#आधुनिकता या षड’यंत्र…?
हिन्दू दुल्हन को कभी सुट्टा लगाते, चिलम फूंकता दिखाते हैं,
कभी हाथ में शराब का गिलास पकड़ा देते हैं,
कभी नीचे से लहँगा गायब कर शॉर्ट्स पहना देते हैं।
पर
हम इसका विरोध नहीं करते बल्कि हमारे घर की बेटियाँ प्री-वेडिंग शूट के नाम पर इनका अनुकरण करने लगी हैं।
वेस्टर्न की नकल कर हिंदू दूल्हा-दुल्हन शैम्पेन की बॉटल खोल रहे हैं, आलिंगन के दृश्य दे रहे हैं या मंडप में किस कर रहे हैं।
सनातन संस्कृति यानी हिंदू विवाह पद्धति में दुल्हन देवी स्वरुप लक्ष्मी है और दूल्हा विष्णु अवतार इस मान्यता को हम भूल चले हैं।
विवाह एक गरिमामयी पवित्र बंधन और सोलह संस्कारों में सबसे प्रमुख संस्कार है यह भी भूल चले हैं।
सनातन में वर वधु की पवित्रता को इतना महत्व दिया गया है कि सहरा पहने लड़के से चरण स्पर्श तक नहीं करवाये जाते। हल्दी लगी दुल्हन को अकेला तक नहीं छोड़ते।
लेकिन
अब इवेंट्स मैनेजमेंट, प्री वेडिंग शूट जैसे चोंचलों की आड़ में रतिक्रिया का प्रदर्शन छोड़ हर तरह की अश्लीलता का सरेआम प्रदर्शन हो रहा है।
जब सरेआम इतनी अश्लीलता हो रही है तो फिर वेडिंग सूट में रतिक्रिया कभी अनुमान नहीं लगा सकते स्पष्टीकरण बाहर प्री वेडिंग शूट करने गये हो तो रतिक्रिया भी हो ही जाती होगी
विवाह अब दैहिक सुख की संविदा और एक निष्प्राण अनुबंध बन चला है।
हम हमारे संस्कारों की धज्जियां उड़ाने वाले टीवी सीरियल, नौटंकी, फिल्मों और फिल्मी लोगों की शादियों से प्रभावित हो कर अपने पवित्र संस्कारों को नष्ट करने पर तुले हैं। फ़ोटोग्राफ़र के कहने पर सबके सामने जैसा वो करवाता है करते जा रहे हैं…
यह ऐसा अंधानुसरण है जिसका परिणाम टूटते परिवारों और विवाह विच्छेद के बढ़ते प्रकरणों के रूप में सामने आने लगा है।
और
इसके पीड़ित ही इसके अप’राधी भी हैं।
एक महत्वपूर्ण घटना बताते हैं घटना क्या यह साजिश है कुछ बम पंथी टाइप संगठन भगवान राम का अभिनय करने वाले अभिनेता अरुण गोविल के पास गए और उन्होंने अभिनेता को एक ब्रांड की शराब का ऐड करने का ऑफर दिया जिसमें अभिनेता अरुण गोविल को शराब का गिलास होठों पर लगाना था अरुण गोविल इसके लिए तैयार नहीं हुए तब उन्होंने कहा कि आप केवल हाथ पर पकड़ लीजिए और शराब की बोतल अपने सामने टेबल पर रख लीजिए इसके लिए उन्हें करोड़ों का ऑफर भी दिया गया, लेकिन अरुण गोविल ने कहा कि देश के लोग मुझे भगवान राम का ही स्वरूप मानने लगे ऐसे में करोड़ों रुपए के ऑफर के बाद भी उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया।
इसके पीछे षड्यंत्र क्या था? ताकि भगवान राम की छवि को ध्वस्त किया जा सके।
अभी भी समय है हिंदुस्तानियों इस घातक विष से दूर रहो…
वरना यह बीमारी हमारी संस्कृति को नष्ट कर देगी फिर हमारे पास कुछ नहीं बचेगा इसलिए समय रहते अपने परिवारों के युवाओं को रोकें और ज़ोर देकर रोकें…!!
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व्यंग्य बहुत सही है
बात पते की कही है
#साइकिल की सवारी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था (GDP) के लिए बेहद हानिकारक है….!
सुनने में ये हास्यास्पद लग सकता है , परन्तु सत्य है….
एक साइकिल चलाने वाला देश के लिए बहुत बड़ी आपदा है, क्योंकि…….
वो गाड़ी नहीं खरीदता,
वो लोन नहीं लेता,
वो गाड़ी का बीमा नहीं करवाता,
वो तेल नहीं खरीदता,
वो गाड़ी की सर्विसिंग नहीं करवाता,
वो पैसे देकर गाड़ी पार्किंग नहीं करता,
वो ट्रैफ़िक फाइन नहीं देता ,
और तो और
वो मोटा (मोटापा) नहीं होता।
जी हां …..यह सत्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति
अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है, क्योंकि…
वो दवाईयां नहीं खरीदता,
वो अस्पताल व चिकित्सक के पास नहीं जाता
वो राष्ट्र की GDP में कोई योगदान नहीं देता।
ठीक इसके विपरित एक फ़ास्ट फूड की दुकान 30 नौकरी पैदा करती है……..
10 हृदय चिकित्सक,
10 दंत चिकित्सक,
10 वजन घटाने वाले…!
नोट :-पैदल चलना इससे भी अधिक ख़तरनाक होता है, क्योंकि पैदल चलने वाला व्यक्ति तो साइकिल भी नहीं खरीदता……………….!!