आज का पंचाग आपका राशि फल, वन वास के समय भगवान राम का अयोध्या से श्रीलंका तक का मार्ग, जहां भगवान के चरण छुए धरती मां ने वहीं बन गयी तीर्थ

1.तमसा नदी* : अयोध्या से 20 किमी दूर है तमसा नदी। यहां पर उन्होंने नाव से नदी पार की।

2.श्रृंगवेरपुर तीर्थ* : प्रयागराज से 20-22 किलोमीटर दूर वे श्रृंगवेरपुर पहुंचे, जो निषादराज गुह का राज्य था। यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार करने को कहा था। श्रृंगवेरपुर को वर्तमान में सिंगरौर कहा जाता है।

3.कुरई गांव* : सिंगरौर में गंगा पार कर श्रीराम कुरई में रुके थे।

*4.प्रयाग*: कुरई से आगे चलकर श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सहित प्रयाग पहुंचे थे। कुछ महीने पहले तक प्रयाग को इलाहाबाद कहा जाता था ।

*5.चित्रकूणट* : प्रभु श्रीराम ने प्रयाग संगम के समीप यमुना नदी को पार किया और फिर पहुंच गए चित्रकूट। चित्रकूट वह स्थान है, जहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचते हैं। तब जब दशरथ का देहांत हो जाता है। भारत यहां से राम की चरण पादुका ले जाकर उनकी चरण पादुका रखकर राज्य करते हैं।

*6.सतना*: चित्रकूट के पास ही सतना (मध्यप्रदेश) स्थित अत्रि ऋषि का आश्रम था। हालांकि अनुसूइया पति महर्षि अत्रि चित्रकूट के तपोवन में रहा करते थे, लेकिन सतना में ‘रामवन’ नामक स्थान पर भी श्रीराम रुके थे, जहां ऋषि अत्रि का एक ओर आश्रम था।

*7.दंडकारण्य*: चित्रकूट से निकलकर श्रीराम घने वन में पहुंच गए। असल में यहीं था उनका वनवास। इस वन को उस काल में दंडकारण्य कहा जाता था। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर दंडकाराण्य था। दंडकारण्य में छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आंध्रप्रदेश राज्यों के अधिकतर हिस्से शामिल हैं। दरअसल, उड़ीसा की महानदी के इस पास से गोदावरी तक दंडकारण्य का क्षेत्र फैला हुआ था। इसी दंडकारण्य का ही हिस्सा है आंध्रप्रदेश का एक शहर भद्राचलम। गोदावरी नदी के तट पर बसा यह शहर सीता-रामचंद्र मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भद्रगिरि पर्वत पर है। कहा जाता है कि श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान कुछ दिन इस भद्रगिरि पर्वत पर ही बिताए थे। स्थानीय मान्यता के मुताबिक दंडकारण्य के आकाश में ही रावण और जटायु का युद्ध हुआ था और जटायु के कुछ अंग दंडकारण्य में आ गिरे थे। ऐसा माना जाता है कि दुनियाभर में सिर्फ यहीं पर जटायु का एकमात्र मंदिर है।

*8.पंचवटी नासिक* : दण्डकारण्य में मुनियों के आश्रमों में रहने के बाद श्रीराम अगस्त्य मुनि के आश्रम गए। यह आश्रम नासिक के पंचवटी क्षे‍त्र में है जो गोदावरी नदी के किनारे बसा है। यहीं पर लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी। राम-लक्ष्मण ने खर व दूषण के साथ युद्ध किया था। गिद्धराज जटायु से श्रीराम की मैत्री भी यहीं हुई थी। वाल्मीकि रामायण, अरण्यकांड में पंचवटी का मनोहर वर्णन मिलता है।

*9.सर्वतीर्थ*: नासिक क्षेत्र में शूर्पणखा, मारीच और खर व दूषण के वध के बाद ही रावण ने सीता का हरण किया और जटायु का भी वध किया था जिसकी स्मृति नासिक से 56 किमी दूर ताकेड गांव में ‘सर्वतीर्थ’ नामक स्थान पर आज भी संरक्षित है। जटायु की मृत्यु सर्वतीर्थ नाम के स्थान पर हुई, जो नासिक जिले के इगतपुरी तहसील के ताकेड गांव में मौजूद है। इस स्थान को सर्वतीर्थ इसलिए कहा गया, क्योंकि यहीं पर मरणासन्न जटायु ने सीता माता के बारे में बताया। रामजी ने यहां जटायु का अंतिम संस्कार करके पिता और जटायु का श्राद्ध-तर्पण किया था। इसी तीर्थ पर लक्ष्मण रेखा थी।

*10.पर्णशाला:* पर्णशाला आंध्रप्रदेश में खम्माम जिले के भद्राचलम में स्थित है। रामालय से लगभग 1 घंटे की दूरी पर स्थित पर्णशाला को ‘पनशाला’ या ‘पनसाला’ भी कहते हैं। पर्णशाला गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है कि यही वह स्थान है, जहां से सीताजी का हरण हुआ था। हालांकि कुछ मानते हैं कि इस स्थान पर रावण ने अपना विमान उतारा था। इस स्थल से ही रावण ने सीता को पुष्पक विमान में बिठाया था यानी सीताजी ने धरती यहां छोड़ी थी। इसी से वास्तविक हरण का स्थल यह माना जाता है। यहां पर राम-सीता का प्राचीन मंदिर है।

*11.तुंगभद्रा*: सर्वतीर्थ और पर्णशाला के बाद श्रीराम-लक्ष्मण सीता की खोज में तुंगभद्रा तथा कावेरी नदियों के क्षेत्र में पहुंच गए। तुंगभद्रा एवं कावेरी नदी क्षेत्रों के अनेक स्थलों पर वे सीता की खोज में गए।

*12.शबरी का आश्रम* : तुंगभद्रा और कावेरी नदी को पार करते हुए राम और लक्ष्‍मण चले सीता की खोज में। जटायु और कबंध से मिलने के पश्‍चात वे ऋष्यमूक पर्वत पहुंचे। रास्ते में वे पम्पा नदी के पास शबरी आश्रम भी गए, जो आजकल केरल में स्थित है। शबरी जाति से भीलनी थीं और उनका नाम था श्रमणा। ‘पम्पा’ तुंगभद्रा नदी का पुराना नाम है। इसी नदी के किनारे पर हम्पी बसा हुआ है। पौराणिक ग्रंथ ‘रामायण’ में हम्पी का उल्लेख वानर राज्य किष्किंधा की राजधानी के तौर पर किया गया है। केरल का प्रसिद्ध ‘सबरिमलय मंदिर’ तीर्थ इसी नदी के तट पर स्थित है।

*13.ऋष्यमूक पर्वत* : मलय पर्वत और चंदन वनों को पार करते हुए वे ऋष्यमूक पर्वत की ओर बढ़े। यहां उन्होंने हनुमान और सुग्रीव से भेंट की, सीता के आभूषणों को देखा और श्रीराम ने बाली का वध किया। ऋष्यमूक पर्वत वाल्मीकि रामायण में वर्णित वानरों की राजधानी किष्किंधा के निकट स्थित था। ऋष्यमूक पर्वत तथा किष्किंधा नगर कर्नाटक के हम्पी, जिला बेल्लारी में स्थित है। पास की पहाड़ी को ‘मतंग पर्वत’ माना जाता है। इसी पर्वत पर मतंग ऋषि का आश्रम था जो हनुमानजी के गुरु थे।

*14.कोडीकरई* : हनुमान और सुग्रीव से मिलने के बाद श्रीराम ने वानर सेना का गठन किया और लंका की ओर चल पड़े। तमिलनाडु की एक लंबी तटरेखा है, जो लगभग 1,000 किमी तक विस्‍तारित है। कोडीकरई समुद्र तट वेलांकनी के दक्षिण में स्थित है, जो पूर्व में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में पाल्‍क स्‍ट्रेट से घिरा हुआ है। यहां श्रीराम की सेना ने पड़ाव डाला और श्रीराम ने अपनी सेना को कोडीकरई में एकत्रित कर विचार विमर्ष किया। लेकिन राम की सेना ने उस स्थान के सर्वेक्षण के बाद जाना कि यहां से समुद्र को पार नहीं किया जा सकता और यह स्थान पुल बनाने के लिए उचित भी नहीं है, तब श्रीराम की सेना ने रामेश्वरम की ओर कूच किया।

*15..रामेश्‍वरम*: रामेश्‍वरम समुद्र तट एक शांत समुद्र तट है और यहां का छिछला पानी तैरने और सन बेदिंग के लिए आदर्श है। रामेश्‍वरम प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ केंद्र है। महाकाव्‍य रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने के पहले यहां भगवान शिव की पूजा की थी। रामेश्वरम का शिवलिंग श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग है।

*16.धनुषकोडी* : वाल्मीकि के अनुसार तीन दिन की खोजबीन के बाद श्रीराम ने रामेश्वरम के आगे समुद्र में वह स्थान ढूंढ़ निकाला, जहां से आसानी से श्रीलंका पहुंचा जा सकता हो। उन्होंने नल और नील की मदद से उक्त स्थान से लंका तक का पुनर्निर्माण करने का फैसला लिया। धनुषकोडी भारत के तमिलनाडु राज्‍य के पूर्वी तट पर रामेश्वरम द्वीप के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक गांव है। धनुषकोडी पंबन के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। धनुषकोडी श्रीलंका में तलैमन्‍नार से करीब 18 मील पश्‍चिम में है।

इसका नाम धनुषकोडी इसलिए है कि यहां से श्रीलंका तक वानर सेना के माध्यम से नल और नील ने जो पुल (रामसेतु) बनाया था उसका आकार मार्ग धनुष के समान ही है। इन पूरे इलाकों को मन्नार समुद्री क्षेत्र के अंतर्गत माना जाता है। धनुषकोडी ही भारत और श्रीलंका के बीच एकमात्र स्‍थलीय सीमा है, जहां समुद्र नदी की गहराई जितना है जिसमें कहीं-कहीं भूमि नजर आती है।

*17.’नुवारा एलिया’ पर्वत श्रृंखला :
वाल्मीकिय-रामायण अनुसार श्रीलंका के मध्य में रावण का महल था। ‘नुवारा एलिया’ पहाड़ियों से लगभग 90 किलोमीटर दूर बांद्रवेला की तरफ मध्य लंका की ऊंची पहाड़ियों के बीचोबीच सुरंगों तथा गुफाओं के भंवरजाल मिलते हैं। यहां ऐसे कई पुरातात्विक अवशेष मिलते हैं जिनकी कार्बन डेटिंग से इनका काल निकाला गया है।

श्रीलंका में नुआरा एलिया पहाड़ियों के आसपास स्थित रावण फॉल, रावण गुफाएं, अशोक वाटिका, खंडहर हो चुके विभीषण के महल आदि की पुरातात्विक जांच से इनके रामायण काल के होने की पुष्टि होती है। आजकल भी इन स्थानों की भौगोलिक विशेषताएं, जीव, वनस्पति तथा स्मारक आदि बिलकुल वैसे ही  हैं जैसे कि रामायण में वर्णित किए गए है। वंदनजय श्री सीता राम

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻मंगलवार, २८ दिसम्बर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:१२
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२७
चन्द्रोदय: 🌝 २६:०१
चन्द्रास्त: 🌜१३:०२
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌫️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 पौष
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 नवमी (१८:०९ तक)
नक्षत्र 👉 चित्रा (२८:११ तक)
योग 👉 अतिगण्ड (२८:२० तक)
प्रथम करण 👉 गर (१८:०९ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२९:१५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 धनु
चंद्र 🌟 तुला (१६:४३ से)
मंगल 🌟 वृश्चिक (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५८ से १२:३९
अमृत काल 👉 २२:०२ से २३:३५
विजय मुहूर्त 👉 १४:०१ से १४:४२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१५ से १७:३९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५१ से २४:४६
राहुकाल 👉 १४:५२ से १६:०९
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:४५ से ११:०२
होमाहुति 👉 राहु
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१८:०९ तक)
भद्रावास 👉 पाताल (२९:१५ से) चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम १६:४४ से)
शिववास 👉 सभा में (१८:०९ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २८:११ तक जन्मे शिशुओ का नाम
चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा, री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम स्वाति नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (रू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
धनु – ३०:२२ से ०८:२५
मकर – ०८:२५ से १०:०६
कुम्भ – १०:०६ से ११:३२
मीन – ११:३२ से १२:५६
मेष – १२:५६ से १४:२९
वृषभ – १४:२९ से १६:२४
मिथुन – १६:२४ से १८:३९
कर्क – १८:३९ से २१:०१
सिंह – २१:०१ से २३:२०
कन्या – २३:२० से २५:३७
तुला – २५:३७ से २७:५८
वृश्चिक – २७:५८ से ३०:१८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:१२ से ०८:२५
चोर पञ्चक – ०८:२५ से १०:०६
शुभ मुहूर्त – १०:०६ से ११:३२
रोग पञ्चक – ११:३२ से १२:५६
चोर पञ्चक – १२:५६ से १४:२९
शुभ मुहूर्त – १४:२९ से १६:२४
रोग पञ्चक – १६:२४ से १८:०९
शुभ मुहूर्त – १८:०९ से १८:३९
मृत्यु पञ्चक – १८:३९ से २१:०१
अग्नि पञ्चक – २१:०१ से २३:२०
शुभ मुहूर्त – २३:२० से २५:३७
रज पञ्चक – २५:३७ से २७:५८
शुभ मुहूर्त – २७:५८ से २८:११
चोर पञ्चक – २८:११ से ३०:१८
शुभ मुहूर्त – ३०:१८ से ३१:१२
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
व्यवसाय के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास आज फलीभूत होने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होगा। बेरोजगार व्यक्तियों को भी रोजगार मिलने की सम्भावना अधिक है। आपसे वाद-विवाद में कोई नहीं जीत पायेगा। बड़बोलेपन के कारण महिलाओं से मतभेद हो सकते है। दिन के उत्तरार्ध में कार्य भार बढ़ने से कमर अथवा अन्य अंगों में दर्द की शिकायत रहेगी। पारिवारिक वातावरण में उतार-चढ़ाव आएंगे फिर भी आनंद रहेगा। आकस्मिक लाभ होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन मिला-जुला रहेगा। सेहत लगभग सामान्य रहेगी। आज किसी अनुबंध के आगे रुकने से धन लाभ की कामना अधूरी रहेगी। व्यवसाय के ऊपर अधिक ध्यान देने के बाद भी कार्य विलम्ब से पूर्ण होंगे लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु धनागम के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। अधिकारी वर्ग भी गर्म हो सकते है। सफ़ेद वस्तुओ के कार्य से जुड़े जातको को आकस्मिक धन लाभ अथवा नए अनुबंध मिल सकते है। परिवार के लिए आप महत्त्वपूर्ण रहेंगे। व्यर्थ की यात्रा हो सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप भावनाओ में बहकर अनुचित कदम उठा सकते है। लोगो के बहकावे में ना आये अन्यथा मान हानि कोर्ट-कचहरी की नौबत आ सकती है। प्रेम प्रसंगों से आज दूरी बनाना ही बेहतर रहेगा। आलसी प्रवृति का लाभ प्रतिस्पर्धी उठा सकते है सावधान रहें। धन लाभ के लिये आज विशेष परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी संतोष जनक लाभ हो जाएगा। घर में भाई बंधू अथवा स्त्री से अनबन हो सकती है। सरकारी कार्यो में सफलता मिलेगी। जोड़ो सम्बन्धित समस्या रह सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा। कार्य क्षेत्र पर अतिरिक्त आय के साधन बनेंगे। रुके हुए कार्य पूर्ण होने से भी धन लाभ होगा। सामाजिक गतिविधियों में पूरा समय ना दे पाने से लोगो से किसी से नाराजगी रहेगी। संध्या का समय मनोरंजन वाला रहेगा। उत्तम भोजन के साथ गृहस्थ का सुख मिलेगा। सन्तानो के ऊपर खर्च करना पड़ेगा। किसी गुप्त चिंता के कारण बेचैनी भी रह सकती है। सेहत आज अच्छी बनी रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपको सुख शांति प्रदान करेगा। कुछ दिनों से चल रही मानसिक खींच तान कम होने से राहत अनुभव होगी। कार्य क्षेत्र पर केवल धन लाभ पाने के उद्देश्य से कार्य ना करे व्यवहार में कुशलता एवं मिठास रखने से अप्राप्त लक्ष्मी भी प्राप्त कर सकते है। पारिवारिक जीवन में आनंद रहेगा। मित्र रिश्तेदारो से घर में चहल पहल बनेगी कही घूमने की योजना बन सकती है। धन लाभ में विलम्ब होगा परन्तु कार्य रुकेंगे नहीं। सेहत में थोड़ा उतार-चढ़ाव लगा रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप कार्य क्षेत्र से कुछ समय निकालकर मित्र परिवार के साथ मनोरंजन में व्यतीत करेंगे परन्तु आज गलतफहमियों से दूर रहना अति आवश्यक है व्यर्थ के टकराव होने की संभावना है। परोपकार का शुभ फल भी मिलने से प्रसन्नता भी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर कम समय देने के बाद भी संतोषजनक धन लाभ हो जाएगा। दाम्पत्य जीवन पहले से बेहतर रहेगा। सन्तानो की प्रगति की सूचना मिलेगी। स्वयं एवं परिजनों की सेहत का विशेष ध्यान रखें। आयवश्यक वस्तुओ पर ही खर्च करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप अधिक लापरवाह रहने के कारण हानि उठा सकते है। प्रातः काल से ही यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी परन्तु इसमें व्यवधान भी आएंगे। कार्य क्षेत्र पर अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा। नौकरों के ऊपर ज्यादा विश्वास हानि का कारण बन सकता है। वाणी में कठोरता रहने से घर में कलह रहेगी। आर्थिक लेन-देन सोच समझ कर करें। पारिवारिक सदस्य अथवा अन्य भी अपने काम से ही बात करेंगे। संध्या के समय किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के बनने से प्रसन्न रहेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के आरम्भ में बनते कार्यो में रुकावट आने से अधिक भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। मध्यान तक थोड़े बहुत कार्य सफल होने से धन की आमद होगी परन्तु खर्च भी अधिक रहने से बचत नहीं कर पाएंगे। दोपहर के बाद से घर एवं बाहर सहयोगी वातावरण बनने से कार्यो में सरलता रहेगी। समय से पहले ही कार्यो को पूर्ण करने में जुट जाएंगे संध्या के समय तक अधिकांश कार्य पूर्ण होने से धन की आवक होने लगेगी। धार में शांति रहेगी सामाजिक क्षेत्र से प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप व्यापारिक गतिविधियों की व्यस्तता के चलते परिवार के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाएंगे। वाणी एवं व्यवहार के बल पर कार्यो में थोड़े परिश्रम से अधिक सफलता मिल सकेगी। मनोबल भी आज बढ़ा हुआ रहेगा। परंतु आज आपको कोई ना कोई कमी भी अनुभव होगी। धन का आगमन होने से थकान भूल जाएंगे। संतानों पर ध्यान देंने की आवश्यकता है। स्त्री से सम्बन्ध भावनात्मक रहेंगे। सुख के साधनों पर खर्च करेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज भी दिन का अधिकांश समय शांति से व्यतीत होगा। थोड़ी आर्थिक परेशानियां रह सकती है परंतु मानसिक रूप से दृढ़ रहेंगे। जिस भी कार्य को करने की ठानेंगे उसे हानि-लाभ की परवाह किये बिना पूर्ण करके छोड़ेंगे। कार्य क्षेत्र पर अन्य व्यक्ति अथवा भगीदारो की दखलंदाजी से थोड़ी परेशानी एवं बहस हो सकती है। किसी मांगलिक आयोजन में सम्मिलित होने का अवसर भी मिलेगा। बाहर की अपेक्षा घर में समय बिताना पसंद करेंगे। संध्या के समय धन लाभ हो सकता है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन मिश्रित फल देगा पूर्वार्ध में सेहत थोड़ी नरम रह सकती है जिसके कारण आलस्य भी रहेगा। काम बेमन से करने पड़ेंगे व्यवहार में भी रुखापन रहने से संबंधो में खटास रहेगी। धीरे धीरे स्थिति में सुधार होगा कार्य स्थल पर महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने से व्यस्तता बढ़ेगी। अधिकारी वर्ग आज आप पर ज्यादा भरोसा दिखाएँगे। व्यवसायी वर्ग आज चाह कर भी बेहतर सेवा नहीं दे पाएंगे जिस कारण आलोचना हो सकती है। पुराने कार्यो को पूर्ण करने के बाद ही नए कार्य हाथ लें। परिवार में तनाव रह सकता है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन ग्रह स्थिति में थोड़ा बदलाव आने से आपको घरेलु मामलो में सफलता मिलेगी। परन्तु आज कार्य क्षेत्र पर अन्य व्यक्ति आपकी कमजोरी का फायदा उठा सकता है। आज किसी के आगे समर्पण कर सकते है इसका फल शुभ ही रहेगा। बाहरी स्थान के कार्यो में सफलता की संभावना ज्यादा रहेगी। नए अनुबंध भी मिल सकते है। पत्नी अथवा किसी अन्य महिला के भाग्य से लाभ होगा। अविवाहितो कि लिए नए रिश्ते आएंगे। मानसिक रूप से संतोषी रहेंगे।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏