आज का पंचाग आपका राशि फल, चतुर्थ केदार भगवान रूद्रनाथ के कपाट 18 अक्टूबर को होंगे बंद, 500 करोड़ की लागत से आगरा में बनेगा मंदिर नाम होगा लोकोदय तीर्थ, जब पाकिस्तानी फाइटर पायलट ने गुजरात के मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता को हेलीकॉप्टर सहित उड़ा दिया!, भारत में आतंकी बम ब्लास्टों का दर्दनाक इतिहास

श्री चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 18 अक्टूबर 2023 को ब्रह्म मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा अर्चना के उपरान्त शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। तदोपरांत भगवान श्री रुद्रनाथ जी की डोली अपने शीतकालीन प्रवास श्री गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी।

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

आज का पञ्चाङ्ग🌻मंगलवार, ०३ अक्टूबर २०२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:२४

सूर्यास्त: 🌅 ०६:०८

चन्द्रोदय: 🌝 २०:३९

चन्द्रास्त: 🌜१०:१५

अयन 🌖 दक्षिणायणे (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🏔️ शरद 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (पिंगल)

मास 👉 आश्विन 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 चतुर्थी (०६:११ से पञ्चमी, ०५:३३ से षष्ठी)

नक्षत्र 👉 कृत्तिका (१८:०४ से रोहिणी)

योग 👉 वज्र (०८:१८ से सिद्धि)

प्रथम करण 👉 बालव (०६:११ तक)

द्वितीय करण 👉 कौलव (१७:४६ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 कन्या 

चंद्र 🌟 वृष 

मंगल 🌟 तुला (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 कन्या (अस्त, पूर्व, वक्री)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४२ से १२:२९

अमृत काल 👉 १५:४२ से १७:१६

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:११ से १८:०४

विजय मुहूर्त 👉 १४:०४ से १४:५१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०० से १८:२५

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०० से १९:१४

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४२ से ००:३०

ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३४ से ०५:२२

प्रातः सन्ध्या 👉 ०४:५८ से ०६:११

राहुकाल 👉 १५:०३ से १६:३२

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०९:०८ से १०:३७

दुर्मुहूर्त 👉 ०८:३३ से ०९:२०

होमाहुति 👉 मंगल (१८:०४ से गुरु)

दिशाशूल 👉 उत्तर

नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१८:०४ से)

अग्निवास 👉 पृथ्वी (०५:३३ तक)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 कैलाश पर (०६:११ से नन्दी पर, ०५:३३ से भोजन में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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पंचमी तिथि का श्राद्ध, मंगल तुला में १७:५६ से, चतुर्थी तिथि क्षय, चन्द्र षष्ठी (जैन) आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १८:०४ तक जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ई, उ, ए) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (ओ, वा) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कन्या – ०५:०४ से ०७:२२

तुला – ०७:२२ से ०९:४२

वृश्चिक – ०९:४२ से १२:०२

धनु – १२:०२ से १४:०५

मकर – १४:०५ से १५:४६

कुम्भ – १५:४६ से १७:१२

मीन – १७:१२ से १८:३६

मेष – १८:३६ से २०:०९

वृषभ – २०:०९ से २२:०४

मिथुन – २२:०४ से ००:१९

कर्क – ००:१९ से ०२:४१

सिंह – ०२:४१ से ०५:००

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पञ्चक रहित मुहूर्त

रज पञ्चक – ०६:११ से ०६:११

शुभ मुहूर्त – ०६:११ से ०७:२२

चोर पञ्चक – ०७:२२ से ०९:४२

शुभ मुहूर्त – ०९:४२ से १२:०२

रोग पञ्चक – १२:०२ से १४:०५

शुभ मुहूर्त – १४:०५ से १५:४६

मृत्यु पञ्चक – १५:४६ से १७:१२

अग्नि पञ्चक – १७:१२ से १८:०४

शुभ मुहूर्त – १८:०४ से १८:३६

मृत्यु पञ्चक – १८:३६ से २०:०९

अग्नि पञ्चक – २०:०९ से २२:०४

शुभ मुहूर्त – २२:०४ से ००:१९

रज पञ्चक – ००:१९ से ०२:४१

शुभ मुहूर्त – ०२:४१ से ०५:००

शुभ मुहूर्त – ०५:०० से ०५:३३

चोर पञ्चक – ०५:३३ से ०६:१२

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप अपना ध्यान आवश्यक कार्यो पर एकाग्र करने का प्रयास करें अन्यथा जहाँ लाभ होना है वहां हानि मिलेगी। मन अनर्गल कार्यो में अधिक भटकेगा। विष्योपभोग में अधिक रुचि रहने के कारण धन खर्च की परवाह नहीं करेंगे। मौज-शौक पर अधिक खर्च रह सकता है। धन लाभ लापरवाही के चलते आगे के लिए टलेगा। व्यवसाय में निवेश अतिआवश्यक होने पर ही करें। स्वयं अथवा परिजन की स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं की अनदेखी आगे भारी पड़ सकती है। परिवार में आपके कारण खींच-तान रह सकती है किसी की बीमारी पर खर्च होगा। विवेकी व्यवहार अपनाए बेवजह की परेशानी से बचेंगे।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन प्रातः काल से ही मन मौज मस्ती की ओर आकर्षित रहेगा यात्रा प्रवास के योग भी बन रहे है ना चाहकर भी करनी पड़ सकती है। दिनचर्या व्यवस्थित रहने पर भी कुछ ना कुछ फेर बदल करना पड़ेगा। सामाजिक व्यवहारों के कारण भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा लोगो को आज आपकी सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धिओ पर विजय प्राप्त करेंगे विरोधियो को आज पनपने ही नहीं देंगे। जिस भी कार्य में निवेश करेंगे उसमे थोड़े विलम्ब से ही पर सफलता निश्चित मिलेगी। पूजा पाठ में सम्मिलित होने के अवसर आएंगे। घर का वातावरण भी मंगलकारी रहेगा। स्त्रीवर्ग आध्यत्म में ज्यादा भाव रखेंगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। सेहत में उतार-चढ़ाव आएंगे स्वास्थ्य नरम रहने पर भी कार्यो को प्रभावित नहीं होने देंगे। प्रातः काल के समय व्यवसाय में लाभ निकट आते-आते किसी विवाद की भेंट चढ़ सकता है। लेकिन हिम्मत बनाये रखे आर्थिक दृष्टिकोण से दिन संतोषजक रहने वाला है। महिलाये कार्य क्षेत्र पर पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन करेंगी बीच-बीच में मन मुटाव के प्रसंग भी बनेंगे परन्तु कार्य में बाधक नही होंगे। परिवार के बुजुर्ग आज आपसे किसी कारण से नाराज होंगे। घर के अन्य सदस्य भी बड़ो का ही पक्ष लेंगे जिससे स्वयं को अकेला अनुभव करेंगे धैर्य के साथ मौन बनाये रखें। व्यवसायी बचत कर सकेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आपको आज का दिन मिलाजुला फल देगा। आज का दिन लाभ दिला सकता है परन्तु क्रोध को वश में रखना जरूरी है वरना बना बनाया काम बिगड़ सकता है। लोग आपको किसी ना किसी कारण क्रोध दिलाएंगे परन्तु अपने काम से काम रखें। समय धन के साथ साथ मान सम्मान में भी वृद्धि करने वाला है। विदेशी व्यापार अथवा जमीन सम्बंधित कार्यो में अधिक लाभ की संभावना है। आकस्मिक यात्रा आने से जरूरी कार्य निरस्त करने पड़ सकते है। रिश्तेदारो के द्वारा लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। पारिवारिक वातावरण में थोड़ी नोंकझोंक चलती रहेगी फिर भी स्थिति गंभीर नही होगी। महिलाये सहयोगी रहेंगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन थोड़ा उठा पटक वाला रहेगा। सेहत प्रातः काल कुछ समय के लिए नरम रहेगी मन अकारण ही अशांत रहेगा। भावुकता भी स्वभाव में अधिक रहेगी जिससे अन्य लोग आपकी भावनाओं का गलत लाभ उठा सकते है। आज किसी के ऊपर जल्दी विश्वास करना हानि कराएगा सावधान रहें। धन सम्बंधित व्यवहार देख-भालकर कर ही करें। व्यवसाय आज आशा के अनुकूल नहीं रहेगा परन्तु खर्च अधिक रहने से आर्थिक संतुलन प्रभावित होगा। गृहस्थ में भी धन खर्च करने पर ही सुख की प्राप्ति हो सकेगी विवाद की स्थिति से बचकर रहें। सायंकाल का समय अपेक्षाकृत आराम से बितायेंगे। थकान मिटाने के लिए मनोरंजन के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आपमे आध्यात्मिक उन्नति होगी। धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानने में रुचि लेंगे। मानसिक रूप से प्रसन्न रहने के वातावरण बनते रहेंगे। सेहत में थोड़ी खराबी रह सकती है गले अथवा छाती सम्बंधित रोग एवं पेट मे दर्द से कष्ट होगा। धार्मिक स्थल के कार्यक्रमो में रूचि से हिस्सा लेंगे घर में भी पूजा पाठ का आयोजन करा सकते है। कल की अपेक्षा आज अधिकांश समय मौन रहना पसंद करेंगे जिससे आस पास संवादहीनता का वातावरण बनेगा। परिवार में आपकी आवश्यकता बढ़ेगी। कीमती सामान संभाल कर रखे चोरी अथवा नष्ट होने की संभावना है। विपरितलिंगीय के प्रति उदासीनता दिखाएंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन भाग दौड़ अधिक रहेगी परन्तु परिणाम आशा के विपरीत रहने से मन मे नकारात्मक विचार बनेंगे। आर्थिक कारणों से कोई कार्य अधूरा रहेगा अथवा मनोकामना पूर्ति नही कर सकेंगे। कई कार्यो को एकसाथ करने के कारण दुविधा में पड़ेंगे। घर एवं व्यवसाय के कार्यो में तालमेल बैठाने में असहजता रहेगी। फिर भी धन लाभ थोड़े विलंब से हो जाने से कार्यो में अड़चन नहीं आएगी। महिलाओं से आर्थिक सहयोग मिल सकता है। सरकारी कार्य थोड़ी शिफारिश के बाद आगे बढ़ेंगे। शेयर सट्टे में आज निवेश से बचे हानि हो सकती है। अन्य दैनिक उपभोग के व्यावसायिक कार्यो में निवेश उत्तम रहेगा। दैनिक जीवन में कोई चमत्कार होने से आश्चर्य होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन विविध क्षेत्रों में विजय दिलाने वाला रहेगा आज आप जिस भी कार्य को करेंगे उसमे आरम्भ में थोड़ी झिझक रहेगी परन्तु अंतिम फल शुभ ही रहेगा। सामाजिक क्षेत्र पर आपका दबदबा रहेगा। जिस किसी से भी कार्य निकालना चाहेंगे वह चाह कर भी मना नही कर सकेगा। कार्य क्षेत्र पर निर्णय लेने में थोड़ी परेशानी भी रहेगी फिर भी सोची गयी योजनाएं अवश्य फलीभूत होंगी। धन लाभ थोड़े इन्तजार के बाद होगा। शारीरिक स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। घर में पूजा पाठ का आयोजन करवा सकते है। नए कार्य फिलहाल टालें। सुख के साधनों में वृद्धि होगी। विरोधी परास्त होंगे। परिवार में शांति रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आप अधिकांश समय आराम में बिताना पसंद करेंगे। स्वास्थ्य सम्बंधित शिकायत पेट सम्बंधित समस्या मुख्यतः रहेगी। आकस्मिक कार्य आने से यात्रा करनी पड़ सकती है। धन लाभ दोपहर से पूर्व आसानी से होगा इसके बाद परिश्रम साध्य लाभ होगा सरकारी कार्य करना मध्यान से पहले उचित रहेगा बाद में लंबित रह सकता है। पुरानी उधारी चुकता होने से राहत मिलेगी। घर में महिलाओं एवं सन्तानो की फरमाइश पूरी करनी पड़ेगी। माता पिता से भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे इस कारण किसी अन्य सदस्य से क्लेश भी रह सकता है। संध्या का समय थकान वाला रहेगा फिर भी हास्य परिहास के अवसर मिलेंगें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

 आज के दिन आपके अंदर सोचने समझने की शक्ति प्रचुर मात्रा में रहेगी फिर भी आज ग्रह स्थिति के कारण राह चलते लोग भी आपके व्यक्तित्त्व पर छींटाकशी कर सकते है जिससे मानसिक स्थिति खराब रहेगी। ना चाहकर भी कटु वचन बोलने पड़ेंगे जिसके कारण बाद में आत्मग्लानि रहेगी। कार्य क्षेत्र पर उधार वाले परेशान कर सकते है आज किसी से भी उधार के व्यवहार ना करें अन्यथा हानि में रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आज अन्य दिनों की अपेक्षा शांति प्रदान करेगा सेहत छोटी-मोटी बातों को छोड़कर सामान्य रहेगी बुद्धि के बल पर धन लाभ हो सकता है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन भी आपको विविध कष्टो का सामना करना पड़ेगा दिनचर्या अस्त व्यस्त रहेगी। आप पूर्वाग्रह से ग्रसित रहेंगे। अपने जिद्दी स्वभाव के कारण आसपास का वातावरण अशान्त बनाएंगे। मनमानी के चलते घर में भी तनाव का वातावरण बनेगा। सामाजिक क्षेत्र पर धन के साथ साथ मान हानि के योग है बेहतर रहेगा की आज कोई भी बड़ा कार्य ना करें यात्रा भी अति आवश्यक होने पर ही करें व्यर्थ समय एवं धन नष्ट होने की संभावनाएं अधिक है। परन्तु जोखिम वाले कार्यो में निवेश निकट भविष्य में अवश्य लाभ कराएगा। परिवारक वातावरण आपकी गलतियों के कारण पहले कलुषित होगा सामान्य होने में समय लगेगा। महिलाओं से सतर्क रहें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन धन के साथ-साथ सुख शान्ति दायक भी रहेगा। व्यापारी वर्ग को लाभदायक सौदे मिलेंगे। भविष्य की योजनाओं पर भी धन का निवेश करेंगे साथ ही बचत भी कर पाएंगे। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर भी आपके कार्य निर्विघ्न चलते रहेंगे परन्तु बीच-बीच में सहकर्मियो के कारण थोड़ी असुविधा बन सकती है। धन लाभ आशा के अनुरूप हो जाएगा कार्य के नए क्षेत्र मिलेंगे। मित्र स्वयजनो के साथ धार्मिक यात्रा के योग भी बनेंगे। महिला वर्ग सेहत को लेकर परेशान रह सकती है थकान अधिक रहेगी स्वभाव में भी चिड़चिड़ा पन रहने से घरेलु कार्य में विलंब होगा। विद्यार्थ पढ़ाई पर कम ध्यान देंगे।

 
*Big  beraking न्यूज़ , आगरा से*
 
*500 करोड़ की लागत से बनेगा आगरा में तीर्थ पर  एक मंदिर एक ही परिवार बनाएगा , नाम होगा  लोकोदय तीर्थ* , मतलब लोक का सबसे बड़ा तीर्थ , इस तीर्थ में बहुत मंदिर बनेंगे , एक परिवार एक मंदिर बनाएगा , चन्दा चिठा नही होगा , 
आगरा में जगतपुज्य विश्व गुरु *सुधासागर जी महामुनिराज  के श्री मुख से हुई घोषणा , *विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ आगरा में बनेगा* , लोकोदय तीर्थ की जय हो , *कुंडलपुर बड़े बाबा की तर्ज पर बनेगा बड़ा मंदिर* सफेद मार्बल पत्थर के बनेंगे सभी मंदिर , *ताज महल के नाम से नही अब जैन मंदिर जैन धर्म के नाम से जाना जाएगा* , आगरा , ताज महल होगा फीका 
 *अंतर्राष्टीय तीर्थ बनेगा आगरा में* 
*500 करोड़ रुपये से एक बड़ा मंदिर बनायेगे निर्मल कुमार मोठ्या परिवार आगरा* , 
2.50 करोड़ , 2.50 करोड़ के 24 परिवार अलग अलग मंदिर बनायेगे , सबके नाम घोषित हो चुके है , 
जिनवाणी चैनल आदि परिवार , 
 ओर भी परिवार है , 2.50 करोड़ के बहुत नाम आ चुके है 🛕🛕🛕🛕
🛕🛕🛕🛕🛕🛕*जगत पूज्य सुधा सागर जी गुरुदेव की महिमा जगत में सबसे निराली है तभी तो दुनिया जगत पूज्य की दीवानी है* 🙏🙏🙏🙏👍👍👍 सभी दानवीर के  पूण्य  की बहुत बहुत अनुमोदना , हमे भी ऐसी तीर्थ बनाने की शक्ति प्राप्त हो 🙏🙏🙏🙏
◆ गीता पहली बार पढ़ने पर समझ नहीं आती।
◆ गीता दूसरी बार पढ़ने पर कुछ-कुछ समझ आती है।
◆ गीता तीसरी बार पढ़ने पर समझ आने लगती है।
◆ गीता चौथी बार पढ़ने पर पूरी समझ आने लगती है।
◆ गीता पांचवी बार पढने पर ज्ञान देने लगती है।
◆ गीता छठी बार पढ़ने पर कर्म के महत्व को समझाती है।
◆ गीता सातवीं बार पढ़ने पर घर के सारे क्लेश दूर कर देती है।
◆ गीता आठवीं बार पढ़ने पर सारे विघ्न दूर कर देती है।
◆ गीता नौवीं बार पढ़ने पर पूरे घर को समृद्ध बना देती है।
◆ गीता दसवीं बार पढ़ने पर आपको पूर्ण ज्ञानी बना देती है।
◆ गीता 11वीं बार पढ़ने पर आपको बहुत बड़ा व्यवसायी बना देती है।
◆ गीता 12वीं बार पढने पर आपको कृष्ण के समान चतुर बना देती है।
◆ गीता 13वीं बार पढ़ने पर आपको एक कुशल वक्ता बना देती है।
◆ गीता 14वीं बार पढ़ने पर आपको ब्राह्मण शूद्र और वैश्य और क्षत्रिय से ऊपर उठा देती है।
◆ गीता 15 वीं बार पढ़नें पर आपको कृष्ण बना देती है।
◆ गीता 16 वीं बार पढ़ने पर संसार रूपी महाभारत में युद्ध करना सिखा देती है।
◆ गीता 17 वीं बार पढ़ें पर मोक्ष की और प्रवृत कर देती है।
◆ गीता 18 वीं बार पढ़ने पर जन्म मरण के बंधन से मुक्त कर देती है।
गीता के जितने अध्याय हैं उतनी बार भागवत गीता को पढ़िए, तब जाकर आप कृष्ण की तरह एक योद्धा भी बनेंगे, एक रणनीतिकार भी बनेंगे और एक कुशल वक्ता भी बनेंगे।
जय श्री कृष्ण 🙏
🔍 *Avishwasniy but Satya* 🔍
क्या आप सपने में भी सोच सकते है कि 
केंद्र मे कांग्रेस का शासन!
और 
*गुजरात के*
*कांग्रेसी मुख्य मंत्री के हेलिकाप्टर को*
*पाकिस्तान ने मार गिराया!*
 
पूरे भारत में किसी राज्य के मुख्यमंत्री को
यदि किसी दूसरे देश ने मारा है तो वह 
*गुजरात के कांग्रेस से ही मुख्यमंत्री स्वर्गीय बलवंत राय मेहता थे!*
 
घटना वर्ष 1965 की है स्वर्गीय बलवंत राय मेहता अपनी पत्नी के साथ हेलीकॉप्टर पर 
मीठापुर से कच्छ जा रहे थे!
 
उसी समय 
*पाकिस्तान का एक फाइटर पायलट भारतीय एयर स्पेस में घुस गया!!*
 
और जब हेलीकॉप्टर के पायलट ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को 
अपने ऊपर मंडराते देखा ….
 
तब उसने हेलीकॉप्टर के पंखे को हिला-हिला कर 
और रेडियो पर मर्सी संदेश भेज भेज कर 
अपने लिये जीवन दान मांगा!
 
दरअसल हेलीकॉप्टर के डेने हिलाने का संकेत होता है कि मुझ पर रहम करो। 
मुझ पर दया करो!
 
लेकिन 
*पाकिस्तानी फाइटर पायलट ने गुजरात के मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता के हेलीकॉप्टर को उड़ा दिया!*
 
इस हमले में मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता उनकी धर्मपत्नी सरोजबेन तथा 12 अन्य लोग भारतीय सीमा में ही मारे गये!
 
बलवंत राय मेहता कांग्रेस के ही थे । 
केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी । 
 
इतनी बड़ी घटना पर 
*यदि भारत सरकार चाहती तो पाकिस्तान की ईंट से ईट बजा सकती थी!*
 
लेकिन वो कांग्रेसी दुम हिलाकर और फिर दबाकर, दबाकर बैठ गई,
 
और सुनिये….
गुजरात विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ने से पहले!
 
 कांग्रेस ने 
अपने ट्विटर अकाउंट पर एक सर्वे किया था 
नो-योर-लीगेसी 
के तहत किये गये इस सर्वे में 
कांग्रेस ने पूछा था कि गुजरात के किस मुख्यमंत्री को पंचायती राज का शिल्पकार माना जाता है?
 
दिये गये चार विकल्पों में आनंदीबेन पटेल, केशुभाई पटेल, बलवंत राय मेहता और नरेंद्र मोदी का नाम था!
 
जवाब देने वालों का बहुमत बलवंत राय मेहता के पक्ष में आया!
 
बलवंत राय मेहता गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री थे, 
और देश में पंचायती राज संस्थाओं के चैंपियन माने जाते हैं!
 
46 साल बाद पाकिस्तानी फाइटर एयरक्राफ्ट के पायलट ने मेहता के हेलिकॉप्टर बीचक्राफ्ट के पायलट की बेटी को पत्र लिखकर माफी मांगी!
 
पायलट की बेटी ने भी पत्र का जवाब दिया और पिता के हत्यारे को माफ कर दिया!
 
भारतीय हेलिकॉप्टर को गुजरात सरकार के मुख्य पायलट जहांगीर एम. इंजीनियर उड़ा रहे थे. इंजीनियर भारतीय वायुसेना में पायलट और सह पायलट के रूप में अपनी सेवा दे चुके थे।
 
♌♏♊☦
 
बलवंत मेहता के हेलिकॉप्टर को पाकिस्तानी फाइटर कैश हुसैन ने इंटरसेप्ट किया.
समाचार के अनुसार उस समय कैश की आयु केवल 25 साल की थी,
आज जब वही कांग्रेसी कहते हैं कि मोदी जी चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब नहीं दे रहे! तो विष्मय होता है। 
 
जो मोदी अपने एक फाइटर पायलट अभिनंदन के लिये पाकिस्तान की रीढ़ की हड्डियों में कंपन पैदा कर सकता है …..
वो मोदी उस समय होता तो अपने मुख्य मंत्री के लिए क्या कर डालता!
 
हमको चुभती क्यों नहीं त्रिशूल की ये बातेँ!
 
हमारे धनुष की प्रत्यंचा खिंचती क्यों नहीं!
 
शायद इसीलिए भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया। 🚩🚩🚩🚩🚩
पितृपक्ष या श्राद्धपक्ष – अन्धविश्वास नहींं, अमरत्व का आयोजन है
‘श्रद्धा’ शब्द ‘श्रत्’ या ‘श्रद्’ शब्द से ‘अङ्’ प्रत्यय होने पर बनता है, जिसका अर्थ है- ‘आस्तिक बुद्धि। ‘सत्य धीयते यस्याम् सा श्रद्धा’ अर्थात् जिसमें सत्य प्रतिष्ठित है वह श्रद्धा है । श्राद्ध श्रद्धा से ही व्युत्पन्न है। संस्कृत श्रत् रोमन मूल के अंग्रेजी शब्द Heart के मूल में है जिसमें निष्ठा एवं श्रद्धा का शालग्राम निहित है, कहते हैं न by heart !   
मनुष्य एक स्मृतिजीवी प्राणी है। स्मृतियों को ले कर जाने कितनी कलाकृतियाँ, साहित्य, गीत, समर्पण आदि नित्य सृजित किये जाते रहे हैं, जायेंगे । शरीर ‘शॄ-ईरन्’ के मूल में शॄ है, हिंसा से जुड़ा, क्षरण से जुड़ा। युवा होता पिण्ड विस्तार लेता है, देह (दिह्-घञ्) कहलाता है, वृद्धि करता है। एक निश्चित समय के पश्चात वह छीजने लगता है, शरीर हो जाता है। एक दिन शरीर नहीं रहती , स्मृतियाँ रह जाती हैं ।
देखें तो स्मृति (स्मृ-क्तिन्) मरण के शाश्वत सत्य के बीच अमरता का बीज है जिसे मनुष्य विविध आयोजनों से सायास बनाये रखता है । सनातन प्रज्ञा सुकर्मों पर केंद्रित है क्यों कि उनसे स्मृति का शुभ्र पक्ष बढ़ता है । ‘मृत व्यक्ति के बारे में बुरा नहीं कहते’ इस कथन के पीछे एक सूक्ष्म मनोविज्ञान है कि हम मृत की स्मृति में कभी उसकी बुराइयाँ नहीं दुहराते । ‘सत्य शिवम् सुन्‍दरम्’ की अवधारणा के नेपथ्य में एक स्वस्थ, सुन्दर, चिरजीवी समाज का स्वप्न है जिसकी स्मृतियों में शुभ्रता का साम्राज्य रहे ।
हमारे बीच साक्षात सदेह रह कर गये पितर यहीं महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। वे देवताओं की भाँति दुर्लभ नहीं, कभी सहज सुलभ रहे होते हैं । देवस्तोत्रों की तुलना में महान कर्म करने वाले पूर्वजों की स्मृतियों के माध्यम से हम वरेण्य व्यवहार के निकट अधिक सरलता से पहुँच सकते हैं । इस कारण ही पितरों को देवतुल्य माना गया है। संसार की समस्त प्राचीन सभ्यताओं में पितरों के प्रति श्रद्धा का भाव अभिव्यक्त हुआ है । सनातन में प्रत्येक वर्ष का एक पक्ष पितरों के श्राद्ध हेतु निश्चित है, आश्विन(पूर्णिमान्‍त) माह का यह कृष्ण पक्ष वही है। पूर्णिमा तिथि वाले एक दिन पूर्व की भाद्रपद पूर्णिमा को भी सम्मिलित कर लेते हैं। 
देखें तो स्मृतियों को जीना मरण या नश्वरता के विरुद्ध जीवन अभियान है। वैदिक संहिताओं से ले कर आख्यानों तक, पुराणों तक अमरत्व की इच्छा, साधना, व्यवस्थायें विविध रूपों में अभिव्यक्त हुई हैं । देवताओं के समान्‍तर पितरों का अस्तित्त्व वृत्तीय सममिति में बना ही रहता है मानों ‘यिन यान’ हो ।
दिन देव, रात पितर; शुक्ल देव, कृष्ण पितर; उत्तरायण देव, दक्षिणायन पितर; देवयान पितृयान … सन्‍तुलित श्रद्धा के बहुआयामी विवरण विविध स्रोतों में मिलते हैं। भक्तिपूरित देव आराधना में कर्मकाण्ड पीछे छूट जाते हैं तो पितरों हेतु यहाँ तक कहा गया है कि कुछ न मिले, मन्‍त्र न पता हों तो श्रद्धा के साथ जलाञ्जलि ही पर्याप्त है।
श्राद्ध पक्ष ‘मृतकों’ का न हो कर जीवन के प्रति, अमरता के प्रति, अक्षुण्ण प्रवाह के प्रति समर्पण का सायास आयोजन है । जन्मदिन birthday मनाने से भी आगे जा कर उन पूर्वजों को अमरत्व प्रदान करना है जिनके कारण हमारा अस्तित्त्व इस धरा पर है। एक बहुत ही प्राचीन भारतीय विचार है, मनुष्य अपने जीवनकाल में तीन जन्म लेता है, पहला माँ के गर्भ से, दूसरा शिक्षा प्राप्ति हेतु गुरु के निकट जाने पर जिसे कि अलङ्कारिक रूप में कहा गया कि श्रीगणेश के समय वह शिष्य को अपने गर्भ में तीन दिन रखता है एवं तीसरा जो कि सबसे गहन है, तब होता है जब शरीर मरती है । 
इस विचार के आलोक में श्राद्धपक्ष को देखें, श्रद्धा आयोजन का महत्त्व समझ में आ जायेगा।
✍🏻 सनातन कालयात्री श्री गिरिजेश राव जी 
पितृ पक्ष आश्विन कृष्ण पक्ष
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यह देवताओं का वरदान है मनुष्यों के लिए।
यह साधन काल है, तप:भूत है, तपोमय है। इस समय का सदुपयोग करें।
सहज वाम साधक जिस मोहनिशा की अन्हरिया की प्रतीक्षा करता है, जब वामी आगमोक्त सूत्र मूर्त नर्तन करते हैं, तब परिज्ञा पक्षी चंद्रमा उस निवीड़ निशीथ में जीवन के पूर्वाद्ध में संचित अमृतबिंदुओं से प्रारब्ध की दाहकता को शान्त करते हैं। 
व्यक्तिगत हमें अंजोर से कहीं अधिक इस अन्हरिया से प्रेम है। गोरे से अधिक सांवरा मन को खींचता है। गोरी प्रिय है पर श्यामा पर तो रीझे हैं हम। सांवरी के हाथ दे आए हैं मन-पतंग की डोर भी मांझा भी।
अमावस को शीतरश्मि ओषधीश चंद्र अपने अप्रकाशित भाग से पृथ्वी को तकेंगे तम-रज की प्रबलता होगी। पूर्णिमा को इसके विपरीत। 
मरे हुए और अमरा दोनों शर्वरीश की शीतलता के प्यासे। एक की प्यास बुझाएंगे क्षीण होकर दूजे को तृप्त करेंगे पीन होकर। मधु मधु मधु! तृपध्वम् तृपध्वम् तृपध्वम्! स्वधा स्वधा स्वधा! स्वाहा स्वाहा स्वाहा! चंद्र एक एक कला पितरों को पिलाएंगे कृष्‍णपक्ष में, देवताओं को शुक्ल पक्ष में।
अमा पितर-पर्व है पूनम देवपर्व। आश्विन-अमावस श्रेष्ठतम, आश्विन-पूर्णिमा शुद्धतम।
कभी हमारे पूर्वपुरुष इस आश्विन अमावस की पूरे वर्ष प्रतीक्षा करते थे कि सविता की गोद में बैठे यम के संगी अपने वायव्य पितरों से अपने मन की बात घर का दुख सुख कहेंगे। वंशवृद्धि के लिए आशीष लेंगे। अग्नि से आहुतियां लेने वाले हमारे पितर हमारी प्रार्थनाओं को सुनते भी हैं।
यह त्यौहार है कोई मातमी मौका नहीं। दादा परदादा के पसंदीदा व्यंजन बनवाइए। उनको याद कीजिए
अब यह जो हमारे पितर हैं, इनकी भी कई श्रेणियां हैं। पितृ लोग अधिकतर देवों, विशेषत: सूर्यपुत्र यम के साथ आनन्द मनाते हुए व्यक्त किये गये हैं।इसलिए उपर उन्हें सविता की गोद में बैठा कहा।
 वे सोमप्रेमी होते हैं, वे कुश पर यानी कि दर्भासन पर बैठते हैं, यह कुश बड़े महत्व की वनस्पति है। तीनों लोकों को जोड़ने वाली रज्जु है यह।
एक जगह पितरों की तीन कोटियाँ कही गयीं।यथा–पितर: सोमवन्त:, पितर: बर्हिषद: एवं पितर: अग्निष्वात्ता:। सोम संबंधित, अर्यमा संबंधित और अग्नि संबंधित। वैसे तो यह तीनों देवतुल्य। पर अन्तिम दो के नाम ऋग्वेद में आये हैं। शतपथ ब्राह्मण ने इनकी परिभाषा यों की है–”जिन्होंने एक सोमयज्ञ किया, वे पितर सोमवन्त: कहे गये हैं; जिन्होंने पक्व आहुतियाँ (चरु एवं पुरोडास के समान) दीं और एक लोक प्राप्त किया, वे पितर बर्हिषद: कहे गये हैं; जिन्होंने इन दोनों में कोई कृत्य नहीं सम्पादित किया और जिन्हें जलाते समय अग्नि ने समाप्त कर दिया, उन्हें अग्निष्वात्ता: कहा गया है; केवल ये ही पितर हैं।
मनु ने भी पितरों की कई कोटियाँ दी हैं और चारों वर्णों के लिए क्रम से सोमपा:, हविर्भुज:, आज्यपा: एवं सुकालिन: पितरों के नाम बतला दिये गये हैं। आगे चलकर मनु ने कहा है कि ब्राह्मणों के पितर अनग्निदग्ध, अग्निदग्ध, काव्य बर्हिषद्, अग्निष्वात्त एवं सौम्य नामों से पुकारे जाते हैं। इन नामों से पता चलता है कि मनु ने पितरों की कोटियों के विषय में कतिपय परम्पराओं को मान्यता दी है।
एक जगह पिता, पितामह और प्रपितामह इनको अश्रुमुख कहा। ये वार्षिक तर्पण श्राद्धादि के अधिकारी हैं। इनसे उपर की तीन पीढिय़ों को नान्दीमुख पितर कहा जिन्हें नांदीमुख श्राद्ध और उपनयन यज्ञ के फल का अधिकारी बनाया है। इसके अतिरिक्त ‘कारूणिक’ पितरों की एक श्रेणी है जिसमें हमारे पितरों के मित्र और सम्बन्धी आते हैं। कहाँ होगा ऐसा दर्शन अन्यत्र!
स्कन्द पुराण ने पितरों की नौ कोटियाँ दी हैं; अग्निष्वात्ता:, बर्हिषद:, आज्यपात्, सोमपा:, रश्मिपा:, उपहूता:, आयन्तुन:, श्राद्धभुज: एवं नान्दीमुखा:। इस सूची में नये एवं पुराने लगभग सभी नाम सम्मिलित हैं।
इन पितरों को कभी भूलिए नहीं। इन्हें भूल जाना तो हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट कर देगा।
इस आश्विन-अमा और पूरे पक्ष भर आइए हृदय के सोमदीप जलाएं! पितर तृप्त हों! हमारी कामनाएँ तृप्त हों, कल्पनाएँ तृप्त हों। वंशवृद्धि हो।
ॐ आयन्तु न: पितर: सोम्यासोऽग्निष्वात्ता: पथिभिर्देवयानै: ।
अस्मिन्यज्ञे स्वधया मदन्तोऽधिव्रुवन्तु तेऽवन्तस्मान् ॥
(शु० यजु० १६।५८)
‘हमारे सोमपान करने योग्य अग्निष्वात्त पितृगण देवताओं के साथ गमन करने योग्य मार्गों से यहाँ आवें और इस यज्ञ में स्वाधा से तृप्त होकर हमें मानसिक उपदेश दें तथा वे हमारी रक्षा करें ।’
ॐ उशन्तस्त्वा निधीमह्युशन्त: समिधीमहि ।
उशन्नुशत ऽआवह पितृन्हाविषे ऽअत्तवे ॥
(शु० यजु० १६।७०)
‘हे अग्ने ! तुम्हारे यजन की कामना करते हुए हम तुम्हें स्थापित करते हैं । यजन की ही इच्छा रखते हुए तुम्हें प्रज्वलित करते हैं । हविष्य की इच्छा रखते हुए तुम भी तृप्ति की कामनावाले हमारे पितरों को हविष्य भोजन करने के लिये बुलाओ ।’
कब करें क्या करें कैसे करें
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१)जिस तिथि को ज्ञात पितरों का लोकान्तर हुआ हो उस दिन श्राद्ध तर्पण ब्राह्मण भोजन दान आदि करें।
२) पितृ पक्ष की नवमी मातृ नवमी कहलाती है, दोष हो न‌ हो, मातृ कुल के पितरों की तृप्ति के लिए नवमी को श्राद्ध करें
३) आश्विन कृष्ण प्रदोष त्रयोदशी को किए गये सुकर्म सीधे पितरों को प्राप्त होते हैं, उस दिन अवश्य उनकी प्रसन्नता और कृपा के उपाय करें
४) अमावस्या को सभी ज्ञात अज्ञात पितर, तिरोहित संबंधित, मित्र आदि के लिए श्राद्ध करें।
एक नयी अधम कोटि पैदा हुई जिनको लगता है कि श्राद्ध बहुत खर्चीला और अनावश्यक काम है। कुछ तो ऐसा भी कहते हैं कि यह ब्राह्मणों का कमाने का जरिया है। 
उनके लिए –
द्वौ दैवे पितृकार्ये 
         त्रीनेकैकमुभयत्र वा
भोजयेत्सुसमृद्धोपि
          न प्रसज्जेत विस्तरे
मनुस्मृति ३/१२५ 
बौधायनस्मृति २/८/२९
देवकार्य में दो और पितृकार्य में तीन अथवा दोंनो में एक एक ब्राह्मण भोजन कराना चाहिये अत्यन्त धनी होने पर भी श्राद्धकर्म में अधिक विस्तार नहीं करना चाहिये 
✍🏻डॉ. मधुसूदन ‘पाराशर’ 

*बीजेपी 22 मई 2004 को अटल जी की सरकार औपचारिक रूप से विदा हुई इसके बाद देश मे हिंदुओं का कितना कत्लेआम हुआ जाने और समझें,*

*कोरोना माहमारी में एक ईमानदार प्रधानमंत्री का मजाक बनाने वाले जरा गौर से पढ़े* 

*गांधी परिवार ने श्री मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया…*

 *2014 तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही… भूल गये होंगे क्योंकि हमारी स्मृति बहुत कमजोर होती है, चलिए याद दिला देते है।*

*15 अगस्त 2004- असम के धिमजी स्कूल में बम ब्लास्ट, 18 मरे 40 घायल*

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*5 जुलाई 2005- अयोध्या में रामजन्म भूमि पर आतंकवादी हमला, 6 मरे, दर्जनों घायल*

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*28 जुलाई 2005- जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में RDX द्वारा बम विस्फोट, 13 मरे, 50 घायल*

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*29 अक्टूबर 2005- दीपावली के त्यौहार के दो दिन पहले दिल्ली के गोविंदपुरी की बस, पहाड़गंज और सरोजनी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में सीरियल ब्लास्ट, 70 लोगों के चिथड़े उड़ा दिए गए और 250 से ज्यादा घायल हुए, तारिक अहमद डार और रफीक मास्टरमाइंड।*

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*28 दिसम्बर 2005- बैंगलोर के इंस्टीट्यूट आफ साइंस पर आतंकवादी हमला, 1 मरा 4 घायल*

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*7 मार्च 2006- हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर और भीड़भाड़ वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 3 बम ब्लास्ट करके 28 श्रद्धालुओं, नागरिको को बम से उड़ा दिया,101 लोग घायल हुए, लश्करे कुहाब और सिमी का हाथ*

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*11 जुलाई 2006- मुम्बई में एक साथ—माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, भाइंदर, बोरिवली स्टेशनों के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट, 209 मरे 700 से ज्यादा घायल, फैसल शेख, आसिफ अंसारी, आसिफ खान, कमल अंसारी, एहतसाम सिद्दकी और नावेद खान घटना के प्रमुख सूत्रधार।*

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*8 सितंबर 2006- मालेगांव की मस्जिद में सीरियल ब्लास्ट, 37 मरे, 125 घायल, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया का हाथ… बाद में चार्जशीट बदलकर हिन्दू आतंकवाद की ऐतिहासिक असफल थ्योरी बनाने की कोशिश हुई।*

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*18 फरवरी 2007- समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, 68 मरे, 50 घायल, सेना की इंटेलीजेंस ने इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्करे तैय्यबा का हाथ बताया… कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद बनाने के चक्कर में भारतीय सेना के कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जेल में 7 वर्ष तक भयानक यातनाएं दी… 9 वर्ष बाद पुरोहित जेल से बाहर आये।*

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*हैदराबाद की मक्का मस्जिद में ब्लास्ट, 16 मरे 100 घायल, हरक़त उल जिहाद अल इस्लामी का हाथ… कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की असफल थ्योरी एक बार फिर सिद्ध करने का प्रयास किया।*

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*14 अक्टूबर 2007- लुधियाना के थियेटर में ब्लास्ट, 6 लोग मरे*

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*24 नवम्बर 2007- उत्तर प्रदेश में लखनऊ, अयोध्या और बनारस के न्यायालयों में सीरियल बम बलास्ट, 16 मरे 79 घायल*

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*1 जनवरी 2008- रामपुर उत्तर प्रदेश में CRPF कैम्प पर हमला, 8 मरे 7 घायल, लश्करे तय्यबा का हाथ।*

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*13 मई 2008- जयपुर के छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, मानकपुर पुलिस स्टेशन एरिया, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, कोतवाली क्षेत्र में RDX द्वारा 9 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट, 63 मरे, 200 घायल, हरकत-उल-जिहाद उल इस्लामी ने ली जिम्मेदारी।*

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*25 जुलाई 2008- बैंगलुरु में में 8 सीरियल ब्लास्ट, 2 मरे 20 घायल*

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*26 जुलाई 2008- गुजरात के अहमदाबाद में 17 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट, 35 मरे 110 घायल… मुफ़्ती अबू बशीर मास्टर माइंड… अब्दुल कादिर, हासिल मोहम्मद, हुसैन इम्ब्राहीम ने मिलकर कराची (पाकिस्तान) में बैठे नेटवर्क की सहायता से बम विस्फोट किये।*

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*13 सितंबर 2008- दिल्ली के गफ्फार मार्केट, बारहखम्भा रोड, GK1, सेंट्रल पार्क में 31 मिनट के अंदर 5 बम ब्लास्ट हुए, 4 अन्य बम निष्क्रिय किये गए, 33 मरे और 150 से ज्यादा घायल… स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आठ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।*

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*27 सितंबर 2008- दिल्ली महरौली के इलेक्ट्रानिक मार्केट में 2 बम ब्लास्ट, 3 मरे और 33 घायल।*

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*1 अक्टूबर 2008- अगरतल्ला में बम विस्फोट, 4 मरे 100 घायल*

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*21 अक्टूबर 2008- इम्फाल में बम विस्फोट, 17 मरे 50 घायल*

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*30 अक्टूबर 2008- असम में बम विस्फोट, 81 मरे और 500 से ज्यादा घायल*

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*28 नवम्बर 2008- मुम्बई हमला ताज होटल, ओबेराय होटल, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर आतंकवादी हमला, 166 लोग मारे गए 600 से ज्यादा घायल।*

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*1 जनवरी 2009- गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 6 मरे 67 घायल*

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*6 अप्रैल 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 7 मरे 62 घायल*

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*13 फरवरी 2010- पुणे की जर्मन बेकरी में बम ब्लास्ट,17 मरे 70 घायल… सिमी इंटरनेशनल मुजाहिद्दीन इस्लामिक मुस्लिम फ्रंट के भारतीय शाखा द्वारा किया गया बम ब्लास्ट।*

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*7 दिसम्बर 2010- दशास्वमेध घाट पर गंगा आरती के समय बम ब्लास्ट, 3 मरे 36 घायल… स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।*

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*13 जुलाई 2011- मुबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बाज़ार और दादर एरिया में भीषण बेम ब्लास्ट, 26 मरे 130 लोग घायल… स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।*

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*7 सितंबर 2011- दिल्ली हाईकोर्ट में बम ब्लास्ट, 17 मरे और 180 लोग घायल… हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के आउटफिट का भारतीय मेडिकल छात्र वसीम अकरम मालिक बम बलास्ट का मास्टरमाइंड।*

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*13 फरवरी 2011- इजराइली डिप्लोमेट की कार को बम से उड़ाने का प्रयास, बम सही से फटा नहीं, 4 घायल… भारतीय पत्रकार मुहम्मद अहमद काज़मी की संलिप्तता।*

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*1 अगस्त 2012- पुणे ब्लास्ट, स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।*

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*21 फरवरी 2013- हैदराबाद की हैदाराबाद में 2 बम ब्लास्ट, 18 मरे और 131 घायल… इंडियन मुजाहिद्दीन का फाउंडर यासीन भटकल, असदुल्लाह अख्तर, तहसीन अख्तर, एजाज शेख बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड।*

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*17 अप्रैल 2013- बैंगलोर में बम ब्लास्ट,14 लोग गंभीर रुप से घायल*

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*7 जुलाई 2013- बोधगया मे ब्लास्ट, 5 लोग गंभीर रूप से घायल… म्यांमार में रोहंगिया आतंकवादियों के खिलाफ हुई कार्यवाही के विरोध में भारत के बिहार के बोध गया में उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, मुजीबुल्लाह अंसार, हैदर अली, इम्तियाज अंसारी ने बिहार को दहलाने की रची थी साजिश।*

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*27 अक्टूबर 2013- को पटना में, नरेंद्र मोदी की रैली में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा 8 बम ब्लास्ट, 6 मरे 85 घायल…लाखों की भीड़ में भगदड़ मचा कर हजारों को मारने की साजिश… मोदी और मैनेजरों की समझदारी से भगदड़ नही मची… मोहम्मद तहसीन अख्तर मास्टरमाइंड… चिकमंगलूर मदरसे से प्रेरित होकर किया ब्लास्ट… मुज़्बुल्ला, हैदर अली, नुमान, तारिक अंसारी ब्लास्ट के बाद फरार।*

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*1 मई 2014- चेन्नई में गुवाहाटी बैंगलोर एक्सप्रेस में बम बलास्ट, 2 मरे 14 गंभीर रूप से घायल।*

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*इन आंकड़ों में 10 वर्ष में हुए वामपंथी, माओवादियों द्वारा किये गए हमले और जम्मू कश्मीर में किये गए हमले शामिल नहीं है, क्योंकि वो अलग विषय है।*

*यहां एक बात और याद दिलाना जरूरी है कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी उस में मारे गए तो तत्कालीन कांग्रेस की मुखिया श्रीमती सोनिया गांधी उन आतंकवादियों की लाशों को देखकर फूट फूट कर रोई थी, जैसे कि कोई अपने घर का चला गया हो।*

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*2014 में मोदी के आने के बाद से इस लेख के लिखे जाने तक मुझे याद नहीं कि दिल्ली की सड़कों, हैदराबाद, अहमदाबाद और अयोध्या के चौराहों पर, जयपुर और बनारस की गलियों में कोई ऐसा बम ब्लास्ट हुआ हो, जहां कोई मंदिर या मस्जिद जाने वाला, कोई दिवाली के लिए खरीदारी करने वाला, कोई रेस्टोरेंट में अपने परिवार के साथ बैठा व्यक्ति या मुम्बई की लोकल ट्रेन में यात्रा करता एक नागरिक बम ब्लास्ट में चीथड़े हो जाए और अगले दिन वह नहीं बल्कि उसकी लाश उसके घर पहुंचे।*

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जानते हैं क्यों ?? क्योंकि इस देश में आम चुनाव द्वारा *इलैक्टेड प्रधानमन्त्री* Narendra Modi का राज है… जबकि आज से पहले आतंकवादियों के लाश पर आँसू बहाने वालों द्वारा *सलेक्टेड प्रधानमंत्री* का राज था… राजनाथ सिंह को हमने बहुत बार *निंदानाथ* कहा… परन्तु गृहमंत्री के रूप में उनका तथा अमित शाह का कार्यकाल सफल रहा कि देश के अंदर वो रक्तपात कभी नहीं हुआ, जिसका गवाह ये देश 2005 से 2014 तक बना और हां वो हर जगह होने वाली अनाउंसमैंट कि *अपने आसपास रखीं लावारिस वस्तु को न छुएं इसमें बम हो सकता है* आजकल कहीं सुनने को नहीं मिलती। 

* जनता द्वारा भाजपा को भारी संख्या में वोट देने का यह भी एक प्रमुख कारण है कि देश के भीतर शांति है और बाहर भारत की बढ़ती हुई धाक और साख … किसी भी मंदिर मस्जिद या विकास को देखने के लिए आपके और आपके परिवार का जीवित रहना बहुत आवश्यक है, 

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*पिछले 72 घंटों में अज्ञात बंदूकधारियों ने 72 हूरों की लालसा वालो को उनके के पास भेज दिया* 

28.09.2023 – हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी जिसका नाम जिया उर रहमान बताया गया

29.09.2023 – हाफिज सईद का बेटा कमालुद्दीन सईद

30.09.2023 – लश्कर आतंकी कैसर फारूक

ऐसा तब होता है जब आप विभाग सही व्यक्ति को सौंपते हैं 😎

योजना, क्रियान्वयन, समर्पण एक फ्रेम में 🇮🇳

*Planning, execution and* *dedication*👍👍