आज का पंचाग आपका राशि फल, भारतीय पंचाग की उपयोगिता, जोशीमठ शहर की ज्वलंत समस्या भू धंसाव पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने की मुख्यमंत्री से चर्चा, प्रदेश के 1800 राजस्व पुलिस ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत अधिसूचित इनमें पटवारी प्रशासन समाप्त,

​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
*श्री हरिहरो*
*विजयतेतराम*

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*
🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*मंगलवार, ०३ जनवरी २०२३*

*सूर्योदय: 🌄 ०७:१४*
*सूर्यास्त: 🌅 ०५:३०*
*चन्द्रोदय: 🌝 १४:३३*
*चन्द्रास्त: 🌜२८:५९*
*अयन 🌖 दक्षिणायने*
*(दक्षिणगोलीय)*
*ऋतु: 🌳 हेमंत*
*शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)*
*विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)*
*मास 👉 पौष*
*पक्ष 👉 शुक्ल*
*तिथि 👉 द्वादशी (२२:०१ से*
*त्रयोदशी)*
*नक्षत्र 👉 कृत्तिका (१६:२६*
*से रोहिणी)*
*योग👉शुभ (३१:०७से शुक्ल*
*प्रथम करण👉बव (०९:०९ तक*
*द्वितीय करण 👉 बालव*
*(२२:०१ तक)*
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
*॥ गोचर ग्रहा: ॥*
🌖🌗🌖🌗
*सूर्य 🌟 धनु*
*चंद्र 🌟 वृष*
*मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)*
*बुध🌟धनु(अस्त,पश्चिम,वक्री)*
*गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)*
*शुक्र🌟मकर(उदित,पश्चिम)*
*शनि 🌟 मकर*
*(उदित, पूर्व, मार्गी)*
*राहु 🌟 मेष*
*केतु 🌟 तुला*
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*
अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०१ से १२:४२
अमृत काल 👉 १३:५० से १५:३४
त्रिपुष्कर योग 👉 ०७:१३ से १६:२६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०७:१३ से १६:२६
विजय मुहूर्त 👉 १४:०४ से १४:४५
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२६ से १७:५४
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२९ से १८:५२
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५४ से २४:४९
राहुकाल 👉 १४:५५ से १६:१२
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:४७ से ११:०४
होमाहुति 👉 शनि
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१६:२६ से)
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२२:०१ तक)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 कैलाश पर (२२:०१ से नन्दी पर)
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
☄चौघड़िया विचार☄
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
दक्षिण-पूर्व (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
〰️〰️〰️〰️
सुजन्म द्वादशी, कल्पवास (प्रयागराज) समाप्त आदि।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
आज १६:२५ तक जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (उ, ए) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ओ, वा, वी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
उदय-लग्न मुहूर्त
धनु – २९:५९ से ०८:०३
मकर – ०८:०३ से ०९:४४
कुम्भ – ०९:४४ से ११:१०
मीन – ११:१० से १२:३३
मेष – १२:३३ से १४:०७
वृषभ – १४:०७ से १६:०२
मिथुन – १६:०२ से १८:१७
कर्क – १८:१७ से २०:३८
सिंह – २०:३८ से २२:५७
कन्या – २२:५७ से २५:१५
तुला – २५:१५ से २७:३६
वृश्चिक – २७:३६ से २९:५५
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:१३ से ०८:०३
मृत्यु पञ्चक – ०८:०३ से ०९:४४
अग्नि पञ्चक – ०९:४४ से ११:१०
शुभ मुहूर्त – ११:१० से १२:३३
मृत्यु पञ्चक – १२:३३ से १४:०७
अग्नि पञ्चक – १४:०७ से १६:०२
शुभ मुहूर्त – १६:०२ से १६:२६
रज पञ्चक – १६:२६ से १८:१७
शुभ मुहूर्त – १८:१७ से २०:३८
चोर पञ्चक – २०:३८ से २२:०१
शुभ मुहूर्त – २२:०१ से २२:५७
रोग पञ्चक – २२:५७ से २५:१५
शुभ मुहूर्त – २५:१५ से २७:३६
मृत्यु पञ्चक – २७:३६ से २९:५५
अग्नि पञ्चक – २९:५५ से ३१:१४
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। दिन काफी व्यस्तता भरा रहेगा आप काम की आपाधापी में शरीर की अवहेलना करेंगे लेकिन परिणाम अनुकूल मिलने से सभी परेशानियां भुला देंगे। सरकारी अथवा अन्य कागजी कार्यो के लिये आज दिन उपयुक्त है इसके बाद विघ्न आने लगेंगे। कार्य व्यवसाय में भी बड़ो का सहयोग मिलने से आसानी रहेगी। पैतृक संपत्ति से लाभ होगा पारिवारिक माहौल में धैर्य की कमी के कारण थोड़ी तना-तनी हो सकती है फिर भी स्थिति नियंत्रण में ही रहेगी। विरोधी आपको हराने का हर संभव प्रयास करेंगे परन्तु सफल नही ही सकेंगे। संध्या का समय ज्यादा थकान भरा फिर भी दिन की अपेक्षा शांति से व्यतीत होगा। धार्मिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी लेकिन पूरा समय नही दे पाएंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज आप सुनेंगे सबकी लेकिन करेंगे अपने मन की ही लोगो से बिना सोचे वायदे करेंगे बाद में इन्हें पूरा करने में आनाकानी करेंगे। काम-धंधा मध्यान तक मंदा रहेगा इसके बाद आशानुसार व्यवसाय होने से धन की आमद होगी।
आपका मतलबी व्यवहार किसी ना किसी से मतभेद बढ़ायेगा। आध्यात्मिक पक्ष एवं परोपकार की भावना भी प्रबल रहेगी धार्मिक क्षेत्र की यात्रा दान पुण्य के अवसर मिलेंगे। स्वभाव में दिखावा अधिक रहेगा सार्वजिनक कार्यो में प्रतिस्पर्धा के कारण सहयोग करेंगे। मध्यान बाद का समय अधिक खर्चीला रहेगा मनोरंजन के लिए आंख बंद कर खर्च करेंगे। परिजन आपकी किसी बुरी आदत से परेशान होंगे। भाई बंधुओ से तकरार होने की संभावना है धर्य का परिचय दें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन भी आपको घरेलू एवं व्यावसायिक कारणों से संधर्ष करना पड़ेगा। दिन का आरंभ आज भी बेचैनी भरा रहेगा मन सही कार्यो को छोड़ अनैतिक गतिविधियों में भटकेगा लेकिन मध्यान बाद से स्थिति सामान्य बनने लगेगी कार्य क्षेत्र से व्यवसाय बढ़ने से धन की आमद होगी। महिलाये हर काम मे नखरे करेंगी। मध्यान के बाद का कुछ समय रुके धन को प्राप्त करने में व्यतीत होगा। कार्य क्षेत्र पर आज मनमानी ज्यादा करेंगे जिससे सहकर्मियों को असुविधा होगी फिर भी आज आप अपने व्यवहार में सुधार करने का प्रयास करेंगे। पारिवारिक स्थिति भी संध्या से बेहतर बनेगी। घर के बुजुर्गों से थोड़ी अनबन रहने की संभावना है फिर भी आज संध्या का समय परिजनों के साथ आनंद से बिताएंगे। पेट की परेशानी अथवा हाथ पैरों में शिथिलता रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपको कार्य व्यवसाय के साथ सामाजिक क्षेत्र से भी उन्नति के अवसर मिलेंगे। अपनी वाणी एवं व्यवहार से प्रभावित कर किसी से भी आसानी से काम निकाल लेंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी से किये वादे पूर्ण करने में असमर्थ रहेंगे थोड़ी गरमा गरमी भी होगी फिर भी स्वयं ही शांति से इसका समाधान निकाल लेंगे। आप अपनी भावनाओं को किसी के आगे सांझा करने से कतराएंगे आपसी संबंध को बचाना इसका मूल उद्देश्य रहेगा। लोगो की उद्दंडता को मजबूरन नजरअंदाज करना पड़ेगा। आर्थिक रूप से दिन सामान्य ही रहेगा। खर्च लायक आय आसानी से हो जाएगी। खर्च करने में भी मितव्ययता बरतेंगें। जिस भी कार्य को लेकर निश्चिन्त रहेंगे उसी में विघ्न उपस्थित होगा। गले अथवा छाती संबंधी व्याधि से परेशानी होगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन मानसिक तनाव को छोड़ अन्य सभी कार्यो के लिये बेहतर रहेगा आज किसी भी कार्य मे ज्यादा परिश्रम नही करना पड़ेगा। आज आप जिस किसी का भी पक्ष लेंगे अथवा जो भी निर्णय लेंगे उसमे अवश्य ही सफलता मिलेगी। काम-धंधा भी अन्य लोगो से बेहतर रहेगा। व्यवसाय में आज लिए निर्णय एवं निवेश निकट भविष्य में धन लाभ कराएंगे। आज भी धन लाभ आशानुकूल रहेगा। सरकारी कार्य मध्यान से पहले उलझेंगे इसके बाद करना ही बेहतर रहेगा। नए कार्य आज आरंभ ना करें। नौकरी पेशा जातक लंबी यात्रा की योजना बनाएंगे। पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति पर एवं मनोरंजन पर खर्च होगा। घर मे मांगलिक कार्यक्रम की रूप रेखा बनेगी। मामूली बहस हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भी आपके लिए शुभ रहेगा। दिन के आरंभ में दैनिक अथवा घरेलू कार्यो को लेकर व्यस्त रहेंगे इसके बाद व्यावसायिक कारणों से परिश्रम करना पड़ेगा। मेहनत का फल थोड़ी विलम्ब से लेकिन अवश्य मिलेगा। किसी सौदे की बात पक्की होने से व्यवसायी वर्ग प्रसन्न होंगे। नौकरी पेशा लोग जल्दबाजी में कार्य पूर्ण करेंगे जिससे छोटी मोटी भूल हो सकती है लेकिन नुकसानदायी नही रहेगी। परिवार में आज एक साथ कई फरमाइशें मिलने से परेशानी होगी किसी सदस्य द्वारा इसका निराकरण भी शीघ्र ही हो जाएगा। आज अन्य लोगो के कारण आपके मन की इच्छाएं अधूरी रह सकती है। फिजूल खर्ची करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज भी दिनचार्य संघर्ष वाली रहेंगी लेकिन हिम्मत नही हारेंगे दिन के आरंभ से मध्यान तक का समय उदासीन रहेगा इसके बाद अन्य लोगो का आश्रय छोड़ स्वयं के पराक्रम से हानि को लाभ में बदलेंगे। आपका काफी समय दुविधा में भी बीतेगा। कार्य क्षेत्र और घर में तालमेल बैठाने में असफल रहेंगे एक काम करने के लिए किसी अन्य काम के बिगड़ने का डर सताएगा फिर भी आज जरूरत अनुसार धन लाभ कही ना कही से हो ही जायेगा। व्यवसाय की व्यस्तता के चलते परिजनों की कामना पूर्ति करने में असमर्थ रहेंगे। भाई बंधुओ को आपकी मदद की आवश्यकता पड़ेगा अथवा आपको इनसे लेनी पड़ सकती है इसमे भी कुछ ना कुछ विघ्न आएंगे। आपका कोई भी कार्य बिना भाग-दौड़ के पूर्ण नही हो सकेगा। निवेश से बचें हानि के योग है। सेहत का साथ भी कम ही रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी विजय दिलाने वाला है आज आलस्य से बचें अन्यथा संध्या बाद परिस्थिति प्रतिकूल होने लगेगी। लाभ के अवसर मध्यान से सायं तक मिलते रहेंगे। आपको अपने कार्यो के साथ ही किसी परिचित के कार्य से भी भागदौड़ करनी पड़ेगी। लोग अपना भार आपके ऊपर डालेंगे इस वजह से दिनचार्य में तालमेल बैठाना मुश्किल होगा। कार्य क्षेत्र पर आज पुराने सामान अथवा पुराने अनुबंध से धन लाभ होगा। नए कार्य का आरंभ आज सोच विचार कर ही करें। आर्थिक स्थिति आज बेहतर रहेगी लेकिन किसी को ना चाहते हुए भी उधार देना पड़ेगा। महिलाये आज घर को व्यवस्थित करने में व्यस्त रहेंगी हल्की थकान एवं कमजोरी की समस्या से परेशान होंगी। गृहस्थ सुख अन्य दिनों की अपेक्षा उत्तम रहेगा भाई बंधुओ से प्रेमपूर्ण व्यवहार करेंगे लेकिन आस पड़ोसियों से आज ज्यादा व्यवहार ना बढ़ाये दुखदायी हो सके है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज परिस्थिति पिछले दिनों की अपेक्षा बेहतर रहेगी। शारीरिक रूप से पहले से ठीक रहेगी। आज आर्थिक लाभ की संभावनाएं भी रहेंगी परन्तु आप अपने मन के विचार अथवा व्यवसाय का प्रचार संकोची वृति रहने के कारण खुल कर नही कर सकेंगे फिर भी आज आप दिन भर की गतिविधियों से संतोषी रहेंगे। आर्थिक विषयो को लेकर ज्यादा सरदर्दी नही लेंगे आवश्यकता अनुसार आसानी से हो जाएगा। संतोषी स्वभाव रहने के कारण मानसिक रूप से भी शांत ही रहेंगे परन्तु किसी आवश्यक कार्य को करने में हड़बड़ी अवश्य करेंगे उसके बाद भी कार्य लंबित रहने पर निराशा होगी। महिलाये आज अपने मे ही मगन रहेंगी जिससे घरेलू कार्य थोड़े अस्त-व्यस्त होंगे। आकस्मिक कार्य पड़ने पर दिनचार्य में बदलाव करना पड़ेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन प्रातः काल से ही किसी विशेष कार्य को लेकर दौड़-धूप करनी पड़ेगी लेकिन आज की गई मेहनत व्यर्थ नही जाएगी देर अबेर ही सही परिणाम लाभदायक रहेंगे। सरकारी क्षेत्र से आश्चर्यजनक परिणाम मिलने से उत्साह बढेगा लेकिन अधिकारी वर्ग से बना कर रहें अन्यथा परिणाम उल्टे हो सकते है।
कार्य क्षेत्र पर आज स्थिति आपकी पकड़ में रहेगी मनचाहा लाभ मिलने से उत्साह वृद्धि होगी। परोपकार की भावना भी बनी रहेगी मांगने वालों को मना नही कर सकेंगे इससे आपको आर्थिक परेशानी भी हो सकती है परन्तु कुछ समय के लिए ही। पारिवारिक जीवन उत्तम रहेगा लेकिन किसी सदस्य की मांग समय पर पूरी ना करने से नारजगी का सामना करना पड़ेगा। सेहत सामान्य रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन भाग्य का साथ कम ही मिलेगा। जो योजना बनाएंगे उसमे कुछ ना कुछ कमी रहेगी कारण कोई अन्य व्यक्ति ही रहेगा। बौद्धिक एवं तार्किक क्षमता आज बढ़ी रहेगी लेकिन अन्य लोगो की बात ना मानने का पश्चाताप बाद में होगा। दिन के पूर्वार्ध में घर एवं कार्य क्षेत्र में तालमेल बैठाने में परेशानी होगी नौकरी वाले लोग अधिकांश कार्य बाद के लिए टालेंगे इससे प्रतिष्ठा में कमी आएगी। आर्थिक मामलों को मध्यान पूर्व ही निपटाने के प्रयास करें इसके बाद कार्य तो चलते रहेंगे लेकिन संतोष कम ही होगा। घरेलू वातावरण मध्यान तक ठीक रहेगा इसके बाद किसी गलतफहमी अथवा मांग पूरी ना होने पर अशांति हो सकती है। संध्या के आसपास सेहत में नरमी आएगी किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन आशानुकूल रहेगा लेकिन आज लक्ष्य के पास पहुचकर दिग्भ्रमित होंगे फिर भी दोबार प्रयास असफल नही जाएगा। धन लाभ की कामना संध्या के आस पास अवश्य पूर्ण होगी। मध्यान तक कार्य क्षेत्र पर परिश्रम की अधिकता रहेगी इसके बाद मेहनत का फल धन लाभ के रूप में मिलने लगेगा यह क्रम संध्या बाद तक रुक रुक कर चलता रहेगा। संध्या के समय कहीं से अचनाक लाभदायक समाचार मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। आज आप लंबी यात्रा की योजना बनाएंगे इसमे विघ्न भी आ सकते है। सहकर्मी या परिजन कुछ अनैतिक माग करेंगे इससे थोड़ी देर के लिए दुविधा होगी। मध्यान बाद का समय अधिकांश कार्यो में सफलता दायक रहेगा लेकिन सतर्क रहें हित शत्रु कोई गड़बड़ कर सकते है। आवश्यक कार्य आज पहले करें कल के चक्कर मे अधूरे रह जाएंगे।
*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

जोशीमठ में चिंतित करने वाला भू धंसाव हो रहा है। मकानों और खेतों में दरार आ रही है। सरकार इसका अविलम्ब संज्ञान लेते हुए उपचार आरंभ करे। जिनकी छति हो रही है उनको मुआवजा दिया जाय, जो खतरे में हैं उनके विस्थापन रिहेब्लिटेशन की प्रक्रिया चलाई जाय। जोशीमठ ऐतिहासिक महत्व का स्थल है इसलिए भू धंसाव होते ही सरकारी तंत्र भले धीमा है पर कुछ ऐजेन्डा धारी यहां तत्काल अपनी विकास विरोधी दुकान चमकाने पंहुंच गये, उनका तर्क है कि जो यहां मोटर मार्ग और जल विद्युत परियोजना आदि के विकास कार्य चल रहे हैं उसी से भू धंसाव हो रहा है। भाई मेरे जहाँ विकास कार्य नहीं हो रहे वहां भू स्खलन और भू धंसाव नहीं होता क्या? चलो हम ही बता देते हैं जिला मुख्यालय गोपेश्वर के सामने दुगड़ी कांडई के बाईं ओर घने जंगल हैं और वहां बिना कोई विकास कार्य भी नहीं हो रहे हैं लेकिन वह क्षेत्र दशकों से बडे़ भारी भूधंसाव की चपेट में है। 

लेकिन नहीं साहब प्रकृति की प्राकृतिक गतिविधि को विकास विरोधी सदैव अपना ऐजेन्डा सैट करने के लिए ऐसे ही उपयोग करते हैं। सुना है विकास विरोधियों द्वारा चारधाम परियोजना में अडंगा डालने वाले किसी खोपड़ा जी को भी अब जोशीमठ बुलाया गया है। जबकि वे न भू वैज्ञानिक हैं न पर्यावरण की उनको कोई जानकारी है। 

जोशीमठ भू धंसाव की चपेट में इसलिए आ रहा है कि है कि शहरीकरण के चलते जिस ओल्ड लैंड स्लाइडिंग डंपिग जोन पर जोशीमठ शहर बसाया गया गया है, उसकी क्षमता से अधिक भवनों का निर्माण और शौचालय पिट वहां बन गये और वहां के सभी फलदार आदि भू धंसाव रोकने वाले पेड़ इन भवनों की भेंट चढ़ गये। जबकि अतिक्रमण भी अंधाधुंध हो गया है, जिस कारण ड्रेनेज सिस्टम चरमरा गया है। 

 भूगर्भीय गतिविधि या हलचल प्रकृति का अपना आयाम है नियम है और संतुलन है। इसी के बीच हमने मनुष्य के लिए भी आधार भूत सुविधाओं का विकास करना होता है। इन ऐजेन्डा धारियों को सुविधाएं चाहिए इंग्लैंड जैसी और खड़े रहेंगे विकास कार्यों के विरोध में। ये बिडम्बना है देश की जिसका सबसे बड़ा शिकार उत्तराखंड बना है। 

जोशी मठ का ड्रेनेज सिस्टम सुदृढ़ किया जाय नालियों से तत्काल अतिक्रमण हटाया जाय। जोशीमठ में पंयां पांगर देवदार बांज आदि का सघन वृक्षारोपण किया जाय। जैसे स्व चक्रधर तिवाड़ी जी ने गोपेश्वर शहर में किया है। मारवाड़ी बाईपास तत्काल बनाया जाय। जोशीमठ के वर्तमान भूधंसाव का उपचार किया जाय और वहां के भारी भवन निर्माण के दबाव को बड़ा गांव और तपोवन तक विस्तारित करने की कार्ययोजना बने। आवश्यक रूप से बड़ागांव तपोबन क्षेत्र में एक अच्छा आधुनिक आवासीय बड़ा गुरूकुल और चिकित्सालय बने। साथ ही भू धंसाव की आड़ लेकर विकास विरोधी ऐजेन्डा धारियों से जोशीमठ को बचाया जाय

इस ज्वलंत समस्या पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रदेश ने बताया कि जोशीमठ में भूधसांव की घटना को लेकर वह बहुत चिंतित हैं जिसके चलते उनके द्वारा मुख्यमंत्री धामी से इस समस्या को लेकर भेंट कर वार्ता की गई । उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जोशीमठ शहर में भूस्खलन एवं भवनों में दरार आने की वर्तमान एवं पूर्ववृति घटनाओं की जानकारी दी गयी । उन्होंने सीएम से प्रभावित लोगों एवं कारोबारियों को इस घटना से हो रही क्षति की जानकारी साझा करते हुए, उन्हें अधिक से अधिक सहायता पहुंचाने का अनुरोध किया । उन्होंने स्थानीय लोगों की व्यवहारिक परेशानियों के मद्देनजर इस भूगर्भीय समस्या का पूर्णतया समाधान करने के लिए विस्तृत नीति बनाने पर जोर दिया । 

श्री भट्ट ने कहा कि चर्चा के उपरांत मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी से तत्काल वार्ता कर शीघ्र विशेषज्ञ कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट भेजने और प्रभावितों को सभी संभव राहत पहुंचाने के निर्देश दिए है । उन्होंने विश्वास दिलाया कि विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर बिना देर किए उचित कार्यवाही की जाएगी । उसके तहत प्रभावितों का जोशीमठ में ही स्थान्तरित करना हो या अन्य जगह पलायन कराना या कोई अन्य उपाय, जो भी बेहतर होगा उसपर तत्काल विचार किया जाएगा ✍️डाॅ हरीश मैखुरी 

*प्रदेश के 1800 राजस्व पुलिस ग्राम, नियमित पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत अधिसूचित*

 प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को नियमित पुलिस व्यवस्था कः तहत लाये जाने के उद्देश्य से प्रथम चरण के अन्तर्गत 52 थाने एवं 19 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार करते हुए कुल 1800 राजस्व पुलिस ग्रामों को नियमित पुलिस व्यवस्था के अन्तर्गत अधिसूचित किया गया है। उक्त 1800 गांवों में पुलिस व्यवस्था स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी।

इस सम्बन्ध में द्वितीय चरण में 06 नये थानों एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का गठन प्रस्तावित है। नये थाने चौकियों के गठन के अन्तर्गत लगभग 1444 राजस्व ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अन्तर्गत अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही शीघ्र ही पूर्ण कर ली जायेगी।

कितना उपयोगी है भारतीय पंचांग?

लेखक:- इं. आलोक शर्मा

(लेखक साफ्टवेयर इंजीनियर तथा ज्योतिष अलंकार हैं)

 

आज कल पंचांग का प्रचलन बहुत ही कम है। जीवन की सभी घटनाओं का ब्यौरा हमारे पास सिर्फ ईसवी कैलेंडर के अनुसार ही है, कारण बहुत साफ़ है, घर में घडी भी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार है, हाथ घडी भी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार है यहाँ तक कि मोबाइल का प्रयोग समय देखने के लिए होने लगा है वह भी ग्रेगोरियन कैलेंडर अनुसार ही है। पंचांग के अनुसार किसी भी गणना का प्रयोग हम अपने दैनिक जीवन में नहीं करते हैं। ऑफिस, व्यापार सभी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार ही चल रहे हैं तो फिर पंचांग के अनुसार समय का या किसी पर्व अथवा त्यौहार को मनाने का औचित्य क्या है? पंचांग अर्थात् पांच अंग – तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण। पुराण, उपनिषद् एवं अन्य ग्रंथों में घटनाओं का विवरण पंचांग के सन्दर्भ में ही दिया जाता है जिनमें से कई की पुरातनता 5000 वर्ष से भी अधिक है अर्थात् कह सकते है कि हजारों वर्षों से हम पंचांग का ही अनुसरण करते रहे हैं। अंग्रेजों के शासन के उपरांत से लेकर आज तक सरकार द्वारा ग्रेगोरियन कैलेंडर का प्रचलन बढ़ाए जाने के बाद भी देश के ग्रामीण इलाकों में और शहरों में भी आधुनिक शिक्षा से मुक्त लोग भारतीय पंचांग से ही कैलेंडर को समझ पाते हैं। वे लोग तो आज भी जबानी बता देते है कि आज कौन सी तिथि है और कौन सा महीना है। तो कह सकते है कि पंचांग के प्रयोग में कमी पिछले 100-200 साल में अधिक आयी है।

 

प्रश्न उठता है कि आखिर हम प्रयोग करने में सरल और आसान ग्रेगोरियन कैलेंडर को ही क्यों न मानें, क्यों इतने क्लिष्ट, कठिन और दुविधाओं से भरे पंचांगों का प्रयोग करें? इसका पहला कारण तो यह है कि आज विज्ञान का युग है और यदि पंचांग को सामान्य व्यवहार में यदि लाया जाए तो हम वास्तव में एक वैज्ञानिक कालगणना को अपना रहे होंगे। इसको व्यवहार में लाने पर भारतीय ज्योतिष की वैज्ञानिकता से पूरा देश परिचित हो सकेगा, जिसे आज के अंग्रेजी कैलेंडर के अंधविश्वासी लोग अंधविश्वास कह देते हैं। इसका सांस्कृतिक पक्ष तो यह है कि हमारे सभी व्रत-पर्व एवं त्योहारों को मनाने में कोई संशय नहीं रहेगा और न ही इस प्रकार का कोई भ्रम कि कोई त्यौहार किसी और कैलेंडर के सापेक्ष बदलती हुए क्यों लगती है। जैसे चीनी नववर्ष स्पष्टतया दूसरे कैलेंडरों के सापेक्ष बदलता हुआ ही लगेगा और इसमें कोई असामान्य बात नहीं है।

 

भारतीय पंचांग और ऋतुएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। उदाहरण के लिए जेठ की गरमी, सावन की वर्षा और पूष की सर्दी की कहावतें पंचांग और ऋतुओं के संबंध को ही बताती हैं। यदि हम इससे भी अधिक सूक्ष्मता में जाएं तो हमारे यहाँ नक्षत्रों से भी मौसम का अनुमान लगाया जाता है। उदाहरण के लिए हथिया नक्षत्र आते ही गाँव के लोग जान जाते थे कि इसमें बारिश होगी ही। ऐसे ही अन्यान्य मासों में नक्षत्रों के अनुसार मौसम का सटीक अनुमान लगा लिया जाता था जोकि सामान्यत: सही ही होता था। इसमें कभी-कभी ही त्रुटि होती थी। देखा जाए तो मौसम का इतना सटीक अनुमान आज मौसम विभाग भी नहीं लगा पाता है।

मौसम के अनुमान से हमारे जीवन की दो और बातें जुड़ी हुई हैं – खेती और स्वास्थ्य। पहली बात खेती की है। भारत में खेती हमेशा से मौसम पर आधारित रही है। परंतु इसके बाद भी वह कभी भी नुकसानदेह नहीं होती थी तो इसका कारण भारतीय पंचांग ही था। पंचांग को जानने के कारण भारतीय किसानों को न केवल मौसम की सटीक जानकारी हुआ करती थी, बल्कि वे यह भी जानते थे कि किस मास और नक्षत्र में जुताई, बुआई, सिंचाई आदि खेती की प्रक्रियाएं की जाएं, तो अच्छी और पर्याप्त फसल होगी। ऐसा होता भी था। इस पर घाघ के कृषि दोहे पूरे उत्तर भारत में प्रचलित रहे हैं। इस प्रकार के दोहे, कविताएं आदि अन्यान्य स्थानों पर भी प्रचलित रहे हैं। आज इसी प्राचीन विधा को नक्षत्रीय खेती यानी बॉयोडायनेमिक खेती के नाम से दुनिया अपनाने लगी है। बायोडायनामिक कृषि में ये माना जाता है कि चन्द्रमा की गति के आधार पर कृषि का एक कैलेंडर बनाया जाना चाहिए और कृषि की सभी गतिविधियाँ उसके अनुसार चन्द्रमा की गति और स्थिति से प्रभावित होती हैं। यही नहीं अन्य आकाशीय घटनाओं का भी फसलों के विकास पर प्रभाव पड़ता है। विशेषकर नक्षत्रों और राशियों की गति का प्रभाव फसल के प्रकार जैसे फसल मुख्यतया फल है, पत्ते हैं या जड़ है उसके अनुसार उनके विकास पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार वैज्ञानिक भी अब फसलों पर अनुकूल प्रभाव के लिए आकाशीय घटनाओं को मानने लगे हैं जो वास्तव में भारतीय पारंपरिक कृषि की ही विशेषता है।

 

पंचांगों से जुड़ी दूसरी बात है हमारा स्वास्थ्य। पंचांग चूँकि मौसम तथा ऋतुओं के बारे बताते हैं और आयुर्वेद हमें ऋतुचर्या की जानकारी देता है। इस प्रकार पंचांग के प्रयोग से हमें यह पता चल सकेगा कि किस मौसम में हमें कैसे आहार-विहार का पालन करना है। उपयुक्त आहार-विहार के पालन से हम अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रख सकते हैं। भारतीय मासों तथा आयुर्वेद के मेल से अनेक कहावतें भी बनी हैं, जिनके पालन से हम स्वस्थ रहा करते थे। आज भी आधुनिक शिक्षा से मुक्त लोग उनक विधि-निषेधों का पालन करते हैं और स्वस्थ रहते हैं।

 

स्त्रियों की स्वास्थ्य-समस्याएं भी पंचांग से समझी जा सकती हैं। दैनिक जीवन में देखें तो हम पायेंगे कि स्त्रियों का मासिक धर्म चान्द्र मास का ही अनुकरण करता है और सामान्यतया 27-28 दिनों का ही होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर को प्रयोग करने से इसकी सामान्य गणना भी जटिल प्रतीत होने लगती है। स्त्रियों के लिए दिन गिनना और मासिक धर्म की आवृत्ति, बच्चों के जन्म का अंदाजा भारतीय पंचांग से सरलता से हो सकता है। इसीलिए इसे ऋतु-चक्र भी कहते हैं, क्योंकि भारतीय पंचांग ऋतुओं की आवृत्ति को सरलता से दिखा देता है। इस प्रकार हम पाते हैं कि भारतीय पंचांग का प्रयोग करने आम लोगों के लिए न केवल सुविधाजनक है, बल्कि यह अधिक वैज्ञानिक और उपयोगी भी है। कैलेंडर या पंचांग के विज्ञान से अनभिज्ञ लोग ही इस पर प्रश्न उठाते हैं। ऐसे कुछेक प्रश्नों पर यहाँ विचार करते हैं।

 

कई बार नवयुवकों से या बच्चों से बात करते में बड़ा ही असाधारण और मूलभूत प्रश्न सुनने को मिलता है ‘हिन्दू नववर्ष पिछली बार तो 18-मार्च को आया था इस बार 6-अप्रैल को आ रहा है ये क्या गड़बड़ है? अपने त्यौहारों के तारीख बदलते रहते हैं?’ यह प्रश्न वास्तव में केवल इस बात का है कि हम किस कैलेंडर के आधार पर अपनी गणना करते हैं। आज से 200-250 वर्ष पीछे जाते हैं जब भारत में अंग्रेजों ने क्रिसमस मनाना प्रारम्भ किया होगा, तब क्या हम भारतीय जो कि उस समय तक भारतीय पंचांग का ही प्रयोग करते रहे होंगे, नहीं पूछते होंगे कि भाई, ये तुम्हारे क्रिसमस का क्या चक्कर है, कभी पौष कृष्ण तृतीया को आता है, कभी माघ कृष्ण त्रयोदशी को? तो यह प्रश्न ठीक वैसा ही है, जैसा आज के युवा पूछते हैं। आप किसको अपना सन्दर्भ मानते हैं और किससे दूसरे की गणना करते हैं, यह उस पर आश्रित है। बदल सब रहे हैं बस आपको यह देखना है कि आप किस रेलगाड़ी में बैठे हैं। भारत का व्यापारिक व्यवहार शताब्दियों से बाहर के लोगों से रहा है और वे लेन-देन का व्यवहार, उधार, ब्याज का व्यवहार, माल आने-जाने का व्यवहार सब भारतीय पंचांगों के सन्दर्भ में ही करते रहे होंगे इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। मतलब यह कि ग्रेगोरियन कैलेंडर न होने पर भी जन्मदिन मनाये जाते थे, तिथियों का हिसाब रखा जाता था, त्यौहार मजे से मनाये जाते थे, किसी तारीख की आवश्यकता नहीं थी और आज भी यदि प्रयोग में न लाया जाए तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा।

किसी भी धार्मिक त्यौहार-पर्व को मनाने के लिए दो चीजें देखनी होती हैं। पहला है समय का मान, जो कि ज्योतिष की गणना से होता है। यहाँ नक्षत्र, तिथि, वार, दैनिक योग, करण या इनमें से एकाधिक का संयोग देखा जाता है, यह शुद्ध गणित है और इनमें दो राय होने की अक्सर कोई संभावना नहीं होती। दूसरी चीज जो देखी जाती है वह है धार्मिक और शास्त्रीय परम्परा, इसे धर्मशास्त्र बताते हैं कि यदि ऐसा है तो कब वह व्रत-पर्व-त्यौहार मनाना चाहिए। क्योंकि इसमें परम्परा शामिल है अत: यह अलग-अलग हो सकती है और कई अन्य कारकों पर आश्रित है। जैसे व्रत-पर्व-त्यौहार मनाने वाले का स्थान, कुल, सम्प्रदाय इत्यादि। एकादशी तिथि एक ही समय प्रारम्भ और अन्त होगी, फिर भी वैष्णव सम्प्रदाय में एकादशी व्रत का दिन और शेष सम्प्रदायों में व्रत का दिन अलग-अलग हो सकता है। ऐसा नहीं है कि यह परम्परा जैसी बात मात्र हिन्दुओं में ही है, यह दुनिया के सभी सम्प्रदायों में है। जैसे कोई ईसाई सम्प्रदाय क्रिसमस 7 जनवरी को मनाता है तो कोई 19 जनवरी को और ऐसा मात्र क्रिसमस के साथ ही नहीं है, अन्य त्योहारों के साथ भी है क्योंकि अधिकतर साम्प्रदायिक मसले पारम्परिक ही हैं।

किसी पर्व अथवा त्यौहार के विषय में यह जानना आवश्यक है कि वह घटना कब तथा किस समय हुई थी, जब हमारे लगभग सारे पर्व, व्रत एवं धार्मिक कार्यों का निर्णय ऋषियों ने आज से 2000 से भी कई वर्ष पूर्व कर दिया था एवं कई मनीषियों ने आवश्यकतानुसार कई फेर बदल बाद में भी किये। अब जबकि व्रत 2000 वर्ष से भी पूर्व निर्धारित हो गए थे तो इनके अनुसरण का नियम भी पंचांग गणित के अनुसार ही शास्त्रों में दिया है।

 

अब समझते हैं कि पञ्चांग और ग्रेगोरियन कैलेंडर में अंतर क्या है? ग्रेगोरियन कैलेंडर सही है या हमारा पञ्चांग ज्यादा सही है, दोनों एक ही बात हैं या हमारा हिन्दू पञ्चांग निरी मूर्खता ही है? मान लीजिये कोई घटना 12 फरवरी 2014, सायं 6:30 बजे हुई, जो कि ईसवी सन के प्रारूप में ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हमें विदित है, तो क्या यह गणना सही है? क्या पूरे विश्व में यही निरपेक्ष समय था? मान लीजिए यह घटना भारत में, उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर में हुई, तो क्या उस समय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में भी समय यही था (12 फरवरी 2014, सायं 6:30 बजे)? या फिर कोलकाता शहर में भी क्या यही समय था? उत्तर है नहीं, आज के विज्ञान ने देशांतर के अनुसार समय का विभाजन किया है जैसे कि भारत में चलने वाला समय भारतीय मानक समय तथा अमेरिका में सेंट्रल, पेसिफिक, इस्टर्न स्टेंडर्ड टाइम।

 

अत: 12 फरवरी 2014, सायं 6:30 बजे (भारतीय मानक समय) के अनुसार न्यूयॉर्क में 12 फरवरी 2014, प्रात: 8:00 बजे (इस्टर्न स्टेंडर्ड टाइम) थे। ठीक है, परन्तु यह भी सही नहीं है – क्यूंकि यह समय तो स्टेंडर्ड समय के अनुसार है जबकि स्टैण्डर्ड समय उस शहर के समय से भिन्न है, शहर का समय स्थानिक समय है अब यह देखना होगा कि (12 फरवरी 2014, सायं 6:30 बजे) यह समय हाथरस का स्थानिक समय था या भारतीय मानक समय था। अब यदि स्थानिक समय था तो भारतीय मानक समय से इसका अंतर जोडऩा या घटना पड़ेगा। मान लिया कि हमने समय घर में घड़ी में देखा था, जो भारतीय मानक समय बताती है तो इस से हाथरस शहर के स्थानिक समय का अंतर 17 मिनट 20 सेकंड है। अत: जब 12 फरवरी 2014, सायं 6:30 बजे भारतीय मानक समय के अनुसार हुआ था तब हाथरस का स्थानिक समय 12 फरवरी 2014, सायं 6:12:40 था एवं न्यूयॉर्क में इसी प्रकार बिलकुल ही भिन्न था।

अत: यदि यह घटना आज से मात्र 100 साल बाद भी सही सही मनाई जाये तो क्या यह सही मनाई जा सकेगी? नहीं, सवाल रहेगा कि किस समय मंडल यानी टाइम जोन की बात है? किस स्थान की बात है? इसके अतिरिक्त कई जगह पर युद्ध की स्थिति में समय में कुछ जोड़ा या घटाया गया था, तो उसको भी अकृत करना होगा।

 

दूसरा सवाल, जो आकाशीय घटना ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार आज हुई है क्या वह निश्चित अंतराल के बाद उसी समय पर पुन: आवृत्ति करेगी? यदि सूर्य आज हमारे स्थान पर 14 जनवरी 2014 दोपहर 1:01:00 बजे मकर राशि में प्रवेश कर रहा है तो तो क्या एक सौर वर्ष (सूर्य का पृथ्वी के चारों और का एक चक्कर) बाद सूर्य उसी स्थान पर होगा? या ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 14 जनवरी 2014 दोपहर 1:01:00 को भी उसी स्थान पर होगा? उत्तर है कि नहीं।

 

सूर्य का निश्चित समय पर उस स्थान पर ना आने का कारण है कि सूर्य का ग्रेगोरियन कैलेंडर से कोई अनुबंध तो नहीं है कि उसके अनुसार ही चले। परन्तु हमारे ऋषियों ने सूर्य और चन्द्रमा से अनुबंध कर लिया था क्योंकि ये सत हैं। उन्होंने माना कि हमारे जीवन में होने वाले लगभग सभी घटनाक्रम का इनमें से कोई न कोई तो साक्षी है। उन्होंने जाना कि सूर्य और चन्द्रमा की गति क्या है, विभिन्न यंत्रों तथा योग से उन्होंने घटनाओं की पुनरावृत्ति सूर्य एवं चन्द्रमा की स्थिति के अनुसार देखी और उसी के अनुसार पंचांग बनाए। अन्य आकाशीय पिंडों की गणना इस समय के अनुसार ही हुई और उनके भगणों की पुनरावृत्ति एवं उनके आधार पर पंचांग बनाए।

 

तत्वत: ग्रेगोरियन कैलेंडर के न होते हुए भी भारतीय पंचांग अपने आप में सम्पूर्ण और प्रामाणिक है पारंपरिक व्यापारिक लेन-देन और ब्याज की गणना, मौसमों की गणना आज भी भारतीय पंचांग से होती है और सुचारू रूप से चलती भी है।

✍🏻भारतीय धरोहर