सुप्रिम कोर्ट में जनहित याचिका सांसदों को पेंशन न दी जाए क्योंकि राजनीति कोई नौकरी या रोजगार नहीं

 सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने विषयक खबर शोशल मीडिया पर वायरल है, इसे आपके आकलन के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं । क्योंकि इसमें उठाये गये सवाल सभी देशवासियों के जेहन में हैं। 2018 का सुधार अधिनियम सांसदों को पेंशन नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि राजनीति कोई नौकरी या रोजगार नहीं है बल्कि एक निःशुल्क सेवा है। राजनीति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक चुनाव है, इसकी पुनर्निर्माण पर कोई सेवानिवृत्ति नहीं है,लेकिन उन्हें फिर से उसी स्थिति में फिर से चुना जा सकता है। (वर्तमान में उन्हें पेंशन मिलती है सेवा के 5 साल होने पर)। इसमें एक और बड़ी गड़बड़ी यह है कि अगर कोई व्यक्ति पहले पार्षद रहा हो,फिर विधायक बन जाए और फिर सांसद बन जाए तो उसे एक नहीं,बल्कि तीन-तीन पेंशनें मिलती हैं।यह देश के नागरिकों साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है जो तुरंत बंद होना चाहिए। केंद्रीय वेतन आयोग के साथ संसद सदस्यों सांसदो का वेतन भत्ता संशोधित किया जाना चाहिए और इनको इनकम टैक्स के दायरे में लाया जाए। (वर्तमान में वे स्वयं के लिए मतदान करके मनमाने ढंग से अपने वेतन व भत्ते बढा लेते हैं और उस समय सभी दलों के सुर एक हो जाते हैं। – सांसदों को अपनी वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली त्यागनी चाहिए और भारतीय जन-स्वास्थ्य के समान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में भाग लेना चाहिए। इलाज विदेश में नही भारत मे होना चाहिए इनका,अगर विदेश में करवाना है तो अपने खर्च से करवाएँ,अन्यथा मर जाएँ। मुफ्त छूट,राशन,बिजली,पानी,फोन बिल जैसी सभी रियायत समाप्त होनी चाहिए। (वे न केवल ऐसी बहुत सी रियायतें प्राप्त करते हैं बल्कि वे नियमित रूप से इसे बढ़ाते भी रहे हैं) – अपराधी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोका जाए, संदिग्ध व्यक्तियों के साथ दंडित रिकॉर्ड,अपराधिक आरोप और दृढ़ संकल्प, अतीत या वर्तमान को संसद से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, कार्यालय में राजनेताओं के कारण होने वाली वित्तीय हानि,उनके परिवारों,नामांकित व्यक्तियों,संपत्तियों से वसूल की जानी चाहिए। – सांसदों को भी सामान्य भारतीय लोगों पर लागू सभी कानूनों का समान रूप से पालन करना चाहिए। – नागरिकों द्वारा एलपीजी गैस सब्सिडी का कोई समर्पण नहीं जब तक सांसदों और विधायकों को उपलब्ध सब्सिडी,संसद कैंटीन में सब्सिडी वाले भोजन,सहित अन्य रियायतें वापस नहीं ले ली जाती। -संसद में सेवा करना एक सम्मान है,लूटपाट के लिए एक आकर्षक करियर नहीं। -फ्री रेल और हवाई जहाज की यात्रा की सुविधा बंद हो। आम आदमी क्यों उठाये इनकी मौज मस्ती का खर्च? आपको नहीं लगता कि यह मुद्दा उठाने का सही समय है जयहिन्द,वन्देमातरम्