आज का पंचाग, शौर्य दिवस, भैरव अष्टमी पर भगवान शिव के भैरव स्वरूप का दर्शन महात्म्य

 📖 *नीतिदर्शन……………..*✍
*निरुत्साहं निरानन्दं निर्वीर्यमरिनन्दम्।*
*मा स्म सीमन्तिनी काचिज्जनयेत्पुत्रमीदृशम्।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 उत्साहरहित, आनंदहीन, शत्रुके आनन्दको बढ़ानेवाले ऐसे पुत्रको कभी कोई माता जन्म न दे।
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष || षष्ठी तिथि || भानुवासर || मार्गशीर्ष सौर २१ प्रविष्ठ || तदनुसार ०६ दिसम्बर २०२० ई० || नक्षत्र आश्लेषा अपराह्न २:४८ तक उपरान्त पितर || कर्कस्थ चन्द्रमा अपराह्न २:४८ तक उपरान्त सिंहस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

*🚩जय सत्य सनातन🚩*

*🚩आज की हिंदी तिथि*

🌥️ *🚩युगाब्द-५१२२*
🌥️ *🚩विक्रम संवत-२०७७*
⛅ *🚩तिथि – षष्ठी रात्रि 07:44 तक तत्पश्चात सप्तमी 

⛅ *दिनांक 06 दिसम्बर 2020*
⛅ *दिन – रविवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2077*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – हेमंत*
⛅ *मास – मार्गशीर्ष*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – षष्ठी रात्रि 07:44 तक तत्पश्चात सप्तमी*
⛅ *नक्षत्र – अश्लेशा दोपहर 02:46 तक तत्पश्चात मघा*
⛅ *योग – इन्द्र सुबह 08:14 तक तत्पश्चात वैधृति*
⛅ *राहुकाल – शाम 04:35 से शाम 05:57 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:03*
⛅ *सूर्यास्त – 17:55*
⛅ *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -*
💥 *विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*🌞 *”ऊँ ह्यं हृीं हृौं सः सूर्याय नमः”।*🌞
👉🏽🕉🚩 *आज मार्गशीर्ष / अगहन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि दिन रविवार है।*
👉🏽🌞💦 *आचार्य मुक्ति नारायण जी के अनुसार जीवन में मान प्रतिष्ठा और कार्यो में श्रेष्ठ सफलता के लिए नित्य ताम्बे के बर्तन से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दे एवं रविवार कोआदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ अवश्य करें।*
👉🏽🏹💪🏼 *षष्टी तिथि के स्वामी देवतों के सेनापति कार्तिकेय जी है, षष्टी को इनकी पूजा करने से व्यक्ति वीर, शक्ति सम्पन्न एवं यशवान बनता है।*
👉🏽⚖🔝 *मुक़दमे , राजद्वार में विशेष लाभ मिलता है।*
👉🏽🌿♨ *रविवार को बेल के वृक्ष / पौधे पर जल चढ़ाकर उसकी पूजा करने से पुण्य बढ़ते है, पापो का नाश होता है।*
👉🏽💎🎉 *शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचाग पढ़ने वाले जातको का भाग्य चमकने लगता है, भगवान श्री राम भी नित्य पंचाँग सुनते थे, “रविवार का सिद्ध पंचांग पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें”
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*कृपया पंचांग को आगे भी अवश्य शेयर करें। धन्यवाद*

🌷 *भैरव अष्टमी* 🌷
🙏🏻 *07 दिसम्बर,सोमवार को भैरव अष्टमी पर्व है। यह दिन भगवान भैरव और उनके सभी रूपों के समर्पित होता है। भगवान भैरव को भगवान शिव का ही एक रूप माना जाता है,इनकी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है। 🙏🏻 भगवान भैरव को कई रूपों में पूजा जाता है। भगवान भैरव के मुख्य 8 रूप माने जाते हैं। उन रूपों की पूजा करने से भगवान अपने सभी भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें अलग-अलग फल प्रदान करते हैं।*
➡ *भगवान भैरव के 8 रूप जानें कौन-सी मनोकामना के लिए करें किसकी पूजा*
1⃣ *कपाल भैरव*
*इस रूप में भगवान का शरीर चमकीला है, उनकी सवारी हाथी है । कपाल भैरव एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में तलवार तीसरे में शस्त्र और चौथे में पात्र पकड़े हैं। भैरव के इन रुप की पूजा अर्चना करने से कानूनी कारवाइयां बंद हो जाती है । अटके हुए कार्य पूरे होते हैं ।*
2⃣ *क्रोध भैरव*
*क्रोध भैरव गहरे नीले रंग के शरीर वाले हैं और उनकी तीन आंखें हैं । भगवान के इस रुप का वाहन गरुण हैं और ये दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी माने जाते ह । क्रोध भैरव की पूजा-अर्चना करने से सभी परेशानियों और बुरे वक्त से लड़ने की क्षमता बढ़ती है ।*
3⃣ *असितांग भैरव*
*असितांग भैरव ने गले में सफेद कपालों की माला पहन रखी है और हाथ में भी एक कपाल धारण किए हैं । तीन आंखों वाले असितांग भैरव की सवारी हंस है । भगवान भैरव के इस रुप की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य में कलात्मक क्षमताएं बढ़ती है ।*
4⃣ *चंद भैरव*
*इस रुप में भगवान की तीन आंखें हैं और सवारी मोर है ।चंद भैरव एक हाथ में तलवार और दूसरे में पात्र, तीसरे में तीर और चौथे हाथ में धनुष लिए हुए है। चंद भैरव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलता हैं और हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की क्षमता आती है ।*
5⃣ *गुरू भैरव*
*गुरु भैरव हाथ में कपाल, कुल्हाडी, और तलवार पकड़े हुए है ।यह भगवान का नग्न रुप है और उनकी सवारी बैल है।गुरु भैरव के शरीर पर सांप लिपटा हुआ है।गुरु भैरव की पूजा करने से अच्छी विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है ।*
6⃣ *संहार भैरव*
*संहार भैरव नग्न रुप में है, और उनके सिर पर कपाल स्थापित है ।इनकी तीन आंखें हैं और वाहन कुत्ता है । संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं और शरीर पर सांप लिपटा हुआ है ।इसकी पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म हो जाते है ।*
7⃣ *उन्मत भैरव*
*उन्मत भैरव शांत स्वभाव का प्रतीक है । इनकी पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सारी नकारात्मकता और बुराइयां खत्म हो जाती है । भैरव के इस रुप का स्वरूप भी शांत और सुखद है । उन्मत भैरव के शरीर का रंग हल्का पीला हैं और उनका वाहन घोड़ा हैं।*
8⃣ *भीषण भैरव*
*भीषण भैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है । भीषण भैरव अपने एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे हाथ में तलवार और चौथे में एक पात्र पकड़े हुए है ।भीषण भैरव का वाहन शेर है ।*🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️