आज का पंचाग आपका राशि फल, ऐसी विहंगम है २२ जनवरी २०२४ को राम मंदिर खुलने की तैयारी, श्राद्ध पिंडदान और तर्पण का गूढ़ विज्ञान और रहस्य, जातिवाद राजनीति, मीडिया विश्लेषणों और संविधान में बचा है, सनातन धर्म संस्कृति और व्यवहार में कहीं भी नहीं

‌‌   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​*

 *श्री हरिहरौ* *विजयतेतराम* *सुप्रभातम*

               *आज का पञ्चाङ्ग*

*_बुधवार, ०४ अक्टूबर २०२३_*

*═══════⊰⧱⊱═══════*

सूर्योदय: 🌄 ०६:२४

सूर्यास्त: 🌅 ०६:०७

चन्द्रोदय: 🌝 २१:२६

चन्द्रास्त: 🌜११:२०

अयन 🌖 दक्षिणायणे

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🏔️ शरद

शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)

मास 👉 आश्विन

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि👉षष्ठी(०५:४१ से सप्तमी

नक्षत्र 👉 रोहिणी (१८:२९

से मृगशिरा)

योग 👉 सिद्धि (०६:४६ से

व्यतीपात)  

प्रथम करण 👉गर(१७:३१ तक)

द्वितीय करण 👉 वणिज

(०५:४१ तक)

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 कन्या

चंद्र 🌟 वृष

मंगल🌟तुला(अस्त,पश्चिम,मार्गी

बुध🌟कन्या (अस्त, पूर्व, वक्री)

गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र🌟सिंह(उदित,पश्चिम,मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ

(उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌

अमृत काल 👉 १५:१४ से १६:५१

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन

रवियोग 👉 १८:२९ से ०६:१२

विजय मुहूर्त 👉 १४:०३ से १४:५१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५९ से १८:२४

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:५९ से १९:१३

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४१ से ००:३०

ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३४ से ०५:२३

प्रातः सन्ध्या 👉 ०४:५८ से ०६:१२

राहुकाल 👉 १२:०५ से १३:३४

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०७:४० से ०९:०८

दुर्मुहूर्त 👉 ११:४२ से १२:२९

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 उत्तर

नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१८:२९ तक)

अग्निवास 👉 पाताल (०५:४१ से पृथ्वी)

भद्रावास 👉 स्वर्ग (०५:४१ से)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 भोजन में (०५:४१ से श्मशान में)

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

☄चौघड़िया विचार☄

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

तिथि विशेष

🗓📆🗓📆

〰️〰️

षष्ठी तिथि का श्राद्ध आदि।

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

आज १८:२९ तक जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (वा, वी, वू) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (वे, वो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

उदय-लग्न मुहूर्त

कन्या – ०५:०० से ०७:१८

तुला – ०७:१८ से ०९:३८

वृश्चिक – ०९:३८ से ११:५८

धनु – ११:५८ से १४:०१

मकर – १४:०१ से १५:४२

कुम्भ – १५:४२ से १७:०८

मीन – १७:०८ से १८:३२

मेष – १८:३२ से २०:०६

वृषभ – २०:०६ से २२:००

मिथुन – २२:०० से ००:१५

कर्क – ००:१५ से ०२:३७

सिंह – ०२:३७ से ०४:५६

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

पञ्चक रहित मुहूर्त

रोग पञ्चक – ०६:१२ से ०७:१८

शुभ मुहूर्त – ०७:१८ से ०९:३८

मृत्यु पञ्चक – ०९:३८ से ११:५८

अग्नि पञ्चक – ११:५८ से १४:०१

शुभ मुहूर्त – १४:०१ से १५:४२

रज पञ्चक – १५:४२ से १७:०८

शुभ मुहूर्त – १७:०८ से १८:२९

चोर पञ्चक – १८:२९ से १८:३२

रज पञ्चक – १८:३२ से २०:०६

शुभ मुहूर्त – २०:०६ से २२:००

चोर पञ्चक – २२:०० से ००:१५

शुभ मुहूर्त – ००:१५ से ०२:३७

रोग पञ्चक – ०२:३७ से ०४:५६

शुभ मुहूर्त – ०४:५६ से ०५:४१

मृत्यु पञ्चक – ०५:४१ से ०६:१२

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐*

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन कार्य क्षेत्र एवं गृहस्थ में उठापटक वाली स्थिति रहेगी। व्यवसायी वर्ग भी एक साथ कई काम हाथ मे लेने पर उलझन की स्थिति से गुजरेंगे। मध्यान तक अधिक परिश्रम करना पड़ेगा परन्तु लाभ आशानुकूल नही रहने से निराशा होगी। अधिक कमाने की लालसा अनैतिक प्रवृतियों की ओर खींचेंगी जिसका आरंभ में लाभ मिलेगा परन्तु बाद में हानि दिखती नजर आएगी। नकारात्मक विचार मन पर हावी रहेंगे संध्या के बाद किसी बुजुर्ग के सहयोग से कामचलाऊ स्थिति बन सकेगी धन लाभ होने से कार्य चलते रहेंगे। किसी मांगलिक कार्यक्रम को लेकर अधिक खर्च करना पड़ेगा। महिलाओ का व्यवहार अटपटा रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन धन लाभ आपके व्यवहार के ऊपर काफी हद तक निर्भर रहेगा स्वभाव में चंचलता ना आने दे लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहें आशा से अधिक लाभ हो सकता है। व्यवसायी वर्ग व्यवसाय में तेजी रहने से उत्साहित रहेंगे व्यस्तता भी अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक रहेगी। नए कार्यो का विचार बना कर रखें जल्द ही इस पर काम करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर अधीनस्थों के कारण थोड़ी असुविधा बनेगी फिर भी स्थिति संभाल लेंगे। दाम्पत्य जीवन मे खुशिया बढ़ेंगी महिलाये मानसिक रूप से चंचल फिर भी आर्थिक एवं अन्य कारणों से सहयोगी रहेंगी। आकस्मिक यात्रा के योग बन सकते है संभव हो तो टालें वरना उचित लाभ से वंचित रह सकते है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज आपकी समस्त दिनचर्या अस्त-व्यस्त रहेगी। जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे उसमे असफलता मिलेगी अथवा विलंब होगा। आज लोभ अथवा किसी दुर्व्यसन के कारण सामाजिक क्षेत्र पर मान भंग हो सकता है घर परिवार में भाई बंधुओ से मतांतर के कारण तीखी झड़प होगी। आज आपका पक्ष लेने वाला कोई नही मिलेगा ना ही व्यवसाय में ही किसी का उचित सहयोग मिल सकेगा। महिलाये घरेलू कार्यो से परेशानी अनुभव करेंगी इसके विपरीत मनोरंजन पर अधिक ध्यान देंगी जिससे कुछ हानि भी हो सकती है। बाहर घूमने अथवा किसी समारोह के निमंत्रण में जाने की योजना बनाएंगे परन्तु यहां भी वैर विरोध का सामना करना पड़ेगा। 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन भी आपकी कीर्ति में वृद्धि करने वाला रहेगा। दिन के आरंभ में पुराने कार्य निपटाने में व्यस्त रहेंगे शीघ्र ही अन्य अनुबंध मिलने से आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। सामाजिक व्यवहारों से भी आज जम कर लाभ उठाएंगे। मध्यान के समय कार्य क्षेत्र पर सुस्ती रहेगी परन्तु संध्या से व्यस्तता बढ़ जाएगी। आज किसी अपरिचित को उधार ना दें निश्चित ही डूबेगा। सरकारी अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य ले देकरआज पूर्ण करने का प्रयास करें लाभदायक रहेगा इसके बाद परिस्तितियो में बदलाव आने से कार्य सफलता में संदेह रहेगा। पारिवारिक वातावरण में आनंद मंगल रहेगा आज मांगलिक कार्यकर्मो में भी व्यस्त रहेंगे इनपर खर्च भी करना पड़ेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन भी कार्यो में सफलता दिलाने वाला रहेगा फिर भी अतिआवश्यक कार्यो को आज ही पूर्ण करने का प्रयास करें बाद में स्थिति प्रतिकूल बनने वाली है। दिन का आरंभ किसी शुभ समाचार की प्राप्ति से होगा। महिलाये आज पुरुषों की अपेक्षा अधिक शांत रहेंगी घरेलू वातावरण को क्लेश मुक्त रखने में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगी। आज आपको पैतृक व्यवसाय से अधिक लाभ होगा लेकिन आर्थिक लाभ में विलंब होने से कुछ समय के लिए परेशानी रहेगी संध्या का समय अधिक व्यस्त रहेगा रिश्तेदारी के व्यवहार निभाने में समय देना पड़ेगा। घर के बड़े लोग आपसे प्रसन्न रहेंगे रात्रि के समय अचानक अशुभ समाचार मिलने से बेचैनी रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन अधिक थकान वाला रहेगा आप आज आवश्यक कार्यो को प्रातः काल मे ही पूर्ण करने का प्रयास करेंगे लेकिन कुछ कार्य फिर भी अधूरे रह सकते है। दैनिक कार्य आज अस्त-व्यस्त रहेंगे। व्यवसायी लोग थकान एवं उन्माद के कारण बेमन से कार्य करेंगे परन्तु आर्थिक रूप से दिन बेहतर रहेगा। पुराने आश्वासन आज फलीभूत होने से धन आगमन सुनिश्चित होगा। भविष्य की योजनाओं पर खर्च होगा। कार्य क्षेत्र पर सहयोगियों का बर्ताव कुछ समय के लिए क्रोध दिलाएगा। मांगलिक कार्यो पर खर्च अधिक होगा धर्म कर्म के लिए भी समय निकाल लेंगे। घर का वातावरण लगभग सामान्य ही रहेगा। विपरीत लिंगीय के कारण दुख होगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन भी सावधानी से व्यतीत करें। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी आपको क्षति पहुचाने के लिए कुछ भी कर सकते है। घर मे भी किसी की चुगली का शिकार बनना पड़ेगा जिससे कुछ समय के लिए माहौल खराब होगा लेकिन शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट होने से शांति स्थापित हो जाएगी। आध्यात्म में रुचि रहेगी साथ ही आडम्बर भी रहने से प्राप्ति न्यून रहेगी। आज अपने कार्य छोड़ अन्य की समस्या सुलझाने में स्वयं का नुकसान कर लेंगे जिसकी भरपाई बाद में असंभव ही रहेगी। परिवार अथवा रिश्तेदारी में विवाह अथवा अन्य मांगलिक आयोजन पर खर्च करने पड़ेंगे। महिलाये किसी ना किसी कारण से नाराज रहेंगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आशा से कुछ कम लाभ देगा फिर भी आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर लेंगे। नौकरी पेशा एवं व्यवसायी वर्ग को आज अतिरिक्त कार्य करना पड़ेगा इसका लाभ भी जल्द ही मिल जाएगा। व्यापार में वृद्धि होगी लेकिन आर्थिक लाभ के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। आज आपसे या किसी निकटस्थ से कुछ नुकसान भी हो सकता है जिसका सीधा असर धन और व्यवसाय पर भी पड़ेगा। सामाजिक व्यवहार पहले से अधिक बनेंगे परन्तु इनमें से अधिकांश लाभ की जगह खर्च ही करवाएंगे। परिवार में सुख शांति रहेगी बीच मे किसी गलतफहमी के कारण मामूली नारजगी रह सकती है। संध्या का समय थकान वाला रहेगा फिर भी सुख से बिताएंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आपके लिए आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। आज आपके लगभग सभी कार्य अंत में जाकर आर्थिक अथवा किसी अन्य कारण से अटक सकते है। आर्थिक मामलों को सुलझाने में किसी की चापलूसी करनी पड़ेगी अन्यथा उलझने ज्यादा बढ़ सकती है। सेहत भी नरम-गरम रहेगी इसकी अनदेखी कर कार्यो में जुटे रहेंगे जिससे बाद में तकलीफ बढ़ने की संभावना है। सभी प्रकार के जमीन अथवा सरकारी कार्य आज निरस्त रखें व्यर्थ भागदौड़ के बाद भी हासिल कुछ नही होगा। व्यर्थ के खर्च अधिक परेशान करेंगे धन कोष में कमी का कारण बनेंगे। घर के सदस्य आपसी विचारो से असहमत रहेंगे। बुजुर्गो के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज आप प्रातः काल से ही अधूरे कामो को पूर्ण करने में जुट जाएंगे लेकिन फिर भी अपने किये कार्यो से पूरी तरह आश्वस्त नही होंगे अधिके बेहतर करने मनोवृति कार्यो में विलंब करेगी आज आप जैसा भी करेंगे वह अन्य लोगो की अपेक्षा पहले ही बेहतर रहेगा। भ्रम में पड़कर स्वयं का नुकसान कर लेंगे लेकिन फिर भी आज का दिन आर्थिक रूप से हर हाल में संतोषजनक रहेगा पूर्व नियोजित खर्च भी होंगे महिलाये दिखावे के कारण आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगी जिससे घरेलू कलह का कारण बन सकती है। संध्या के समय मनोरंजन के अवसर मिलने से मानसिक थकान मिटेगी। आज कुछ ऐसी घटनाएं घटेंगी जिनकी निकट भविष्य में पुनरावृति होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आप अतिआत्मविश्वास की भावना से ग्रसित रहेंगे यह घरेलू कलह एवं व्यवसाय में हानि का कारण बन सकती है।आज आप स्वयं को हर कार्य मे श्रेष्ठ दिखाने का प्रयास करेंगे जिस कारण किसी से वर्चस्व को लेकर तकरार होने की संभावना है। मन इच्छित कार्य ना होने से क्रोध आएगा। व्यवसायी वर्ग को पूर्व में किये निवेश का लाभ दुगना होकर मिलेगा परन्तु नवीन कार्यो में धन उलझ सकता है। धार्मिक कार्यो में दिखावे अथवा स्वार्थवश सहभागिता देंगे। सामाजिक क्षेत्र पर सम्मान में कमी आ सकती है बोलचाल में संयम रखें। विद्यार्थ वर्ग आज मानसिक दुविधा में रहने से श्रेष्ठ प्रदर्शन से चूकेंगे। घर मे मन कम ही लगेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपको यश दिलाएगा। शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी तंदुरुस्त रहेंगे। कार्य व्यवसाय में कई महत्त्वपूर्ण फैसले निकट भविष्य में लाभदायक सिद्ध होंगे। आज एक साथ अधिक कार्य करना पसंद करेंगे इससे व्यवसाय वृद्धि के साथ ही धन लाभ भी उचित मात्रा में हो सकेगा। विरोधी भी मुह ताकते रह जाएंगे। आज प्रेम प्रसंगों में समय बर्बाद ना करे इसकी जगह कार्य क्षेत्र पर समय दें अन्यथा लाभ की स्थिति ज्यादा देर नही टिकेगी। घरेलू एवं व्यक्तिगत सुख के साधनों पर आज अधिक खर्च होगा महिलाये महंगे सौंदर्य प्रसाधन पर खर्च करेंगी। छोटी मोटी बातो को छोड़ परिवार में सुख शांति बनी रहेगी।

*◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐◐

*२२ जनवरी २०२४ को राम मंदिर खुलने की तैयारी इस प्रकार है:

१) उद्घाटन से १ महीने पहले.. पूरे भारत में १ लाख से ज्यादा मंदिरों में राम धुनी का आयोजन किया जाएगा।

२) यह एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम होने जा रहा है।

३) १६० देशों के लोग उद्घाटन देखने जाएंगे।

५) इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए दुनिया भर से ६५०० प्रेस पत्रकारों ने पंजीकरण कराया है।

५)अयोध्या पर्यटकों का मुख्य आकर्षण बनने जा रहा है।

६) पहले साल 5 करोड़ लोगों के मंदिर आने की उम्मीद है।

७) ३ स्टार से लेकर ५ स्टार तक कई होटल तैयार हैं और भी होटल तैयार हो रहे हैं

८) अयोध्या हवाईअड्डा कई भारतीय गंतव्यों से सीधी उड़ानों के लिए तैयार हो रहा है।

९)अयोध्या रेलवे स्टेशन सभी नई सुविधाओं के साथ तैयार है.

१०) सरयू (सरजू) नदी के तटों का पुनरुद्धार किया गया।

११) संपूर्ण अयोध्या और आसपास को लाखों रोशनी से रोशन किया जाएगा।

१४) मंदिर देखने आएं तो मात्र भारतीय पहनावा पहन कर आएं।

इसे शेयर करोगे तो बहुत पुण्य मिलेगा।

सबसे पहले किसने किया था श्राद्ध, कैसे शुरू हुई श्राद्ध परंपरा?

श्राद्ध के बारे में धर्म ग्रंथों में कई बातें बताई गई हैं। महाभारत के अनुशासन पर्व में भी भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को श्राद्ध के संबंध में कई ऐसी बातें बताई हैं, जो वर्तमान समय में बहुत कम लोग जानते हैं। महाभारत में ये भी बताया गया है कि श्राद्ध की परंपरा कैसे शुरू हुई और फिर कैसे ये धीरे धीरे जनमानस तक पहुंची। आज हम आपको श्राद्ध से संबंधित कुछ ऐसी ही रोचक बातें बता रहे हैं:-

निमि ने शुरू की श्राद्ध की परंपरा…

महाभारत के अनुसार, सबसे पहले श्राद्ध का उपदेश महर्षि निमि को महातपस्वी अत्रि मुनि ने दिया था। इस प्रकार पहले निमि ने श्राद्ध का आरंभ किया, उसके बाद अन्य महर्षि भी श्राद्ध करने लगे। धीरे धीरे चारों वर्णों के लोग श्राद्ध में पितरों को अन्न देने लगे। लगातार श्राद्ध का भोजन करते करते देवता और पितर पूर्ण तृप्त हो गए।

पितरों को हो गया था अजीर्ण रोग…

श्राद्ध का भोजन लगातार करने से पितरों को अजीर्ण (भोजन न पचना) रोग हो गया और इससे उन्हें कष्ट होने लगा। तब वे ब्रह्माजी के पास गए और उनसे कहा कि, श्राद्ध का अन्न खाते खाते हमें अजीर्ण रोग हो गया है, इससे हमें कष्ट हो रहा है, आप हमारा कल्याण कीजिए।

देवताओं की बात सुनकर ब्रह्माजी बोले, मेरे निकट ये अग्निदेव बैठे हैं, ये ही आपका कल्याण करेंगे। अग्निदेव बोले, देवताओं और पितरों। अब से श्राद्ध में हम लोग साथ ही भोजन किया करेंगे। मेरे साथ रहने से आप लोगों का अजीर्ण दूर हो जाएगा। यह सुनकर देवता व पितर प्रसन्न हुए। इसलिए श्राद्ध में सबसे पहले अग्नि का भाग दिया जाता है।

पहले पिता को देना चाहिए पिंड…

महाभारत के अनुसार, अग्नि में हवन करने के बाद जो पितरों के निमित्त पिंडदान दिया जाता है, उसे ब्रह्मराक्षस भी दूषित नहीं करते। श्राद्ध में अग्निदेव को उपस्थित देखकर राक्षस वहां से भाग जाते हैं। सबसे पहले पिता को, उनके बाद दादा को उसके बाद परदादा को पिंड देना चाहिए। यही श्राद्ध की विधि है। प्रत्येक पिंड देते समय एकाग्रचित्त होकर गायत्री मंत्र का जाप तथा सोमाय पितृमते स्वाहा का उच्चारण करना चाहिए।

कुल के पितरों को करें तृप्त…

रजस्वला स्त्री को श्राद्ध का भोजन तैयार करने में नहीं लगाना चाहिए। तर्पण करते समय पिता पितामह आदि के नाम का स्पष्ट उच्चारण करना चाहिए। किसी नदी के किनारे पहुंचने पर पितरों का पिंडदान और तर्पण अवश्य करना चाहिए। पहले अपने कुल के पितरों को जल से तृप्त करने के पश्चात मित्रों और संबंधियों को जलांजलि देनी चाहिए। चितकबरे बैलों से जुती हुई गाड़ी में बैठकर नदी पार करते समय बैलों की पूंछ से पितरों का तर्पण करना चाहिए क्योंकि पितर वैसे तर्पण की अभिलाषा रखते हैं।

अमावस्या पर जरूर करना चाहिए श्राद्ध…

नाव से नदी पार करने वालों को भी पितरों का तर्पण करना चाहिए। जो तर्पण के महत्व को जानते हैं, वे नाव में बैठने पर एकाग्रचित्त हो अवश्य ही पितरों का जलदान करते हैं। कृष्णपक्ष में जब महीने का आधा समय बीत जाए, उस दिन अर्थात अमावस्या तिथि को श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।

इसलिए रखना चाहिए पितरों को प्रसन्न…

पितरों की भक्ति से मनुष्य को पुष्टि, आयु, वीर्य और धन की प्राप्ति होती है। ब्रह्माजी, पुलस्त्य, वसिष्ठ, पुलह, अंगिरा, क्रतु और महर्षि कश्यप-ये सात ऋषि महान योगेश्वर और पितर माने गए हैं। मरे हुए मनुष्य अपने वंशजों द्वारा पिंडदान पाकर प्रेतत्व के कष्ट से छुटकारा पा जाते हैं।

ऐसे करना चाहिए पिंडदान…

महाभारत के अनुसार, श्राद्ध में जो तीन पिंडों का विधान है, उनमें से पहला जल में डाल देना चाहिए। दूसरा पिंड श्राद्धकर्ता की पत्नी को खिला देना चाहिए और तीसरे पिंड की अग्नि में छोड़ देना चाहिए, यही श्राद्ध का विधान है। जो इसका पालन करता है उसके पितर सदा प्रसन्नचित्त और संतुष्ट रहते हैं और उसका दिया हुआ दान अक्षय होता है।

१. पहला पिंड जो पानी के भीतर चला जाता है, वह चंद्रमा को तृप्त करता है और चंद्रमा स्वयं देवता तथा पितरों को संतुष्ट करते हैं।

२. इसी प्रकार पत्नी गुरुजनों की आज्ञा से जो दूसरा पिंड खाती है, उससे प्रसन्न होकर पितर पुत्र की कामना वाले पुरुष को पुत्र प्रदान करते हैं।

३. तीसरा पिंड अग्नि में डाला जाता है, उससे तृप्त होकर पितर मनुष्य की संपूर्ण कामनाएं पूर्ण करते हैं।

आइए कुछ जातिवाद करें।

विवाह में जबतक औजी को ढ़ोल का चढ़ावा,कुम्हार को मिट्टी के दीये, हाथी घोड़े,जिन्हें मण्डप में स्थापित किया जाता है,, उनको अग्रधन,,कहार, नाई धोबी को अग्र धन नहीं दिया जाता(पण्डिजी को तो अनुष्ठान के उपरान्त धन/दक्षिणा मिलता है)…शुभ कार्य आरम्भ नहीं होता।वर के घर से कन्या घर के लिए और कन्या घर से वर के घर के लिए पंचपौनिया के सम्मान के लिए वस्त्र आते हैं। 

इसी प्रकार मृत्यु में भी औजी से आरम्भ कर अन्त में ब्राह्मणों का भ्रह्मभोज होता है।जबतक नाई नाउन नखबाल काटकर और धोबी वस्त्रों को शुद्ध नहीं कर देते घर का अशौच समाप्त नहीं होता। 

जो लोग कहते हैं न कि बड़ी जाति वालों ने छोटी जाति पर अत्याचार किया,,क्या वे कभी सोचकर देखेंगे कि यदि उन्हें अत्याचार ही करना था तो किसी भी उत्सव या शोक में इनकी अपरिहार्यता क्यों निश्चित की गयी थी।

दूसरी बात- केवल विवाह या शुभ अवसरों पर ही नहीं, शोक के अवसर पर भी “नेवता” की व्यवस्था है हमारे यहाँ।यह “नेवता”(पैसे,कपड़े,अनाज लेकर इन अवसरों पर उपस्थित होना)क्या है?? यही तो है परिवार समाज द्वारा आर्थिक सहयोग।

सुख हो या दुःख किसी भी अवसर पर लोग अकेले और असहाय न रहें,इसकी पूरी व्यवस्था अनन्त काल से हमारे पूर्वजों ने कर रखी है।

हाँ तो एक बात तय करना रह गया ,ई पंडितवा को कब गरिआना है?

भयंकर जातिवाद

बाबू कुंवर सिंह ने एक दुसाध महिला को बहन मानकर

  251 बीघा जमीन खोंइचा में दिया था, जो आज दुसाधी बधारके नाम से जाना जाता है।

बधार का अर्थ है बीघा

सच बात ये है कि जातिवाद सनातन धर्म संस्कृति का कभी अंग नहीं रहा यह मुगल आक्रमणकारियों और अंग्रेजों की देन है और आज तो केवल जातिवादी व तुष्टिकरण राजनीति, मीडिया के वोट विश्लेषण, और संविधान में नौकरी प्रमाण पत्र आदि में बचा है, सनातन धर्म संस्कृति और व्यवहार में कहीं भी नहीं*