क्या कहते हैं राष्ट्रपति के आंसू?


 प्रस्तुति –  हरीश मैखुरी

दिन 26 जनवरी 2018 दिल्ली राज पथ – वायुसेना के गरुड़ कमांडो रहे शहीद ज्योति प्रकाश निराला को देश का सर्वोच्च वीरता सम्मान अशोक चक्र को ज्योति प्रकाश निराला की पत्नी व मां को प्रदान करते समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आंखों से आंसू निकल पड़े। यह सामान्य घटनाक्रम नहीं थी । इससे पहले भी ऐसे सम्मान देश के शहीद सैनिकों को राष्ट्रपति द्वारा दिये जाते रहे हैं किन्तु किसी राष्ट्रपति को इस तरह भावुक होते सम्भवतः पहली बार देखा गया। यह राष्ट्र के लिए शुभ संकेत है कि देश के सर्वोच्च पद पर इतना संवेदनशील व्यक्तित्व विराजमान है जो आम नागरिक की पीड़ा को इतनी गहराई से अनुभव करता है और उससे जुड़ जाता है।


जुलाई 2017 में देश का राष्ट्रपति बने,  1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने रामनाथ कोविंद को अपना सचिव बनाकर उनकी योग्यता क्षमता की पुष्टि 40 वर्ष पूर्व ही कर दी थी,  अत्यन्त निर्धन दलित परिवार में जन्म लेकर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचे सीधे सरल सहज और संवेदनशील रामनाथ कोविंद जी की यह सफलता राष्ट्रीय उपलब्धि से कम नहीं और उनकी जैसी संवेदनशीलता की भारतीय नेताओं को प्रत्येक स्तर पर आवश्यकता है। कोविंद के आंसुओं का संकेत साफ है कि अब देश के जवानों का बलिदान बेकार नहीं जायेगा।