आज फिर भैया के गाड़ी पर किसी अन्य महिला को देखे थे घूमते हुए, आप कुछ कहती क्यों नहीं?  

है तो ये कहानी लेकिन है आज के दौर की सच्चाई
Today again saw Bhaiya on another woman on the car while walking, why don’t you say something?
भाभी जी चाय पिलाइये’, कहते हुए आलोक सीधे बेडरूम में घुसा और बेड के कोने पर जा टिका। आरती हड़बड़ा कर उठ बैठी और उछलकर बेड से नीचे उतरी। बिना कुछ बोले कपड़े ठीक करते हुए रूम से सीधे किचन की तरफ भागी। अभी दिनभर के काम निपटा कर लगभग आध घंटे पहले ही लेटी थी कि आदत के अनुसार शाम 4:20 बजे आलोक रोजाना की तरह चाय पीने भाभी-भाभी करता घर गुस गया। आलोक टीवी खोलकर इधर-उधर की बातें भी भाभी से करता रहा। आलोक ने फिर एक बात आज भी कही कि -‘ आज फिर भैया के गाड़ी पर किसी अन्य महिला को देखे थे घूमते। आप कुछ कहती क्यों नहीं?(साभार)