अनुसुया मेला!– मां अनुसूया के जप—तप से भर जाती हैं सूनी गोदें, 17 और 18 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती पर लगेगा भव्य मेला..
सीमांत जनपद चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर से 13 किमी की दूरी पर मंडल से 5 किमी पर स्थित है पौराणिक अनुसुया मंदिर। इस साल (दत्तात्रेय जयंती) पर 17 और 18 दिसम्बर को आयोजित होगा प्रसिद्ध अणसी कौथिग/ नोदी कौथिग / अनुसुया मेला। पुत्रदायिनी के रूप में विख्यात माता अनुसूया देवी ने न जाने अब तक कितनी सूनी गोदें भर कर रख दी हैं। यही वजह है कि हर साल अनुसुया मेले में हजारों श्रद्धालु अनुसुया माता के दरबार में मत्था टेकने आते हैं।
ये है धार्मिक मान्यता!
धार्मिक मान्यता के अनुसार मां अनुसूया देवी मंदिर के गर्भ गृह व अहाते में रात्रिभर जागकर ध्यान, जप – तप करने से भक्तों के भाग्य जाग उठते हैं और उनकी कोख हरी हो जाती हैं। इस रात्रि जागरण के बीच नींद के किसी अलसाये झोंके में कोई स्वप्न दिख गया तो मान लिया जाता है कि करूणा—मूर्ति देवी ने उनकी गुहार सुन ली है। अखंड विश्वास और अटूट श्रद्धा के आगे सारे तर्क धरे के धरे रह जाते हैं। सदियों से रात्रि जागरण की यह परंपरा बदस्तूर जारी है। ऐसा यह अवसर निसंतान दंपतियों को दत्तात्रेय जयंती की चतुर्थदशी व पंचमी को मिलता है। दिसंबर माह में ही ये दिन पड़ते हैं। पुराणों में माता अनुसूया को सर्वश्रेष्ठ पुत्रदायिनी देवी बताया गया है। इसके पीछे भी एक कथा सर्वविदित है। बताया जाता है कि महर्षि अत्रि लंबी तपस्या पर बैठे थे। कठोर तप देकर सभी देव घबरा गए। ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश उनके पास गए। बोले – हम बेहद पसन्न हैं। कहिए आपको क्या चाहिए। महर्षि बोले – तपस्या मेरा स्वभाव है। मुझे कुछ नहीं चाहिए। हां, सती अनुसूया देवी से पूछ लो। तीनों देव मां अनुसूया के पास पहुंचे तो माता ने भी कुछ भी चीज मांगने से मना कर दिया। तीनों देवों को यह सब बहुत बुरा लगा। तीनों देवों ने सोचा स्त्री की सबसे बड़ी इच्छा संतान प्राप्ति की होती है। क्यो न इस बारे में पूछ लिया जाए। उन्होने देवी से कहा— संतान की इच्छा तो होगी ही। देवी ने कहा – आप तीनों भी तो मेरे बच्चे हैं। देवों ने सोचा यह उनका कैसा उपहास है। इसे अहं हो गया है। तीनों देवों ने परीक्षा लेने की ठानी। उन्होने देवी से कहा – तो तुम बच्चों के सामने नग्न रूप में आ जाओ। देवी के तप के बलबूते पर तत्काल तीनों देव शिशु बन गए। देवी ने उन्हे गोद में बैठा लिया। तीनों देवों को सत्य की अनुभूति हुई । उन्होने माता से बरबस क्षमा मांग ली। तदनंतर में ब्रह्मा चंद्रमां के रूप में, शिव दुर्वासा के रूप में तथा विष्णु ने दत्तात्रेय के रूप में जन्म लिया। तब से माता अनुसूया ‘पुत्रदा’ के रूप मेें विख्यात हो गई। इसी के चलते यहां प्रतिवर्ष अनुसूया देवी का दत्तात्रेय जन्म जयंती मेला आयोजित किया जाता है।
संतान की चाह में माँ अनुसुया के ध्यान जप में रात्रि जागरण में बैठते हैं ‘बरोही’…..
पुत्र कामना के लिए होने वाला रात्रि जागरण तो इसी खास अवसर पर मेले के रूप में जुटता है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में इस मौके पर दूर- दूर से आने वाले निसंतान दंपतियों के अलावा सैकड़ों नर- नारी इस मेले में जुटते हैं। जंगल व मैदान में यह मेला जुटता है और मंदिर में रात्रि जागरण पर्व मनाया जाता है। संतान की इच्छा वाली महिलाएं सायं से ही ध्यान जप में बैठ जाती है। इन्हें यहां की भाषा में ‘बरोही’ कहा जाता है। बरोही उनिंदे ही ध्यान मुद्रा में लंबी रात काट देते हैं। सुफल मिलते ही लोग अपने घरों को लौट आते हैं। यह मेला इस बार शुक्रवार व शनिवार को आयोजित हो रहा है।
यहाँ स्थित है मंदिर
बर्फीली चोटियों, सन्नाटेदार घने – गहरे जंगलों के बीच बसा है माता अनुसूया देवी का मंदिर। इसकी प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है। प्रकृति प्रेमियों के लिए तो यह अद्भुत तपोभूमि है। जिला मुख्यालय गोपेश्वर से 13 किमी दूर अनुसूया गेट से 5 किमी का पैदल सफर तय कर ही माता के मंदिर में पहुंचा जाता है।
प्राचीन काल में यहां पर देवी अनुसूया का छोटा सा मंदिर था। सत्रहवीं सदी में कत्यूरी राजाओं ने इस स्थान पर अनुसूया देवी के भव्य मंदिर का निर्माण किया था, मगर अठारहवीं सदी में विनाशकारी भूकंप से यह मंदिर ध्वस्त हो गया था। बाद में संत ऐत्वारगिरी महाराज ने निंगोल गधेरे व मैनागाड़ गधेरे के बीच के क्षेत्र के ग्रामीणों की मदद से इस मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर स्थानीय पत्थरों से बनाया गया है।
ऐतिहासिक मंडल शिलालेख।
अनुसुया मंदिर और रूद्रनाथ मंदिर मार्ग के मध्य एक ऐतिहासिक शिलालेख अव्यवस्थित है जिसे मंडल शिलालेख के रूप में जाना जाता है। मौखरी “राजा सरवर्मन” का यह शिलालेख लगभग 576-580 ई. के मध्य का है।
नवरात्र में अनसूया देवी के मंदिर में नौ दिन तक मंडल घाटी के ग्रामीण मां का पूजन करते है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि अन्य मंदिरों की तरह यहां पर बलि प्रथा का प्रावधान नहीं है। यहां श्रद्धालुओं को विशेष प्रसाद दिया जाता है। यह स्थानीय स्तर पर उगाए गए गेहूं के आटे का होता है।
जय मां अनुसुया, सभी भक्तों पर अपनी
हम 24 घंटे बाहर की दुनिया को देखते रहते हैं*
*जब अन्तर में देखने का मौका होता है, तो हम सो जाते है।*
*सन्तजन फरमाते हैं कि 24 घंटे में एक बार ही थोड़ी देर*
*के लिये अपने कानों को बंद करके शब्द धुन को सुनो और*
*ध्यान करते समय अपने अन्तर में देखने की कोशिश करो।*
*पहले आँखों से ही शुरु करो, क्योंकि यही सबसे*
*महत्वपूर्ण इंद्री है जो हमें बाहर से जोड़े रखती है।*
*फिर अपने भीतर में जो भी आवाज़ सुनाई पड़े,*
*उसे सुनने की कोशिश करो। फिर ध्यान मग्न होकर*
*खुश्बूओं को सूंघने की कोशिश भी करो। फिर तुम्हारे*
*अन्दर चमत्कार हो उठेगा।*
*पहले तुम पाओगे कि कुछ तो है फिर तुम पाओगे*
*कि बहुत कुछ है यहां तो, क्योंकि भीतर अपने ही सँगीत हैं*
*और अपनी ही आवाज़ें हैं। भीतर के अपने ही रंग हैं,*
*अपने ही स्वाद और सुगंध हैं। जिस दिन आपको भीतर*
*के रंग दिखाई देंगे, उस दिन बाहर की दुनिया के सब रंग*
*फीके पड़ जाएंगे।*
*फिर तुम्हारी इच्छाएँ समाप्त हो जायेगी।*
*तब संतोष और तृप्ति का भंडार मिल जाएगा।
*दिसम्बर 16, 2021 ( बृहस्पतिवार )
आप सभी देशवासियो को विजय दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें
16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है। इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के दिल में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।
देश भर में 16 दिसम्बर को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे।
पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद 17 दिसम्बर को 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया।
रजनीश पाण्डेय
संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष
स्वयं सुरक्षा अभियान
पंतनगर विश्वविद्यालय, उत्तराखंड (सैन्य धाम ) 9411320130,
🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻गुरुवार, १६ दिसम्बर २०२१🌻
सूर्योदय: 🌄 ०७:०६
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२४
चन्द्रोदय: 🌝 १५:२१
चन्द्रास्त: 🌜२९:२१
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌳 हेमन्त
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 मार्गशीर्ष
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 त्रयोदशी (२८:४० तक)
नक्षत्र 👉 भरणी (०७:३५ तक)
योग👉शिव (०७:१८ तक)
प्रथम करण 👉 कौलव (१५:२० तक)
द्वितीय करण 👉 तैतिल (२८:४० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 धनु
चंद्र 🌟 वृष (१४:२० से)
मंगल 🌟 वृश्चिक (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 धनु (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 मकर (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:३३
विजय मुहूर्त 👉 १३:५५ से १४:३६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:०९ से १७:३३
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४५ से २४:४०
राहुकाल 👉 १३:२९ से १४:४६
राहुवास 👉 दक्षिण
यमगण्ड 👉 ०७:०६ से ०८:२३
होमाहुति 👉 शनि
दिशाशूल 👉 दक्षिण
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण १४:२१ से)
शिववास 👉 नन्दी पर (२८:४० से भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – शुभ २ – रोग
३ – उद्वेग ४ – चर
५ – लाभ ६ – अमृत
७ – काल ८ – शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – अमृत २ – चर
३ – रोग ४ – काल
५ – लाभ ६ – उद्वेग
७ – शुभ ८ – अमृत
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दही का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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प्रदोष व्रत, अनंग त्रयोदशी व्रत, आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०७:३५ तक जन्मे शिशुओ का नाम
भरणी नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (लो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम कृतिका नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (अ, ई, उ, ए) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
वृश्चिक – २८:४९ से ०७:०९
धनु – ०७:०९ से ०९:१२
मकर – ०९:१२ से १०:५३
कुम्भ – १०:५३ से १२:१९
मीन – १२:१९ से १३:४३
मेष – १३:४३ से १५:१७
वृषभ – १५:१७ से १७:११
मिथुन – १७:११ से १९:२६
कर्क – १९:२६ से २१:४८
सिंह – २१:४८ से २४:०७
कन्या – २४:०७ से २६:२५
तुला – २६:२५ से २८:४५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
मृत्यु पञ्चक – ०७:०६ से ०७:०९
अग्नि पञ्चक – ०७:०९ से ०७:३५
शुभ मुहूर्त – ०७:३५ से ०९:१२
रज पञ्चक – ०९:१२ से १०:५३
शुभ मुहूर्त – १०:५३ से १२:१९
चोर पञ्चक – १२:१९ से १३:४३
रज पञ्चक – १३:४३ से १५:१७
शुभ मुहूर्त – १५:१७ से १७:११
चोर पञ्चक – १७:११ से १९:२६
शुभ मुहूर्त – १९:२६ से २१:४८
रोग पञ्चक – २१:४८ से २४:०७
शुभ मुहूर्त – २४:०७ से २६:२५
मृत्यु पञ्चक – २६:२५ से २८:४०
अग्नि पञ्चक – २८:४० से २८:४५
शुभ मुहूर्त – २८:४५ से ३१:०७
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन भी आपको सफलता के कई अवसर मिलेंगे परन्तु आज आपको भ्रम में डालने वाले प्रसंग भी साथ मिलते रहेंगे। जिन कार्यो में अनुभवियों की सलाह लेंगे उनमे ही सफलता मिल सकेगी मन मर्जी आज कही नही चलेगी। धन लाभ आज आकस्मिक ही होगा। विरोधी आपको हराने का हर संभव प्रयास करेंगे लेकिन सफल नही हो सकेंगे। अधिकारी वर्ग की कृपा दृष्टि रहने से आपकी गलतियों को भी अनदेखा करेंगे। व्यवसायी वर्ग को लाभ पाने के लिए मध्यान तक अधिक परिश्रम करना पड़ेगा तब जाकर संध्या के आसपास धन लाभ होगा। परिवार के बीच आज अहम की भावना ना लाएं अन्यथा हंसी खुशी का माहौल दुख में बदल सकता है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपको आज का दिन धैर्य से बिताने की सलाह है। बिना सोचे समझे कोई भी निर्णय अवश्य हानि का कारण बनेगा। व्यवसाय में भी किसी से हानिकर समाचार मिलने से मन अशांत रहेगा। कार्य क्षेत्र की निराशा का क्रोध अकारण ही घर मे उतारने से माहौल खराब होगा। परिजन आपसे ना चाहकर भी दूरी बनाए रहेंगे। नौकरी पेशाओ से बचते बचते कुछ ना कुछ गड़बड़ी अवश्य होगी जिसका फल किसी ओर के सर मढ़ने का प्रयास करेंगे लेकिन इसमें असफल रहेंगे। आर्थक मामले ज्यादा उलझने पर धन की आमद रुकेगी। दैनिक खर्च भी मुश्किल से ही चलेंगे। महिलाये स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए व्यस्तता से भरा रहेगा। व्यवसाय के साथ ही घरेलू जिम्मेदारियां भी बढ़ने से कार्य मे तालमेल बैठाने में परेशानी होगी लेकिन आज परिवार के बुजुर्ग एवं महिलाये अपना दायित्व ठीक से निभाएंगी जिससे कुछ बोझ कम होगा। कार्य व्यसाय में परिश्रम तो होगा परन्तु धन लाभ के लिए इंज्ज़ार करना पड़ेगा आज गृहस्थी के खर्च भी संचित धन में से ही करने पड़ेंगे। संतानो का जिद्दी व्यवहार अथवा आस पड़ोसियों से अनबन घर मे अशांति करायेगी इसमे भी महिलाओ की सूझ बूझ ही काम आएगी। स्त्री सुख उत्तम रहेगा आय आज आकस्मिक परन्तु खर्च से कम होगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप के विचार कुछ नया करने के रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी नए प्रयोग अमल में लाएंगे इनसे लाभ भी तुरंत हो जाएगा जिससे आत्मविश्वास बढ़ेगा। उच्च अधिकारियों का सहयोग मिलने से सरकारी उलझने कम होंगी। पुराने मुकदमे में विजय मिलने की भी सम्भावना है। धन लाभ खर्च की अपेक्षा अधिक रहने पर थोड़ी बहुत बचत भी कर सकेंगे। भावुकता एवं विपरीत लिंगीय आकर्षण भी अधिक रहेगा। आज जल्दी से किसी की बातों पर विश्वास ना करें धोखा हो सकता है। परिवार में इच्छा पूर्ति ना होने पर नाराजगी देखनी पड़ेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका समय अनावश्यक कार्यो के पीछे नष्ट होगा। घरेलू समस्याए ज्यादा रहने के कारण व्यावसायिक क्षेत्र पर मन लगाकर कार्य नही कर सकेंगे। महिलाये आध्यात्म में रुचि होने पर भी मन को एकाग्र नही रख पाएगी। आप आज किसी कार्य मे असफल होने पर चिड़चिड़े स्वाभव से ग्रस्त रहेंगे। सन्तान एवं बुजुर्ग आपके व्यवहार से आहत होंगे। नए कार्य का आरंभ ना करें हानि होगी। चोटादि का भय है यात्रा अथवा वाहन चलाने में सावधानी बरतें। धन संबंधित व्यवहार भी अतिआवश्यक होने पर ही करें स्पष्टता ना रहने के कारण बाद में परेशानी हो सकती है। संध्या बाद राहत मिलने लगेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिये थोड़ा उठा पटक वाला रहेगा आज आप शीघ्र पूर्ण होने वाले कार्यो को पहले करें लंबे समय मे होने वाले कार्यो को अभी विराम दें मध्यान तक कि गई मेहनत का फल संध्या तक मिल जाएगा धन लाभ आज अवश्य होगा लेकिन इसके लिए भाग-दौड़ भी करनी पड़ेगी। कल के लिए कोई भी कार्य लंबीत ना रखें अन्यथा उलझने बढ़ने से अधूरे रह जाएंगे। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति भी आज दिन रहते अवश्य कर दें वरना रात निकालनी भारी पड़ सकती है। महिलाये घर एवं बाहर की जिम्मेदारी ठीक से संभालेंगी परन्तु अचानक उग्र हो सकती है।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन भी आपके लिए लाभ के अवसर उपलब्ध कराएगा। परन्तु आज मन कार्यो से हटकर अन्यत्र भटकने के कारण होने वाले लाभ में कमी आएगी। व्यवसायी वर्ग जल्दबाजी में निर्णय लेंगे नए अनुबंद पाने के लिए जोड़ तोड़ की नीति अपनाएंगे। व्यवसाय में वृद्धि तो होगी लेकिन धन लाभ उसकी अपेक्षा कम ही रहेगा। पारिवारिक दायित्व बढ़ने के कारण आय का अधिकांश हिस्सा तुरंत खर्च हो जाएगा। कार्य क्षेत्र पर आज महिलाओ का दबदबा अधिक रहेगा फिर भी अंतिम निर्णय पुरुषों के ऊपर निर्भर रहेगा। परिवार में किसी गलतफहमी के कारण तकरार होने की संभावना है।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आपका आज का दिन मिलाजुला रहेगा। आज प्रत्येक कार्य मे अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। सरकारी अथवा अन्य कागजी कार्य कई बार प्रयास करने पर ही बनेंगे। कार्य व्यवसाय में भी मंदी रहने से ऊबन अनुभव होगी नौकरी पेशा लोग बुद्धि कौशल के लिए सम्मानित होंगे सामाजिक कद बढेगा। व्यवसायी वर्ग संध्या पश्चात बिक्री बढ़ने पर व्यवसाय संबंधित कार्यो से संतुष्ट रहेंगे। आशानुकूल धन लाभ आज सायं काल मे ही होगा। परिजनों के साथ घरेलू मुद्दों के साथ ही यात्रा पर्यटन की योजना पर बात करेंगे। महिलाये किसी कारण से उत्साहित रहेंगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको बौद्धिक कार्यो में सफलता मिलेगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि बुद्धिमानो जैसी बनेगी। लेकिन आज अतिआत्मविश्वास में कोई मूर्खता भरा कार्य करने पर हास्य के पात्र भी बन सकते है। कार्य व्यवसाय में आज जो भी निर्णय लेंगे निकट भविष्य में शीघ्र ही उसका लाभ मिलेगा। प्रतिस्पर्धा के साथ ही आज व्यवसाय भी कम ही रहेगा। सीमित साधनों से काम करने पर आय भी कम ही रहेगी। सरकारी एवं पारिवारिक कार्यो पर खर्च होगा साथ ही आज घर मे स्त्री संतानो के कारण सामाजिक मान बढेगा। बुजुर्गो का आशीर्वाद मिलेगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप छोटे मोटे कामो की अनदेखी करेंगे बाद में ये ही चिंता का विषय बनेंगे। दिनचार्य प्रातः काल से ही अव्यवस्थित बनेगी। लापरवाही के कारण सहकर्मी अथवा भागीदारों से बहस हो सकती है। अधिकारी वर्ग भी आपसे खफा रहेंगे अपनी इच्छा पूर्ति करना नामुमकिन ही रहेगा। व्यवसायी वर्ग को भी ज्यादा परिश्रम करना पड़ेगा इसके अनुपात में लाभ न्यून ही होगा। संध्या बाद से स्थिति बदलने लगेगी कम लाभ वाली जगह से भी मोटा लाभ बना सकेंगे। व्यवसाय में सरकारी अवरोध कम होंगे। परिजनों का सुख दिन में कम लेकिन संध्या बाद अधिक रहेगा। महिलाये पुरुषों की अनदेखी करेंगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपको आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति होगी। घर के सदस्यों के साथ ही बाहर के लोग भी आपका यथा सामर्थ्य सहयोग करेंगे। लेकिन संतानो के किसी कृत्य के कारण अपमानित भी होने की संभावना है। आपसी संबंधों में लापरवाही ना बरते साथ ही भड़काने वाले शब्दों के प्रयोग से बचें अन्यथा लंबे समय के लिए कड़वाहट आ सकती है। दिन लाभ देने वाला है इसका सदुपयोग बुद्धि विवेक से करें। कार्य व्यवसाय से आशा से अधिक लाभ कमा सकेंगे इसके लिए दृढ़ निश्चय एवं धैर्य धारण करना होगा। घर मे महिलाओ की आज ज्यादा सुनवाई होगी। घरेलू शांति बनी रहेगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन सामान्य रहेगा लेकिन आज की गई मेहनत रात्रि बाद से रंग दिखाने लगेगी आलस्य को त्याग निर्धारित कार्यो को पूर्ण करने में लग जाएं। कार्य क्षेत्र पर आज सहकर्मियों का अटपटा व्यवहार परेशानी में डालेगा अधिकांश कार्य स्वयं के बल पर करने पडेंगे आज आपकी जिस लाभ की आशा थी उससे वंचित रह जाएंगे। धन लाभ की संभावनाएं टलते टलते कल के लिए लंबित हो सकती है फिर भी आज संध्या काल तक आवश्यकता अनुसार धन मिल जाएगा। खर्चे भी पहके से निमंत्रण दे देंगे। परिवार में आज आपके रूखे अथवा कटु वचन से किसी का दिल दुख सकता है।
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〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏