बिगब्रेकिंग भारत ने 400 बिलियन डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट का लक्ष्य प्राप्त किया, आज का पंचाग आपका राशि फल, दो अप्रैल से लगने वाले नल नामक नव संवत्सर 2079 राजा शनि और गुरु मंत्री हैं, सनातन धर्म संस्कृति ही भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी है

” नव सम्बत्सर नल ”
विक्रम सम्बत 2079 नल के रूप में जाना जाएगा ।
राजा शनि और मंत्री पद बृहस्पति शुशोभित करेंगे ।
शनि महाराज के दो वाहन घोड़ा और भैंसा के रूप में वर्ष भर भ्रमण करेंगे ।
सम्बत माली के घर मे वास रहेगा ,और रोहिणी का वास समुद्र तटीय रहेगा ।
नल कहते हैं धार को इसको हम कुशाग्र बुद्धि भी कह सकते हैं ।या इसको ज्ञान का दूत भी कह सकते हैं ।
यद्यपि सनातन धर्म एक आध्यात्मिक प्रभुत्व से अलंकृत धर्म हैं ,यहां जीवन रोटी के लिये नहीं अपितु जीवन को सहज रूप से क्रियान्वित के लिये रोटी आवश्यक है ।
रसना यद्यपि भोग की ओर प्रेरित करती है ,लेकिन जिह्वा में प्रेम के शब्दों से जो मधु गिरता है वह भी एक प्रकार का स्वाद ही है ।रूप रस शब्द स्पर्श घ्राण यह सब योग कु क्रियाएं हैं जिससे भोग रोग में न परिवर्तित हो ।
यही सनातन धर्म वर्षारम्भसे ही सम्बत को सत्य से जोड़ने के लिये मनुष्य को चतुर्विध पुरुषार्थ को बढाने के लिये प्रेरित करता है ।
नव ग्रहों से भू मंडल नक्षत्रों सहित आच्छादित है ।सौर मंडल के नो ग्रह अपनी नीति और स्वरूप से सम्बत्सर का साथ देते हैं ।
इस समय राजा शनि और गुरु मंत्री बने हैं ।
यद्यपि शनि क्रूर ग्रह है,और गुरु सौम्य फिर भी शनि ग्रह बहुत महत्वपूर्ण ग्रह है ।सूर्य पुत्र छाया के गर्भ से जन्मे शनि धर्म राज के छोटे भाई हैं । इस दृष्टि से सूर्य यम शनि यही ग्रह मनुष्य को जन्म से मृत्यु के बाद के स्वरूप को भी प्रकट करते हैं ।
शनि का रूप श्याम वर्ण है खिचड़ी और सरसों का तेल और लोहा इनको प्रिय है ।
जब शनि घोड़े पर सवारी करते हैं तो जनता को निर्भय और धन धान्य से पूरित करते हैं ।
जब शनि भैंसे पर सवार होते हैं छल छिद्र भूत प्रेत जादू टोना रोग महामारी दुर्घटनाएं आपदाएं अकाल भुखमरी इत्यादि प्रकट हो जाते हैं ।
गुरु मंत्री होने से सौम्य प्रभाव ब्रह्मणो का चिंतन धर्म की ओर तथा राजा के उग्र रूप को कम करने में गुरु महत्वपूर्ण भूमिका में हैं ।
माली फूलों की रखवाली करता है सम्बतसर ने अपना घर निर्धारित किया है ।अर्थात सुगन्धि और हर्सोल्लास से पूरित ।
रोहिणी का वास समुद्र तटीय है वर्षा के अच्छे योग हैं ।
सार
राजा शनि और गुरु तथा माली और तट
यह सब राजा तथा प्रजा के बीच का सामंजस्य बैठाकर उन्नति और अवनति पर बिचार होगा ।
दैनिक क्रिया ।
सुंदर कांड शनि दोष के लिये रुद्राष्टाध्यायी पाठ विशेषकर आठवां अध्याय ।
आदित्य स्तोत्र
तथा बिष्णु सहस्र नाम पाठ
गायत्री जप गो सेवा । ✍️श्री कृष्ण थपलियाल 

2अप्रैल को वैदिक नववर्ष हैं विनम्र निवेदन है

धर्म के लिए 50-100/-₹ खर्च करके छत पर भगवा ‘ओ३म’ ध्वज जरूर लगाएं।

🚩 जय श्री राम 🚩

👉 मन की बात 

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। बीते सप्ताह हमने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की, जिसने हम सबको गर्व से भर दिया। आपने सुना होगा कि भारत ने पिछले सप्ताह 400 बिलियन डॉलर, यानी, 30 लाख करोड़ रुपये के export का target हासिल किया है। पहली बार सुनने में लगता है कि ये अर्थव्यवस्था से जुड़ी बात है, लेकिन ये, अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा, भारत के सामर्थ्य, भारत के potential से जुड़ी बात है। एक समय में भारत से export का आँकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 सौ बिलियन तक हुआ करता था, अब आज, भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया है। इसका एक मतलब ये कि दुनिया भर में भारत में बनी चीज़ों की demand बढ़ रही है, दूसरा मतलब ये कि भारत की supply chain दिनों-दिन और मजबूत हो रही है और इसका एक बहुत बड़ा सन्देश भी है। देश, विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं। जब संकल्पों के लिये दिन-रात ईमानदारी से प्रयास होता है, तो वो संकल्प, सिद्ध भी होते हैं, और आप देखिये, किसी व्यक्ति के जीवन में भी तो ऐसा ही होता है। जब किसी के संकल्प, उसके प्रयास, उसके सपनों से भी बड़े हो जाते हैं तो सफलता उसके पास खुद चलकर के आती है।

साथियो, देश के कोने-कोने से नए-नए product जब विदेश जा रहे हैं। असम के हैलाकांडी के लेदर प्रोडक्ट (leather product) हों या उस्मानाबाद के handloom product, बीजापुर की फल-सब्जियाँ हों या चंदौली का black rice, सबका export बढ़ रहा है। अब, आपको लद्धाख की विश्व प्रसिद्द एप्रिकोट(apricot) दुबई में भी मिलेगी और सउदी अरब में, तमिलनाडु से भेजे गए केले मिलेंगे। अब सबसे बड़ी बात ये कि नए-नए products, नए-नए देशों को भेजे जा रहे हैं। जैसे हिमाचल, उत्तराखण्ड में पैदा हुए मिलेट्स(millets)मोटे अनाज की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की गयी। आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिले के बंगनपल्ली और सुवर्णरेखा आम, दक्षिण कोरिया को निर्यात किये गए। त्रिपुरा से ताजा कटहल, हवाई रास्ते से, लंदन निर्यात किये गए और तो और पहली बार नागालैंड की राजा मिर्च को लंदन भेजा गया। इसी तरह भालिया गेहूं की पहली खेप, गुजरात से Kenya और Sri Lanka निर्यात की गयी। यानी, अब आप दूसरे देशों में जाएंगे, तो Made in India products पहले की तुलना में कहीं ज्यादा नज़र आएँगे।

साथियो, यह list बहुत लम्बी है और जितनी लम्बी ये list है, उतनी ही बड़ी Make in India की ताकत है, उतना ही विराट भारत का सामर्थ्य है, और सामर्थ्य का आधार है – हमारे किसान, हमारे कारीगर, हमारे बुनकर, हमारे इंजीनियर, हमारे लघु उद्यमी, हमारा MSME Sector, ढ़ेर सारे अलग-अलग profession के लोग, ये सब इसकी सच्ची ताकत हैं। इनकी मेहनत से ही 400 बिलियन डॉलर के export का लक्ष्य प्राप्त हो सका है और मुझे खुशी है कि भारत के लोगों का ये सामर्थ्य अब दुनिया के कोने-कोने में, नए बाजारों में पहुँच रहा है। जब एक-एक भारतवासी local के लिए vocal होता है, तब, local को global होते देर नहीं लगती है। आइये, local को global बनाएँ और हमारे उत्पादों की प्रतिष्ठा को और बढायें।

साथियो, ‘मन की बात’ के श्रोताओं को यह जानकर के अच्छा लगेगा कि घरेलू स्तर पर भी हमारे लघु उद्यमियों की सफलता हमें गर्व से भरने वाली है। आज हमारे लघु उद्यमी सरकारी खरीद में Government e-Market place यानी GeM के माध्यम से बड़ी भागीदारी निभा रहे हैं। Technology के माध्यम से बहुत ही transparent व्यवस्था विकसित की गयी है। पिछले एक साल में GeM portal के जरिए, सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चीजें खरीदी हैं। देश के कोने-कोने से करीब-करीब सवा-लाख लघु उद्यमियों, छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है। एक ज़माना था जब बड़ी कम्पनियां ही सरकार को सामान बेच पाती थीं। लेकिन अब देश बदल रहा है, पुरानी व्यवस्थाएँ भी बदल रही हैं। अब छोटे से छोटा दुकानदार भी GeM Portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है – यही तो नया भारत है। ये न केवल बड़े सपने देखता है, बल्कि उस लक्ष्य तक पहुँचने का साहस भी दिखाता है, जहां पहले कोई नहीं पहुँचा है। इसी साहस के दम पर हम सभी भारतीय मिलकर आत्मनिर्भर भारत का सपना भी जरुर पूरा करेंगे।

मेरे प्यारे देशवासियो, हाल ही में हुए पदम् सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरुर देखा होगा। 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा, पलक झपकते ही, वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया। 126 वर्ष की आयु और बाबा शिवानंद की Fitness, दोनों, आज देश में चर्चा का विषय है। मैंने Social Media पर कई लोगों का comment देखा, कि बाबा शिवानंद, अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा fit हैं। वाकई, बाबा शिवानंद का जीवन हम सभी को प्रेरित करने वाला है। मैं उनकी दीर्घ आयु की कामना करता हूँ। उनमें योग के प्रति एक Passion है और वे बहुत Healthy Lifestyle जीते हैं।

जीवेम शरदः शतम्।

हमारी संस्कृति में सबको सौ-वर्ष के स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएँ दी जाती हैं। हम 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाएंगे। आज पूरे विश्व में health को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। अभी आपने देखा होगा कि पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया World Record बना दिया। इसी तरह से Ayush Industry का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है। 6 साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपए के आसपास का था। आज Ayush Manufacturing Industry, एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुँच रही है, यानि इस क्षेत्र में संभावनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। Start-Up World में भी, आयुष, आकर्षण का विषय बनता जा रहा है।

साथियो, Health Sector के दूसरे Start-Ups पर तो मैं पहले भी कई बार बात कर चुका हूँ, लेकिन इस बार Ayush Start-Ups पर आपसे विशेष तौर पर बात करूँगा। एक Start-Up है Kapiva ! (कपिवा)। इसके नाम में ही इसका मतलब छिपा है। इसमें Ka का मतलब है- कफ, Pi का मतलब है- पित्त और Va का मतलब है- वात। यह Start-Up हमारी परम्पराओं के मुताबिक Healthy Eating Habits पर आधारित है। एक और Start-Up, निरोग-स्ट्रीट भी है , Ayurveda Healthcare Ecosystem में एक अनूठा Concept है। इसका Technology-driven Platform, दुनिया-भर के Ayurveda Doctors को सीधे लोगों से जोड़ता है। 50 हजार से अधिक Practitioners इससे जुड़े हुए हैं। इसी तरह, Atreya (आत्रेय) Innovations, एक Healthcare Technology Start-Ups है, जो, Ixoreal (इक्जोरियल) ने न केवल अश्वगंधा के उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाई है, बल्कि Top-Quality Production Process पर भी बड़ी मात्रा में निवेश किया है। Cureveda (क्योरवेदा) ने जड़ी-बूटियों के आधुनिक शोध और पारंपरिक ज्ञान के संगम से Holistic Life के लिए Dietary Supplements का निर्माण किया है।

साथियो, अभी तो मैंने कुछ ही नाम गिनाए हैं, ये लिस्ट बहुत लंबी है। ये भारत के युवा उद्यमियों और भारत में बन रही नई संभावनाओं का प्रतीक है। मेरा Health Sector के Start-Ups और विशेषकर Ayush Start-Ups से एक आग्रह भी है। आप Online जो भी Portal बनाते हैं, जो भी Content create करते हैं, वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सभी भाषाओँ में भी बनाने का प्रयास करें। दुनिया में बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ अंग्रेजी न इतनी बोली जाती है और ना ही इतनी समझी जाती है। ऐसे देशों को भी ध्यान में रखकर अपनी जानकारी का प्रचार-प्रसार करें। मुझे विश्वास है, भारत के Ayush Start-Ups बेहतर Quality के Products के साथ, जल्द ही, दुनिया भर में छा जायेंगे।

साथियो, स्वास्थ्य का सीधा संबंध स्वच्छता से भी जुड़ा है। ‘मन की बात’ में, हम हमेशा स्वच्छता के आग्रहियों के प्रयासों को जरूर बताते हैं। ऐसे ही एक स्वच्छाग्रही हैं चंद्रकिशोर पाटिल जी। ये महाराष्ट्र में नासिक में रहते हैं। चंद्रकिशोर जी का स्वच्छता को लेकर संकल्प बहुत गहरा है। वो गोदावरी नदी के पास खड़े रहते हैं, और लोगों को लगातार नदी में कूड़ा-कचरा न फेंकने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्हें कोई ऐसा करता दिखता है, तो तुरंत उसे मना करते हैं। इस काम में चंद्रकिशोर जी अपना काफी समय खर्च करते हैं। शाम तक उनके पास ऐसी चीजों का ढेर लग जाता है, जो लोग नदी में फेंकने के लिए लाए होते हैं। चंद्रकिशोर जी का ये प्रयास, जागरूकता भी बढ़ाता है, और, प्रेरणा भी देता है। इसी तरह, एक और स्वच्छाग्रही हैं – उड़ीसा में पुरी के राहुल महाराणा। राहुल हर रविवार को सुबह-सुबह पुरी में तीर्थ स्थलों के पास जाते हैं, और वहाँ plastic कचरा और गंदगी साफ कर चुके हैं। पुरी के राहुल हों या नासिक के चंद्रकिशोर, ये हम सबको बहुत कुछ सिखाते हैं। नागरिक के तौर पर हम अपने कर्तव्यों को निभाएं, चाहे स्वच्छता हो, पोषण हो, या फिर टीकाकरण, इन सारे प्रयासों से भी स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।

मेरे प्यारे देशवासियो, आइये बात करते है केरला के मुपट्टम श्री नारायणन जी की। उन्होंने एक project के शुरुआत की है जिसका नाम है – ‘Pots for water of life’. आप जब इस project के बारे में जानोगे तो सोचेंगे कि क्या कमाल का काम है।

साथियो, मुपट्टम श्री नारायणन जी, गर्मी के दौरान पशु-पक्षियों, को पानी की दिक्कत ना हो, इसके लिए मिट्टी के बर्तन बांटने का अभियान चला रहे हैं। गर्मियों में वो पशु-पक्षियों की इस परेशानी को देखकर खुद भी परेशान हो उठते थे। फिर उन्होंने सोचा कि क्यों ना वो खुद ही मिट्टी के बर्तन बांटने शुरू कर दें ताकि दूसरों के पास उन बर्तनों में सिर्फ पानी भरने का ही काम रहे। आप हैरान रह जाएंगे कि नारायणन जी द्वारा बांटे गए बर्तनों का आंकड़ा एक लाख को पार करने जा रहा है। अपने अभियान में एक लाखवां बर्तन वो गांधी जी द्वारा स्थापित साबरमती आश्रम में दान करेंगे। आज जब गर्मी के मौसम ने दस्तक दे दी है, तो नारायणन जी का यह काम हम सब को ज़रूर प्रेरित करेगा और हम भी इस गर्मी में हमारे पशु-पक्षी मित्रों के लिए पानी की व्यवस्था करेंगे।

साथियो, मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं से भी आग्रह करूंगा कि हम अपने संकल्पों को फिर से दोहराएं। पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए हम जो भी कुछ कर सकते हैं, वो हमें जरूर करना चाहिए। इसके अलावा पानी की Recycling पर भी हमें उतना ही जोर देते रहना है। घर में इस्तेमाल किया हुआ जो पानी गमलों में काम आ सकता है, Gardening में काम आ सकता है, वो जरुर दोबारा इस्तेमाल किया जाना चाहिए। थोड़े से प्रयास से आप अपने घर में ऐसी व्यवस्थाएं बना सकते हैं। रहीमदास जी सदियों पहले, कुछ मकसद से ही कहकर गए हैं कि ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून’। और पानी बचाने के इस काम में मुझे बच्चों से बहुत उम्मीद है। स्वच्छता को जैसे हमारे बच्चों ने आंदोलन बनाया, वैसे ही वो ‘Water Warrior’ बनकर, पानी बचाने में मदद कर सकते हैं।

साथियो, हमारे देश में जल संरक्षण, जल स्रोतों की सुरक्षा, सदियों से समाज के स्वभाव का हिस्सा रहा है। मुझे खुशी है कि देश में बहुत से लोगों ने Water Conservation को life mission ही बना दिया है। जैसे चेन्नई के एक साथी हैं अरुण कृष्णमूर्ति जी ! अरुण जी अपने इलाके में तालाबों और झीलों को साफ करने का अभियान चला रहे हैं। उन्होंने 150 से ज्यादा तालाबों-झीलों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी उठाई और उसे सफलता के साथ पूरा किया। इसी तरह, महाराष्ट्र के एक साथी रोहन काले हैं। रोहन पेशे से एक HR Professional हैं। वो महाराष्ट्र के सैकड़ों Stepwells यानी सीढ़ी वाले पुराने कुओं के संरक्षण की मुहिम चला रहे हैं। इनमें से कई कुएं तो सैकड़ों साल पुराने होते हैं, और हमारी विरासत का हिस्सा होते हैं। सिकंदराबाद में बंसीलाल -पेट कुआँ एक ऐसा ही Stepwell है। बरसों की उपेक्षा के कारण ये stepwell मिट्टी और कचरे से ढक गया था। लेकिन अब वहाँ इस stepwell को पुनर्जीवित करने का अभियान जनभागीदारी से शुरू हुआ है।

साथियो, मैं तो उस राज्य से आता हूँ, जहाँ पानी की हमेशा बहुत कमी रही है। गुजरात में इन Stepwells को वाव कहते हैं। गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है। इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। पूरे गुजरात में अनेकों बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया। इससे इन इलाकों में वाटर लेवेल(water level) को बढ़ाने में भी काफी मदद मिली। ऐसे ही अभियान आप भी स्थानीय स्तर पर चला सकते हैं। Check Dam बनाने हों, Rain Water Harvesting हो, इसमें Individual प्रयास भी अहम हैं और Collective Efforts भी जरूरी हैं। जैसे आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। कुछ पुराने सरोवरों को सुधारा जा सकता है, कुछ नए सरोवर बनाए जा सकते हैं। मुझे विशवास है, आप इस दिशा में कुछ ना कुछ प्रयास जरूर करेंगे।

मरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ उसकी एक खूबसूरती ये भी है कि मुझे आपके सन्देश बहुत सी भाषाओं, बहुत सी बोलियों में मिलते हैं। कई लोग MYGOV पर Audio message भी भेजते हैं। भारत की संस्कृति, हमारी भाषाओं, हमारी बोलियाँ, हमारे रहन-सहन, खान-पान का विस्तार, ये सारी विविधताएँ हमारी बहुत बड़ी ताकत है। पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक भारत को यही विविधता, एक करके रखती हैं , एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाती हैं । इसमें भी हमारे ऐतिहासिक स्थलों और पौराणिक कथाओं, दोनों का बहुत योगदान होता है। आप सोच रहे होंगे कि ये बात मैं अभी आपसे क्यों कर रहा हूँ। इसकी वजह है “माधवपुर मेला”। माधवपुर मेला कहाँ लगता है, क्यों लगता है, कैसे ये भारत की विविधता से जुड़ा है, ये जानना मन की बात के श्रोताओं को बहुत Interesting लगेगा

साथियो, “माधवपुर मेला” गुजरात के पोरबंदर में समुद्र के पास माधवपुर गाँव में लगता है। लेकिन इसका हिन्दुस्तान के पूर्वी छोर से भी नाता जुड़ता है। आप सोच रहे होंगें कि ऐसा कैसे संभव है ? तो इसका भी उत्तर एक पौराणिक कथा से ही मिलता है। कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व भगवान् श्री कृष्ण का विवाह, नार्थ ईस्ट की राजकुमारी रुक्मणि से हुआ था। ये विवाह पोरबंदर के माधवपुर में संपन्न हुआ था और उसी विवाह के प्रतीक के रूप में आज भी वहां माधवपुर मेला लगता है। East और West का ये गहरा नाता, हमारी धरोहर है। समय के साथ अब लोगों के प्रयास से, माधवपुर मेले में नई- नई चीजें भी जुड़ रही हैं। हमारे यहाँ कन्या पक्ष को घराती कहा जाता है और इस मेले में अब नार्थ ईस्ट से बहुत से घराती भी आने लगे हैं| एक सप्ताह तक चलने वाले माधवपुर मेले में नार्थ ईस्ट के सभी राज्यों के आर्टिस्ट(artist) पहुंचते हैं, हेंडीक्राफ्ट(handicraft) से जुड़े कलाकार पहुंचतें हैं और इस मेले की रौनक को चार चाँद लग जाते हैं। एक सप्ताह तक भारत के पूरब और पश्चिम की संस्कृतियों का ये मेल, ये माधवपुर मेला, एक भारत – श्रेष्ठ भारत की बहुत सुन्दर मिसाल बना रहा है| मेरा आपसे आग्रह है, आप भी इस मेले के बारे में पढ़ें और जानें।

मेरे प्यारे देशवासियो, देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव, अब जन भागीदारी की नई मिसाल बन रहा है। कुछ दिन पहले 23 मार्च को शहीद दिवस पर देश के अलग – अलग कोने में अनेक समारोह हुए। देश ने अपनी आज़ादी के नायक- नायिकाओं को याद किया श्रद्धा पूर्वक याद किया। इसी दिन मुझे कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में बिप्लॉबी भारत गैलरी के लोकार्पण का भी अवसर मिला। भारत के वीर क्रांतिकारियों को श्रद्धांजली देने के लिए यह अपने आप में बहुत ही अनूठी गैलरी(gallery) है। यदि अवसर मिले, तो आप इसे देखने ज़रूर जाइयेगा।

साथियो, अप्रैल के महीने में हम दो महान विभूतियों की जयंती भी मनाएंगे। इन दोनों ने ही भारतीय समाज पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है। ये महान विभूतियाँ हैं- महात्मा फुले और बाबा साहब अम्बेडकर। महात्मा फुले की जयंती 11 अप्रैल को है और बाबा साहब की जयंती हम 14 अप्रैल को मनाएंगे। इन दोनों ही महापुरुषों ने भेदभाव और असमानता के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी। महात्मा फुले ने उस दौर में बेटियों के लिए स्कूल खोले, कन्या शिशु हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने जल – संकट से मुक्ति दिलाने के लिए भी बड़े अभियान चलाये।

साथियो, महात्मा फुले की इस चर्चा में सावित्रीबाई फुले जी का भी उल्लेख उतना ही ज़रूरी है। सावित्रीबाई फुले ने कई सामाजिक संस्थाओं के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई। एक शिक्षिका और एक समाज सुधारक के रूप में उन्होंने समाज को जागरूक भी किया और उसका हौंसला भी बढाया। दोनों ने साथ मिलकर सत्यशोधक समाज की स्थापना की। जन-जन के सशक्तिकरण के प्रयास किए। हमें बाबा साहब अम्बेडकर के कार्यों में भी महात्मा फुले के प्रभाव साफ़ दिखाई देते हैं। वो कहते भी थे कि किसी भी समाज के विकास का आकलन उस समाज में महिलाओं की स्थिति को देख कर किया जा सकता है। महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए, मैं सभी माता –पिता और अभिभावकों से अनुरोध करता हूँ कि वे बेटियों को ज़रूर पढ़ायें। बेटियों का स्कूल में दाखिला बढ़ाने के लिए कुछ दिन पहले ही कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव भी शुरू किया गया है, जिन बेटियों की पढाई किसी वजह से छूट गई है, उन्हें दोबारा स्कूल लाने पर फोकस(focus) किया जा रहा है।

साथियो, ये हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि हमें बाबासाहेब से जुड़े पंच तीर्थ के लिए कार्य करने का भी अवसर मिला है। उनका जन्म-स्थान महू हो, मुंबई में चैत्यभूमि हो, लंदन का उनका घर हो, नागपुर की दीक्षा भूमि हो, या दिल्ली में बाबासाहेब का महा-परिनिर्वाण स्थल, मुझे सभी जगहों पर, सभी तीर्थों पर जाने का सौभाग्य मिला है। मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं से आग्रह करूँगा कि वे महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले और बाबासाहेब अम्बेडकर से जुड़ी जगहों के दर्शन करने जरुर जाएँ। आपको वहाँ बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में इस बार भी हमने अनेक विषयों पर बात की। अगले महीने बहुत से पर्व-त्योहार आ रहे हैं। कुछ ही दिन बात ही नवरात्र है। नवरात्र में हम व्रत-उपवास, शक्ति की साधना करते हैं, शक्ति की पूजा करते हैं, यानी हमारी परम्पराएं हमें उल्लास भी सिखाती हैं और संयम भी। संयम और तप भी हमारे लिए पर्व ही है, इसलिए नवरात्र हमेशा से हम सभी के लिए बहुत विशेष रही है। नवरात्र के पहले ही दिन गुड़ी पड़वा का पर्व भी है। अप्रैल में ही Easter भी आता है और रमजान के पवित्र दिन भी शुरू हो रहे हैं। हम सबको साथ लेकर अपने पर्व मनाएँ, भारत की विविधता को सशक्त करें, सबकी यही कामना है। इस बार ‘मन की बात’ में इतना ही। अगले महीने आपसे नए विषयों के साथ फिर मुलाकात होगी। बहुत-बहुत धन्यवाद।

मन की बात*

🙏🏻ॐनम शिवाय हर हर महादेव🙏🏻*

 *पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक – 28 मार्च 2022*

⛅ *दिन – सोमवार*

⛅ *विक्रम संवत – 2078*

⛅ *शक संवत -1943*

⛅ *अयन – उत्तरायण*

⛅ *ऋतु – वसंत ऋतु* 

⛅ *मास – चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – फाल्गुन)*

⛅ *पक्ष – कृष्ण* 

⛅ *तिथि – एकादशी शाम 04:15 तक तत्पश्चात द्वादशी*

⛅ *नक्षत्र – श्रवण दोपहर 12:24 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*

⛅ *योग – सिद्ध शाम 05:40 तक तत्पश्चात साध्य*

⛅ *राहुकाल – सुबह 08:08 से सुबह 09:40 तक* 

⛅ *सूर्योदय – 06:36*

⛅ *सूर्यास्त – 18:50*

⛅ *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण – पापमोचनी एकादशी*

💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*

💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*

💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*

💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*

          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

 

🌷 *पापमोचनी एकादशी* 🌷

➡ *27 मार्च 2022 रविवार को शाम 06:05 से 28 मार्च, सोमवार को शाम 04:15 तक एकादशी है ।* 

💥 *विशेष – 28 मार्च, सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*

🙏🏻 *जो श्रेष्ठ मनुष्य ‘पापमोचनी एकादशी’ का व्रत करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । इसको पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है । ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी, सुरापान और गुरुपत्नीगमन करनेवाले महापातकी भी इस व्रत को करने से पापमुक्त हो जाते हैं । यह व्रत बहुत पुण्यमय है ।*

🙏🏻 *एकादशी महात्मय पुस्तक से*

          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

 

🌷 *आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो* 🌷

➡ *29 मार्च 2022 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।*

🙏🏻 *किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :*

👉🏻 *ये मंत्र बोले :–*

🌷 *ॐ भौमाय नमः*

🌷 *ॐ मंगलाय नमः*

🌷 *ॐ भुजाय नमः*

🌷 *ॐ रुन्ह्र्ताय नमः*

🌷 *ॐ भूमिपुत्राय नमः*

🌷 *ॐ अंगारकाय नमः*

👉🏻 *और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-*

🌷 *धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |*

*कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||*

🙏🏻 *सुरेशनंदजी*

          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

 

 🌷 *कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत* 🌷

🙏🏻 *त्रयोदशी को मंगलवार उसे भौम प्रदोष कहते हैं ….इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –*

🌷 *मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्।* *जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।*     

🙏🏻 *श्री सुरेशानंदजी – हरिद्वार 29th March’10*

 

📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*

📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*

               

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

            आज का राशिफल

           🐐🐂💏💮🐅👩

            〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन व्यापारी वर्ग को लाभदायक सौदे मिलेंगे। भविष्य की योजनाओं पर भी धन का निवेश करेंगे साथ ही बचत भी कर पाएंगे। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर भी आपके कार्य निर्विघ्न चलते रहेंगे परन्तु बीच-बीच में सहकर्मियो के कारण थोड़ी असुविधा बन सकती है। धन लाभ आशा के अनुरूप हो जाएगा कार्य के नए क्षेत्र मिलेंगे। मित्र स्वयजनो के साथ धार्मिक यात्रा के योग भी बनेंगे। महिला वर्ग सेहत को लेकर परेशान रह सकती है थकान अधिक रहेगी स्वभाव में भी चिड़चिड़ा पन रहने से घरेलु कार्य अस्त-व्यस्त रहेंगे। सन्तान पढ़ाई पर कम ध्यान देंगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन प्रत्येक क्षेत्र से आनंद की प्राप्ति कराएगा। आज आपके अधिकांश कार्य पहले से निर्धारित रहेंगे जिससे दुविधा की स्थिति से बचेंगे। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र की गतिविधियों से संतुष्ट रहेंगे लेकिन थोड़ी देर के लिए सहकर्मियो से नाराजगी के प्रसंग अव्यवस्था कर सकते है। सरकारी कार्यो में निश्चित सफलता मिलेगी परंतु पैतृक सम्बंधित मामले किसी अन्य के कारण अनिश्चित रहेंगे। महिलाये गृहस्थ की गलतफहमियों में सुधार कर वातावरण खुशहाल बनाएंगी घर में मान बढेगा। धार्मिक कार्यो में जितनी आस्था रहेगी उसके अनुरूप समय नहीं दे पाएंगे। 

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आपका आज का दिन सामान्य रहेगा फिर भी कार्यो को अधिक बेहतर बनाने का प्रयास अवश्य करें। स्वास्थ्य सम्बंधित शिकायते रहेंगी रक्त विकार, जोड़ो अथवा सूजन सम्बंधित समस्या रह सकती है। कार्यो में भी मन कम् ही लगेगा धन की कमी के कारण मन उदास रहेगा परन्तु फिर भी आज के दिन धन से ज्यादा आपसी संबंधों को ज्यादा महत्त्व दें आगे के लिए लाभदायक एवं शांति स्थापना के लिए आवश्यक है। नौकरी व्यवसाय में लापरवाही के कारण हानि के योग भी है अधिक सावधानी बरतें। सामाजिक रिश्तों में कड़वाहट आएगी। गृहस्थ जीवन मिश्रित रहेगा। महिलाओं का नरम व्यवहार शांति स्थापित करने में मदद करेगा।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आजका दिन आपके पक्ष में रहेगा। मन की कल्पनाएं काफी हद तक साकार होने की संभावनाएं रहेंगी। आपके विचार भी लोगो को आकर्षित करेंगे। दो पक्षो के झगडे में मध्यस्थता कर सकते है निर्णय निष्पक्ष देने से सम्मान मिलेगा। कार्य व्यवसाय में प्रारंभिक अड़चनों के बाद आय के साधन सुलभ होंगे। आज कई दिनों से मन में चल रही व्यावसायिक योजना को दिशा मिलने से आय के नविन स्त्रोत्र बनेंगे। जोखिम वाले कार्यो में निवेश बेहिचक कर सकते है भविष्य के लिए लाभदायक रहेंगे। महिलाये पूजा-पाठ के कार्यो में अधिक व्यस्त रहेंगी साथ ही सेहत का ध्यान भी रखें।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप जहाँ भी रहेंगे वहीँ आलस्य प्रमाद फैलाएंगे। आर्थिक लाभ की उम्मीद न एक बराबर रहेगी परन्तु खर्चो में कमी लाने में सफल रहेंगे जिससे धन सम्बंधित समस्या नहीं बनेगी। दिनचर्या के अधिकांश कार्य परिजनों के सहयोग द्वारा पूर्ण हो जाएंगे। दोपहर के बाद किसी आवश्यक कार्य के पूर्ण होने से राहत मिलेगी। घर की महिलाओं से मामूली बात पर नोक झोंक हो सकती है फिर भी शांति बनी रहेगी। सन्तानो से मित्रवत व्यवहार रहेगा। रिश्तेदारो के विषय में कोई अप्रिय समाचार मिलने से थोड़े समय की चिंता बनेगी। संध्या का समय पूरे दिन की अपेक्षा सुख दायक रहेगा।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आपके मन में अनेक योजनाएं बनती रहेंगी लेकिन इनको समय अथवा धन अभाव के कारण साकार रूप नहीं दे पाएंगे। आर्थिक लाभ परिश्रम के बाद भी अल्प रहेगा खर्च भी आज ज्यादा नहीं रहने से एक समस्या कम रहेगी। सरकारी अथवा जमीन सम्बंधित कार्यो में आज देर ना करें अन्यथा लंबे समय के लिए टल सकते है। सामाजिक क्षेत्र से प्रसिद्धि मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर मंदी के चलते आर्थिक समस्याओं के कारण मानसिक रूप से विचलित रहेंगे। जोखिम के कार्यो में निवेश पहले हानि परन्तु बाद में लाभदायक सिद्ध होगा। पारिवारिक वातावरण में पहले की अपेक्षा सुधार होगा। 

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपके द्वारा लिये निर्णय प्रेमीजनों से राग द्वेष की भावना बना सकते है। स्वभाव में दिखावे की प्रवृति रहेगी। बेवजह के खर्च आर्थिक समस्या बनाएंगे। आस पड़ोसियों से भी अहम् को लेकर टकराव हो सकता है किसी भी प्रकार की गंभीर परिस्थिति से बचने के लिए बुद्धि विवेक जाग्रत रखें। व्यवसाय में बदलाव अथवा निवेश अनुभवी व्यक्ति की सलाह से ही करें। दिन की विपरीत परिस्थितियों में घर के बुजुर्ग सहायक बनेंगे। महिला वर्ग से नीरसता युक्त सम्बन्ध रहेंगे दाम्पत्य में सामंजस्य बैठाने में कठिनाई आएगी। आर्थिक विषयो के कारण यात्रा करनी पड़ेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आपको आकस्मिक लाभ की सम्भावनाये बन रही है। जोखिम वाले कार्यो से डर लगेगा परन्तु शीघ्र ही इसके बेहतर परिणाम मिल सकते है। आज किसी अनजान व्यक्ति से उधार का व्यवहार ना करें डूबने की आशंका है परंतु उधारी चुकाने के लिए दिन उत्तम है। धन लाभ रुक रुक कर होगा खर्च भी विशेष रहेंगे फिर भी कई दिनों का कोटा पूर्ण कर लेंगे। संध्या तक व्यावसायिक कार्यो से निश्चिन्त हो सकेंगे। नौकरी पेशा जातको को आज कार्य क्षेत्र पर तालमेल बैठाने में संघर्ष करना पड़ेगा। अधिकारी वर्ग अकारण नाराज रहेंगे। दाम्पत्य जीवन में थोड़े उतार-चढाव आ सकते है।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन भी अधिकांश समय परिस्थिति चिंता मुक्त रहेगी। लेकिन भ्रामक खबरों पर देख-भाल कर ही यकीन करें अन्यथा जल्दबाजी में गलत निर्णय हानि करा सकता है। कार्य व्यवसाय में किसी के बेवजह दखल देने से दुविधा में पड़ सकते है बुजुर्ग व्यक्ति ही इससे बाहर निकालने में मददगार बनेंगे। आज स्वयं के लिए निर्णय ज्यादा प्रभावी साबित होंगे प्रलोभनो से बच कर रहें। धन लाभ जरुरत के अनुसार अवश्य हो जाएगा। महिला वर्ग आज किसी काम के बिगड़ने से चिंतित रहेंगी परन्तु थोड़े अतिरिक्त श्रम के बाद स्थिति सामान्य बन जायेगी। संतानो के ऊपर नजर रखना आवश्यक है।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आपमें चंचलता अधिक रहेगी बेकार के विषयों में मन भटकेगा परन्तु निकट भविष्य में धन लाभ के प्रबल योग भी बन रहे है आज अपनी तरफ से व्यवहारिकता में कमी ना आने दें इससे लाभदायक संपर्क बनेंगे। परिजनों से व्यर्थ की बातों पर बहस होगी कार्य क्षेत्र पर निर्णय लेने की क्षमता कम रहेगी आर्थिक विषयो में सफलता पाने के लिए आज किसी की सहायता लेनी पड़ेगी। दोपहर तक स्वास्थ्य ठीक रहेगा इसके बाद थकान शिथिलता बनेगी। व्यापार में वर्तमान स्थिति बनाये रखें निवेश आज ना करें। दाम्पत्य जीवन में समरसता की कमी रह सकती है। 

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आपको विविध कष्टो का सामना करना पड़ेगा। मन समाज में वर्जित कार्यो की और अधिक आकर्षित रहेगा जिससे घर में कलह हो सकती है सामाजिक क्षेत्र पर भी आलोचना होगी। व्यवहार में कटुता एवं स्वार्थ सिद्धि की भावना अधिक रहेगी। अधिकारी वर्ग से काम निकालने के लिए चाटुकारिता का सहारा लेना पड़ेगा लेकिन फिर भी कार्य सफलता निश्चित नहीं रहेगी। दोपहर के बाद सम्मानित व्यक्ति अथवा महिला के सहयोग से धन लाभ हो सकता है। नए कार्य का आरम्भ फिलहाल निरस्त करें पुराने अधूरे कार्यो को प्राथमिकता से पूर्ण करें अन्यथा धन की आमद रूक जायेगी। घरेलु कार्यो की अनदेखी अशांति का कारण बन सकती है।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज आप अपने महत्त्वपूर्ण कार्यो में सफलता पाने के लिये जी जान से प्रयत्न करेंगे आरम्भ में इनमे असफलता नजर आएगी परन्तु मध्यान के बाद परिश्रम का फल मध्यम ही सही लेकिन अवश्य मिलेगा। मन भटकेगा भी परन्तु एकाग्र होकर कार्यो में लगे रहें। व्यवसाय में आज जिस योजना पर कार्य करेंगे निकट भविष्य में वह धन लाभ कराएगा। घर एवं बाहर बडबोलेपन के कारण सम्मान हानि हो सकती है आवश्यकता से अधिक ना बोलें। घरेलु कार्यो के कारण अतिरिक्त श्रम करना पड़ेगा। महिला वर्ग पारिवारिक सम्बन्धो को जोड़े रखने में सहायक रहेंगी। आर्थिक कारणों से आज किसी से ना उलझें। 

     

     🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

   〰〰〰🙏राधे राधे🙏〰〰〰     

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

इतिहास में तीन बार हिन्दुओ का अस्तित्व समाप्त होने ही वाला था। वो समस्याएं आज के परिदृश्य से ज्यादा भयानक थी क्योकि उस समय हिन्दुओ को जोड़ने के लिये कोई सोशल मीडिया नही था।

पहली चुनौती थी बौद्ध धम्म की, बौद्ध धम्म भले ही कोई अलग धर्म नही था मगर उसने भारतवासियों में अहिंसा का जो बीज बोया उसने भारत को लंबे समय तक कष्ट दिया। अनजाने में सनातन धर्म संस्कृति और मंदिरों को भी क्षति पंहुंचाई। तब पुष्यमित्र शुंग हुए, जिन्होंने मगध की सत्ता पर कब्जा किया और पुनः वैदिक क्रांति का संचार किया।

भारतियों ने फिर से शस्त्र उठाकर लड़ना शुरू किया और सदियों तक भारत की रक्षा की, पर जिन इलाकों में बौद्ध धम्म प्रबल रहा वो इलाके अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रूप में अब इस्लामिक है।

दूसरा सबसे भयानक दौर था जब 1576 में हल्दीघाटी में अकबर की विजय हुई, महाराणा प्रताप के बाद अब कोई हिन्दू राजा शेष नही था जो उसे चुनौती देता पर अकबर 1581 तक काबुल के अभियानों में उलझा रहा और धीरे धीरे इस्लाम से उसका मोह भंग होता गया। कहने को अकबर का काल लगभग 50 वर्ष का था मगर वह इस्लामिक क्रांति के लिये कुछ खास नही था।

सबसे भयानक काल था औरंगजेब का, औरंगजेब ने भी 50 साल राज किया और शुरू के 25 वर्ष उसने सिर्फ रक्तपात किया। मार मार मुसलमान की नीति के बदौलत उसने अफगानिस्तान, पंजाब और कश्मीर में हिन्दुओ के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। गुरु तेग बहादुर जी और महाराज गोकुल सिंह जाट को इस्लाम के नाम पर कत्ल कर दिया।

1681 में उसे छत्रपति संभाजी महाराज ने चुनौती दी। यहाँ औरंगजेब ने गलती की उसने मराठो को खत्म करने की प्रतिज्ञा ली और संभाजी से लड़ने महाराष्ट्र आ गया, अकबर ने अंतिम 25 वर्ष दीन ए इलाही धर्म अपनाया था वही औरंगजेब ने अंतिम 27 वर्ष तक मराठो से युद्ध किया। परिणाम ये हुआ कि मराठे विजयी हुए और औरंगजेब मर गया।

पांडवों की जिस दिल्ली को विदेशी ताकतों ने नोच नोच कर खाया उसी दिल्ली को 1737 में पेशवा बाजीराव ने आजाद किया और 20 साल बाद उनके पुत्र पेशवा बालाजीराव ने उसी दिल्ली में हिन्दू स्वराज्य स्थापित किया।

इन तीन घटनाओं का तात्पर्य यह है कि भारत कभी इस्लामिक देश नही बनेगा ना ही हिन्दू प्रभाव से शून्य होगा। जो लोग बिहार के एक एमएलए से डरे हुए है वे ना डरे बल्कि ये तो मौका है वो खुद ही को नंगा कर रहे है आपको तो बस उनकी तस्वीरें वायरल करना है। मुसलमानो को हिंदुस्तान शब्द से नफरत है ये बात कोई हिंदूवादी ना जानता हो मैं तो ऐसा नही मानता।

तो इसमें घबराने की बात क्या है? हो सकता है इस देश पर कभी उनका प्रभाव ज्यादा हो जाये हो सकता है इस देश मे शरिया भी आ जाये मगर अपने पूर्वजों पर भरोसा रखिये हम फिर से उठेंगे। 1657 में जब औरंगजेब बादशाह बना था तब किसने सोचा था कि 100 साल बाद 1757 में मुगल ही खत्म हो जाएंगे इसी तरह 2020 में किसने सोचा है कि 2120 में क्या होगा???

जब छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी सेना बनाई थी तब उसमें सिर्फ 50 मराठा सैनिक थे, जब गोकुल सिंह जाट खड़े हुए थे उनके साथ मात्र 40 जाट थे, जब गुरु हरगोविंद सिंह जी ने आहवाहन किया था तब उनके साथ मात्र 25 सिख थे। हेडगेवार जी का संघ 5 स्वयंसेवको से शुरू हुआ था।

मगर आज देखिये इन सभी के नाम पर आर्मी रेजीमेंटस और विशाल संगठन है। बात ये नही है कि आपका अंतिम लक्ष्य क्या है बात ये है कि आप लोगो को प्रेरित करते है या हतोत्साहित, जब दिल्ली पर मराठाओ का शासन आया तब तक शिवाजी महाराज के स्वर्गवास को 70 वर्ष हो चुके थे पर जो शुरुआत उन्होंने की वो हमें सीखना चाहिए। अपने ही भाइयों का उत्साह कम ना करे।

गीता का वह संदेश सदैव याद रहे “हम थे भी, हम है भी और हम होंगे भी”
आपसे निवेदन करता हूं इस पोस्ट को हलके में न ले

आपके पास जितने भी ग्रुप है उस सभी ग्रुप में ये पोस्ट भेजे आपका आभार धन्यवाद होगा

मैंने तो मेरा कर्तव्य निभा दिया अब आपकी बारी देश सर्वोपरि थोड़ा समय निकालकर पोस्ट जरूर पढ़ें सोचें कि
हिन्दू एकता क्यों जरूरी है!🙏

वे सभी हमारी एकता से घबराये हुए हैं!

पिछले *4* सालों में *7* से *19* राज्यों में पैर पसारते *BJP* से सहमे हुए हैं!

ओड़िशा-बंगाल से तमिलनाडु तक की राजनीति में मोदी की धमक से डरे हैं!

उन्हें मालूम है कि अगले दो सालों में अगर मोदी जी के विजयरथ को नहीं रोका गया तो हिन्दू शक्तिशाली हो जायेंगे .

उनके लिए तो अगला वर्ष अस्तित्व की लढाई के हैं!

हिन्दू वोट बैंक को क्षत – विक्षत करने का हर हथकंडा अपनाया गया!
बरसों की जातिवादी – तुष्टिकरण की राजनीती को यूँ बर्बाद होते देखना उनके लिए असहनीय है!

शुरुआत *JNU* – *मूलनिवासी* – *बेमुला* – *अख़लाक़* से की गयी, कभी गुजरात के *दलितों* – *पटेलों* को भड़काया,

तो कभी हरियाणा के *जाटों* को

और कभी महाराष्ट्र के मराठो और दलित को!

विरोधी खुलकर मैदान में हैं!

वे चाहते हैं कि आप लड़ें, *सवर्ण-दलित* लड़े,
*जाट* – *सैनी* –
*मराठा* – *पटेल* –
*यादव* – *राजपूत* –
*ब्राह्मण* – *जाटव* –
*बुनकर* – *कुम्भार*
सब आपस में कट मरें!
उन्हें बस आपके टूटने का इंतज़ार है!

वे पाकिस्तान से मोदी जी को हटाने की मिन्नत कर चुके हैं!

सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश रोज की जाती है!

उन्होंने *आतंकी* – *नक्सली* – *हुर्रियत* – *पत्थरबाज* तक का भी समर्थन करके देख लिया!
*EVM* और *इलेक्शन* *कमीशन*, *CBI* जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर ऊँगली उठा चुके!

तैयार रहिये अगले साल इनसे भी बिकट परिस्थितियाँ खड़ी की जाएँगी! आपको उकसाने – भडकाने का हर संभव प्रयास किया जायेगा!
सोशल मीडिया की जागरूकता से अब तक उनके सारे पासे उलटे पड़ रहे हैं!

सदियों के बाद आई है यह समग्र *हिन्दू – एकता* इसे यूँ न खोने दें!

हम सबको व्यक्तिगत दुश्मनी और घमंड की लड़ाई को छोड़कर इस एकजुटता को बनाए रखने का समय है।

आँखें पूरी खोलिए भाईयो…. 🙏🏽

याद रखिये, निशाने पर न ब्राह्मण है,
न जैन है, न मराठा है, न वैश्य है, न राजपूत है,
न गुर्जर है,न दलित है,न पिछड़े है ।
स्थान और अवसर के अनुसार जातियां बदलेगी, क्योंकि…

*निशाने पर हिन्दू है, निशाने पर हिन्दू धर्म है,
निशाने पर भारत है, निशाने पर भारतीयता है ।*
इनको तोड़ना ही उनका मकसद है।

वो *JNU* वाला नारा याद है न ?
“भारत तेरे टुकड़े होंगे ..इंशा अल्लाह…इंशा अल्लाह”

देशविरोधी और हिन्दू विरोधी शक्तियाँ अपना काम शुरू कर चुकी है। अब बारी हमारी ओर आपकी हैं ।

और हमे और आपको केवल और केवल इतना ही करना है कि जातिवाद, ऊंच- नीच, अगड़े -पिछड़े, भाषावाद, क्षेत्रवाद आदि सभी तरह के भेदभाव भुलाकर संगठित एक रहना है, संगठित रहना है ।

भूल जाइए आप ब्राह्मण हैं, बनिया हैं या ठाकुर हैं, SC/ST या बाल्मीकि हैं। जाति व्यवस्था सनातन धर्म संस्कृति का अंग ही नहीं है यह मुगलों और अंग्रेजों द्वारा रचित विभाजन कारी षड्यंत्र भर था जिसे हमारे संविधान में अंगीकृत कर लिया गया। हम सब चारों वर्णों में हिन्दू हैं । बात यहीं तक सीमित नहीं है। सनातन धर्म संस्कृति ही राष्ट्र की अखंडता और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी भी है ।