उत्तराखण्ड के मदरसों से गायब हुए ढाई लाख मुस्लिम बच्चे

 हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने सभी छात्रों के बैंक खातों को आधार कार्ड से लिंक करने का ऐलान कर दिया, देखते ही देखते मदरसों से ढाई लाख छात्र गायब हो गए। केंद्र की मोदी सरकार जब से सत्ता में आयी है तब से एक-एक सिस्टम पारदर्शी हो रहा है, बैंक खाते आधार से लिंक हो गए, हर तरह का सरकारी लाभ सीधे बैंक खातों में मिलने लगा, दलाली और रिश्वतखोरी खत्म हो गयी, पेंशन बांटने में दलाली, गैस सिलेंडर बांटने में दलाली, स्कॉलरशिप में दलाली, मनरेगा में दलाली, सब का सब खत्म हो गया. अब बीजेपी सरकारों ने मदरसों में भी भ्रष्टाचार खत्म करने का फैसला किया है।
दरअसल मदरसों में फर्जी छात्रों का नाम लिखकर उनके नाम की स्कॉलरशिप मदरसा चलाने वाले खुद खा जाते थे। इन ढाई लाख छात्रों को करीब 17 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिलती थी, मतलब फर्जी छात्रों का नाम लिखकर सरकारी रुपये लूट लिए जाते थे लेकिन बीजेपी सरकार ने छात्रों के बैंक खाते को आधार कार्ड से लिंक करके ना सिर्फ ढाई लाख छात्रों को गायब कर दिया बल्कि हर साल 17 करोड़ रुपये भी बचाएंगे।

अब ऐसा ही ऐलान उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने किया है तो मदरसों के भ्रष्टाचारियों में हाहाकार मचा हुआ है क्योंकि उत्तराखंड एक छोटा राज्य है, अगर उत्तराखंड में ढाई लाख छात्र गायब हुए हैं अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के 20 लाख छात्र गायब हो जाएं, अगर उत्तराखंड में 17 करोड़ का भ्रष्टाचार पकड़ा गया है तो हो सकता है कि उत्तर प्रदेश में 140 करोड़ का भ्रष्टाचार पकड़ लिया जाय।

यदि सरकारें देश के मदरसों के बच्चों के बैंक खाते आधार से लिंक कर दे तो हो सकता है कि करोड़ों छात्र गायब हो जाँय लेकिन सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है इसलिए ऐसा होना मुश्किल है. कहने का मतलब है कि मदरसों में फर्जी छात्रों के नामों की एंट्री करके उनके नाम की स्कॉलरशिप लूटी जा रही है लेकिन सभी सरकारों को एक्शन लेने की जरूरत है. अगर सही तरह से जांच हो गयी तो हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।
यही हाल निजी विद्यालयों का भी है, जिनकी जांच होनी अभी बाकी है।