सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ, फैसले का सम्मान और शांति की मिशाल कायम करना सबकी जिम्मेदारी

The Supreme Court’s historic decision paves the way for the construction of the Ram temple, respecting the verdict and setting the tone for peace

डाॅ. हरीश मैखुरी

सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ, फैसले का सम्मान और शांति की मिशाल कायम करना सबकी जिम्मेदारी, विवादित ज़मीन पर हिन्दू पक्ष का अधिकार, सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दूसरी जगह दी जाए। सरकार राम मंदिर निर्माण हेतु बनाये ट्रस्ट, तीन महीने में निपटारा करे जमीन का सुप्रीम कोर्ट।

*नई दिल्ली* भारत का सबसे बड़ा विवाद अयोध्या का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया हैं। करीब 70 वर्षों से विभिन्न अदालतों में लटके रहे राम मंदिर भूमि विवाद पर अपने 1045 पृष्ठों के ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट की पाँच जजों की संविधान पीठ ने एकमत होते हुए अपने फैसले में कहाकि विवादित ज़मीन पर हिन्दू पक्ष का अधिकार हैं लिहाज़ा विवादित ज़मीन मंदिर बनाने के लिए हिंदुओ को दी जाती हैं।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने फैसले में ये भी आदेश दिया की मुसलमानो को भी अपनी मस्ज़िद खोनी पड़ी हैं इसलिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में दुसरी जगह केंद्र सरकार या राज्य सरकार उपलब्ध करवाए ताकि मुस्लिम पक्ष उस जगह मस्ज़िद बना सके। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 3 महीने का समय दिया हैं। 3 महीने में सरकार मंदिर निर्माण और मस्जिद के लिए जमीन का आवंटन कराए। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया हैं साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार राम मंदिर निर्माण हेतु बनाये ट्रस्ट, और तीन महीने में निपटारा करे जमीन का। 

भगवान राम को घर-घर पहुंचाने में तुलसीदास कृत रामचरितमानस की भूमिका अतुलनीय है। अयोध्या में रामलला को उनकी जमीन कानूनी तौर पर वापस दिलाने में ऐसी ही भूमिका भारतीय वकालत के भीष्म पितामह कहे जाने वाले 93 वर्ष के पराशरण ने 40 वर्ष लगातार पैरवी करते हुए निभाई।

इस फैसले का पक्षकार इकबाल अंसारी ने सही बताते हुए स्वागत किया। उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इतिहास की भूल सुधार कर नया इतिहास रचने का मार्गदर्शन किया है। पूर्व उप प्रधान मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा फैसले के बाद उम्मीद है कि अब राम मंदिर निर्माण जल्द होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत ने कहा कि यह समय टीका टिप्पणी का न हो कर इतिहास रचने का है। शिया बक्फबोर्ड, व वसीम रिज़वी, डाॅ रिजवान अहमद, सुन्नी मुस्लिम संगठनों अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, विश्व हिन्दू परिषद, भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह, उतराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज बद्रीनाथ के विधायक महेन्द्र भट्ट, कांग्रेस के कपिल सिब्बल आदि ने  स्वागत किया। इस मामले में अकबरूदीन ओबैसी व कुछ भीमवादी तत्व अपने विवादास्पद बयान के कारण अलग थलग पड़ गये हैं। सर्वोच्च न्यायालय के राम जन्म भूमि – बाबरी मस्जिद पर ऐतिहासिक, सम्मान जनक एवं न्यायिक फैसले के लिए सभी को वधाई * अब हिन्दुस्तानी बनकर फैसले का सम्मान और शांति की मिशाल कायम करने की जिम्मेदारी हम सबकी है !!*