सरदार जी ने घर लौटते वक्त रास्ते मे पड़ने वाली सब्जी मंडी में एक बजुर्ग मुल्लाजी से सब्जी खरीदी और जब घर जाकर देखा तो उन् सब्जी वाले मुल्लाजी ने जिस लिफाफे में वह सब्जी दी थी उस लिफाफे में सारे दिन की उनकी बिक्री की रकम लगभग₹2000/-रुपए थी, तो उसी वक्त सरदार जी ने अपनी साइकिल निकाली और वापस चल दिये,उन्होंने वह पैसे उन् मुल्लाजी को वापस कर दिए इसे कहते है इंसानियत,मेहनत की कमाई खाने वालों की नेक नियत,हमारी ओर से सरदार जी को सेल्यूट बस इतना सबक मुल्ला जी सहित सबको सीखने का है ?