आज का पंचाग आपका राशि फल, भारतीय पंचाग विश्व का सबसे सटीक वैज्ञानिक गणनातंत्र, जानते हो भारतीय उद्योगपति डालमिया कैसे बर्बाद हुए!, गूगल की जगह लेता चैट जीपीटी

 *श्री हरिहरौ*

                   *विजयतेतराम*

                     *सुप्रभातम*

               *आज का पञ्चाङ्ग*

*_शुक्रवार, १२ मई २०२३_*

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सूर्योदय: 🌄 ०५:४५

सूर्यास्त: 🌅 ०७:०२

चन्द्रोदय: 🌝 २५:३४

चन्द्रास्त: 🌜११:३०

अयन 🌖 उत्तरायणे

(उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌡️ग्रीष्म

शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)

मास 👉 ज्येष्ठ

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 सप्तमी (०९:०६

से अष्टमी)

नक्षत्र 👉 श्रवण (१३:०३ से

धनिष्ठा)

योग👉शुक्ल(१२:१८ से ब्रह्म)

प्रथम करण👉बव(०९:०६ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव

(१९:५७ तक)

॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मेष

चंद्र 🌟 कुम्भ (२४:१८ से)

मंगल 🌟 कर्क

(उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध🌟मेष(उदय, पूर्व, मार्गी)

गुरु🌟मेष(उदित,पश्चिम,मार्गी)

शुक्र🌟मिथुन(उदित,पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ

(उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:४१

अमृत काल 👉 २५:४९ से २७:१५

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:२६ से १३:०३

रवियोग 👉 ०५:२६ से १३:०३

विजय मुहूर्त 👉 १४:२९ से १५:२४

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०० से १९:२१

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:०१ से २०:०४

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३४

राहुकाल 👉 १०:३१ से १२:१३

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:३७ से १७:१९

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 आकाश 

चन्द्र वास 👉 दक्षिण (पश्चिम २४:१८ से) 

शिववास 👉 श्मशान में (०९:०६ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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कालाष्टमी, पंचक आरम्भ २४:१८ से, विवाह मुहूर्त वृष-कर्क लग्न (प्रातः ०५:५३ से दोपहर १२:२४), कन्या ल०

(दोपहर ०२:४० से सायं ०४:५५), गोधुलि – वृश्चिक धनु लग्न (सायं ०६:१७ से मध्यरात्रि ११:३६), चूड़ाकर्म (मुण्डन) संस्कार+नींव खुदाई एवं गृहारम्भ+गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः ०५:४५ से प्रातः १०:४१ तक, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:२३ से ०२:०३ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:०७ से १०:४४ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १३:०३ तक जन्मे शिशुओ का नाम श्रवण नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (खे, खो) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ग, गी, गू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मेष – २८:०६ से ०५:४०

वृषभ – ०५:४० से ०७:३४

मिथुन – ०७:३४ से ०९:४९

कर्क – ०९:४९ से १२:११

सिंह – १२:११ से १४:३०

कन्या – १४:३० से १६:४८

तुला – १६:४८ से १९:०९

वृश्चिक – १९:०९ से २१:२८

धनु – २१:२८ से २३:३२

मकर – २३:३२ से २५:१३

कुम्भ – २५:१३ से २६:३८

मीन – २६:३८ से २८:०२

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पञ्चक रहित मुहूर्त

चोर पञ्चक – ०५:२६ से ०५:४०

शुभ मुहूर्त – ०५:४० से ०७:३४

रोग पञ्चक – ०७:३४ से ०९:०६

शुभ मुहूर्त – ०९:०६ से ०९:४९

मृत्यु पञ्चक – ०९:४९ से १२:११

अग्नि पञ्चक – १२:११ से १३:०३

शुभ मुहूर्त – १३:०३ से १४:३०

रज पञ्चक – १४:३० से १६:४८

शुभ मुहूर्त – १६:४८ से १९:०९

चोर पञ्चक – १९:०९ से २१:२८

शुभ मुहूर्त – २१:२८ से २३:३२

रोग पञ्चक – २३:३२ से २५:१३

शुभ मुहूर्त – २५:१३ से २६:३८

मृत्यु पञ्चक – २६:३८ से २८:०२

रोग पञ्चक – २८:०२ से २९:२५

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ज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन वैसे तो आपके लिए कार्य सफलता वाला है लेकिन आज किसी कारण से शंकालु प्रवृत्ति रहेगी। लाभ के अवसर भी ज्यादा सोच विचार करने के चक्कर में हाथ से निकल सकते हैं इसका ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र पर आज किसी नई योजना पर कार्य आरंभ करने का अवसर मिलेगा पुराने अनुभवों से सीख लेकर कार्य करें निकट भविष्य में वृद्धि के योग बनेंगे। आज भी धन लाभ आशाजनक तो नहीं फिर भी काम चलाऊ हो ही जाएगा। अपनी किसी गलती का गुस्सा परिजन अथवा सहकर्मियों पर उतारने पर कुछ समय के लिए माहौल गर्म होगा लेकिन अपनी सूझबूझ से स्थिति को संभाल भी लेंगे। नौकरीपेशा जातक महत्वपूर्ण कार्य के सफल होने पर प्रसन्न होंगे व्यवसायी वर्ग को आज थोड़े से समय के लिए ही भविष्य बनाने का अवसर मिलेगा सतर्क रहें अन्यथा हाथ से निकल भी सकता है। घरेलू वातावरण में भी पहले की अपेक्षा शांति अनुभव करेंगे सर्दी जुखाम की शिकायत हो सकती है।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आपके स्वभाव एवं व्यवहार में काफी परिवर्तन देखने को मिलेगा। कुछ समय के लिए परिजनों को भी आश्चर्यचकित करेंगे। आज आप निजी स्वार्थों को छोड़ अन्य लोगों का सहयोग एवं अन्य परोपकार के कार्यों में तत्पर रहेंगे। आप के विरोध में बोलने वाले लोग भी आज आपके किसी विशिष्ट कार्य की प्रशंसा करेंगे। कार्य क्षेत्र एवं सामाजिक क्षेत्र में भी अपने व्यवहार के बल पर विशिष्ट लोगों से संपर्क बनाएंगे। लेकिन रोजगार के मामले में आज अन्य सहकर्मियों की तुलना में पीछे ही रहेंगे। जिस भी कार्य को करेंगे उसमें कोई ना कोई झंझट पड़ेगा। जिसके चलते धन की आमद होते-होते आगे के लिए टलेगी। जितना धन लाभ होगा वह खर्चों को देखते हुए कम ही रहेगा। दांपत्य एवं पारिवारिक जीवन में सुखद अनुभव होंगे मूत्राशय अथवा अन्य गुप्त रोग हो सकते हैं।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज भी दिन भर कोई ना कोई शारीरिक कष्ट बना रहेगा। सेहत को लेकर पूर्व में बरती लापरवाही भी शारीरिक शीतलता का कारण बनेगी। वैसे तो परिश्रम वाले कार्यों को करने का सामर्थ्य नहीं रहेगा फिर भी परिस्थितियों को देखकर थोड़ी बहुत भागदौड़ करनी ही पड़ेगी। शारीरिक एवं आर्थिक किसी भी प्रकार का जोखिम लेने से बचें। कार्यक्षेत्र पर सामान्य व्यवसाय रहेगा थोड़े बहुत लाभ के अवसर भी मिलेंगे लेकिन प्रतिस्पर्धा अधिक रहने के चलते ले देकर काम बनाना पड़ेगा। धन की आमद कामचलाऊ होगी। किसी से किया वादा पूरा ना करने का बोझ मन पर रहेगा। सरकारी अथवा राजनीतिक लोगों से मिलने के प्रसंग बनेंगे। इनसे ज्यादा अपेक्षाएं ना रखें दूरी बनाकर ही रखें तो ज्यादा बेहतर है। लाभ लेने की जगह कुछ ना कुछ देना पड़ सकता है। किसी परिचित रिश्तेदार के सहयोग से प्रॉपर्टी आदि से लाभ हो सकता है। आज उदर से निचले हैं अंगों में निष्क्रियता अनुभव करेंगे।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन वैसे तो आपके अनुकूल ही रहेगा लेकिन जल्दबाजी में अथवा किसी से प्रतिस्पर्धा के चलते स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने की होड़ में हास्य के पात्र तो बनेंगे ही थोड़ी बहुत हानि भी करवाएंगे। आज आप घरेलू संबंधित मामलों में अथवा व्यवसाय में जो भी रणनीति बनाएंगे उसमें आरंभ में किसी न किसी के विरोध का सामना करना पड़ेगा। विशेषकर आज ननिहाल पक्ष से अपनी बात मनवा पाएंगे। लेकिन इनकी कहीं बातों को अनदेखा करें। परिवार में कोई पैतृक अथवा अन्य प्रॉपर्टी बेचने का विचार बनेगा। लेकिन किसी सदस्य की सहमति ना मिलने पर लटक भी सकता है। मध्यान्ह के आसपास कार्य क्षेत्र पर चोरी अथवा अन्य कारणों से नुकसान होने का भय है। सतर्क रहकर कार्य करें सरकारी उलझन में फसलें की संभावना है। आंख बंद कर किसी पर भरोसा ना करें। पेट को ठंडा रखने के उपाय करें अन्यथा समस्या होगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आपको घर एवं कार्यक्षेत्र पर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। दिन के आरंभिक भाग में सेहत में भी थोड़ी बहुत नरमी रहेगी जिसके चलते दैनिक कार्य में विलंब होगा। आज घर एवं कार्यक्षेत्र पर वाणी का सोच-समझकर प्रयोग करें लापरवाही में बोली गई बातें सामने वाले कि कष्ट पहुचायेगी जिससे किसी भी कार्य मे अड़चन आ सकती है। आज विद्या, माता संबंधी, पशुपालन, कृषि कर्म, संपत्ति निर्माण संबंधित कोई भी नया कार्य आरंभ ना करें अन्यथा धन हानि के साथ मानसिक क्लेश का कारण भी बनेगा। कार्यक्षेत्र से धन की आमद खर्च की तुलना में बहुत धीमी रहेगी व्यापार-व्यवसाय से जितना पैसा कमाएंगे तुरंत ही अन्य कार्यों में खर्च हो जाएगा। परिवार में छोटी मोटी खींचतान बनी रहेगी। घर के सदस्य स्वयं को एक दूसरे की तुलना में बेहतर दिखाने का प्रयास करेंगे। गले संबंधित व्याधि परेशान कर सकती है।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपके लिए सामान्य फलदायक रहेगा। दिन के आरंभ से ही सोची गई योजनाओं में विपरीत प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी। आज बौद्धिक कार्य संबंधित रोजगार से जुड़े जातकों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। लेकिन यहां अति आत्मविश्वास से बचें अन्यथा सम्मान मिलने की जगह अपमानित भी होना पड़ेगा। सहज होकर कार्य करें तो सम्मान के साथ धन लाभ होगा। अन्य क्षेत्र से जुड़े जातक विशेषकर सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को आज पूर्व में बरती लापरवाही अथवा गलत आचरण के चलते प्रतिष्ठा में हानी उठानी पड़ेगी। कृषि कर्म से जुड़े जातकों को भी अक्समात धन लाभ होने की संभावना है। अन्य लोगों के लिए दिन सामान्य से कम ही फल देगा। घर परिवार का वातावरण झूठे दिलासे देने तक की सामान्य रहेगा। आज शरीर में एलर्जी के कारण परेशानी हो सकती है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपके लिए विविध उलझन से भरा रहेगा। प्रातः काल से ही मन में निराशाजनक विचार आएंगे। आर्थिक अथवा किसी अन्य विषय को लेकर किसी से किया वादा पूरा ना कर पाने का अफसोस मन में रहेगा। इसके बाद भी आप झमेलों में पड़ना पसंद नही करेंगे किसी स्वजन के दवाब डालने पर ही दोपहर के बाद मन अनैतिक कार्यों के प्रति आकर्षित होगा धन कमाने के लिए गलत मार्ग भी अपना सकते हैं। इस वजह से अपमानजनक स्थिति का भी सामना करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर संघर्ष रहेगा। धन लाभ के लिए कई युक्तियां लगाएंगे लेकिन सफलता मिलना आज मुश्किल ही है। आज विशेषकर सरकार विरोधी गतिविधियो एवं विपरीतलिंगी आकर्षण से दूर ही रहे। आज उधारी के व्यवहार करने से बचें। पारिवारिक वातावरण में भी ग़लतफ़हमियां पनपेगी। घर मे संतान को छोड़कर अन्य सुख न्यून ही रहेंगे। माता की बातों को अनदेखा ना करें अन्यथा किसी मुसीबत में फंस सकते हैं। छाती से ऊपर के अंगों में कष्ट हो सकता है विशेषकर नेत्रज्योति संबंधित परेशानी बनेगी। 

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन भी आपको किसी न किसी रूप में आर्थिक लाभ कराएगा। लेकिन आज इसके लिए बेवजह की सरदर्दी भी मोल लेनी पड़ेगी। सेहत रहेगी स्वभाव में भी तेजी रहेगी लेकिन कार्य करने की शैली धीमी रहने के कारण किसी आवश्यक कार्य में विलंब होगा इस वजह से इसके पूर्ण होने में भी संदेह रहेगा। आज कोई पुराना कार्य जिससे आप लाभ की संभावना लगाए हुए थे उसके अक्समात बिगड़ने से मन निराश होगा। लेकिन तुरंत ही कोई अन्य कार्य अथवा सौदा मिलने से राहत भी मिलेगी आज विनम्रता से धन लाभ प्राप्त किया जा सकता है इसका ध्यान रखें। परिवार में कुछ समय के लिए अशांति का वातावरण बनेगा परिजनों की धैर्य हीनता के कारण आपस में टकराव की स्थिति बनेगी। सर्द गर्म, मूत्राशय में विकार एवं गला बैठने से परेशानी हो सकती है। आकस्मिक यात्रा लाभदायक रहेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपको सावधानी से प्रत्येक कार्य देखभाल कर करने की सलाह है। मध्यांन तक कार्य क्षेत्र से अथवा किसी अन्य माध्यम से धन प्राप्ति के सपने देखेंगे। लेकिन इन से निराश होना पड़ेगा। व्यवसायी वर्ग आज थोड़ा थोड़ा लाभ कमाने का प्रयास करें इकट्ठा धन मिलना आज संभव नहीं है। जोखिम वाले कार्यों में निवेश निकट भविष्य में दोगुना होकर मिल सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी कार्य में निवेश ना करें। सार्वजनिक क्षेत्र पर बुद्धिजीवियों से जान पहचान बनेगी लेकिन आपके अंदर अहम रहने से इनसे कोई विशेष लाभ नहीं उठा पाएंगे। धन की आमद किसी की दया दृष्टि पड़ने पर ही होगी। लेकिन व्यवहारिकता की कमी इसमें भी कुछ ना कुछ बाधा डालेगी। माता पिता अथवा जीवनसाथी से किसी बात को लेकर वैचारिक मतभेद भी उत्पन्न होंगे। बेवजह उलझने की जगह आज शांत रहने का प्रयास करें। आने वाले दिन से स्थिति में सुधार आने लगेगा। आज शरीर में दर्द अकड़न की शिकायत के चलते स्वास्थ्य में कुछ समय के लिए नरमी बनेगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आपके व्यक्तित्व में विकास होगा। समाज के वरिष्ठ व्यक्तियों से नए अनुभव सीखने को मिलेंगे। स्वभाव में थोड़ा सी अकड जरूर रहेगी जिसके चलते हर किसी से तालमेल नहीं बना पाएंगे। आज आध्यात्म अथवा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े जातक एवं संतानों की प्रगति में अवरोध आएंगे हतोत्साहित ना हो परिश्रम में लगे रहे शीघ्र ही शुभ फल भी देखने को मिलेंगे। कार्य व्यवसाय का भी यही हाल रहेगा किसी बड़ी योजना के आरंभ में लोगों का गलत मार्गदर्शन मिलने से दिशा भ्रम की स्थिति बनेगी। यहां परिजनों की सलाह अवश्य काम आएगी। मध्यान्ह बाद कुछेक कार्यों के बनने से धन की आमद होगी। आज लॉटरी सट्टे अथवा अन्य जोखिम वाले कार्य में निवेश निकट भविष्य के लिए लाभदायक हो सकता है। अन्य कार्यों में भी निवेश कर सकते हैं। लेकिन लाभ कि तुरंत आशा न रखें किसी परिजन कि उद्दंडत आदत के चलते कुछ समय के लिए माहौल गर्म होगा सुख भी मिलेगा। हड्डियों संबंधित समस्या अथवा गिरने से चोट आदि का भय।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आपको मिला जुला फल प्रदान करेगा। दिन के आरंभ में कोई छोटी बड़ी हानि की संभावना बनेगी। किसी महत्वपूर्ण विषय में जानकर भी अनजान बनने पर किसी प्रियजन से बहस भी हो सकती है। कार्यक्षेत्र पर आज आपकी आंखों के सामने से लाभ के सौदे निकल जाएंगे लेकिन कुछ कर नहीं पाने का दुख होगा। कुछ दिनों से अटके आर्थिक मामले अपनी व्यवहारिकता के बल पर बना लेंगे। अति महत्वपूर्ण कार्य संध्या से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें इसके बाद परिस्थितियां हानिकारक बनने वाली है। घरेलू सुख सुविधाएं आज भी ठीक-ठाक ही रहेंगी लेकिन इन में वृद्धि नहीं कर पाएंगे। घर में शांति बनी रहेगी परिजनों के साथ भावनात्मक संबंध बने रहेंगे। संध्या के समय परेशान करने वाली खबर मिल सकती है। सेहत में थोड़ी बहुत नरमी रहने के बाद भी काम चलता रहेगा।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपको आकस्मिक लाभ के योग बन रहे हैं। लेकिन आज परिवार में किसी के असंतुष्ट रहने के चलते दिनभर मानसिक क्लेश बना रहेगा। परिवार का कोई सदस्य अनैतिक मांग को लेकर परेशान कर सकता है। आज आपकी कार्यशैली धीमी रहेगी लेकिन वचन के पक्के रहेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि ईमानदार एवं बुद्धिमान जैसी बनेगी। आज आप कार्य क्षेत्र पर कम समय में अधिक लाभ कमाने वाले कार्यों को करने में रुचि लेंगे। लेकिन धन अथवा सहयोग की कमी इसे पूरा होने में विलंब कराएगी। संध्या के आस-पास कोई पुराना कार्य पूर्ण होने से आर्थिक लाभ होगा निकट भविष्य के लिए भी लाभ के मार्ग खुलेंगे। बौद्धिक कार्य से जुड़े लोगों को अपने कार्य में सफलता मिलेगी। संध्या बाद फरमाइश पूरी करने पर पारिवारिक सुख उत्तम रहेगा। सेहत में थोड़ी बहुत नरमी रहने पर भी इसकी परवाह नहीं करेंगे।

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अति उत्तम जानकारी

■ 7 दिवस = 1 सप्ताह

■ 4 सप्ताह = 1 माह ,

■ 2 माह = 1 ऋतू

■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,

■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी

■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,

■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग

■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,

■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,

■ 4 युग = सतयुग

■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग

■ 72 महायुग = मनवन्तर ,

■ 1000 महायुग = 1 कल्प

■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )

■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )

■ महालय = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )

सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व है l

दो लिंग : नर और नारी ।

दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।

दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।

तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।

तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।

तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।

तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।

तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।

तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।

तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।

तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।

तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।

तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।

तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।

तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।

तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।

चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।

चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।

चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।

चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।

चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।

चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।

चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।

चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।

चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।

चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।

चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।

चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।

चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।

चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।

चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।

पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।

पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।

पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।

पाँच उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।

पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।

पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।

पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।

पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।

पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।

पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।

पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।

पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।

पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।

छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।

छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।

छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।

सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।

सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।

सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।

सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।

सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।

सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।

सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।

सात ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।

सात ॠषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।

सात धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।

सात रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।

सात पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।

सात पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।

सात धान्य : उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

 

आठ मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।

आठ लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।

आठ वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।

आठ सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।

आठ धातु : सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

 

नवदुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।

नवग्रह : सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।

नवरत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।

नवनिधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

 

दस महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।

दस दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।

दस दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।

दस अवतार (विष्णुजी) : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।

दस सति : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।

 

*उक्त जानकारी शास्त्रोक्त 📚 आधार पर… हैं ।*

*यह आपको पसंद आया हो तो अपने बन्धुओं को भी शेयर जरूर कर अनुग्रहित अवश्य करें यह संस्कार का कुछ हिस्सा हैं 🌷 💐* 

#टाटा #बिड़ला और #डालमिया ये तीन नाम बचपन से सुनते आए है मगर डालमिया घराना न कही व्यापार में नजर आया और न ही कहीं और ? 

#डालमिया घराने के बारे में जानने की बहुत इच्छा थी 

लीजिए आप भी पढ़िए की नेहरू के जमाने मे भी 1 लाख करोड़ के मालिक डालमिया को साजिशो में फंसा के नेहरू ने कैसे बर्बाद कर दिया 

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ये तस्वीर है राष्ट्रवादी खरबपति सेठ रामकृष्ण डालमिया की ,जिसे नेहरू ने झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया तथा कौड़ी-कौड़ी का मोहताज़ बना दिया ।दरअसल डालमिया जी ने स्वामी करपात्री जी महाराज के साथ मिलकर गौहत्या एवम हिंदू कोड बिल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर नेहरू से कड़ी टक्कर ले ली थी । लेकिन नेहरू ने हिन्दू भावनाओं का दमन करते हुए गौहत्या पर प्रतिबंध भी नही लगाई तथा हिन्दू कोड बिल भी पास कर दिया और प्रतिशोध स्वरूप हिंदूवादी सेठ डालमिया को जेल में भी डाल दिया तथा उनके उद्योग धंधों को बर्बाद कर दिया ।

इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस व्यक्ति ने नेहरू के सामने सिर उठाया उसी को नेहरू ने मिट्टी में मिला दिया.

देशवासी प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद और सुभाष बाबू के साथ उनके निर्मम व्यवहार के बारे में वाकिफ होंगे मगर इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने अपनी ज़िद के कारण देश के उस समय के सबसे बड़े उद्योगपति सेठ रामकृष्ण डालमिया को बड़ी बेरहमी से मुकदमों में फंसाकर न केवल कई वर्षों तक जेल में सड़ा दिया बल्कि उन्हें कौड़ी-कौड़ी का मोहताज कर दिया.

जहां तक रामकृष्ण डालमिया का संबंध है, वे राजस्थान के एक कस्बा चिड़ावा में एक गरीब अग्रवाल घर में पैदा हुए थे और मामूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने मामा के पास कोलकाता चले गए थे.

वहां पर बुलियन मार्केट में एक salesman के रूप में उन्होंने अपने व्यापारिक जीवन का शुरुआत किया था. भाग्य ने डटकर डालमिया का साथ दिया और कुछ ही वर्षों के बाद वे देश के सबसे बड़े उद्योगपति बन गए.

उनका औद्योगिक साम्राज्य देशभर में फैला हुआ था जिसमें समाचारपत्र, बैंक, बीमा कम्पनियां, विमान सेवाएं, सीमेंट, वस्त्र उद्योग, खाद्य पदार्थ आदि सैकड़ों उद्योग शामिल थे.

डालमिया सेठ के दोस्ताना रिश्ते देश के सभी बड़े-बड़े नेताओं से थी और वे उनकी खुले हाथ से आर्थिक सहायता किया करते थे. 

इसके बाद एक घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया. कहा जाता है कि डालमिया एक कट्टर सनातनी हिन्दू थे और उनके विख्यात हिन्दू संत स्वामी करपात्री जी महाराज से घनिष्ट संबंध थे.

करपात्री जी महाराज ने 1948 में एक राजनीतिक पार्टी राम राज्य परिषद स्थापित की थी. 1952 के चुनाव में यह पार्टी लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी और उसने 18 सीटों पर विजय प्राप्त की.

हिन्दू कोड बिल और गोवध पर प्रतिबंध लगाने के प्रश्न पर डालमिया से नेहरू की ठन गई. पंडित नेहरू हिन्दू कोड बिल पारित करवाना चाहते थे जबकि स्वामी करपात्री जी महाराज और डालमिया सेठ इसके खिलाफ थे.

हिन्दू कोड बिल और गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वामी करपात्रीजी महाराज ने देशव्यापी आंदोलन चलाया जिसे डालमिया जी ने डटकर आर्थिक सहायता दी.

नेहरू के दबाव पर लोकसभा में हिन्दू कोड बिल पारित हुआ जिसमें हिन्दू महिलाओं के लिए तलाक की व्यवस्था की गई थी. कहा जाता है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद हिन्दू कोड बिल के सख्त खिलाफ थे इसलिए उन्होंने इसे स्वीकृति देने से इनकार कर दिया.

ज़िद्दी नेहरू ने इसे अपना अपमान समझा और इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पुनः पारित करवाकर राष्ट्रपति के पास भिजवाया. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रपति को इसकी स्वीकृति देनी पड़ी.

इस घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया. कहा जाता है कि नेहरू ने अपने विरोधी सेठ राम कृष्ण डालमिया को निपटाने की एक योजना बनाई.

नेहरू के इशारे पर डालमिया के खिलाफ कंपनियों में घोटाले के आरोपों को लोकसभा में जोरदार ढंग से उछाला गया. इन आरोपों के जांच के लिए एक विविन आयोग बना. बाद में यह मामला स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिसमेंट को जांच के लिए सौंप दिया गया.

नेहरू ने अपनी पूरी सरकार को डालमिया के खिलाफ लगा दिया. उन्हें हर सरकारी विभाग में प्रधानमंत्री के इशारे पर परेशान और प्रताड़ित करना शुरू किया. उन्हें अनेक बेबुनियाद मामलों में फंसाया गया.

नेहरू की कोप दृष्टि ने एक लाख करोड़ के मालिक डालमिया को दिवालिया बनाकर रख दिया. उन्हें टाइम्स ऑफ़ इंडिया और अनेक उद्योगों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ा. अदालत में मुकदमा चला और डालमिया को तीन साल कैद की सज़ा सुनाई गई.

तबाह हाल और अपने समय के सबसे धनवान व्यक्ति डालमिया को नेहरू की वक्र दृष्टि के कारण जेल की कालकोठरी में दिन गुज़ारने पड़े.

व्यक्तिगत जीवन में डालमिया बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे. उन्होंने अच्छे दिनों में करोड़ों रुपये धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए दान में दिये. इसके अतिरिक्त उन्होंने यह संकल्प भी लिया था कि जबतक इस देश में गोवध पर कानूनन प्रतिबंध नहीं लगेगा वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे. उन्होंने इस संकल्प को अंतिम सांस तक निभाया. गौवंश हत्या विरोध में 1978 में उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। 

✍️Manoj जलन (साभार-शोशल मीडिया) 

साभार….

यदि आप देश दुनिया की जानकारी रखने में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको पता होगा कि Chat GPT का आगमन हो चुका है। यह एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल है। जिसे दूसरा गूगल माना जा रहा है। तकनीकि क्षेत्र में जानकारी रखने वाले युवा और एक्सपर्ट्स लगातार सोशल साइट्स पर आजकल इसी की चर्चा कर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम चैट जीपीटी की पूरी जानकारी दे रहे हैं। #chatgpt का ad आया होगा आपके पास भी और समझ नहीं पाए होंगे। मैं तो खुद हैरान हूँ कि ऐसी चीज़ कौन बनाता है यार? जिस #google का पूरे world में एकछत्र राज चल रहा था, आज गूगल भी उससे डर गया है तो हालात की गम्भीरता समझ में आना चाहिए। 

मैं कुछ दिनों से प्रयोग करके यही समझ पा रहा हूँ कि कोचिंग संस्थान पर ताले पड़ने वाले हैं और किसी home टीचर आदि की ज़रूरत नहीं रह जाएगी। कल तो मैंने कहा था कि फ़िल्मों के धंधे में लगे लोग बेरोज़गार होने वाले हैं लेकिन अब तो पता नहीं क्या क्या ख़त्म होने वाला है। 

सालों साल से गूगल के द्वारा मार खाए माइक्रसॉफ़्ट कम्पनी ने इस चैट जीपीटी पर 10 अरब डॉलर का निवेश कर दिया है। आज आप गूगल में भी कई चीज़ सर्च करते हैं तो जवाब में कई चीजें मिल जाती है लेकिन उसमें accuracy नहीं है। गूगल खुद कुछ नहीं बताता बल्कि आपके सामने कई वेबसाइट्स का ऐड्रेस दे देता हैं जिसमें आपका समाधान हो सकता है। या जानकारी मिल सकती है।

लेकिन ये chatGPT उन जगहों से और पूरी दुनिया से खोज कर, खुद से ai की मदद से ये निर्णय लेकर कि सबसे suitable जवाब क्या हो सकता है जो आप चाहते हैं वो सीधा ही आपके सामने लिख देता है। 

हम अगर गूगल को कहें कि बताओ भाई biology क्या है तो वो सभी चीज़ कहीं ना कहीं किसी websites के हवाले से हमें बताता है और कई तरह के ऐसे websites सामने ला देता हैं जो ‘biology’ के आपके उस सवाल पर सबसे ज़्यादा देखे जाते हैं याने trending हैं।

chatGPT ऐसा नहीं करता, वह एक आदमी के समान पहले खुद दुनिया भर के knowledge को पढ़ता है बल्कि पढ़ चुका है तो आपको सीधा ही बता देता है और उतना ही बताता है जितना में आपको समाझ में आ जाए। 

अब अगर आप डिटेल और पूछते जाएँगे तो बताता जाएगा एक teacher की तरह, एक दोस्त की तरह।

मैं कुछ दिन से इसे प्रयोग कर रहा हूँ। एक दो बार तो ऐसे भ्रम हो गया जैसे मैं सचमुच के किसी आदमी से ही बात कर रहा हूँ। मैंने कुछ चीज़ पूछी और उसके बताए कोड को लेकर एक website पर सबमिट किया ।

अब हुआ ये कि उस websites ने उस कोड में से किसी वर्ड को offensive वर्ड बता दिया याने उनके हिसाब से वह शब्द उनके यहाँ बैन और वह वर्ड use नहीं किया जा सकता।

मैंने लौट कर यह बात chatGPT को बतायी कि भाई तुमने जो कोड दिया था उसमें से किसी वर्ड पर उस websites को आपत्ति है बोल रहा है ऐक्सेप्ट नहीं करेंगे।

जानते हैं कि इस chatGPT ने क्या कहा? 

उसने इंग्लिश में लिखा था मैं उसे हिंदी में लिख रहा हूँ……

“वैसे तो मैंने सही कोड बताया था, उसमें कुछ अफ़ेन्सिव नही है लेकिन अगर ऐसा है तो प्लीज़ मुझे भी बताइए कि उस कोड में किस वर्ड पर उसको आपत्ति है ताकि मैं अपने database में भी उसको “offecsive word ” के तौर पर फ़ीड कर सकूँ और आगे से उस वर्ड को नहीं लिखूँगा”

मैं तो हिल गया भाई, ये सामने कोई आदमी बैठा है क्या? इसको तो सीधा सीधा अब दूसरा similar कोड बताना चाहिए था पर ये अपना डेटा ठीक करने की कोशिश में लग गया। 

आप यहाँ कोई भी सवाल पूछो वो accurate जवाब देगा। आप उसको कहों कि “यार समझ नहीं आया फिर से।।।कुछ और तरीक़े से बताओ”

अब वो दूसरे तरीक़े से बताएगा ये कहते हुए कि 

“ओह क्षमा चाहता हूँ कि आपको मेरा पहला तरीक़ा पसंद नहीं आया ” 

आप थोड़ी देर में इस zone में चले जाओगे जैसे एक जीवित आदमी से बातें कर रहे हो और ये तो इसका शुरुआती version है जब ये हालात है, आगे तो पूरी दुनिया बदल कर रख देगा। 

यह सबसे पहले कोचिंग संस्थानों को बंद करने वाला है और उसके बहुत से जॉब पर ताला पड़ने वाला है।

नोट:- मुझे कभी कभी chat gpt bahut आसान तो कभी कठिन लगता है क्योंकि यह तो अपनी गलतियों से जल्द ही ज्यादा से ज्यादा सीख लेता है पर मैं हमारे स्वभाव के अनुसार ऐसा नहीं कर पा रहा हूं।