आज का पंचाग आपका राशि फल, शारदे देवी कश्मीरपुर वासिनी एक समय ज्योतिष विज्ञान का प्रमुख केंद्र था

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻शुक्रवार, १८ फरवरी २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:५८

सूर्यास्त: 🌅 ०६:०९

चन्द्रोदय: 🌝 १९:४६l

चन्द्रास्त: 🌜०८:०४

अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय

ऋतु: 🌿 बसंत 

शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)

मास 👉 फाल्गुन 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 द्वितीया (२२:२९ तक)

नक्षत्र 👉 पूर्वाफाल्गुनी (१६:४२ तक)

योग 👉 सुकर्मा (१८:३१ तक)

प्रथम करण 👉 तैतिल (१०:३७ तक)

द्वितीय करण 👉 गर (२२:२९ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 कुम्भ 

चंद्र 🌟 कन्या (२२:४६ से)

मंगल 🌟 धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)

शनि 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

राहु 🌟 वृष

केतु 🌟 वृश्चिक

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०९ से १२:५३

अमृत काल 👉 १०:१० से ११:४८

विजय मुहूर्त 👉 १४:२३ से १५:०८

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५६ से १८:२०

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०५ से २४:५६

राहुकाल 👉 ११:०७ से १२:३१

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:१९ से १६:४३

होमाहुति 👉 मंगल

दिशाशूल 👉 पश्चिम

नक्षत्रशूल 👉 उत्तर (१६:४२ से)

अग्निवास 👉 पृथ्वी (२२:२९ तक)

चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण २२:४६ से)

शिववास 👉 सभा में (२२:२९ से क्रीड़ा में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग 

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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बसंत ऋतु आरम्भ, व्यवसाय आरम्भ+विद्या एवं अक्षर आरम्भ+गृहप्रवेश+उपनयन संस्कार मुहूर्त प्रातः ०७:०५ से ११:१६ तक, विवाह मुहूर्त कन्या-तुला-वृश्चिक-धनु-मकर लग्न रात्रि ०८:०९ से प्रातः ०६:४८ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १६:४२ तक जन्मे शिशुओ का नाम    

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (टी, टू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (टे, टो, प) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कुम्भ – ३०:४२ से ०८:०८

मीन – ०८:०८ से ०९:३१

मेष – ०९:३१ से ११:०५

वृषभ – ११:०५ से १३:००

मिथुन – १३:०० से १५:१५

कर्क – १५:१५ से १७:३६

सिंह – १७:३६ से १९:५५

कन्या – १९:५५ से २२:१३

तुला – २२:१३ से २४:३४

वृश्चिक – २४:३४ से २६:५३

धनु – २६:५३ से २८:५७

मकर – २८:५७ से ३०:३८

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:५४ से ०८:०८

मृत्यु पञ्चक – ०८:०८ से ०९:३१

रोग पञ्चक – ०९:३१ से ११:०५

शुभ मुहूर्त – ११:०५ से १३:००

मृत्यु पञ्चक – १३:०० से १५:१५

अग्नि पञ्चक – १५:१५ से १६:४२

शुभ मुहूर्त – १६:४२ से १७:३६

रज पञ्चक – १७:३६ से १९:५५

शुभ मुहूर्त – १९:५५ से २२:१३

चोर पञ्चक – २२:१३ से २२:२९

शुभ मुहूर्त – २२:२९ से २४:३४+

रोग पञ्चक – २४:३४ से २६:५३

शुभ मुहूर्त – २६:५३ से २८:५७

मृत्यु पञ्चक – २८:५७ से ३०:३८

अग्नि पञ्चक – ३०:३८ से ३०:५३

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप शारीरिक रूप से चुस्त रहने के साथ-साथ अधिक व्यस्त भी रहेंगे। परन्तु अकारण क्रोध आने से आस-पास का वातावरण बीच-बीच में गरम होगा। नौकरी व्यवसाय में पहले थोड़ा आलस्य रहेगा बाद में कार्यो के प्रति अधिक गंभीर रहेंगे। नौकरी पेशा जातको को आज अतिरिक्त कार्य करना पड़ेगा जिससे थकान अधिक रहेगी। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र पर विस्तार की योजना बनाएंगे परंतु इसे साकार रूप देने में थोड़ा विलम्ब हो सकता है। आर्थिक स्थिति आज थोड़ी विचारणीय रहेगी। आकस्मिक खर्च लगे रहेंगे। परिवार में मांगलिक कार्यक्रम संपन्न होगा।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप अनर्गल प्रवृतियों में पड कर मूल उद्देश्य से भटक सकते है इससे मान हानि के साथ समय की बर्बादी भी निश्चित होगी। पहले अपने कार्यो पर ध्यान दें उसके बाद ही किसी अन्य के सहायक बने विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहने के कारण भी कार्यो में देरी की कोई ना कोई वजह बनेगी। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा करेंगे परन्तु मन कही और ही भटकेगा आडंबर की प्रवृति अधिक रहेगी। कार्य व्यवसाय से खर्च निकाल लेंगे। महिलाये भी आज दिखावे के ऊपर बेवजह खर्च कर सकती है। लाभ के अवसर लापरवाही के चलते हाथ से निकलने की संभावना है। घर के बुजुर्गो को सम्मान दें उन्नति होगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप कार्यो के प्रति बेपरवाह अधिक रहेंगे कार्य क्षेत्र पर बेमन से कार्य करते हुए भी लाभ कमा सकेंगे परन्तु अव्यवस्था में निरंतर वृद्धि होने से आगे का समय मंदी से भरा रहेगा। आज आप मध्यान तक आशा से अधिक धन कमा सकते है इसमें घर के सदस्य भी सहयोगी बनेंगे। व्यापार में विस्तार आज कर सकते है परन्तु नए कार्य का आरम्भ अभी टालना ही उचित रहेगा। पारिवारिक शान्ति के लिए मौन साधन उत्तम उपाय है छोटी छोटी बातों पर क्रोध करने से बचे लाभ के समय का फायदा उठाये। धार्मिक कृत्यों के द्वारा भी धन लाभ की संभावना है। घर में शान्ति रहेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन अनुकूल रहने से अधूरे कार्य पूर्ण होंगे धन की भी आमद होने से मानसिक रूप से संतोष रहेगा। नौकरी पेशा जातक बेहतर कार्य के लिए सम्मानित होंगे अधिकारियो का विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। व्यवसायी वर्ग भी व्यापार में आकस्मिक वृद्धि होने के कारण अधिक व्यस्त रहेंगे परन्तु ध्यान रखे स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से प्रेम व्यवहार में कड़वाहट आ सकती है। काम निकालने के लिए किसी की झूठी प्रशंसा करने से ना चुकें। सरकारी कार्य आज करने से उलझने बढ़ सकती है अतः आगे के लिये टालना बेहतर रहेगा। घर में मंगलमय वातावरण मिलने से शांति अनुभव करेंगे।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन घरेलु सुखों में वृद्धिकारक रहेगा परन्तु आज धन अधिक खर्च होने से आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। दिन भर शारीरिक रूप से सक्षम रहेंगे कार्यो को भी आज ज्यादा मन लगा कर करेंगे। महिलाये घरेलु अथवा बाजार के कार्यो के कारण ज्यादा व्यस्त रहेंगी। व्यवसायी वर्ग आज कार्य क्षेत्र पर अधिक सक्रियता दिखाएंगे मध्यान से पहले तक का समय आर्थिक रूप से शुभ रहेगा। खुदरा व्यवसाय में आकस्मिक उछाल आने का पूरा लाभ उठाएंगे। संताने आज के दिन उपयोगी सिद्ध होंगी। धार्मिक स्थलों पर पर्यटन की योजना बनेगी। घरेलु कार्यो पर खर्च बढ़ेगा फिर भी अखरेगा नही।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन का आधा भाग प्रतिकूल रहेगा लेकिन फिर भी धर्म-कर्म में आस्था रहने से मानसिक रूप से विचलित नहीं होंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी महत्त्वपूर्ण अनुबंध के निरस्त होने से धन सम्बंधित समस्या खड़ी होगी परन्तु अन्य मार्गो से धन की आमद होने पर गंभीर स्थिति से बचाव होगा। आज आप किसी से राग द्वेष की भावना भी रखेंगे भाई-बंधुओ से बनावटी प्रीती रहेगी परन्तु स्त्री एवं सन्तानो से भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे प्रेम स्नेह मिलेगा। धन लाभ निश्चित समय पर ना होकर आकस्मिक रहेगा। महिलाओं के विचारों को भी आज अधिक महत्त्व दें मुश्किल से निकालने में अवश्य सहायक रहेंगी। लघु यात्रा हो सकती है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन के पूर्वार्ध में आप कार्य क्षेत्र एवं परिचितों से काफी आशाएं रखेंगे मध्यान के पहले तक इनसे लाभ हो सकता है परंतु इसके बाद का समय प्रतिकूल होने से आशा निराशा में बदलेगी। घरेलु कार्यो एवं व्यवसाय के कारणों से दौड़-धुप करनी पड़ेगी। आवश्यकता के समय कोई सहायक नहीं मिलेगा जिससे मानसिक खिन्नता बढ़ेगी। परिवार में आकस्मिक बीमारियां होने के कारण दवाओं पर खर्च बढेगा। कार्य क्षेत्र पर लाभ पाने के लिए आज अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी आशानुकूल लाभ से वंचित ही रहेंगे। महिलाये आज अपने आपको लाचार अनुभव करेंगी। धार्मिक कृत्यों में रूचि रहेगी लेकिन उचित समय नहीं निकाल पाएंगे।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आपका आज का दिन शुभफलदायी रहने वाला है। स्वास्थ्य थोड़ा नरम रहेगा फिर भी इस कारण से दैनिक कार्यो में बाधा नहीं आएगी। कार्य क्षेत्र पर प्रातः काल से मध्यान तक आशा से अधिक लाभ कमा लेंगे। इसके बाद का समय भी लाभ वाला रहेगा लेकिन प्राप्ति के लिए इन्तजार करना पड़ेगा। धार्मिक भावनाएं बलवती रहेंगी घर एवं धार्मिक क्षेत्रो पर पूजा पाठ में भाग लेंगे। विरोधियो के प्रति उदासीन व्यवहार भविष्य के लिये हानिकारक रह सकता है इसका ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था ना पनपने दें आगे परेशानी बन सकती है। महिलाये आज दैनिक कार्यो के अतिरिक्त कार्य रहने से अधिक व्यस्त रहेंगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आपके मन के विपरीत घटनाएं दुखी करेंगी। धार्मिक कार्यो की वजह से कार्य क्षेत्र से समय निकालना पड़ेगा अथवा विलम्ब से कार्य आरम्भ होंगे। परिजनो की इच्छा पूर्ती ना होने पर नाराजगी रह सकती है। दिनचर्या अस्त-व्यस्त रहने से दैनिक कार्य भी विलम्ब से पूर्ण होंगे। मध्यान का समय व्यवसाय में थोड़ा लाभ कराएगा परन्तु संतोष नहीं होगा। एक साथ कई काम आने से असुविधा होगी लेकिन निकट भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज सहयोगियों की गैर हाजरी में अकेले ही कार्यो में लगना पड़ेगा। उधार सम्बंधित व्यवहार ना चाहकर भी करने पड़ेंगे। आज धैर्य का परिचय अधिक दें।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आपको मिश्रित फल देगा। प्रातः काल में शारीरिक रूप से शिथिलता रहेगी जिससे कार्यो के प्रति गंभीरता नहीं आएगी परिश्रम करने में असमर्थ रहेंगे परन्तु परिस्थियों को देखते हुए कार्य में जुटना पड़ेगा। व्यवसाय में प्रारंभिक उदासीनता के बाद धीरे-धीरे गति आने से धन की आवक होगी एक साथ कई क्षेत्रों से लाभ होने से शारीरिक कष्ट भूल जाएंगे। संध्या तक व्यावसायिक स्थिति सुदृढ़ रहेगी लेकिन पारिवारिक माहौल गलतफहमियों के कारण अशान्त रहेगा महिलाये इसका मुख्य कारण रह सकती है। लोभ में पड़ने से हानि की संभावना भी बन रही है सावधान रहें। लंबी यात्रा से बचें।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आपका आज का दिन भागमभाग में बीतेगा फिर भी सामान्य से उत्तम रहेगा। प्रातः काल से ही किसी कार्य को पूर्ण करने में व्यस्त हो जाएंगे घरेलु कार्य भी अधिक रहने के कारण संतुलन बैठाने में परेशानी होगी। कार्य व्यवसाय में जोखिम आज ना लें धन लाभ के मार्ग खुले रहेंगे नया प्रयोग नुक्सान करा सकता है। व्यापारी वर्ग प्रतिस्पर्धा रहने पर भी व्यवहार के बल पर काम निकाल लेंगे मित्र रिश्तेदार भी धनोपार्जन में सहायक बनेंगे। परिवारिक वातावरण में आज भाग-दौड़ अधिक रहेगी। महिलाये अधिक कार्य के कारण असहज महसूस करेंगी फिर भी सभी कार्य समय से पूर्ण कर लेंगी। शरीर स्वस्थ्य रहेगा।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपकी जमा पूंजी में कमी आने के संकेत है। व्यवसाय से भी आज कुछ विशेष लाभ नहीं उठा पाएंगे आवश्यक कार्य अधूरे रहेंगे। प्रातः काल से खर्च का सिलसिला आरंभ होकर संध्या तक लगा रहेगा धन लाभ खर्च के अनुपात मे कम रहने से आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा। विरोधी गुप्त षड्यंत्र रचेंगे जिसका दुष्परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगा अपनी तरफ से आज कोई भी गलती ना करें। सामाजिक छवि अवश्य निखरेगी। स्त्री संताने आज्ञा का पालन करेंगी पर बीच-बीच में क्रोध के प्रसंग भी बनाएंगी। परिवार के बुजुर्गो की सेहत नरम रहेगी। आज किसी की भी अमर्यादित हरकतों को अनदेखा करें।

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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

नमस्ते शारदे देवी कश्मीरपुर वासिनी।

 

माँ शारदा देवी पीठ नीलम घाटी गुलाम कश्मीर , पाकिस्तान अपने समय का महान शिक्षा और हिन्दू धर्म केंद , शारदा लिपि का केंद्र , विश्व विद्यालय जहा तिब्बत से विद्वान लिपी ज्ञान लेने आये , शारदा पीठ मंदिर एक प्राचीन मंदिर और पीओके में स्थित एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल है. यह 18 शक्ति पीठों मैं से एक है !

 

शारदा मन्दिर के भग्नावशेष

यह मंदिर लगभग 5 हजार वर्ष पुराना मंदिर है और इसको लेकर कई मान्यताएं हैं. ऐसा कहा जाता है कि सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान, शारदा पीठ की स्थापना 237 ईसा पूर्व. में हुई थी. साथ ही आपको बता दें कि विद्या की अधिष्ठात्री हिन्दू देवी को समर्पित यह मंदिर अध्ययन का एक प्राचीन केंद्र था. कुछ मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पहली शताब्दी के प्रारंभ में कुषाणों के शासन के दौरान हुआ था और कुछ के अनुसार बौद्धों की शारदा क्षेत्र में काफी भागीदारी थी 

राजा ललितादित्य ने बौद्ध धर्म के धार्मिक और राजनीतिक प्रभाव को बरकरार रखने के लिए शारदा पीठ का निर्माण किया था. इस दावे का समर्थन किया जाता है क्योंकि ललितादित्य बड़े पैमाने पर मंदिरों के निर्माण करने के लिए जाने जाते थे और इसमें वे माहिर थे.

 

शारदा पीठ मुज़फ़्फ़राबाद से लगभग 140 किलोमीटर और कुपवाड़ा से भी लगभग 30 किमी की दूरी पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास नीलम नदी के तट पर स्थित है. कुछ प्राचीन वृत्तांतों के अनुसार, मंदिर की ऊंचाई 142 फीट और चौड़ाई 94.6 फीट है. मंदिर की बाहरी दीवारें 6 फीट चौड़ी और 11 फीट लंबी हैं. वृत्त-खंड 8 फीट की ऊंचाई के हैं. लेकिन अब अधिकतर ढांचा क्षतिग्रस्त हो चूका है. यहीं आपको बता दें कि इस मंदिर को शक्ति पीठ के रूप में भी माना जाता है, जहां पर देवी सती के शरीर के अंग उनके पति भगवान शिव द्वारा लाते वक्त गिर गए थे. इसलिए, यह 18 महा शक्ति पीठों में से एक है या यु कहें कि ये पूरे दक्षिण एशिया में एक अत्यंत प्रतिष्ठित मंदिर, शक्ति पीठ है. शारदा पीठ का अर्थ है “शारदा की भूमी या गद्दी या जगह” जो हिंदू देवी सरस्वती का कश्मीरी नाम है. शारदा पीठ को विद्या का एक प्राचीन केंद्र भी कहा जाता है जहाँ पाणिनि और अन्य व्याकरणियों द्वारा लिखे गए ग्रंथ संग्रहीत थे. इसलिए, इस स्थान को वैदिक कार्यों, शास्त्रों और टिप्पणियों के उच्च अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है. देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक, जिसे शारदा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है, अपनी लिपि के लिए काफी प्रसिद्ध शारदा पीठ ही है और कहा जाता है कि पहले इसमें लगभग 5,000 विद्वान थे और उस समय का सबसे बड़ा पुस्तकालय था. शारदा पीठ की नींव उस समय कि भी मानी जाती है जब कश्मीरी पंडितों ने अपनी प्राकृतिक सुंदरता की भूमि को शारदा पीठ या सर्वज्ञानपीठ के रूप में तब्दील किया था. देवी शारदा को कश्मीरा-पुरवासनी भी कहा जाता है. 1947 के विभाजन के बाद से मंदिर पूरी तरह से निर्जन हो गया है. मंदिर में जाने से प्रतिबंध ने भी भक्तों को हतोत्साहित किया यानी 1947 तक लोग यहाँ पर दर्शन करने के लिए जाते थे, लेकिन उसके बाद क्या हुआ ये आप स्वयं अंदाज लगा लिजिए।

 

अंतः अब यह हालत न बने , जागते रहे 💐💐