मेष – १५:३७ से १७:११
वृषभ – १७:११ से १९:०५
मिथुन – १९:०५ से २१:२०
कर्क – २१:२० से २३:४२
सिंह – २३:४२ से २६:०१
कन्या – २६:०१ से २८:१९
तुला – २८:१९ से ३०:३९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०६:४४ से ०९:०३
शुभ मुहूर्त – ०९:०३ से ०९:५०
मृत्यु पञ्चक – ०९:५० से ११:०६
अग्नि पञ्चक – ११:०६ से १२:४७
शुभ मुहूर्त – १२:४७ से १४:१३
रज पञ्चक – १४:१३ से १५:३७
अग्नि पञ्चक – १५:३७ से १७:११
शुभ मुहूर्त – १७:११ से १९:०५
रज पञ्चक – १९:०५ से २१:२०
शुभ मुहूर्त – २१:२० से २२:४३
चोर पञ्चक – २२:४३ से २३:४२
शुभ मुहूर्त – २३:४२ से २६:०१
रोग पञ्चक – २६:०१ से २८:१९
शुभ मुहूर्त – २८:१९ से ३०:३९
मृत्यु पञ्चक – ३०:३९ से ३०:४४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप अपनी उटपटांग हरकतों से आस पास का वातावरण हास्यास्पद बनाएंगे स्वयं को अन्य लोगो की तुलना में अधिक बुद्धिमान दर्शाना अनचाही परेशानी खड़ी कर सकता है। कार्य क्षेत्र से आज ज्यादा संभावनाए ना लगाए सुविधाओ की कमी के कारण सीमित साधनों से ही काम चलाना पड़ेगा धन की आमद होते ही हाथ से निकल जायेगी। परिवार में आज कुछ ना कुछ अभाव अनुभव करेंगे किसी परिजन की कमी भी खलेगी। संध्या का समय दिन की अपेक्षा शान्ति से बीतेगा। महिलाओं के लिये दिन किसी ना किसी रूप में लाभ ही कराएगा। सेहत स्वयं की गलती से खराब होगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन भी परिस्थितियां उलझन में डालने वाली रहेंगी। दिन के आरंभ से ही मन में कोई डर रहेगा आर्थिक उलझने सुलझने की संभावना नही दिखने से मन मे नकारत्मक विचार आएंगे। आप अपनी पूर्व की गलतियों की समीक्षा करेंगे किसी आवश्यक कार्य को लेकर मध्यान तक व्यस्त रहेंगे यात्रा भी हो सकती है। कार्य व्यवसाय में आज स्थिरता नही रहेगी फिर भी काम चलाऊ धनलाभ हो ही जायेगा। मध्यान बाद परिस्थिति में सुधार आने लगेगा। किसी परिचित की सहायता से आर्थिक मसले कुछ हद तक सुलझेंगे। संध्या का समय पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा घर में सुख की अनुभूति होगी।मनोरंजन के अवसर मिलने से मानसिक अशांति दूर होगी लेकिन आपके कृपण व्यवहार से कोई नाराज भी हो सकता है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपका ध्यान इधर उधर की बातों पर अधिक रहेगा दिन का कोई लक्ष्य निर्धारित ना कोने के कारण लक्ष्य से भटक सकते है। आज अपने कार्यो को छोड़ अन्य लोगो को सलाह देंगे सार्वजनिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा लेकिन इसमें आंशिक सफलता मिलेगी। मध्यान बाद मेहनत के अनुपात में अधिक लाभ मिलने के योग है व्यवहारिकता पर अधिक ध्यान दें आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य ना ले जाये। धन की आमद आज निश्चित नही रहेगी फिर भी खर्च अनुसार हो जाएगी। धार्मिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी लेकिन व्यस्तता के चलते ज्यादा समय नही दे सकेंगे। घर मे मंगल कार्य होंगे परिजन आपका ख्याल रखेंगे लेकिन बदले में कुछ अधिक मांग भी की जा सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज दिन आपके अनुकूल बना है लेकिन आज आपको किसी अनचाही परिस्थिति से भी गुजरना पड़ेगा। मध्यान तक कि दिनचार्य सामान्य रहेगा इसके बाद कुछ बदलाव आने लगेगा। परिजन अपने मतलब से बात करेंगे लेकिन आज धन संबंधित परेशानी कम ही रहेगी। व्यवसाय में आशा से कम कारोबार रहेगा फिर भी धन को लेकर ज्यादा तामझाम में नही पड़ेंगे। खर्च अन्य दिनों की तुलना में आज अधिक रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें आपके मुख से निकली चुभने वाली बात रंग में भंग ना डाल दें। महिलाए कुछ समय के लिए अशान्त रहेंगी लेकिन संध्या बाद सामान्य हो जाएंगी। घरेलू कार्यो को लेकर भागदौड़ करनी पड़ेगी। सेहत आज सामान्य रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन किसी ना किसी रूप में लाभ दिलाएगा। दिन के आरंभ से ही कामना पूर्ति को लेकर उत्साहित रहेंगे। कार्य व्यवसाय में आज समय कम ही देंगे फिर भी दिन भर की पूर्ति किसी काम के बनने से हो जाएगी। सामाजिक गतिविधियों में जाने से कतराएंगे लेकिन मन मारकर जाना ही पड़ेगा। छोटे मोटे खर्चो लगे रहेंगे लेकिन किसी की इच्छा पूर्ति के लिये बजट से बाहर खर्च करना अखरेगा। नौकरी पेशाओ को अचानक काम आने से परेशानी होगी लेकिन अधिकारी वर्ग को प्रसन्न कर अपनी बात मनवा लेंगे। मध्यान बाद का समय मित्र परिजनो के साथ आनंद से व्यतीत करेंगे स्वभाव में थोड़ा अहम रहने से माहौल बिगड़ सकता है। संध्या बाद किसी समाचार से बेचैनी रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपके मन मे कामनाये तो बहुत रहेंगी लेकिन इनको साकार करने में कुछ ना कुछ व्यवधान अवश्य आएगा। प्रातः से मध्यान तक शरीर कार्य करने के लिये तैयार नही रहेगा फिर भी जबरदस्ती करना पड़ेगा। मध्यान बाद व्यवसाय में कुछ लाभ की संभावना बनेगी लाभ होगा परन्तु खर्च अधिक रहने के कारण कोई आवश्यक कार्य निरस्त करना पड़ेगा। परिजनों का सहयोग बराबर मिलते रहने से मानसिक रूप से शान्ति रहेगी। मित्रो का भी साथ मिलेगा। नौकरी वालो को कार्य बोझ जैसे लगेंगे। दाम्पत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। परिजनों के साथ भावनात्मक संबंध रहेंगे आवश्यकता पूर्ति समय पर करें अन्यथा गरमा गर्मी हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज दिन की शुरुआत से ही आपके मन मे कुछ विशेष योजना बनेगी इसको साकार रूप देने में मध्यान बाद तक सफल हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर नए लाभ के अनुबंध मिलेंगे परन्तु आज इनपर कार्यारम्भ ना करें धन की आमद कही ना कही से हो जाएगी इसके लिए ज्यादा माथा पच्ची नही करनी पड़ेगी। दिन भाग्योदय कारक रहेगा व्यवहार के बल पर अन्य लोगो की अपेक्षा ज्यादा फल पाने के हकदार रहेंगे आप हाथ आये काम को किसी भी प्रकार जाने नही देंगे। नौकरी पेशा भी लेदेकर काम पूरा करने के पक्ष में रहेंगे। मध्यान बाद भविष्य के खर्चो को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने की मानसिकता रहेगी। कामना पूर्ति से महिलाए अधिक उत्साहित रहेंगी। सेहत उत्तम रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप जल्दी से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नही होंगे लेकिन बचते बचते दोपहर बाद व्यस्तता बढ़ेगी। कार्य व्यवसाय की स्थिति सामान्य रहेगी आकस्मिक खर्च बढ़ने के कारण थोड़ी चिंता होगी फिर भी किसी खास व्यक्ति के लिये बजट से बाहर खर्च करने से पीछे नही हटेंगे। मानसिक संतुलन बढ़िया रहेगा फिर भी परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढाल नही पाएंगे। धन की आमद निश्चित कार्यो से ही होगी। संध्या बाद अकस्मात उपहार अथवा अन्य लाभ मिलने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर विरोधी आज कम ही रहेंगे लेकिन परिवार में पैतृक संबंधित विषयो को लेकर स्वयंजन ही वैर भाव रखेंगे। शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी उतार-चढ़ाव वाला रहेगा दिन के आरंभ से ही घरेलू वातावरण को सुधारने का प्रयास करेंगे इसमें आंशिक सफलता मिल भी जाएगी लेकिन आपका व्यवहार रूखा रहेगा बाहर से हमदर्दी दिखाएंगे लेकिन मन मे ईर्ष्या का भाव रखेंगे संपर्क में रहने वाले लोग आपकी भावनाओं को तुरंत समझ लेंगे। घर में किसी ना किसी से व्यर्थ की बातों में उलझने पर शांत वातावरण फिर से अशान्त होगा। कार्य क्षेत्र पर धन की कमी अनुभव होगी मन की भड़ास किसी ना किसी पर निकलने से स्नेह संबंधों में कड़वाहट आएगी। धन की आमद परिश्रम अनुसार होगी। मानसिक दबाव बढ़ेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपकी मानसिकता शांति से दिन बिताने की रहेगी लेकिन घर एवं बाहर कुछ ऐसी परिस्थितियां बनेंगी जिनसे क्रोध आएगा। घर में सुबह शांति रहेगी लेकिन संध्या के समय कलह होने की आशंका बेचैन रखेगी। कार्य व्यवसाय से मध्यान तक लाभ कमाया जा सकता हैं। मध्यान बाद से कार्य क्षेत्र पर सहयोगियो की कमी रहेगी ज्यादा काम ना बढ़ाये कम में ही संतोष करें अन्यथा बेवजह की मुसीबत बनेगी। धन लाभ भाग दौड़ के बाद खर्च लायक हो जाएगा। सामाजिक कार्यो में भी रुचि लेंगे इसके कारण अपने कार्यो में भी बदलाव करना पड़ेगा। पारिवारिक वातावरण में स्वार्थसिद्धि की भावना अधिक रहेगी। मौसम जनित बीमारी की संभावना है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आप दिन के आरंभ से किसी दुविधा में रहेंगे कोई वरिष्ठ व्यक्ति इससे बाहर निकालने में सहयोग करेगा। कार्य व्यवसाय से लाभ अवश्य होगा लेकिन जब संभावना नही रहेगी तब होने पर आश्चर्य चकित होंगे। मध्यान बाद आलस्य बढेगा आवश्यक कार्यो को भी टालने के प्रयास करेंगे लेकिन घरेलू कार्य समय पर पूरा करें अन्यथा कलह हो सकती है। व्यवसायी वर्ग उन्नति होने से प्रसन्न रहेंगे लेकिन कार्य क्षेत्र पर आज किसी भी प्रकार के बदलाव से बचें। पारिवारिक वातावरण परिवर्तनशील रहेगा। महिलाये खरीददारी की जिद पर अड़ेंगी मांग पूरी होने पर ही शांत बैठेंगी। घर मे सुख के साधनों की वृद्धि पर खर्च भी करना पड़ेगा। संध्या के समय शुभ समाचार की प्राप्ति प्रसन्न करेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन शुभ फलदायक है दिन के आरंभ से ही मन अकारण ही प्रसन्न रहेगा। घर मे किसी विशेष कार्य को लेकर चहल पहल रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज कारोबार संतोषजनक रहेगा आर्थिक रूप से सम्पन्नता आएगी खर्च भी आज अतिरिक्त होंगे लेकिन परिजनों की खुशी के आगे बुरे नही लगेंगे। नौकरी वाले लोग अधिकांश कार्य बाद के लिए टालेंगे। बड़े कार्यो को मध्यान पूर्व ही निपटाने के प्रयास करें इसके बाद कार्य तो चलते रहेंगे लेकिन संतोष कम ही होगा। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों की कमी खलेगी फिर भी विलम्ब नही होने देंगे। घरेलू वातावरण मध्यान तक ठीक रहेगा इसके बाद किसी गलतफहमी अथवा मांग पूरी ना होने पर अशांति हो सकती है। संध्या के आसपास सेहत में नरमी आएगी किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा॥
———————————————🙏राधे राधे🙏

आधुनिक भाषा विज्ञान
भारतीय इतिहास की तरह यवन आक्रांताओं और अंग्रेजों ने भाषा विज्ञान को भी नष्ट किया। जो कुछ भारतीय शास्त्रों में लिखा है, उसके ठीक विपरीत पढ़ाया। बाल्यकाल में श्री धीरेन्द्र वर्मा तथा भोलानाथ तिवारी के भाषा विज्ञान की चर्चा सुनी थी, अन्यथा मैंने विज्ञान की पढ़ाई की थी। दोनों मेरे पिताजी को गुरु मानते थे। इन लोगों ने पाश्चात्य विचारों के अनुसरण से ही भारतीय भाषा विज्ञान लिखा है। अपनी लोकभाषा की तरफ बिल्कुल नहीं देखा, या पाणिनि, पतञ्जलि के अध्ययन की आवश्यकता नहीं समझी।
पिताजी से सुना था कि २ क्रियाओं का प्रयोग केवल काशी तथा उत्कल में ही होता है। प्राचीन काशी क्षेत्र (भोजपुरी भाषा) में ’वर्तते’ से ’बाटे’ हुआ है, ओड़िशा में ’अस्ते’ से ’अटे’। यह तथ्य उनके १९३१ के शोध पत्र का खण्डन करता था कि आर्य लोग मध्य एशिया से आये थे। ऐसे प्रयोग का एक ही अर्थ होगा कि हेलोकॉप्टर से आर्यों के २ समूह आये-’वर्तते’ समूह काशी में, ’अस्ते’ समूह ओडिशा में। अतः बीच के मार्ग में इनका कहीं प्रयोग नहीं हुआ।
पूजा की पुस्तकों से भोजपुरी तथा मैथिली के विशिष्ट वैदिक शब्दों को खोजा। शिव सम्बन्धित शब्द काशी में, शक्ति सम्बन्धित शब्द मिथिला में हैं। शिव-शक्ति मिल कर हर हुए, विष्णुपद गया क्षेत्र हरि हुआ। इनका संगम हरिहरनाथ आज भी भाषाओं का संगम है।
विपरीत शिक्षा के कारण कई बार अशिक्षित व्यक्ति भारत को ठीक समझते हैं। विद्वान् केवल सिलेबस पढ़ लेते हैं, अपनी भाषा या समाज को देखने का कभी अवसर नहीं मिलता है। मेरी मां भोजपुरी के अतिरिक्त अन्य कोई भाषा नहीं जानती थी। १९७८ में सम्बलपुर में आयीं तो उनको लगा कि ओड़िशा में लोग संस्कृत में बात करते हैं। बाद में मेरा ध्यान गया कि उच्चारण तथा क्रिया रूपों के अनुसार संस्कृत की निकटतम भाषा ओड़िया ही है। प्राथमिक शिक्षा प्राप्त व्यक्ति से ठीक ज्ञान मिला था। उसके २ वर्ष बाद उत्कल संस्कृत सम्मिलनी में ओड़िशा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ने उद्घाटन भाषण में कहा कि ओड़िआ एक स्वतन्त्र जनजातीय भाषा है, जिसका संस्कृत से कोई सम्बन्ध नहीं है। बाद में आर्य लोगों ने इसका संस्कृतीकरण किया। अंग्रेजी में Sanskritize कहा था, उसका अर्थ वही जानते होंगे। उनके १० मिनट के भाषण में मेरा ध्यान उनके द्वारा कहे ५ संस्कृत शब्दों पर गया जिनका प्रयोग केवल ओड़िया में ही होता है। मैंने उनको इन शब्दों का उदाहरण दे कर कहा कि यदि आर्य लोग पश्चिम से आकर ओड़िया को संस्कृत बनाते तो इन शब्दों का प्रयोग सिन्ध, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी होना चाहिए था। उसके बाद वह पुनः भाषण देने उठे और आधे घण्टे तक कैफियत दी कि सिलेबस में यही पढ़ाया गया था। सिलेबस की भूल का पता चलने पर भी पिछले ४० वर्ष में इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है, बल्कि और विकार आते गये हैं। कल ओड़िया साहित्य के एक वेबिनार में सुना कि ओड़िशा में केवल आर्य लोग संस्कृत कहते थे, ओड़िया लोग ओड़िया बोलते थे। भावुक हो कर वह प्राध्यापक ओड़िया को संस्कृत विहीन सिद्ध करने के लिए बड़े बड़े कृत्रिम संस्कृत शब्दों का प्रयोग कर रहे थे जिनका प्रयोग १५० वर्ष पूर्व तक भारत की किसी भाषा में नहीं हुआ था। आजकल या तो हर वाक्य में अंग्रेजी के ५ शब्द कहते हैं नहीं तो उनके कृत्रिम संस्कृत अनुवाद। जैसे कुछ नये ओड़िया प्रयोग हैं-Facing great difficulty = असुविधा के सम्मुखीन, Mushroom growth = छत्तू फूटने जैसा विकास, Throwing light = आलोकपात| हर भारतीय भाषा का यही हाल है, क्योंकि हम केवल अंग्रेजी या अंग्रेजी अनूदित साहित्य ही सिलेबस में पढ़ रहे हैं।
२००१ में श्रीशैलम के विश्व वैदिक सम्मेलन में भी विचित्र अनुभव हुआ। मैंने लोकों की माप के सम्बन्ध में एक लेख पढ़ा था। भूमिका रूप में कह दिया कि भारत वेद भूमि है। उसके बाद मूल विषय को पूरी तरह भूल कर विवाद आरम्भ हुआ कि आन्ध्र प्रदेश वेद भूमि नहीं, द्रविड़ भूमि है जिस पर उत्तर के आर्यों ने संस्कृत थोप दिया। मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि आन्ध्र प्रदेश तथा कर्णाटक के पण्डितों का वैदिक उच्चारण अधिक शुद्ध तथा स्पष्ट होता है। इसका कारण है कि तेलुगु तथा कन्नड़ दोनों ब्राह्मी लिपि परम्परा में हैं जिसमें ६३ या ६४ वर्ण हैं। उत्तर भारत की देवनागरी में केवल ४९ वर्ण हैं, अतः कई अक्षरों के उच्चारण का वहां अभ्यास नहीं हो पाता। आर्य-द्रविड़ भाषा विवाद से मेरे लेख का कोई सम्बन्ध नहीं था। अतः मैं चुप रहा। अचानक एक वेद विरोधी प्राध्यापक ने ऋग्वेद का एक मन्त्र कहा जिसके २ शब्दों का प्रयोग केवल तेलुगू में होता है (ऋग्वेद, १०/११४/४-समुद्र तट कृषक को रेड्डी, नौसेना अधिपति-सुपर्ण नायक) । उसके अतिरिक्त शान्ति पाठ में विष्णु को उरुक्रम कहा जाता है क्योंकि शिल्पशास्त्र के अनुसार विष्णु ने सर्व प्रथम नगर निर्माण किया था। केवल दक्षिण भारत में ही नगर को उरु या उर कहते हैं, जैसे बंगलूरु, चित्तूर, तंजाउर आदि। यह ध्यान दिलाने पर क्रोध में चर्चा बन्द हो गयी।
बाद में ऐसी एक अन्य चर्चा सुनी कि तमिल शुद्ध द्रविड़ भाषा है, किन्तु मलयालम ने निर्लज्जता पूर्वक संस्कृत के शब्द लिए हैं। आधुनिक चर्चाओं के अनुसार भारत के हर क्षेत्र की भाषाओं ने निर्लज्जता पूर्वक संस्कृत के शब्द लिए हैं तथा अपनी शुद्ध लोक भाषा के प्रयोग का प्रयत्न हो रहा है। यदि ब्रजभाषा, मैथिली, असमी, ओड़िया आदि से संस्कृत शब्द निकाल दिये जायें तो अपने शब्द ५० भी नहीं बचेंगे। वे भी मूलतः वेद के ही शब्द होंगे जो क्षेत्रीय विशेषता के कारण वहां प्रयुक्त हो रहे हैं।
सभी भारतीय भाषाओं का सिलेबस अनुसार इतिहास देखा जाय तो पता चलेगा कि संस्कृत विश्व में कहीं की भी भाषा नहीं थी। जहां से आर्यों का आगमन कहते हैं वहां कभी संस्कृत का प्रयोग नहीं था। भाषण में कहते हैं-या संस्कृति प्रथमा विश्ववारा। किन्तु हर भाषा को संस्कृत से भिन्न रूप में व्याख्या करते हैं।
सभी भारतीय भाषाओं का मूल आधार संस्कृत ही है। संस्कृत व्याकरण ही हर शब्द की शुद्धता का निर्णय करता है। संस्कृत शिक्षा नहीं होने से सभी भारतीय भाषा नष्ट हो जायेंगी। लोकभाषा बिना शिक्षा के भी सीख लेते हैं। वस्तुतः हिन्दी, बंगला, मराठी, ओड़िया आदि के साहित्यकारों में ५% ने भी इन विषयों में एमए नहीं किया था।
यदि संस्कृत विश्व भाषा थी, तो भारत में ही इतनी विभिन्नता क्यों? इसे संस्था-भेद कहा गया है-
सर्वेषां तु स नामानि कर्माणि च पृथक् पृथक्।
वेद शब्देभ्य एवादौ पृथक् संस्थाश्च निर्ममे॥ (मनु स्मृति, १/२१)
उदाहरण से यह स्पष्ट हो जायेगा। एक ही नगर में रेलवे, डाक विभाग, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग, किराना दूकान, दवा दूकान या कंप्यूटर उद्योग में विशिष्ट शब्द होते हैं। इसके अतिरिक्त भौतिक विज्ञान, आयुर्वेद, अर्थशास्त्र आदि में शब्दों की विशिष्ट परिभाषा अनुसार अर्थ होता है।
भाषा भिन्नता का सबसे बड़ा कारण है-दक्षिण भारत में ६४ अक्षर की ब्राह्मी लिपि तथा उत्तर भारत में इन्द्र के पूर्व क्षेत्र से पश्चिमोत्तर मरुत् क्षेत्र तक ४९ मरुत् के लिए ४९ अक्षर की लिपि।
क्रौञ्च द्वीप (उड़ते पक्षी आकार का उत्तर अमेरिका) पर आक्रमण करने के लिए कार्त्तिकेय ने ब्राह्मी लिपि को संक्षिप्त कर तमिल लिपि बनायी किन्तु विज्ञान के लिए गाथा लिपि चलती रही। उनकी मयूर सेना द्वारा प्रयुक्त माओरी भाषा आज भी प्रशान्त महासागर के सभी द्वीपों में प्रचलित है, यद्यपि न्यूजीलैण्ड से हवाई द्वीप के बीच १५,००० किलोमीटर समुद्र है।
ब्राह्मी लिपि की तरह पितामह ब्रह्मा का प्राचीन सिद्धान्त भी दक्षिण भारत में ही प्रचलित है (विशेषकर गुरु वर्ष के लिए)। उत्तर भारत में बाद के वैवस्वत मनु का सूर्य सिद्धान्त प्रचलित है। यही भागवत प्रवचन के पहले भागवत माहात्म्य में कहते हैं कि भक्ति से ज्ञान-वैराग्य का जन्म द्रविड़ में हुआ, वृद्धि कर्णाटक में हुई, विस्तार (महः) महाराष्ट्र तक हुआ। इसी कारण उसे भारत राष्ट्र है, पर उसका खण्ड महाराष्ट्र है।
अन्य मुख्य संस्था है-लोकपाल संस्था। इन्द्र पूर्व के लोकपाल थे, अतः उनके शब्द ओड़िशा से वियतनाम और इण्डोनेसिया तक प्रचलित हैं। वराह के शब्द दक्षिण तट पर, वरुण के शब्द पश्चिम तट से अरब तक आदि।
भौगोलिक संस्थाओं के अनुसार विशिष्ट शब्द हैं-समुद्र सम्बन्धित शब्द ओड़िशा, आन्ध्र या महाराष्ट्र में होंगे। कृषि के शब्द उत्त भारत में, मरुभूमि के शब्द राजस्थान में होंगे। हर शब्द सभी स्थान पर नहीं हो सकते।
विज्ञान या व्यवसाय के अनुसार शब्दों की विशिष्ट परिभाषा होती है। वेद में लौकिक अर्थों का आध्यात्मिक तथा आधिदैविक (आकाश) अर्थों का विस्तार हुआ। इसे वृद्धि कहा गया है (वृद्धि सन्धि से भिन्न)। वेद ज्ञान श्रुति आदि से प्राप्त होता है, जिनको कर्ण आदि ५ इन्द्रियों से ग्रहण करते हैं। अतः अर्थ वृद्धि स्थान को कर्णाटक कहा गया।
ज्ञान वैराग्य नामानौ कालयोगेन जर्जरौ॥४५॥
उत्पन्ना द्रविडे साहं वृद्धिं कर्णाटके गता।
क्वचित् क्वचित् महाराष्ट्रे गुर्जरे जीर्णतांगता॥४८॥
(पद्म पुराण, उत्तर खण्ड, श्रीमद् भागवत माहात्म्य, भक्ति-नारद समागम नाम प्रथमोऽध्यायः)
आज भी कर्णाटक में ही सबसे अधिक वैदिक शोध हो रहा है।
द्रविड से वेद उत्पत्ति का उदाहरण ऋग्वेद के प्रथम सूक्त में ही है। उसमें प्रयुक्त दोषा-वस्ता (रात-दिन) का प्रयोग उत्तर भारत में कभी नहीं हुआ। दोषा के पूर्व समय को प्रदोष कहते हैं। रात्रि भोजन दोषा है। वस्ता तेलुगू में प्रचलित था जिसका प्रयोग पुरानी हिन्दी फिल्म के गीत में है-रमैया वस्ता वैया। वस्ता शब्द भी सौर मण्डल के क्षेत्रों के लिए प्रयुक्त है (जैसे ऋक्, १०/१८९/३)।
✍🏻अरुण उपाध्याय

🔴 *अपने घुटने कभी मत बदलिये*
🙏🏻डॉ अशोक कुचेरिया🙏🏻
🔴50 साल के बाद धीरे-धीरे शरीर के जोडों मे से लुब्रीकेन्ट्स एवं केल्शियम बनना कम हो जाता है।

🔴जिसके कारण जोडों का दर्द ,गैप, केल्शियम की कमी, वगैरा प्रोब्लेम्स सामने आते है,

🔴जिसके चलते आधुनिक चिकित्सा आपको जोइन्ट्स रिप्लेस करने की सलाह देते है,

🔴तो कई आर्थिक रुप से सधन लोग यह मानते है की हमारे पास तो बहुत पैसे है

🔴तो घुटनां चेंज करवा लेते है।

🔴 किंतु क्या आपको पता है जो चीज कुदरत ने हमे दी है,

🔴वो आधुनिक विज्ञान या तो कोई भी साइंस नही बनां सकती।

🔴आप कृत्रिम जॉइन्ट फिट करवा कर थोडे समय २-४ साल तक ठीक हो सकते है।

🔴लेकिन बाद मे आपको बहुत ही तकलीफ होगी।

🔴जॉइन्ट रिप्लेसमेंट का सटीक इलाज आज मे आपको बता रहा हूँ ।

🔴वो आप नोट कर लीजिये और हां ऐसे हजारो जरुरतमंद लोगो तक पहुचाये जो रिप्लेसमेंट के लाखो रुपये खर्च करने मे असमर्थ है।

🔴 *बबूल* नामके वृक्ष को आपने जरुर देखा होगा।

🔴यह भारतमे हर जगह बिना लगाये ही अपने आप खडा़ हो जाता है,

🔴अगर यह बबूल नामका वृक्ष अमेरिका या तो विदेशाें मे इतनी मात्रा मे होता तो आज वही लोग इनकी दवाई बनाकर हमसे हजारों रुपये लूटते ।

🔴लेकिन भारत के लोगों को जो चीज मुफ्त मे मिलती है उनकी कोइ कदर नही है।

🔴प्रयोग इस प्रकार करना है

🔴 *बबूल* के पेड पर जो *फली ( फल)* आती है उसको तोड़कर लाये,

🔴अथवा तो आपको शहर मे नही मिल रहे तो किसी गांव जाये वहा जितने चाहिये उतने मिल जायेगें, उसको सुखाकर पाउडर बनाले।

🔴और *सुबह १ चम्मच* की मात्रा में गुनगुने पानी से खाने के बाद, केवल 2-3 महिने सेवन करने से आपके घुटने का दर्द बिल्कुल ठीक हो जायेगा।

🔴आपको घुटने बदलने की जरुरत नही पडेगी।
🔴🙏🏻डॉ अशोक कुचेरिया🙏🏻 मो 9422913770 8237004503
🔴इस मेसेज को हर एक भारतीय एवं हर एक घुटने के दर्द से पीड़ित व्यक्ती तक पहुचाये ताकि किसी गरीब के लाखों रुपये बच जाये।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस संदेश को पढ़ने वाला प्रत्येक व्यक्ति इसे १० लोगों/ग्रुप तक भेज दे तो वह कम से कम एक व्यक्ति का जीवन रोगमुक्त कर सके🙏🏻🔴

🌚 18 नए वायरस की पहचान 🛑 अतंरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने चीन के विभिन्न Wet Markets में 18 नए वायरस की पहचान की है. इसे लेकर गहरी आशंका जाहिर की जा रही है क्योंकि इन वायरस से इंसानों और पालतू जानवरों को बड़ा खतरा हो सकता है. पूरे दुनिया में कहर मचा रही कोविड-19 महामारी की शुरुआत भी चीन के वुहान के सी-फूड मार्केट से मानी जाती है. हालांकि कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर अब तक दुनिया के वैज्ञानिक किसी निश्चित निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं. नई स्टडी अमेरिका, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया और चीन के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है. टीम ने जानवरों की कई ऐसी प्रजातियों पर भी रिसर्च की है जो चीन सरकार द्वारा प्रतिबंधित हैं लेकिन चोरी-छुपे Wet Markets में बेची जाती हैं. एक शोधकर्ता का कहना है कि हमने करीब 71 मैमेलियन वायरस की पहचान की है, इनमें से 45 पहली बार मिले हैं. इसके अलावा 18 वायरस ऐसे हैं जो बेहद गंभीर श्रेणी के हैं और इंसानों-पालतू जानवरों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं ।