आज का पंचाग, आपका राशि फल, मानव मस्तिष्क शरीर का जबकि मन आत्मा का विषय है, इस दुनियां में सोलह सुख क्या हैं

मानव मस्तिष्क ईश्वर की सर्वोत्तम आश्चर्यजनक रचनाओं में से एक है। लगभग दो किलोग्राम के वजन वाले मानव मस्तिष्क में असीमित क्षमताएं निहित हैं। इसे इंग्लिश में ब्रेन कहते।मन अर्थाथ दिमाग को इंग्लिश में माइंड कहते।

जब माइंड की बात होती तो हमे अक्सर ऐसा लगता जैसे मस्तिक्ष ओर मन एक है। मस्तिक्ष शरीर का अंग है जबकि मन शुक्ष्म शरीर की शक्ति है। हम समझते इनको न्यूरो साइंस के अनुसार मस्तिष्क दो भागों में विभाजित है।

मस्तिष्क का दायां हिस्सा बाए शरीर के हिस्से को और मस्तिष्क का बायां हिस्सा दाएं हिस्से को नियंत्रित करता है। शरीर ओर मन के सुचारू क्रियान्वन के लिए यह जरुरी है कि हमारे मस्तिष्क के दोनों गोलाद्धों में सामंजस्य बना रहे।

मस्तिष्क को फ्रिक्वेंसी (बीटा, अल्फा, थीटा, डेल्टा, गामा) से जोड़ते हैं जो चेतना की कुछ अवस्थाओं से जुड़े होते हैं। मानव मन के दो प्रकार हैं…चेतन व अवचेतन चेतन या जागृत मन ,जिसका हम केवल एक से दस % उपयोग करते हैं ।

इन्द्रिय नियंत्रण ,शरीर की हलचल , विचार एवं तर्क शक्ति ,बुद्धिमत्ता ,सही अवसर की पहचान एवं उसका सही फायदा उठाना ,अच्छे बुरे की पहचान , इच्छा की उत्पत्ति आदि सब जागृत मन की शक्तियां हैं ।

ये सब मानवीय शक्तियां हैं । जो केवल दस % हैं । चेतना की तीन अवस्था है …जागृत, सुप्त और स्वप्नावस्था।

बाकी की 90 % शक्ति अवचेतन मन के पास है ; जिसे हम दैवीय शक्ति, ईश्वरीय शक्ति या अलौकिक शक्ति भी कहते हैं। इन्द्रियों पर चेतन व अवचेतन दोनों मन का नियंत्रण होता है।

टेलीपैथी ,याद शक्ति ,भावनायें । ज्ञान ,प्रज्ञा ,सही अवसर खड़े करने की क्षमता आदि ऐसी कई शक्तियां अवचेतन मन के पास हैं । इस मन के पास 1 नैसर्गिक घडी व कलेंडर भी है ।

इसके अलावा शरीर के स्व संचालित तंत्र पर काबू ,घाव भरना , इच्छा मृत्यु ,मनोबल आदि एवं आध्यात्मिक शक्तियां अवचेतन मन के पास होती हैं । चेतना की तीन अवस्थाओं –जागृत, सुप्त और स्वप्नावस्था की सर्वश्रेष्ठ तुलना प्रकृति से ही हो सकती है ।

प्रकृति सोती, जागती और स्वप्न लेती है ! यह सृष्टि में एक विशाल स्तर पर होता है और यह मानव शरीर में एक अलग स्तर पर होता है । जागना और सोना सूर्योदय और सूर्यास्त के सामान है,।

स्वप्न इनके बीच कि गोधूली कि बेला है । और ध्यान इस बाहरी अंतरिक्ष में उड़ान के सामान है , जहां सूर्योदय ओर सूर्यास्त नहीं होता । हमारे सभी विचारो , भावनाओ , व्यवहार , सुख- दुःख की अनुभूति हमारे दिमाग में मौजूद न्यूरॉन क्रिया की वजह से होते है !

इन न्यूरॉन की गतिशीलता ही हमारी मनोदशा को निर्धारित करती है । ब्रेन वेव्स थेरेपी में इन न्यूरॉन की गति को विभिन्न band width के साउंड की सहायता से जैसे तेज, सूक्ष्म, और सामान्य करके इस्तमाल किया जाता है

हम जो भी क्रिया करते है या जो महसूस करते है उसके हिसाब से हमारे दिमाग में ब्रेन वेव्स बदलती रहती है ! जब धीमी Brain waves हमारे दिमाग पर हावी होती है तब हम थका हुआ , सुस्त, या नींद का अनुभव होता है ।

और जब higher frequencies हावी होती है तब हम अति सावधान और सक्रिय महसूस करते है । Brain wave therapy में तरंगो को दिमाग तक पंहुचाकर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाता है या यूँ कहे की मूड को बदला जाता है ।

जैसे low frequency waves के लिए ड्रम बीट की साउंड का उपयोग किया जाता है और higher frequency Brain waves के लिए बांसुरी जैसे यंत्रो की ध्वनि का उपयोग किया जाता है ।

अब इस प्रकार के और संगीत वाद्य यंत्रो की ध्वनियों को मिलाकर एक सम्पूर्ण Brain waves therapy बनाई जाती है। इसमे इस्तमाल होने वाली Waves कितने प्रकार की होती है ?-

गामा high frequency waves होती है , ये बहुत तेजी से चलने वाली waves होती है जैसे बांसुरी की आवाज़ ये waves हमारे दिमाग में बहुत तेज़ी से सूचनाये पंहुचाती है ।

गामा वेव्स से बुद्धिमता , करुणा , मजबूत आत्म नियंत्रण , higher IQ level, स्मरणशक्ति , और ख़ुशी बढ़ाने में सहायता मिलती है । यह हमारी संवेदनाओ Senses को बढाती है जिससे इनकी कार्यकुशलता बढ़ जाती है ।

जब हमारा शरीर गामा waves के संपर्क में आता है तब तब हमारी देखने , सूंघने, सुनने और खाने में अच्छे स्वाद का अनुभव होता है । Brain waves therapy में gamma waves को ध्यान केन्द्रित करने में भी प्रयोग होता है ।

जब हमारा दिमाग इन waves के संपर्क में होता है तब सवेंदन सम्बन्धी neurons ज्यादा क्रियाशील हो जाते है जिससे हमारे दिमाग को नयी- नयी सूचनाये याद रखने में सहायता मिलती है !

हम ऐसा क्या करे की जिससे हमारे दिमाग तक ये वेव्स पंहुचे सके तो इसका सीधा और सरल उत्तर है ध्यान ।
एक रिसर्च में यह पाया गया है की जब हम अपनी पसंद का कोई कार्य कर रहे होते है ।

तब हमारा दिमाग अपने आप gamma waves पैदा करता है ! इसके अलावा आप मैडिटेशन करते समय gamma waves साउंड को सुनकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते है !

बीटा तरंगों में हमारा ब्रेन पूरी तरह सक्रिय रहता है जिसमें हमारी दिमागी तरंगें 20 से 24 प्रति मिनट तक चल रही होती हैं। यह पूर्ण जागरूक अवस्था है। यह waves बहुत तेज़ और गतिशील होती है ।

जब हम बहुत सजग अवस्था में किसी गंभीर समस्या का समाधान खोज रहे होते है या कोई निर्णय ले रहे होते है तब हमारे दिमाग सेल्स में पैदा होती है । ये higher frequency की waves होती है ।

तथा बहुत ज्यादा उर्जा और उत्तेजना पैदा करती है इस प्रकार के साउंड को किसी ऐसे काम के दौरान सुनने से लाभ होता है जहा बहुत उर्जा की आवश्यकता होती है !ये waves हमारे ब्रेन सेल्स में तब उत्पन्न होती है ।

जब शांति से सोच रहे होते है! मैडिटेशन की अवस्था में अल्फ़ा को वर्तमान की शक्ति बताया गया है । अल्फा waves दिमाग के आराम देने में सहायक होती है।

इसलिए Brain waves therapy में अल्फा waves को पूरे मानसिक समन्वय , शांति और शरीर के सभी अंगो को एकीकरण करने सीखने में इस्तमाल किया जाता
है।

अल्फा तरंगों में हमारा चेतन मन थोड़ा शांत हो जाता है, इस समय हमारी दिमागी तरंगें 8 से 15 के बीच प्रति मिनट चल रही होती हैं। इसे हम आधी जागी और आधी सोई हुई अवस्था कहते हैं यानी अर्धसुप्त अवस्था।

जब हम निंद्रा या गहरे ध्यान में होते है तब Theta Brain waves उत्पन्न होती है। ये waves कुछ नया सीखने और स्मृति को बढ़ने वाली होती है। जब हमारा दिमाग थीटा waves के संपर्क में आता है।

तब हमारे दिमाग का संपर्क बाहरी दुनिया से कम हो जाता है तथा हमारा ध्यान उस पर केन्द्रित हो जाता है जो संकेत उस समय उत्पन्न हो रहे होते है। जैसे कोई किताब पढना या गणित का कोई सवाल को सुलझाना ।

थीटा waves के साउंड को पढाई के दौरान इस्तमाल कर सकते है क्योकि ये waves धयान केन्द्रित करने में सहायता करती है। थीटा तरंगों में हमारा चेतन मन पूरी तरह शांत होकर निद्रा में चला जाता है।

इसमें हमारी दिमागी तरंगें 4 से 8 के बीच प्रति मिनट हो जाती हैं। इसे हम पूर्ण निद्रा की अवस्था कह सकते हैं। इस अवस्था में हम खूब सपने देखते हैं और अपने गहरे अवचेतन मन के नजदीक होते हैं।

थीटा वह चेतना है जहां दृश्य, प्रेरणा और रचनात्मकता शक्तिशाली होती है। ध्यान और योग को लाभदायक माना जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क में इन थीटा आवृत्तियों को उत्पन्न करता है।

थीटा के दौरान अधिक संवेदनशीलता के कारण कई लोगों को असाधारण अनुभव भी मिलता है। Delta Waves ऊँचे स्वर की धीमी गति वाली होती है ये wave slow Frequency और मन के अंदर गहराई तक उतर जाने वाली होती है ।

जैसे एक ड्रम की आवाज़ , ये बहुत गहरे ध्यान तथा गहरी नींद में पैदा होती है ! ये waves हमारे (अवचेतन मन ) को जागृत कर बाहरी दुनिया या conscious mind (सचेत मन) का सम्पर्क कम कर देती है ।

जो दिमाग को पूरी तरह से आराम करने में सहायता देता है ! Waves का प्रयोग गहरी नींद, विश्राम, और मन की शांति को पाने के लिए किया जाता है ।delta waves को अच्छी नींद पाने के लिए इस्तमाल कर सकते है।

डेल्टा तरंगों में हम गहरी निद्रा या गहरी समाधि जैसी अवस्था में पहुंच जाते हैं जहां हमारे दिमाग की तरंगें पूरी तरह शांत होकर 0 से 4 के बीच प्रति मिनट चल रही होती हैं। इस अवस्था में हम पूर्ण रूप से बेहोश होते हैं।

यह गहरी निद्रावस्था – 8 घंटे की नींद में मुश्किल से घंटे के आसपास होती है। इसमें सपने और अवचेतन मन बिल्कुल शांत एवं निष्क्रिय हो जाते हैं।डेल्टा के बैंडविड्थ में ब्रेनवेव्स का आयाम सबसे अधिक है ।

और गहरी नींद में मनाया जाता है। ये आवृत्तियां रहस्यमय अनुभवों और सामूहिक अवचेतन के लिए एक उद्घाटन बनाती हैं। हम सभी जानते हैं कि रात में अच्छी नींद आती है, जो इन आवृत्तियों से जुड़ी है।

अनुभवी योगी जो गहन ध्यान में सक्षम हैं, वे अपने अवचेतन से संपर्क करने में सक्षम हो सकते हैं। यह आत्म-चिकित्सा, उच्च अंतर्दृष्टि और हमारे अस्तित्व के बारे में ज्ञान जैसे मुद्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

डेल्टा तरंगें जो मोस्ट पॉवरफुल तरंगें हैं, यह तब चलती हैं जब हम मेडिटेशन की गहराई में जाते हैं इसलिए यह साइंटिफिक तौर पर सिद्ध हो चुका है कि 20 मिनट के मेडिटेशन से 8 घंटे की थकान दूर हो जाती है।

डेल्टा तरंगों की अवस्था हमारे नींद के 2 घंटे के चक्र के दौरान भी 20 मिनट के लिए होती है। पूर्व के विज्ञान ने फ्रीक्वेंसी और हार्मोन्स का सम्बन्ध ध्यान में रखकर महामृत्युंजय जैसे मंत्र की रचना की होगी। उस समय विज्ञान की समझ आज के विज्ञान से कही आगे थी।

उनको मालूम था किस तरह फ्रीक्वेंसी हमे प्रभावित करती है।ब्रेन वेव थैरेपी मानसिक शांति और शक्ति को बढ़ाती है ।इसलिये महामृत्युंजय मंत्र में अक्षर की ध्वनियाँ के द्वारा हार्मोनल स्राव हमे स्वस्थ और मुक्त करता है।

 





*सोलह सुखों के बारे में सुना था,
तो जानिये क्या हैं वो सोलह सुख*
*************************** ? 
1 *पहला सुख निरोगी काया।*
2 *दूजा सुख घर में हो माया।*
3 *तीजा सुख कुलवंती नारी।*
4 *चौथा सुख सुत आज्ञाकारी।*
5 *पाँचवा सुख सदन हो अपना।*
6 *छठा सुख सिर हो कोई भी ऋण ना।*
7 *सातवाँ सुख चले व्यापारा।*
8 *आठवाँ सुख हो सबका प्यारा।*
9 *नौवाँ सुख भाई औ’ बहन हो ।*
10 *दसवाँ सुख न बैरी स्वजन हो।*
11 *ग्यारहवाँ मित्र हितैषी सच्चा।*
12 *बारहवाँ सुख पड़ोसी अच्छा।*
13 *तेरहवां सुख उत्तम हो शिक्षा।*
14 *चौदहवाँ सुख सद्गुरु से दीक्षा।*
15 *पंद्रहवाँ सुख हो साधु समागम।*
16 *सोलहवां सुख संतोष बसे मन।*
*16 सोलह सुख ये होते भाविक जन।*
*जो पावैं सोइ धन्य हो जीवन।।*
*हालांकि आज के समय में  ये सभी सुख हर किसी को   मिलना मुश्किल हैं, लेक जितने भी सुख मिलें उससे खुश रहने की कोशिश करनी च