जब तक भारत का सामान्य वर्ग और राजनैतिक पार्टियाँ अम्बानी को देश लूटने वाला बताएंगी तब तक दूसरा अम्बानी पैदा नहीं होगा अलबत्ता नक्सली पैदा होंगे

 
सीसीडी ( कैफे काफी डे ) के सीईओ कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार को नेत्रावती नदी किनारे मिला है. भारत में कॉफी रेस्तरां के सबसे बड़े चेन ‘कैफे कॉफी डे’ के संस्थापक वी. जी. सिद्धार्थ कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरु जाने के दौरान रास्ते से सोमवार रात से लापता थे. सिद्धार्थ का पता लगाने के लिए (एनडीआरएफ), तटरक्षक, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग एवं तटीय पुलिस की टीमों ने उस पुल के नीचे नेत्रावती नदी के पानी में तलाश की जहां 60 वर्षीय सिद्धार्थ को आखिरी बार देखा गया था. पुलिस के अनुसार कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ मंगलुरु में पुल से ड्राइवर को कार रोकने को कह के कूद गए…..36 घन्टे बाद उनका शव मिला। 
 उनके द्वारा कथित रूप से लिखे एक पत्र में कहा गया कि उन पर कर्जदाताओं का ‘भारी दबाव’ था. अपने एम्प्लाईज को लिखे पत्र में कहा गया कि  भारत की सबसे बड़ी बदनसीबी ये है , कि हम एक पूंजीपति होने का रिस्क , उस मानसिक तनाव , उस स्थिति को आज तक नही समझ सके हैं
इसलिए यहाँ भिखमंगे हैं !
हमारी बहुंसख्यक आबादी अमीरों से नफरत करती है क्योंकि इनके पास पैसा नही है ,
ये भूल जाते हैं कि 100 लोगो के स्टाफ की भी कंपनी चलाना मामूली काम नही होता ,
खून पसीना एक करना पड़ता है , बैठे बिठाए सब्सिडी पर पलने वाली जनता ये भूल जाती है कि उसकी सब्सिडी भी कारपोरेट टैक्स से आती है
तुम तो अपनी कमाई का टैक्स LIC की पॉलिसी लेकर बचा लेते हो !
जब तक भारत का सामान्य वर्ग और राजनैतिक पार्टियाँ अम्बानी को देश लूटने वाला बताएंगी तब तक दूसरा अम्बानी पैदा नहीं होगा
हाँ 10 नक्सली जरूर पैदा हो जाएंगे !
निठल्लों की फौज दिन भर फेसबुक पर पूंजीपतियों को गाली देती है , जबकि फेसबुक खुद एक पूंजीपति का है !
जलो नही..मेहनत करो और लायक बनो की तुम भी ऑडी से चल सको..!!
अम्बानी तो एक लाख लोगों को सीधे रोजगार देता है और दसियों लाख को अप्रत्यक्ष रूप से 
रहता है वो बिलियन डॉलर के मकान में तुमको क्यों दे अपना घर ?
तुमने अपने घर की एक इंच कभी अपने से गरीब को दी ?
नक्सली जिस हथियार से अपनी माटी और जंगल लेने आते हैं वो हथियार भी किसी पूंजीपति के कारखाने का होता है !
सामान्य वर्ग कहता है कि अमीरों ने सिस्टम खरीद लिए हैं , इनके समाने सब बिक जाते हैं , गरीब न्याय नही पा सकता 
एक बात बताओ , थाने में SI हो या सिपाही ये तो सामान्य परिवार से होते हैं , क्यों बिक जाते हो कुछ रुपयों के लिए ?
तुम बिकाऊ हो इसलिए अमीर बरी हो जाता है , कितने ही गुंडों को लोकसभा और विधानसभा तुम गरीबों ने ही वोट देकर भेजा
क्यों ?
क्योंकि अपने क्षेत्र की हुकूमत रहेगी , दबदबा रहेगा !
इन्ही लोगो के परिवार के लोग किसी टाटा किसी बिरला किसी अम्बानी की कंपनी में दो रोटी कमाते हैं 
और लड़का फेसबुक पर पूंजीवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ,
रूस हो या कम्युनिस्टों का बाप चीन सब साले पूंजीवादी हो चले हैं, पर भारत मे इन्हें क्रांति चाहिए !
अच्छे बुरे ठग हर जगह हैं , पर इसका मतलब ये नही है कि उस प्रोफ़ेसन को ही इतनी लानत भेजो की अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार लो ,
रविश कुमार जैसे लोग रोज अम्बानी अम्बानी करते हैं , जबकि NDTV खुद किसी पूंजीपति का ही है !
खुद पूंजीपति की संस्था में काम करते हो और गरीबो को पागल बनाते हो
बन्द करो ये गन्दा धंधा !
पूंजीपति होना साहसिक है सम्मानित है !
” Fought for a long time , but today I gave up ,
I am responsible for my failed business model “
VG Siddharth 
CCD founder
You are not failed Siddharth ,
              ——–shiv
(ये पोस्ट सिद्धार्थ और सीसीडी के बचाव के लिए नही है बल्कि हुई घटना पर एक तात्कालिक विश्लेषण है कि पूंजीपति होना भारत जैसे विकासशील देश मे कितना कठिन और दुरूह है ! 7000 करोड़ का कर्ज लेकर अगर उसने आत्महत्या की तो 50000 का कर्ज लेकर किसान भी जान दे देता है , मेरी दोनों से ही संवदेना है और हमे दोनों मुश्किलों से पार पाना होगा !-साभार)