बिगब्रेकिंग : चमोली जनपद के रतूड़ा गांव में उत्तराखंड के पहले संस्कृत एवं संस्कृति केंद्र का हुआ शुभारंभ

चमोली :-कर्णप्रयाग (अरूण रतूड़ी): उत्तराखंड के सांस्कृतिक इतिहास में आज एक मील का पत्थर और जुड़ गया। जनपद चमोली के कर्णप्रयाग तहसील में स्थित राज्य के तीसरे संस्कृत ग्राम रतूड़ा को आज एक और नई पहचान मिल गई है। सोमवार को रतूड़ा गांव में कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में राज्य के पहले संस्कृत एवं संस्कृति केंद्र का शिलान्यास किया गया। संस्कृत एवं संस्कृति केंद्र के शिलान्यास के अवसर पर रतूड़ा गांव के धार में विधिवित पूजा-पाठ और मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन भी किया गया।
इस मौके पर विनोद प्रसाद रतूड़ी (आईएएस), सचिव, संस्कृत शिक्षा एवं भाषा विभाग, उत्तराखंड शासन, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के कुलपति डा. डी. पी. त्रिपाठी, गिरीश कुमार अवस्थि, सचिव, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा के निदेशक डा. शिव प्रसाद खाली, शिक्षाविद एवं प्रवक्ता शंभू प्रसाद रतूड़ी, तहसीलदार (कर्णप्रयाग) सुरेंद्र सिंह समेत शासन के जुड़े अन्य अधिकारियों और अन्य गणमान्य लोगों ने संस्कृत एवं संस्कृति केंद्र के भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस तरह के प्रयास से ना केवल उत्तराखंड का सांस्कृतिक और संस्कृत शिक्षा का वैभव वापस लौट लौटेगा अपितु देश के लिए भी संस्कृति और संस्कृत के उत्थान के लिए एक उदाहरण बन कर उभरेगा। जिस प्रकार से उत्तराखंड के सचिव सरकार के सचिव विनोद रतूड़ी और संस्कृत निदेशक डॉ शिव प्रसाद खाली संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं वह अभूतपूर्व है।