भारत के घातक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस हथियार अब सीमा पर ही पहचान कर आतंकवादियों काम तमाम कर देंगे

(फाईलफोटो)

भारत पाक की कश्मीर सीमा…… घने कोहरे वाली ठंडी रात तापमान शून्य से नीचे….
कोहरे में जमीन पर रेंगते हुए एक आतंकी दल भारतीय सीमा में घुसता है….
अंधरे में 360° 250मीटर के दायरे में नज़र रख रहा भारतीय रोबोट इन्ह देख लेता है…… वो नज़र रखते हुए पहले आगे चलते आतंकी को आने देने का निर्णय लेता है….. ताकि उसके पीछे के साथी भी करीब आसकें
और जब पूरा दल उसकी मारक दायरे के भीतर होता है रोबोट की आटोमेटिक गन सटीक निशाना लगा पहले आतंकी को ढेर कर देती है…. और फिर दो ग्रेनेड दाग कर बाकी का खात्मा…..

ये कोई विज्ञान कथा नहीं……….. न ही ये कोई भविष्य के हथियार की कल्पना……
ये आज की भारतीय सेना के हथियार हैं….

जी हाँ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) आधारित….. बिना मानवीय मदद के अपना काम करने में सक्षम….. एक किलोमीटर दायरे में 6 घंटे तक लगातार अपनी सेवा देने की क्षमता….
ये 11 जुलाई को भारतीय सेना को सौंपी गयी नयी प्रणलियों में से एक है
ये रोबोट सीमा की निगरानी करेंगे….. दुश्मन को पहचान उसकी सुचना देंगे और दुश्मन पर अपनी आटोमेटिक गन और बमों से हमला कर उसकी जान भी ले लेंगे……… आतंक विरोधी कार्यवाही में भी ये अपनी भूमिका निभाएंगे… इसका नाम है #साइलेंट_संतरी

आपको #त्रिशूल_रिमोट_ऑपरेटेड_वेपन_सिस्टम को भी जानना चाहिए…. इसे सैन्य वाहनों के ऊपर….. ऊंचाई पर स्थित पोस्टों…. टैंक व बख्तरबंद गाड़ियों पर लगाया जायेगा….. भीतर सुरक्षित बैठा सैनिक अपनी स्क्रीन पर बाहर की दुश्मन की सटीक जानकारी भी इससे पायेगा और फिर बटन दबा इनपर गोलियाँ और राकेट भी बरसा देगा….

सेना को सौपी गयी अस्त्र प्रणलियों में सबसे घातक और दुनियाँ के लिए बेहद चौकाने वाली प्रणाली है भारत के नये नन्हे कामिकाज़ी ड्रोन…..
ये गुच्छे में काम करेंगे…… और बिना मानव सहायता के करेंगे…
50 ड्रोन का एक दस्ता जिसमें आधे टारगेट खोजेंगे और आधे उन्हें ख़त्म करेंगे…… बस इन्ह दुश्मन के इलाके में भेजो और भूल जाओ….
आसमान में रहते ये जमीन के टारगेट की पहचान करेंगे….. और खुद ही हमला कर ख़त्म भी कर देंगे महज कुछ किलो वजन और छोटा आकार…
ये प्रणाली महाभारत में वर्णित पशुपतअस्त्र से प्रभावित है…….. और किसी भी युद्ध का रुख पलट सकती है….

कमाल ये है के ये सभी……. सभी यानी करीब 75 नवीन निगरानी या हमला करने में सक्षम हथियार पूर्ण स्वदेशी हैं इन्ह 11 जुलाई 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा भारतीय सेना को सौंपा गया…..

हालांकि हमारी मीडिया में ये खबर उतनी नहीं दिखी जितनी दिखनी चाहिए थी….

खैर आप प्रधानमंत्री जी के उस बयान का अर्थ इससे समझ सकते है के हमारे जवांन के पास वो क्यों हो जो सबके पास है….. वो होना चाहिए जो किसी और के पास नहीं….

इनमें से ज्यादातर को भारत की निजी कम्पनीयों द्वारा तैयार किया गया है……… आपकी कल्पना अब आपके सामने है….. आपके सपने भी पूरे होंगे….. बस देखने के साथ प्रयत्न भी हो….सक्षम भारत सुदृढ़ भारत (साभार)