आज का पंचाग आपका राशि फल, होलिका दहन आज लाखों रंगों की एक ‘होली’, हिंदी संस्कृत के विरूद्ध कितने गहन षड्यंत्र!!, जीवन की सुगमता हेतु २१ मंत्र

​ ​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
*श्री हरिहरो*
*विजयतेतराम*

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*
*🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓*
*_मंगलवार, ०७ मार्च २०२३_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:४१
सूर्यास्त: 🌅 ०६:२१
चन्द्रोदय: 🌝 १८:१३
चन्द्रास्त: 🌜०६:४१
अयन 🌖 उत्तरायणे
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🎋 बसंत
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 फाल्गुन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पूर्णिमा (१८:०९
से प्रतिपदा)
नक्षत्र 👉 पूर्वाफाल्गुनी
(२६:२२ से उत्तराफाल्गुनी)
योग👉धृति(२१:१५ से शूल
प्रथम करण👉बव(१८:०९ तक
द्वितीय करण👉बालव(पूर्ण रात्रि
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कुम्भ
चंद्र 🌟 सिंह
मंगल 🌟 वृष
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध🌟कुम्भ(अस्त,पूर्व,मार्गी)
गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)
शुक्र🌟मीन (उदित, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०५ से १२:५२
अमृत काल 👉 १९:२२ से २१:०७
विजय मुहूर्त 👉 १४:२५ से १५:१२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१७ से १८:४२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१९ से १९:३३
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:५२
राहुकाल 👉 १५:२४ से १६:५२
यमगण्ड 👉 ०९:३२ से ११:००
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 उत्तर – २६:२२ से
राहुवास 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 श्मशान में – १८:०९ से गौरी के साथ
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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स्नान-दान हेतु फाल्गुन पूर्णिमा, श्री चैतन्य महाप्रभु जयन्ती, होलाष्टक समाप्त आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २६:२२ तक जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (मो, टा, टी, टू) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (टे) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कुम्भ – २९:३६ से ०७:०२
मीन – ०७:०२ से ०८:२५
मेष – ०८:२५ से ०९:५९
वृषभ – ०९:५९ से ११:५४
मिथुन – ११:५४ से १४:०९
कर्क – १४:०९ से १६:३०
सिंह – १६:३० से १८:४९
कन्या – १८:४९ से २१:०७
तुला – २१:०७ से २३:२८
वृश्चिक – २३:२८ से २५:४७
धनु – २५:४७ से २७:५१
मकर – २७:५१ से २९:३२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:३७ से ०७:०२
शुभ मुहूर्त – ०७:०२ से ०८:२५
शुभ मुहूर्त – ०८:२५ से ०९:५९
रज पञ्चक – ०९:५९ से ११:५४
शुभ मुहूर्त – ११:५४ से १४:०९
चोर पञ्चक – १४:०९ से १६:३०
शुभ मुहूर्त – १६:३० से १८:०९
रोग पञ्चक – १८:०९ से १८:४९
शुभ मुहूर्त – १८:४९ से २१:०७
मृत्यु पञ्चक – २१:०७ से २३:२८
अग्नि पञ्चक – २३:२८ से २५:४७
शुभ मुहूर्त – २५:४७ से २६:२२
रज पञ्चक – २६:२२ से २७:५१
शुभ मुहूर्त – २७:५१ से २९:३२
चोर पञ्चक – २९:३२ से ३०:३६
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपके मन में अनेक योजनाएं बनती रहेंगी लेकिन इनको समय अथवा धन अभाव के कारण साकार रूप नहीं दे पाएंगे। आर्थिक लाभ परिश्रम के बाद भी अल्प रहेगा खर्च भी आज ज्यादा नहीं रहने से एक समस्या कम रहेगी। सरकारी अथवा जमीन सम्बंधित कार्यो में आज देर ना करें अन्यथा लंबे समय के लिए टल सकते है। सामाजिक क्षेत्र से प्रसिद्धि मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर मंदी के चलते आर्थिक समस्याओं के कारण मानसिक रूप से विचलित रहेंगे। जोखिम के कार्यो में निवेश पहले हानि परन्तु बाद में लाभदायक सिद्ध होगा। पारिवारिक वातावरण में पहले की अपेक्षा सुधार होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको विविध कष्टो का सामना करना पड़ेगा। मन समाज में वर्जित कार्यो की और अधिक आकर्षित रहेगा जिससे घर में कलह हो सकती है सामाजिक क्षेत्र पर भी आलोचना होगी। व्यवहार में कटुता एवं स्वार्थ सिद्धि की भावना अधिक रहेगी। अधिकारी वर्ग से काम निकालने के लिए चाटुकारिता का सहारा लेना पड़ेगा लेकिन फिर भी कार्य सफलता निश्चित नहीं रहेगी। दोपहर के बाद सम्मानित व्यक्ति अथवा महिला के सहयोग से धन लाभ हो सकता है। नए कार्य का आरम्भ फिलहाल निरस्त करें पुराने अधूरे कार्यो को प्राथमिकता से पूर्ण करें अन्यथा धन की आमद रूक जायेगी। घरेलु कार्यो की अनदेखी अशांति का कारण बन सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन व्यापारी वर्ग को लाभदायक सौदे मिलेंगे। भविष्य की योजनाओं पर भी धन का निवेश करेंगे साथ ही बचत भी कर पाएंगे। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर भी आपके कार्य निर्विघ्न चलते रहेंगे परन्तु बीच-बीच में सहकर्मियो के कारण थोड़ी असुविधा बन सकती है। धन लाभ आशा के अनुरूप हो जाएगा कार्य के नए क्षेत्र मिलेंगे। मित्र स्वयजनो के साथ धार्मिक यात्रा के योग भी बनेंगे। महिला वर्ग सेहत को लेकर परेशान रह सकती है थकान अधिक रहेगी स्वभाव में भी चिड़चिड़ा पन रहने से घरेलु कार्य अस्त-व्यस्त रहेंगे। सन्तान पढ़ाई पर कम ध्यान देंगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप जहाँ भी रहेंगे वहीँ आलस्य प्रमाद फैलाएंगे। आर्थिक लाभ की उम्मीद न एक बराबर रहेगी परन्तु खर्चो में कमी लाने में सफल रहेंगे जिससे धन सम्बंधित समस्या नहीं बनेगी। दिनचर्या के अधिकांश कार्य परिजनों के सहयोग द्वारा पूर्ण हो जाएंगे। दोपहर के बाद किसी आवश्यक कार्य के पूर्ण होने से राहत मिलेगी।
घर की महिलाओं से मामूली बात पर नोक झोंक हो सकती है फिर भी शांति बनी रहेगी। सन्तानो से मित्रवत व्यवहार रहेगा। रिश्तेदारो के विषय में कोई अप्रिय समाचार मिलने से थोड़े समय की चिंता बनेगी। संध्या का समय पूरे दिन की अपेक्षा सुख दायक रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपमें चंचलता अधिक रहेगी बेकार के विषयों में मन भटकेगा परन्तु निकट भविष्य में धन लाभ के प्रबल योग भी बन रहे है आज अपनी तरफ से व्यवहारिकता में कमी ना आने दें इससे लाभदायक संपर्क बनेंगे। परिजनों से व्यर्थ की बातों पर बहस होगी कार्य क्षेत्र पर निर्णय लेने की क्षमता कम रहेगी आर्थिक विषयो में सफलता पाने के लिए आज किसी की सहायता लेनी पड़ेगी। दोपहर तक स्वास्थ्य ठीक रहेगा इसके बाद थकान शिथिलता बनेगी। व्यापार में वर्तमान स्थिति बनाये रखें निवेश आज ना करें। दाम्पत्य जीवन में समरसता की कमी रह सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपके द्वारा लिये निर्णय प्रेमीजनों से राग द्वेष की भावना बना सकते है। स्वभाव में दिखावे की प्रवृति रहेगी। बेवजह के खर्च आर्थिक समस्या बनाएंगे। आस पड़ोसियों से भी अहम् को लेकर टकराव हो सकता है किसी भी प्रकार की गंभीर परिस्थिति से बचने के लिए बुद्धि विवेक जाग्रत रखें। व्यवसाय में बदलाव अथवा निवेश अनुभवी व्यक्ति की सलाह से ही करें। दिन की विपरीत परिस्थितियों में घर के बुजुर्ग सहायक बनेंगे। महिला वर्ग से नीरसता युक्त सम्बन्ध रहेंगे दाम्पत्य में सामंजस्य बैठाने में कठिनाई आएगी। आर्थिक विषयो के कारण यात्रा करनी पड़ेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपको आकस्मिक लाभ की सम्भावनाये बन रही है। जोखिम वाले कार्यो से डर लगेगा परन्तु शीघ्र ही इसके बेहतर परिणाम मिल सकते है। आज किसी अनजान व्यक्ति से उधार का व्यवहार ना करें डूबने की आशंका है परंतु उधारी चुकाने के लिए दिन उत्तम है। धन लाभ रुक रुक कर होगा खर्च भी विशेष रहेंगे फिर भी कई दिनों का कोटा पूर्ण कर लेंगे। संध्या तक व्यावसायिक कार्यो से निश्चिन्त हो सकेंगे। नौकरी पेशा जातको को आज कार्य क्षेत्र पर तालमेल बैठाने में संघर्ष करना पड़ेगा। अधिकारी वर्ग अकारण नाराज रहेंगे। दाम्पत्य जीवन में थोड़े उतार-चढाव आ सकते है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आप अपने महत्त्वपूर्ण कार्यो में सफलता पाने के लिये जी जान से प्रयत्न करेंगे आरम्भ में इनमे असफलता नजर आएगी परन्तु मध्यान के बाद परिश्रम का फल मध्यम ही सही लेकिन अवश्य मिलेगा। मन भटकेगा भी परन्तु एकाग्र होकर कार्यो में लगे रहें। व्यवसाय में आज जिस योजना पर कार्य करेंगे निकट भविष्य में वह धन लाभ कराएगा। घर एवं बाहर बडबोलेपन के कारण सम्मान हानि हो सकती है आवश्यकता से अधिक ना बोलें। घरेलु कार्यो के कारण अतिरिक्त श्रम करना पड़ेगा। महिला वर्ग पारिवारिक सम्बन्धो को जोड़े रखने में सहायक रहेंगी। आर्थिक कारणों से आज किसी से ना उलझें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन प्रत्येक क्षेत्र से आनंद की प्राप्ति कराएगा। आज आपके अधिकांश कार्य पहले से निर्धारित रहेंगे जिससे दुविधा की स्थिति से बचेंगे। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र की गतिविधियों से संतुष्ट रहेंगे लेकिन थोड़ी देर के लिए सहकर्मियो से नाराजगी के प्रसंग अव्यवस्था कर सकते है। सरकारी कार्यो में निश्चित सफलता मिलेगी परंतु पैतृक सम्बंधित मामले किसी अन्य के कारण अनिश्चित रहेंगे। महिलाये गृहस्थ की गलतफहमियों में सुधार कर वातावरण खुशहाल बनाएंगी घर में मान बढेगा। धार्मिक कार्यो में जितनी आस्था रहेगी उसके अनुरूप समय नहीं दे पाएंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन सामान्य रहेगा फिर भी कार्यो को अधिक बेहतर बनाने का प्रयास अवश्य करें। स्वास्थ्य सम्बंधित शिकायते रहेंगी रक्त विकार, जोड़ो अथवा सूजन सम्बंधित समस्या रह सकती है। कार्यो में भी मन कम् ही लगेगा धन की कमी के कारण मन उदास रहेगा परन्तु फिर भी आज के दिन धन से ज्यादा आपसी संबंधों को ज्यादा महत्त्व दें आगे के लिए लाभदायक एवं शांति स्थापना के लिए आवश्यक है। नौकरी व्यवसाय में लापरवाही के कारण हानि के योग भी है अधिक सावधानी बरतें। सामाजिक रिश्तों में कड़वाहट आएगी। गृहस्थ जीवन मिश्रित रहेगा। महिलाओं का नरम व्यवहार शांति स्थापित करने में मदद करेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन भी अधिकांश समय परिस्थिति चिंता मुक्त रहेगी। लेकिन भ्रामक खबरों पर देख-भाल कर ही यकीन करें अन्यथा जल्दबाजी में गलत निर्णय हानि करा सकता है। कार्य व्यवसाय में किसी के बेवजह दखल देने से दुविधा में पड़ सकते है बुजुर्ग व्यक्ति ही इससे बाहर निकालने में मददगार बनेंगे। आज स्वयं के लिए निर्णय ज्यादा प्रभावी साबित होंगे प्रलोभनो से बच कर रहें। धन लाभ जरुरत के अनुसार अवश्य हो जाएगा। महिला वर्ग आज किसी काम के बिगड़ने से चिंतित रहेंगी परन्तु थोड़े अतिरिक्त श्रम के बाद स्थिति सामान्य बन जायेगी। संतानो के ऊपर नजर रखना आवश्यक है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आजका दिन आपके पक्ष में रहेगा। मन की कल्पनाएं काफी हद तक साकार होने की संभावनाएं रहेंगी। आपके विचार भी लोगो को आकर्षित करेंगे। दो पक्षो के झगडे में मध्यस्थता कर सकते है निर्णय निष्पक्ष देने से सम्मान मिलेगा। कार्य व्यवसाय में प्रारंभिक अड़चनों के बाद आय के साधन सुलभ होंगे। आज कई दिनों से मन में चल रही व्यावसायिक योजना को दिशा मिलने से आय के नविन स्त्रोत्र बनेंगे। जोखिम वाले कार्यो में निवेश बेहिचक कर सकते है भविष्य के लिए लाभदायक रहेंगे। महिलाये पूजा-पाठ के कार्यो में अधिक व्यस्त रहेंगी साथ ही सेहत का ध्यान भी रखें।
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संस्कृत से उद्भूत भारत की चौबीसों भाषाओं का भारतीय जनमानस की एकता अखंडता में अत्यधिक महात्म्य है। इसी कारण भारतीय भले भाषाएं पृथक पृथक बोलते हों लेकिन चिंतन-मनन सभी का एक जैसा ही रहता है। इसमें भी हिंदी भाषा अखंड भारतीयता का प्रतीक है। एक दूसरे राज्यों के लोगों का बोलचाल का माध्यम अधिकतर हिंदी ही रहता है। बिडम्बना देखिये पूरी सोची समझी रणनीति के चलते हिंदी में इतनी अधिक उर्दू मिलाई गई है कि आज के हिंदी साहित्य के लेखक कवि और पत्रकार यहां तक कि हिंदी साहित्य संस्थान एवं सरकारी सूचना विभाग के वेतन भोगी भी अधिकतर हिंदी को उर्दूमय ही लिखते हैं। हमारे कथा वाचक व्यास पीठ पर बैठा व्यक्ति भी उर्दूमय ही व्याख्यान दे रहे होते हैं जबकि उसकी शिक्षा-दीक्षा संस्कृत हिंदी माध्यम से हुई होती है। इसके दो कारण हैं सैक्युलर जानबूझकर ऐसा करते हैं और भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत चिंतकों पता ही नहीं होता कि वह उर्दूमय लिख रहे हैं। हिंदी को विद्रूप करने का यह षड्यंत्र यववन लुटेरे आक्रांताओं के द्वारा बारहवीं शताब्दी से आरंभ किया गया था जब उन्होंने देखा कि जहां जहां संस्कृत और संस्कृति नहीं थी उन सभी कबीलाई क्षेत्रों को वे सुगमता से हड़प गए लेकिन कंधार से इधर आने में इन म्लेच्छ अत्याचारियों को वर्षों संघर्ष करना पड़ा और वर्तमान भारत पर अधिपत्य के लिए तो सत्रह सत्रह बार आक्रमण करना पड़ा इसके पीछे मूल रूप में उन्होंने देखा कि यहां के आचार्यों ने गुरुकुल में युवाओं को शस्त्र और शास्त्रों में पारंगत बना रखा है। तब अधिसंख्य गुरुकुल मंदिरों की आय से चलते थे और इन गुरूकुलों में वैदिक शिक्षा के साथ ही कृषि, गोपालन, स्थानीय प्रकृति, शस्त्र विद्या, भाव विद्या, भौतिक रसायन प्राणि विज्ञान, नक्षत्र विज्ञान, गणित,सांख्यिकी, आयुर्वेद, शल्य चिकित्सा और शास्त्रीय संगीत, गायन वादन, धर्म शास्त्र, पुराणों, इतिहास भूगोल, ब्राह्मण ग्रंथों, ब्रह्मसूत्र, ज्योतिष शास्त्र, लघु और दीर्घ सिद्धांत कौमुदी, परिधान और स्थिति अन्य तकनीक आदि लाखों विषयों का ज्ञान दिया जाता था और सबसे बड़ी बात मनुष्यों में सद्गुणों को विकसित करना सदाचार सदाशयता चरित्र निर्माण कराया जाता था। विद्यालयों के द्वार पर लिखे होते थे “अहिंसा परमोधरम :धर्म हिंसा तथैव च:, धर्मो रक्षति रक्षित:” जब शेष विश्व इतना पिछड़ा और आदिम अवस्था में था कि पशुओं का कच्चा मांस खाता था तब अखंड भारत में ऐसे ऐसे आठ लाख गुरूकुल थे। सभी को पच्चीस वर्ष तक ब्रह्मचर्य आश्रम का पालन और शिक्षा ग्रहण करना अनिवार्य था। शतप्रतिशत शिक्षा थी और सभी को गुरूकुलों में सोलह कलाओं और सोलह संस्कारों से संपन्न एक बहुत निष्ठावान नागरिक बनाया जाता था इस कारण एक भी व्यक्ति रोजगार विहीन नहीं रहता था उस काल में तभी भारत दूध दही अन्न धन्न मठ मंदिरों महलों का देश था। म्लेच्छ आक्रांताओं ने यहां के संपन्न मंदिरों का जितना सोना चांदी लूट सकते थे लूटा ही लेकिन यहां की समृद्ध संस्कृति और शिक्षा के केन्द्र इन गुरुकुलों को तेजी से नष्ट किया, जला डाला। नालंदा और तक्षशिला जैसे एक एक लाख विद्यार्थियों की क्षमता वाले गुरुकुलों के पुस्तकालय तो महिनों तक जलते रहे। इस वीरता और संपन्नता की जड़ मंदिरों के ब्राह्मणों को हेय दिखाना आरंभ किया यही नहीं उनकी हत्या कर उनकी युवतियों को अपने लिए रखने के दुष्कर्म का परिणाम यह हुआ कि भारत में धर्म परायण महिलाओं ने आत्म रक्षार्थ जोहर करना सती होना छोटी वय में विवाह करना आरंभ किया। सुंदर युवतियों के दिन में विवाह होता तो मुगल आक्रांता उन्हें उठा कर ले जाते और विरोध करने पर भारी हिंसा करते या दर-कर लगाते। उत्तराखंड में तो इस तरह की दर-कर प्रथा 19वीं में अंग्रेजी शासन काल तक रही। इन करों में ‘स्यूंदपाटी’ कर भी था स्यूंदपाटी को सजाना मांग भरने आदि पर कर टैक्स (दर-कर) सोचो किस सीमा तक अत्याचार था। इसी कारण तब गुपचुप रात्रि में विवाह संस्कार संपन्न किए, लेकिन फिर भी म्लेच्छों और अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार नहीं की। हमारे पूर्वजों ने सदैव संस्कृत, संस्कृति और राष्ट्र बचाने के लिए संघर्ष किया। बिडम्बना देखिए स्वतंत्रता के उपरांत भी भारत की तत्कालीन सरकार ने संस्कृत और हिंदी भाषा की भारी उपेक्षा की। इसके लिए न केवल सरकार द्वारा गुरुकुल समाप्त करने की नीति रही। अपितु देश की पहली सरकार में शिक्षामंत्री सऊदी अरबिया में जन्मे मौलाना को बना कर भारतीय संस्कृत संस्कृति और संस्कार को तिरोहित करना लक्ष्य रहा, जब पाठ्यक्रम में लाखों वर्षों के स्वर्णिम भारतीय इतिहास को ओझल कर आक्रांताओं को महान बताया गया, बड़ी सीमा तक संस्कृत और संस्कृति समाप्त करने का लक्ष्य निश्चित कर लिया तब उन्हें भारत रत्न से अलंकृत भी किया गया। देश में ४ शिक्षा मंत्री, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, हुमायूं कबीर, मोहम्मद करीम चांगला, और फ़ख़रुद्दीन अली अहमद इसी उद्देश्य से शिक्षा मंत्री बनाए गए। अनुच्छेद 30(1) में अल्पसंख्यकों (धर्म या भाषा के आधार पर) को अपनी पसंद के शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने में सक्षम बनाने के लिए व्यवस्था भी की गयी। सरकारी राजकाज की भाषा में अंग्रेजी व उर्दू में बनी रही। बंबई सिनेमा जगत में अधिकांश गायक और लेखक उर्दू वाले रखे गए। इनकी फिल्मों में ब्राह्मणों और पंडितों को कुटिल दुष्चरित्र और हंसी का पात्र दिखाया गया। गुलशन कुमार ने जब हिन्दी सिनेमा में सनातन धर्म संस्कृति के गाने डालने आरंभ किए तो इस्लामी मानसिक रोगियों ने उनकी हत्या करवा दी। सोचिए स्वतंत्रता के उपरांत भी हिंदी साहित्य और संस्कृति के विरुद्ध कितने बड़े स्तर पर षड्यंत्र किया गया!! परिणाम यह हुआ कि आज हमारे अधिसंख्य लेखक साहित्यकार पत्रकार मीडिया कर्मी उर्दूमय ही लिखते हैं। यहां तक कि सुप्रभात संदेश भी उर्दूमय या अंग्रेजी में तैर रहे होते हैं उनमें अंग्रेजी में गुड मॉर्निंग और आंग्ल तिथि घुसेड़ी होती है। बामपंथियों उर्दू और अंग्रेजी पोषक लाबी की तो इतने बड़े स्तर पर सिस्टम में घुसपैठ है कि अब गुरुकुलम खोलना और महान संस्कृत भाषा बोलना पिछड़ेपन का द्योतक और क्लिस्ट बताया जाने लगा। जबकि यह भारतीयों की सार्वभौम वैज्ञानिक भाषा है पहले हरेक व्यक्ति इसी में वार्तालाप करता था। आज कुछ ही गांवों में संस्कृत में वार्तालाप बचा रह गया। हिन्दी संस्कृत का अपना व्याकरण छन्द निरूक्त और प्रत्येक उच्चारण के लिए अपना अक्षर मात्रा और दीर्घ हृस्व व प्लुत उच्चरण है। परन्तु इसे पढाने वाले संस्थान समाप्त करा दिये गये हैं। इसके विपरीत अंग्रेजी और उर्दू पढ़ाई सरकारी स्तर पर कराई जाती है उसके लिए वित्तीय सहायता भी दी जाती है। वैसे तो हमारा संविधान सबके लिए समान विधान की बातें करता है लेकिन इसमें सैकड़ों ऐसे विषम विधान हैं जो संस्कृत संस्कृति और संस्कृताचार्यों के विरुद्ध कूट रचित हैं। गुरूकुलों की उपेक्षा इनमें मुख्य है। प्रकारांतर से इसके पीछे उद्देश्य है कि भारतीय संस्कृति संस्कृत और देवनागरी हिंदी को हतोत्साहित करना है ताकि हिंदी धीरे धीरे समाप्त हो जाय हिंदी समाप्त तो हिन्दुस्तान का स्वरूप समाप्त यही इसके पीछे का षड्यंत्र है।अधिक ना कर सको तो हिंदी में उर्दू शब्दावली का समावेश ना कर शुद्ध हिंदी लिखने और हिंदी भाषी राज्यों में सरकारी राजकाज शुद्ध हिंदी में ही हो इसके प्रयास तो करना ही चाहिए ✍️हरीश मैखुरी